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ठिठुरन के बीच प्रदेश का सियासी ताप बढ़ गया है। ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अचानक दिल्ली ...
28/12/2025

ठिठुरन के बीच प्रदेश का सियासी ताप बढ़ गया है। ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अचानक दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे उप मुख्यमंत्री के बढ़ते कद से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे भाजपा की रणनीति बता रहे हैं।

प्रदेश में कुल 52 ब्राह्मण विधायक हैं, जिनमें से 46 भाजपा से हैं। कुछ दिन पहले ठाकुर विधायकों की बैठक हुई। फिर 23 दिसंबर को ब्राह्मण समाज के विधायकों ने बैठक की। इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए। इसी बीच बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ पहुंचे। राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण किया। समारोह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे।

देर शाम पता चला कि वह दिल्ली पहुंच गए हैं। सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीर सामने आई। इसके बाद कयासबाजी का दौर शुरू हो गया। अचानक प्रधानमंत्री से पाठक की मुलाकात को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है क्योंकि चंद दिन पहले ही भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है। कयास मंत्रिमंडल विस्तार के भी हैं। इस लिहाज से भी ब्रजेश पाठक के प्रधानमंत्री से मिलने के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

कुछ लोग इसे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बढ़ते सियासी कद से जोड़कर देख रहे हैं। तर्क है कि सत्ता पक्ष में ब्राह्मण समाज के सशक्त चेहरे के रूप में भी ब्रजेश पाठक हैं। वह ब्राह्मण समाज के विधायकों की बैठक में खुद मौजूद नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री से मुलाकात को उस नजरिए से भी जोड़ा जा रहा है।

वह समाज के लोगों को कितना प्रतिनिधित्व दिला पाएंगे, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर समाज का संदेश जरूर दिया है। इस संबंध में ब्रजेश पाठक का कहना है कि प्रधानमंत्री से उनकी शिष्टाचार के तहत मुलाकात हुई है।

🚨 ऊंटगिर चौराहे पर हादसा, कोहरे में ट्रेलर ने नाश्ते की ठेली को मारी टक्कर 🌫️ घने कोहरे ने बढ़ाया खतरा, मोड़ पर ट्रेलर क...
28/12/2025

🚨 ऊंटगिर चौराहे पर हादसा, कोहरे में ट्रेलर ने नाश्ते की ठेली को मारी टक्कर

🌫️ घने कोहरे ने बढ़ाया खतरा, मोड़ पर ट्रेलर की ठेली से भिड़ंत

⚠️ खेरागढ़ में बड़ा हादसा टला, ट्रेलर की चपेट में आई नाश्ते की ठेली

🚚 मोड़ लेते समय हुआ हादसा, ऊंटगिर चौराहे पर ठेली क्षतिग्रस्त

😮 कोहरे में दिखा नहीं रास्ता, ट्रेलर से ठेली टकराई

📍 खेरागढ़ कस्बे में अफरा-तफरी, ट्रेलर की टक्कर से यातायात प्रभावित

⛔ कुछ देर रुका ट्रैफिक, ऊंटगिर चौराहे पर ट्रेलर हादसा

27/12/2025

मामूली सी बात,पेट पर लात..
लखनऊ PGI ट्रामा-2 में सुरक्षा गार्डों अब
अपना शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है!मामूली सी बात पर चारों तरफ से घेर कर
महिला के पेट पर मारी लात.कुछ दिनों पहले बाराबंकी से आई महिला के पति को सड़क हादसे में गंभीर चोट लगी,हालत अभी भी गंभीर है.इलाज अस्पताल में करवा रही हैं.पीड़ित महिला ने ही 112 पर घटना कि सूचना और लिखित शिकायत की।आरोप कोई सुनवाई नहीं हुई,उल्टा महिला समेत महिला के दोनों बेटों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज।स्थिति ऐसी,मरीज का देख भाल करने वाला कोई नहीं.?

27/12/2025

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को कल तीन महीने पूरे हो गए अभी तक वे जोधपुर की सेन्ट्रल जेल में बंद है सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई 6 जनवरी, 2026 तक के लिए स्थगित कर दी। पहले ये सुनवाई 8 दिसंबर को होना थी बाद में इसे एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ाया गया 16 दिसंबर को खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्त की कमी के कारण इसे ओर आगे बढ़ा दिया है अब 8 जनवरी की तारीख लगी है

दरअसल मोदी सरकार ने वांगचुक पर लद्दाख में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। रासुका केंद्र और राज्यों को ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने का अधिकार देता है, जिन पर देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक कार्य करने की आशंका होती है। इस कानून के तहत अधिकतम हिरासत अवधि 12 महीने है। हालांकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है

