21/02/2023
" हम सभे सौभागसाली हयन !
आप सब पंचन का चरन पैलगी के साथे साथे आज अंतरराष्ट्रीय मातरी भाखा ( मातृभाषा ) दिवस कै बल भर बधाई अव अवधी समाज के अखंडता खातिर श्री राम लला जी के करबद्ध प्रार्थना !
अउ असल बात तव इ है की भारत के माटी मा जेहका जलम मिला है वै सब भागसाली हैं ! लेकिन जेहका भारत के साथे साथे अवध के माटी मा जलम मिला वै सौभागसाली हैं ! तव भाई हम सभे सौभागसाली हन इ हमार सब कै कयिव जलम कै नेकी कै कमाई हियां लायक् पटकिस है ! अउ आज हमैं बड़ा स्वाभिमान होत है इ कहत की हमार मातरी भाखा ( मातृभाषा )
अवधी है ! जेकरे मधुप्रभाव से राम लला पूरे ब्रह्मांड मा यक आदरस मानव समाज का खड़ा कयि दिहिन !
जौने भाखा मा श्री हनुमान जी जनकनंदिनी का राम जी कै सनियस बांचि कै सुनाइन अउ वहि मृद बाचन के कारन जनकनंदिनी उनके यक्कौ याचना का नहियाय नाय पाइन ! जौने भाखा मा लिखिकै तुलसी बाबा गोस्वामी तुलसीदास जी बनिगे! तव भयवा इ है आपन अवधी भाखा यानि सबगुन से सम्पन्न है ! अउ मिठाई तव कूट कूट कै भरी है ! अब आज के मनइन के जीभिक् सवादै बदल गवा तव हम का करी ! जब मनई नीबिक् तीत दतुइन करत रहे तब मीठ मीठ बोलत रहे अउ भैय्या अब जवन है सभे मीठ मीठ मंजन करत हैं !
अब कवन मेरि बोलत हैं देखय जात है ! लेकिन आज इ बात कै दिन नाही है !बल्कि अपने मातरी भाखा अपने संस्कृति अपने परमपरा के बारे का जानब अउ समझब बहुत जरूरी है ! अउ भाई यतनै से काम नाही चलय वाला है अपने संस्कृति अउ अपने बोली बानी पर सबका गर्व महसूस करयक् चाही यहकै हरदम सम्मान के नजर से ताकयक् चाही अउ श्री राम जी के कृपा से दुनिया मा कहूं जायि बसौ लेकिन अपने मातरी भाखा अपने संस्कार का जीवन भर जिंदा राखयक् चाही !
आज देस कै कयिव राज्य अस हैं कि वै अपने मातरी भाखा का आठवीं अनुसूचीसूची तक पहुंचावै खातिर कुलि करम किहा डारत हैं ! आज भोजपुरी कै बहुत कम मनई यहका खातिर संघर्ष चलाए हैं अउ जेहकै सुरुवात बम्बई मा उत्तर भारत के वोटरन का खुश करै खातिर शिवसेना किहिस रहा ! अउ मजे कै बात इ है कि यहकै कुल करता धरता मौजूदा सामना कै संपादक प्रेम शुक्ल रहे जे खुदै अवधी भाषी हैं !
अउ सबसे बड़ा बिसुवासघात तव अवधिक् साथे तब हुवत है ! जब यै यहि मियर कै मनई भारत के बहिरे वाले देसवन मा जाय कै अवधी सहित आउर तमाम क्षेत्रीय भाषन के अस्तित्व का नकार कै कुलि जगहा भोजपुरिन कै नाव लिखाय दियत हैं ! अउ इहै देख कै अब बिहार कै मगही, अंगिका,अउ बज्जिका , इनहूं का आठवीं अनुसूची मा सामिल करै खातिर मांग सुरु होयि गै है ! अवधी के संदर्भ मा यक उदाहरन इहै है अउ इ खेल देखा जाय अवधी भाषी क्षेत्र से बहुत भारी संख्या मा मनई मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, त्रिनिदाद,गुयाना,अउर देसन गिरमिटिया मजूर के रूप मा गये अउ पूरे विश्व मा अवधी संस्कृति कै पताका फहराइन लेकिन कष्ट यहि बात है कि उन्हैं सबका भोजपुरी भाषी बताय दीन जात है !राजनीतिक फायदा के कारन सरकरौ यहि झूठ मा मिली हैं ! काहे से की अवधी समाज अबहीं संगठित वोट बैंक नाही बना है ! जबकि फैजाबाद गिरमिटिया मजुरेन के भरती कै कलकत्ता के बाद सबसे बड़ा डीपो रहा ! यही से सबसे जादा मनई अवध क्षेत्र से गये उदाहरन के तौर पर देखा जाय फीजी कै राष्ट्रीय कवि पंडित कमला प्रसाद मिश्र, फैजाबाद कै रहे ! अउ हुआं कै मंत्री डॉ. विवेकानंद शर्मा सुल्तानपुर कै रहे यतनै नाहीं अउर बहुत नामचीन नाव हैं ! यहि मियर यहि देसन मा अवधी उपस्थित है ! जेकरे बावजूद मॉरीशस मा विश्व भोजपुरी सचिवालय कै स्थापना कयि दीन गवा अउ भारत मा झूंठै इ फैलावा जाय लाग की भारत मा २० करोड़ भोजपुरी भाषी हैं ! भारत मा मौजूद मॉरीशस कै उच्चायुक्त राजनयिक न होयिकै बल्कि राजनीतिज्ञ हैं ! अउ उनकै दिल्ली मा तमाम बचकाना भासन सुनै का मिला करत है ! यक किताब के लोकार्पण के भासन मा कहत रहे कि हिन्दी से जादा महत्व भोजपुरी कै है ! वै तौ हुआं भोजपुरी माई कै मूर्ति लगवावै जात हैं ! अउ अतनै नाय पूरे भारत के बिकास कै कारन भोजपुरी का बतावत हैं ! जवने पटना कै बात वै करत हैं वहकै भासा भोजपुरी नाही बल्कि मगही है !
लेकिन आज हमार अपने अवधी समाज से इहै निवेदन है की भैय्या अबहीं समय है सभे मिलकय बचाय लीन जाय आपन अवधी साम्राज अउ अवधी धरोहर !
( संजय श्रीवास्तव , अवधी )