29/08/2025
# 🌹 संत कबीर साहिब की वाणी पर सत्संग
संत कबीर साहिब 15वीं शताब्दी के वे महापुरुष हैं जिनकी वाणी आज भी इंसान को आत्मा के स्तर पर झकझोर देती है। उनकी वाणी सरल है, लेकिन उसमें जीवन की गहरी सच्चाई छुपी है।
कबीर साहिब न तो केवल हिन्दुओं के थे, न मुसलमानों के — वे तो पूरे मानव जाति के गुरु थे।
उनकी बानी हमें सिखाती है कि –
* जीवन को सरल, सच्चा और दयालु बनाओ।
* दूसरों को नीचा दिखाकर खुद ऊँचा नहीं उठा जा सकता।
* नफरत और बैर से दुनिया जलती है, पर प्रेम और करुणा से यह ठंडी होती है।
आज हम कबीर साहिब के कुछ प्रमुख दोहों पर मनन करेंगे। हर दोहे को समझेंगे, जीवन की घटनाओं से जोड़ेंगे और फिर प्रश्नोत्तर द्वारा उसे और सरल बनाएँगे।
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# # 🌺*बुरे का भी भला करो**
**कबीर साहिब कहते हैं –**
> *"जो तो को काँटा बुवै, ताहि बोव तू फूल।
> तोहि फूल को फूल है, वा को है तिरसूल ॥"*
# # # 🌿 भावार्थ
कबीर साहिब कहते हैं कि अगर कोई तुम्हारे लिए कांटे बोता है, तो तुम उसके लिए फूल बोओ।
जो तुम्हें फूल देता है, उसे भी फूल मिले; पर जो तुम्हें कांटा देता है, उसके पास तो पहले से ही कांटे हैं।
अगर तुम भी कांटा बोओगे, तो बैर और नफरत बढ़ती जाएगी।
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# # # 🌍 जीवन से उदाहरण
मान लीजिए कि एक गाँव में दो पड़ोसी रहते हैं।
पहला पड़ोसी हमेशा झगड़ा करता है, गाली देता है, खेत की मेड़ बिगाड़ देता है।
दूसरा पड़ोसी शांत स्वभाव का है।
अब जब भी पहला पड़ोसी गाली देता, दूसरा मुस्कुराकर कहता – *“भाई, आप थके होंगे, आइए बैठिए, पानी पीजिए।”*
धीरे-धीरे पहले पड़ोसी को शर्म आने लगी। वह सोचने लगा – *“मैं इतना बुरा करता हूँ, लेकिन यह मुझे कभी बुरा जवाब नहीं देता।”*
एक दिन उसने हाथ जोड़कर कहा – *“भाई, माफ कर देना। मैं गलती पर था।”*
यही है कबीर का संदेश – बुराई का जवाब बुराई से नहीं, भलाई से दो।
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# # # 🙏 आध्यात्मिक संदेश
अगर कोई हमें गाली देता है और हम गाली वापस देते हैं, तो असल में हमने उसका गुस्सा अपने भीतर स्वीकार कर लिया।
पर अगर हम मुस्कुराकर शांत रहते हैं, तो उसका गुस्सा उसी को जलाता रहेगा।
भलाई का उत्तर भलाई से देना आसान है, पर भलाई का उत्तर बुराई से देना – यही संतों का रास्ता है।
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# # # ❓ प्रश्नोत्तर
**प्रश्न 1:**
किसी ने बाबा जी से पूछा – *“अगर कोई हमें बार-बार बुरा करता है, तो क्या हम चुप ही रहें? क्या यह कमजोरी नहीं है?”*
**उत्तर:**
बाबा जी ने कहा – “नहीं, यह कमजोरी नहीं है। चुप रहना सबसे बड़ी ताकत है। अगर तुम गुस्से में जवाब दोगे, तो वही स्तर पर उतर जाओगे। पर अगर तुम धैर्य रखते हो, तो धीरे-धीरे सामने वाले का गुस्सा खुद ही समाप्त हो जाता है।”
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**प्रश्न 2:**
किसी ने बाबा जी से पूछा – *“अगर हम किसी के साथ भलाई करें और वह फिर भी बदल न पाए, तो क्या?”*
**उत्तर:**
बाबा जी ने कहा – “बेटा, हमारा काम सामने वाले को बदलना नहीं है। हमारा काम है खुद को सही बनाए रखना। अगर सामने वाला न बदले, तो भी तुम्हारी आत्मा हल्की रहेगी, तुम्हारा हृदय पवित्र रहेगा।”
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**प्रश्न 3:**
किसी ने बाबा जी से पूछा – *“क्या बुरे इंसान के साथ अच्छा करना उसे और बढ़ावा नहीं देगा?”*
**उत्तर:**
बाबा जी ने कहा – “देखो, भलाई करने का मतलब यह नहीं कि तुम उसकी बुराई को बढ़ावा दो। इसका अर्थ यह है कि तुम अपने अंदर बैर मत पालो। समझदारी से दूरी भी रख सकते हो, लेकिन मन में नफरत नहीं रखनी चाहिए। यही कबीर साहिब का संदेश है।”
राधा स्वामी जी 🙏 🙏
🙏 ゚ ☀️