वैसे सोनम वांगचुक जब मोदी की तारीफ करते थे तो बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे। बीजेपी वाले उन्हें देशभक्त पर्यावरण कार्यकर्ता और देशभक्त वैज्ञानिक कहते थे। कुछ महीने पहले तक तो पार्टी ही सोशल मीडिया पर उन पर रील बना रही थी।लेकिन सितंबर 2025 में सबकुछ बदल गया। सोनम वांगचुक को अब गद्दार और विदेशी एजेंट समेत न जाने क्या-क्या कहा जा रहा है। यह वही बीजेपी वाले हैं जो उन्हें अब गद्दार लिख रहे हैं।

वांगचुक इस उम्मीद में 2019 में पूर्ववर्ती जम्मू एवं कश्मीर राज्य को केंद्र - शासित प्रदेशों (यूटी) में विभाजित करने के केंद्र के फैसले के समर्थक रहे हैं कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा और इसके बाद छठी अनुसूची में शामिल करके इसकी देशी संस्कृति एवं विरासत की रक्षा की जाएगी। ओर भाजपा ने कम से कम छठी अनुसूची के सवाल पर सार्वजनिक रूप से प्रतिबद्धता जताई थी। लोकल बीजेपी नेता कहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा पार्टी ने स्वयं कई घोषणापत्रों में किया था, साथ ही मोदी सरकार के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की भी यह सिफारिश थी

जब सितम्बर 2025 में सोनम वांगचुक ने मोदी सरकार को अपना ही वादा याद दिलाया तो वो उनके सबसे बड़े दुश्मन हो गए हैं

है न कमाल की बात

*महिला अपराध, बाल व मानव तस्करी पर गहरी चर्चा, CM योगी के समक्ष मिशन शक्ति और ‘यक्ष ऐप’ का उद्घाटन*लैंगिक अपराधों से जुड...
27/12/2025

*महिला अपराध, बाल व मानव तस्करी पर गहरी चर्चा, CM योगी के समक्ष मिशन शक्ति और ‘यक्ष ऐप’ का उद्घाटन*

लैंगिक अपराधों से जुड़े समाधान पर विचार विमर्श किया गया। मिशन-शक्ति के तहत महिलाओं और बाल सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए सकारात्मक बदलावों पर भी मंथन हुआ।

उत्तर प्रदेश पुलिस का वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन ‘पुलिस मंथन-2025’ में महिला अपराध, बाल व मानव तस्करी और संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। सम्मेलन में महिलाओं और बच्चों से जुड़े प्रमुख कार्यों और चुनौतियों पर एक प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन पद्मजा चौहान ने अपनी बात रखी।

सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष मिशन शक्ति केन्द्र और जागरूकता कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई, जिसमें पारिवारिक विघटन और लैंगिक अपराधों से जुड़े समाधान पर विचार विमर्श किया गया। मिशन-शक्ति के तहत महिलाओं और बाल सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए सकारात्मक बदलावों पर भी मंथन हुआ।

साथ ही, सम्मेलन के दूसरे सत्र में बहू-बेटी सम्मेलन और बलात्कार प्रकरणों में कानून प्रवर्तन पर प्रजेंटेशन दिए गए। एडीजी गोरखपुर जोन, अशोक मुथा जैन द्वारा भी प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसमें ‘बीट पुलिसिंग’ और बेस्ट प्रैक्टिसेज के बारे में विस्तार से बताया गया।

सीएम योगी ने इस सम्मेलन के दौरान ‘यक्ष ऐप’ का लोकार्पण किया, जो एआई और बिग डेटा एनालिसिस की मदद से तैयार किया गया है। इस ऐप का उद्देश्य बीट पुलिसिंग को और आसान बनाना है, और इसमें क्राइम, क्रिमिनल और संवेदनशील क्षेत्रों का पूरा डेटा होगा। ‘यक्ष ऐप’ बीट कर्मियों के रोजाना के कार्यों को सरल और प्रभावी बनाएगा, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

27/12/2025

*भूमि से उद्योग तक: यूपी टॉप, योगी के विजन पर निवेशकों का भरोसा मजबूत*

*औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में*

*33,327 हेक्टेयर भूमि पर संचालित हैं 286 औद्योगिक पार्क*

*यूपी बना भरोसेमंद परिणाम देने वाला औद्योगिक गंतव्य*

लखनऊ 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर मजबूती के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इसकी ठोस झलक औद्योगिक भूमि के उपयोग के आंकड़ों में दिखाई देती है। जहां देश के कई प्रमुख राज्यों में औद्योगिक पार्कों की बड़े क्षेत्रफल में भूमि आज भी निष्क्रिय पड़ी है, वहीं उत्तर प्रदेश में उपलब्ध कराई गई औद्योगिक भूमि का अधिकांश हिस्सा उद्योगों के लिए उपयोग हो चुका है। प्रदेश में अब तक 286 औद्योगिक पार्क विकसित किए जा चुके हैं। इन क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों की सक्रियता यह स्पष्ट करती है कि निवेश प्रस्ताव केवल फाइलों तक सीमित नहीं रहे। यही कारण है कि देश और विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश को एक भरोसेमंद और परिणाम देने वाले औद्योगिक गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। उद्योग जगत के विशेषज्ञ एसके आहूजा का कहना है कि उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश के बड़े औद्योगिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है।

उत्तर प्रदेश में 286 विकसित औद्योगिक पार्कों का कुल क्षेत्रफल 33,327 हेक्टेयर है। इनमें लगभग पूरी औद्योगिक भूमि पर उद्योग या तो स्थापित हो चुके हैं या स्थापना की प्रक्रिया में हैं। इससे जहाँ उत्पादन गतिविधियों को बल मिल रहा है और वहीँ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का भी सृजन हो रहा है। यदि देश के अन्य राज्यों की स्थिति पर दृष्टिपात किया जाए तो अंतर स्पष्ट दिखाई देता है। जैसे कि तेलंगाना में 157 औद्योगिक पार्कों में 30,749 हेक्टेयर भूमि आज भी निवेश के लिए उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति को स्पष्ट दिशा प्रदान करने का काम किया है। सरकार का फोकस केवल भूमि आवंटन पर ही नहीं वरन उद्योगों को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण देने पर भी रहा है। कानून-व्यवस्था में सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का तेज विस्तार इस नीति के मुख्य स्तंभ बने। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने उद्योगों के संचालन को आसान बनाया जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

प्रदेश भर में संतुलित औद्योगिक विस्तार
एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी), डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास को केवल कुछ शहरों तक सीमित नहीं रहने दिया। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उद्योग स्थापित हुए हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता में कमी आई है। राष्ट्रीय औद्योगिक परिदृश्य में उत्तर प्रदेश आज ठोस परिणामों के साथ अग्रणी प्रदेश के रूप में अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।

प्लग एंड प्ले मॉडल पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार अब उद्योगों को गति देने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दे रही है। इसके अंतर्गत निवेशकों को पहले दिन से ही तैयार अवसंरचना मिलेगी। यही मॉडल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक मामले में अन्य राज्यों से आगे लेकर जाएगी।

27/12/2025

*प्रदेश में शीतलहर को लेकर योगी सरकार अलर्ट, गरीबों और निराश्रितों के लिए की संवेदनशील पहल*

*शीतलहर के बीच योगी सरकार का राहत अभियान जारी, प्रदेश में अब तक 1247 रैन बसेरे स्थापित*

*सभी जनपदों में सार्वजनिक स्थल पर अलाव के लिए 1.75 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित*

*समस्त जनपदों को कम्बल खरीद के आदेश जारी, 75 जनपदों ने 1.40 लाख से ज्यादा कम्बल किए वितरित*

*लखनऊ, 27 दिसंबर।* उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण शीतलहर और घने कोहरे को देखते हुए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने आमजन को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक और सुनियोजित व्यवस्थाएं की हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में रैन बसेरा, अलाव और कंबल वितरण की व्यवस्था को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है, ताकि ठंड से किसी भी नागरिक को असुविधा न हो। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शीतलहर के दौरान कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति ठंड से पीड़ित न रहे। जिला प्रशासन, नगर निकाय और संबंधित विभागों को पूरी संवेदनशीलता के साथ राहत कार्यों को संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।

*रैन बसेरों की व्यवस्था*
प्रदेशभर में अब तक 1247 रैन बसेरे स्थापित किए जा चुके हैं। इन रैन बसेरों में 9949 जरूरतमंद लोग अब तक आश्रय ले चुके हैं। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि रैन बसेरों में साफ-सफाई, गर्म पानी, प्रकाश और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

*कंबल वितरण को प्राथमिकता*
प्रदेश सरकार द्वारा शीतलहर से बचाव के लिए कंबल वितरण को प्राथमिकता दी गई है। पिछले 03 वर्षों में औसतन 10,65,889 कंबलों की खरीद की गई है।
इस पर लगभग 44.38 करोड़ रुपये की औसत धनराशि व्यय हुई है। चालू व्यवस्था के अंतर्गत सभी जनपदों को 17.55 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। 75 जनपदों द्वारा कंबल खरीद के लिए क्रयादेश जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 75 जनपदों में 3,78,884 कंबलों की आपूर्ति पूर्ण हो चुकी है। अब तक सभी जनपदों द्वारा 1,40,364 कंबलों का वितरण जरूरतमंदों को किया जा चुका है। शेष कंबलों को वितरण किया जा रहा है।

*सभी जनपदों में अलाव की समुचित व्यवस्था*
ठंड से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की भी व्यापक व्यवस्था की गई है। सभी जनपदों को अलाव जलाने के लिए 1.75 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। जनपदों में प्रतिदिन जलाए जा रहे अलावों की स्थिति की नियमित फीडिंग राहत पोर्टल पर की जा रही है, जिससे शासन स्तर पर सतत निगरानी बनी रहे।

*कोहरे को लेकर अलर्ट*
कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सरकार द्वारा तकनीक का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है।
राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा सचेत ऐप एवं वेब पोर्टल के माध्यम से अब तक 33.27 करोड़ अलर्ट एसएमएस जारी किए जा चुके हैं। ये संदेश प्रभावित जनपदों के अधिकारियों के साथ-साथ आमजनमानस को भी भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त संबंधित विभागों जैसे यूपीडा, एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी द्वारा जिलाधिकारियों एवं जिला पुलिस को ई-मेल के माध्यम से कोहरे से संबंधित अलर्ट लगातार जारी किए जा रहे हैं।

27/12/2025

*"पुलिस मंथन" वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025*

*यूपी पुलिस आज अपराधियों के लिए भय और नागरिकों के लिए विश्वास का बनी है प्रतीक: योगी आदित्यनाथ*

*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित सम्मेलन में साझा किया 'स्मार्ट पुलिसिंग का विजन*

*मुख्यमंत्री योगी बोलेः साढ़े आठ वर्षों में यूपी पुलिस की छवि, संरचना और कार्यप्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन*

*सम्मेलन में बीट पुलिसिंग से साइबर सुरक्षा तक तकनीक आधारित पुलिसिंग पर व्यापक मंथन*

*डेटा आधारित, वैज्ञानिक और नागरिक केंद्रित पुलिसिंग पर मुख्यमंत्री योगी का रहा फोकस*

*लखनऊ, 27 दिसंबर।* पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन- 2025 ‘पुलिस मंथन’ का शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुआ। मुख्यमंत्री योगी द्वारा अपने सम्बोधन में यूपी पुलिस के अब तक के कार्य, सुधार और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपने परसेप्शन और कानून-व्यवस्था की छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों से उत्तर प्रदेश को आज देश-दुनिया में एक रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है और परिवर्तन की यह पहचान जनता के अनुभवों से सिद्ध होती है, न कि आत्मप्रशंसा से। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग का विजन साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक पुलिसिंग के हर स्तर पर व्यापक बदलाव हुए, भर्ती, प्रशिक्षण, अवसंरचना, तकनीक, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक क्षमता, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, UP-112, सेफ सिटी मॉडल, महिला पुलिस भर्ती, और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की दिशा में निर्णायक प्रगति की गई है। पहले जहां प्रशिक्षण क्षमता सीमित थी, वहीं आज बड़े पैमाने पर 60,000 से अधिक आरक्षियों का प्रशिक्षण प्रदेश के अन्दर ही कराया जा रहा है। 75 जनपदों में साइबर थाने, 12 एफएसएल लैब और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थागत बदलाव प्रदेश की नई सोच को दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास व सम्मान का भाव स्थापित कर रही है। पुलिस की भूमिका अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की ओर बढ़ चुकी है। उनके द्वारा बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करने, नवाचार अपनाने और समयबद्ध व बिंदुवार कार्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अंत में मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन के जरिए समग्र पुलिसिंग को नई दिशा देगा और यूपी पुलिस अपने कार्यों को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाती रहेगी।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मेलन में दो दिन उपस्थित रहकर मार्गदर्शन देने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के गरिमामयी इतिहास में यह एक विशिष्ट क्षण है, जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर इस मंथन में सहभागिता की है। उनकी उपस्थिति यह भरोसा देती है कि राज्य नेतृत्व पुलिसिंग की चुनौतियों को समझता है, सुधार की प्रक्रिया में मार्गदर्शक है और परिणामों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पुलिस महानिदेशक ने विभिन्न सत्रों की रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की परिवर्तनकारी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक-आधारित नागरिक सेवाओं, फॉरेंसिक सुदृढ़ीकरण, cyber policing, मिशन शक्ति केन्द्र, विशेष इकाइयों के गठन तथा अपराध के प्रति zero tolerance नीति के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य प्रत्येक सत्र से स्पष्ट उत्तरदायित्व, निर्णयों की स्पष्ट timeline और ठोस परिणाम सुनिश्चित करना है, ताकि यह मंथन कक्षों से निकलकर फील्ड में दिखाई दे और नागरिकों तक बेहतर, responsive एवं citizen-first police service पहुँचे। सम्मेलन के प्रथम दिवस कुल 07 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रत्येक सत्र के 07 नोडल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

*शनिवार को आयोजित सत्रों का सार*

• सत्र- 01 में Beat Policing विषय के नोडल अधिकारी एस०के० भगत, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बीट पुलिसिंग से सम्बन्धित समस्या तथा उसके समाधान एवं Best practices के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । तत्पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा यक्ष ऐप का लोकार्पण किया गया । ‘यक्ष ऐप’- AI और Big Data Analysis की सहायता से तैयार किये गये बीट बुक का डिजिटल स्वरूप है। इसके माध्यम से बीट पर अपराध, अपराधियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों का समग्र डाटा उपलब्ध होगा, जिससे पुलिस कार्यवाही अधिक तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक एवं लक्षित रूप में की जा सकेगी। यह ऐप बीट कर्मियों के रोज़मर्रा के कार्यों को आसान, सुव्यवस्थित एवं प्रभावी बनाने में भी मददगार होगा ।

•सत्र- 02 में Crime Against Women, Children and Human Trafficking विषय की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों से सम्बन्धित प्रमुख कार्य, उपलब्धियां, चुनौतियां एवं भावी कार्ययोजना जिसमें नवस्थापित मिशन शक्ति केन्द्र, समुदाय स्तर पर किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम एवं पारिवारिक विघटन के साथ लैंगिक अपराधों से पीड़ित बालिकाओं की देखभाल एवं संरक्षण, मिशन-शक्ति के द्वारा महिलाओं एवं बाल-सुरक्षा, मिशन-शक्ति केन्द्र के द्वारा सकारात्मक बदलाव, Family Dispute Resolution Clinic (FDRC), एवं बलात्कार के प्रकरणों में कानून प्रवर्तन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसके अतिरिक्त अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन श्री अशोक मुथा जैन द्वारा बहू-बेटी सम्मेलन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।
• सत्र- 03 में Police Station Management and Upgradation विषय के नोडल अधिकारी सुजीत पांडेय, पुलिस महानिदेशक, लखनऊ जोन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा थाना स्तर की पुलिसिंग में तकनीकी उन्नयन हेतु 'स्मार्ट एसएचओ डैशबोर्ड' की विशेषताओं और उपयोगिताओं के साथ साथ इसको लागू करने के सम्बन्ध में आने वाली चुनौतियों तथा समाधान आदि के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि उक्त एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से थाना प्रभारी सभी प्रमुख कार्यों पर नियंत्रण रख सकते है । इस डैशबोर्ड के क्रियान्वयन से नागरिक शिकायतों के समाधान के समय में भारी कमी, पुलिस कर्मियों के बीच जवाबदेही में वृद्धि, यातायात प्रवाह में सुधार और अपराध निगरानी में तेजी आयेगी ।

• सत्र- 04 में Cyber Crimes विषय के नोडल अधिकारी श्री बिनोद कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बढ़ रहे साइबर अपराध के प्रमुख कारणों, साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली इत्यादि की जानकारी देने के साथ-साथ साइबर अपराध की चुनौती से निपटने के लिए साइबर थाने व साइबर हेल्प डेस्क द्वारा किये जाने वाले प्रयासों तथा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) के सहयोग से Capacity Building हेतु किये जा रहे प्रयासों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

• सत्र- 05 में Human Resource Development, Welfare, Police Behavior and Training विषय के नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, राजीव सभरवाल के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा पुलिस कर्मियों के व्यवहार में सुधार हेतु विशेषज्ञ एजेंसियो के माध्यम से कराए गए प्रयास एवं प्रशिक्षण, उ०प्र० प्रान्तीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अधिकारियों की सेवा सम्बन्धी समस्याओं एवं उसके निवारण, उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों एवं उनके आश्रित परिवार के स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं जागरूकता हेतु वामासारथी द्वारा किये जा रहे सराहनीय प्रयासों एवं प्रचलित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, भारत सरकार के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म- i-GOT पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के पुलिसबल को प्रशिक्षण कोर्स कराये जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
• सत्र- 06 में Prosecution and Prisons विषय के नोडल अधिकारी दिपेश जुनेजा, पुलिस महानिदेशक, अभियोजन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा विभिन्न अपराधों की मॉनिटरिंग हेतु ई-रिर्पोटिंग पोर्टल को विकसित किए जाने, चिन्हित माफिया की प्रकरणवार मॉनिटरिंग हेतु डेडीकेटेड डैशबोर्ड बनाए जाने, नवीन आपराधिक विधियों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु डेडीकेटेड डैशबोर्ड बनाए जाने, अभियोजकों के दैनिक कार्यों के मूल्यांकन हेतु ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर 12 के0पी0आई0 निर्धारित किए जाने, पेपरलेस व्यवस्था में अभियोजन द्वारा मानव संपदा पोर्टल, ई-ऑफिस तथा ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर कार्य किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसके अतिरिक्त डीजी कारागार प्रेम चन्द मीना द्वारा उत्तर प्रदेश की कारागारों का डिजिटलीकरण, डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता, सुरक्षा, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, बंदियों का सुधार तथा प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से माननीय न्यायालय में 50,000 से अधिक गवाही कराये जाने, AI आधारित सीसीटीवी निगरानी, ई-मुलाकात, हेल्थ ए.टी.एम., डिजिटल लाइब्रेरी, समय पूर्व रिहाई सॉफ्टवेयर, ई-अभिरक्षा प्रमाणपत्र आदि नवाचारों और कार्यवाहियों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
• सत्र- 07 में CCTNS 2.0, Nyay Sanhita and Forensics विषय के नोडल अधिकारी नवीन अरोड़ा, अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवायें के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बढ़ते अपराधों की जटिलता, साइबर अपराधों में वृद्धि तथा नागरिकों की त्वरित न्याय की अपेक्षाओं के दृष्टिगत पुलिसिंग को अधिक डेटा-आधारित, वैज्ञानिक एवं नागरिक-केंद्रित बनाये जाने, CCTNS के माध्यम से पुलिस रिकॉर्ड, FIR एवं विवेचना से संबंधित डेटा का एकीकरण एवं नई न्याय संहिताओं के अंतर्गत e-FIR, Zero FIR, e-Summon एवं e-Sakshya जैसी डिजिटल व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के समापन उद्बोधन से प्रथम दिवस का सम्मेलन समाप्त हुआ ।

27/12/2025

मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय में दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 का शुभारम्भ किया

मुख्यमंत्री ने बीट पुलिसिंग में सुधार एवं तकनीकी उन्नयन हेतु ‘यक्ष’ ऐप का लोकार्पण किया

प्रदेश रूल ऑफ लॉ का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा, उ0प्र0 पुलिस के कार्यों की देश व विदेश में सराहना हो रही : मुख्यमंत्री

विगत साढ़े 08 वर्षों में उ0प्र0 पुलिस द्वारा किये गये प्रयासों से लोगों में प्रदेश का परसेप्शन परिवर्तित हुआ

हमने केवल परम्परागत पुलिसिंग को ही परिवर्तित नहीं किया, बल्कि पुलिस व्यवस्था में समय के अनुरूप परिवर्तन करके दिखाया

अवसरंचना सुधार से पुलिस की ट्रेनिंग क्षमता में कई गुना वृद्धि हुयी, वर्तमान में 60,244 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग प्रदेश पुलिस के स्वयं के प्रशिक्षण केन्द्रों में चल रही

पुलिस रिफॉर्म को ध्यान में रखते हुए 07 जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू

सभी जनपदों में साइबर थानों का गठन किया जा चुका, प्रत्येक थाने में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित, 12 अत्याधुनिक एफ0एस0एल0 लैब्स बनकर तैयार

उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइन्स ने देश और प्रदेश में अत्याधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनायी

वर्तमान में ज्यादातर जनपदों में पुलिस के बैरक अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हाईराइज बिल्डिंग के रूप में स्थापित हो चुके

यू0पी0 पी0आर0वी0 112 के रिस्पॉन्स टाइम को 65 मिनट से घटाकर 06 से 07 मिनट तक किया जा चुका, यह चीजें दिखाती कि प्रयास करने से अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते

आम नागरिक के मन में वर्दीधारी के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव उत्पन्न करने की दिशा में अनेक जनपदों में पुलिस द्वारा प्रयास प्रारम्भ किये गये

उ0प्र0 पुलिस मुख्यमंत्री जी के विजन को आत्मसात कर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दे रही : प्रमुख सचिव, गृह

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य की पुलिस व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार किये गये : पुलिस महानिदेशक

लखनऊ : 27 दिसम्बर, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत साढ़े 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किये गये प्रयासों से लोगों के मन में प्रदेश के प्रति परसेप्शन में परिवर्तन हुआ है। प्रदेश रूल ऑफ लॉ का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यों की देश व विदेश में सराहना हो रही है। आत्म प्रशंसा से देश और दुनिया के लोगों में हमारे प्रति धारणा नहीं बदलती। जब देश और दुनिया हमारे द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करे तथा इन कार्यों का प्रभाव धरातल पर दिखायी दे, तो समझिए हमने कुछ उपलब्धि हासिल की है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025’ का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने बीट पुलिसिंग में सुधार एवं तकनीकी उन्नयन हेतु ‘यक्ष’ ऐप का लोकार्पण किया। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी को गार्ड ऑफ आनर प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने केवल परम्परागत पुलिसिंग को ही परिवर्तित नहीं किया है, बल्कि पुलिस व्यवस्था में समय के अनुरूप परिवर्तन करके दिखाया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में कानून-व्यवस्था हमारे सामने चुनौती के रूप में थी। लोगों के मन में प्रदेश के बारे में अच्छी धारणा नहीं थी। पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग हेतु अवसंरचना का अभाव था। विगत साढ़े आठ वषों में प्रदेश नई प्रतिस्पर्धा का केन्द्र बना है। लोगों के मन में धारणा आयी है कि उत्तर प्रदेश भी कुछ कर सकता है। अवसंरचना सुधार से पुलिस की ट्रेनिंग क्षमता में कई गुना वृद्धि हुयी है। वर्तमान में 60,244 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश पुलिस के स्वयं के प्रशिक्षण केन्द्रों में चल रही है। यह प्रदेश की गति व प्रगति को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के रिफॉर्म को ध्यान में रखते हुए 07 जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में केवल 02 साइबर थाने थे। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थानों का गठन किया जा चुका है। प्रत्येक थाने में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित की जा चुकी है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में केवल 04 एफ0एस0एल0 लैब्स थीं। आज प्रदेश में 12 अत्याधुनिक एफ0एस0एल0 लैब्स बनकर तैयार हैं। 06 नयी लैब्स के निर्माण की कार्यवाही प्रचलित है। फॉरेन्सिक साइन्स ईकोसिस्टम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइन्स, लखनऊ ने देश और प्रदेश में अत्याधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एस0डी0आर0एफ0 तथा यू0पी0एस0एस0एफ0 जैसी इकाइयां सफलतापूर्वक अपना कार्य संचालित कर रही हैं। वर्ष 2017 से पूर्व पुलिस के बैरक जर्जर स्थिति में थे। वर्तमान में प्रदेश के ज्यादातर जनपदों में पुलिस के बैरक अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हाईराइज बिल्डिंग के रूप में स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश के अनेक जनपदों में गठित मॉडल थानों में पार्किंग जैसी अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया है। यू0पी0 पी0आर0वी0 112 के रिस्पॉन्स टाइम को 65 मिनट से घटाकर 06 से 07 मिनट तक किया जा चुका है। यह चीजें दिखाती हैं कि प्रयास करने से अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अपराधों को नियंत्रित करने के लिए सेफ सिटी की अवधारणा पर कार्य करते हुए 17 नगर निगमों में सेफ सिटी का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। विगत साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने लम्बी दूरी तय की है। वर्तमान में वर्दीधारी पुलिस को देखकर अपराधी भय से भाग खड़े होते हैं। इस भय को केवल अपराधी तक ही सीमित रखना होगा। आम नागरिक को इस भय से मुक्त कर उसके मन में वर्दीधारी के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव उत्पन्न करना है। इस दिशा में अनेक जनपदों में पुलिस द्वारा प्रयास किये गये होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस मन्थन का यह कार्यक्रम इस दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसमें आयोजित अलग-अलग सत्रों में सीखने और सिखाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। वैदिक उद्घोष ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के जिस भी जनपद की पुलिस ने अच्छा प्रयास किया है, हमें उससे सीखते हुए आगे बढ़ना होगा। हमारे प्रत्येक कार्य में कुछ नयेपन की गुंजाइश होती है, हमें उस नयेपन को लाने के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव गृह श्री संजय प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनाते हुए अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यमंत्री जी के विजन को आत्मसात कर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दे रही है। पुलिस विभाग में ऐतिहासिक और रिजल्ट ओरिएण्टेड परिवर्तन दिखायी दे रहे हैं। पहले पुलिस के बारे में लोगों का परसेप्शन ठीक नहीं था। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में विभाग में बीट पुलिसिंग, एण्टी रोमियों स्कॉयड जैसे इंक्रीमेन्टल परिवर्तनों के माध्यम से आम जनमानस में पुलिस के प्रति विश्वास का वातावरण निर्मित हुआ है तथा पुलिस के बारे में परसेप्शन में सुधार हुआ है।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि प्रदेश में पुलिस सुधार का मल्टीडायमेन्शनल अप्रोच अपनाते हुए पारदर्शी एवं समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया पर विशेष बल दिया गया। पुलिस अवसंरचना में सुधार करते हुए थानां, मॉडल थानों, महिला थानों, पुलिस लाइनां, साइबर थानां, एफ0एस0एल0 लैब्स, पुलिस कार्मिकों के आवास तथा नयी पी0ए0सी0 बटालियनों का निर्माण किया गया है। प्रदेश पुलिस में बड़ी संख्या में पुलिस कार्मिकों की भर्ती व प्रोन्नति की गयी है। प्रत्येक थानें पर महिला बीट का गठन किया गया है। अग्निवीरों को पुलिस बल में आरक्षण प्रदान किया गया है। पुलिस द्वारा ड्रग्स, टेररिज्म तथा ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसी वर्तमान चुनौतियों से निपटने की तैयारी की गयी है। ए0टी0एस0 जैसी स्पेशलाइज्ड एजेन्सियों का पुनर्गठन किया गया है। यह सभी कदम पुलिस की मॉडर्न एवं फॉरवर्ड लुकिंग इमेज बनाने में सहायक साबित हो रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्ण ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य की पुलिस व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार किये गये हैं। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश पुलिस को स्पष्ट दिशा प्रदान की है, इसका परिणाम हम सभी के सामने है। वर्ष 2017 से अब तक 02 लाख 19 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गयी है। पुलिस कार्मिकों की प्रशिक्षण क्षमता में कई गुना वृद्धि की गयी है। आधारभूत अवसंरचना में सुधार किया गया है। विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीक के प्रयोग के मामले में देश के अनेक राज्यों में अग्रणी स्थान पर है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में पहले दिन 07 सत्र आयोजित किये जायेंगे। जिनमें बीट पुलिसिंग; महिलाओं, बच्चों के प्रति अपराध तथा मानव तस्करी विरोधी अभियान; थाना प्रबन्धन एवं उन्नयन; साइबर अपराध; मानव संसाधन विकास, कल्याण, पुलिस व्यवहार एवं प्रशिक्षण; अभियोजन एवं कारागार; सी0सी0टी0एन0एस0 2.0, न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक विषयों पर केन्द्रित होंगे।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सम्मेलन के दूसरे दिन आपदा प्रबन्धन, सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड्स; विशाल जनसमूह प्रबन्धन; इण्टेलीजेंस एवं उभरती चुनौतियां जैसे सोशल मीडिया, गैर-सरकारी संगठन और नेपाल सीमा; आतंकवाद निरोधक, मादक पदार्थ, गौ-तस्करी व संगठित अपराध पर केन्द्रित 04 सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक रैंक के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।
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27/12/2025

माघ मेला 2026 का भूमि आवंटन पूर्ण; बसावट कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश

माघ मेला 2026 के सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन हेतु सभी संस्थाओं के भूमि आवंटन का कार्य आज पूर्ण कर लिया गया है। जिन संस्थाओं को भूमि आवंटित की जा चुकी है, उन्हें अपने-अपने सेक्टर प्रभारियों से समन्वय स्थापित करते हुए शीघ्र बसावट कार्य भी पूर्ण कराने के निर्देश मेला अधिकारी श्री ऋषि राज द्वारा दिए गए हैं, ताकि प्रथम स्नान से पूर्व सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समयबद्ध रूप से पूरी की जा सकें।

सभी श्रद्धालुओं से बसावट संबंधित समस्यों एवं सूचनाओं हेतु अपने अपने सेक्टर कार्यालयों एवं वहां के प्रभारियों से संपर्क करने का अनुरोध किया गया है । सभी सेक्टर प्रभारियों के मोबाइल नंबर मेला कार्यालय के बाहर सूचना पट पर प्रदर्शित कर दिए गए हैं। समस्याओं के निदान हेतु मेला हेल्पलाइन नंबर 1920 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

दिनांक 28 दिसंबर से सभी अधिकारी मेला क्षेत्र के बसावट, घाटों के निर्माण, अन्य मूलभूत सुविधाओं तथा भीड़ प्रबंधन के कार्यों में और गति लाते हुए सभी कार्यों को समय अंतर्गत पूर्ण कराना सुनिश्चित कराएंगे जिससे कि मेले में आने वाले संतों, कल्पवासियों तथा श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

27/12/2025

स्वदेशी से समृद्धि की ओर उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के नेतृत्व में खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनी का भव्य समापन, उत्कृष्ट कारीगरों को मिले पुरस्कार

10 दिवसीय खादी प्रदर्शनी में कारीगरों-उद्यमियों को मिला विपणन का बड़ा मंच

130 स्टॉलों के साथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के संकल्प को मिली नई मजबूती

उत्कृष्ट खादी एवं ग्रामोद्योग स्टॉलों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार

खादी, ग्रामोद्योग और माटीकला उत्पादों को मिला उपभोक्ताओं का भरपूर समर्थन

लखनऊ, 27 दिसंबर 2025।

योगी सरकार की स्वदेशी, स्वरोजगार और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोमती नगर, लखनऊ परिसर में आयोजित दस दिवसीय मण्डल स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की प्रदर्शनी “खादी प्रदर्शनी-2025” का आज 27 दिसंबर 2025 को भव्य समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ किया गया। समापन समारोह में अरुण प्रकाश, विशेष सचिव नगर विकास की गरिमामयी उपस्थिति रही।

यह प्रदर्शनी 18 से 27 दिसंबर 2025 तक आमजन के लिए आयोजित की गई, जिसमें खादी, ग्रामोद्योग एवं माटीकला से जुड़े कुल 130 स्टॉल लगाए गए। प्रदर्शनी के दौरान बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी की, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और उन्हें विपणन का सशक्त मंच मिला।

समापन अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कारीगरों, संस्थानों एवं उद्यमियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। खादी श्रेणी में कानपुर, फैजाबाद एवं हरदोई की संस्थाओं को उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं प्रस्तुति के लिए पुरस्कृत किया गया, जबकि ग्रामोद्योग श्रेणी में हरिद्वार एवं सहारनपुर की इकाइयों को उनके नवाचार, गुणवत्ता और विपणन कौशल के लिए सम्मान मिला। पुरस्कार वितरण से कारीगरों एवं उद्यमियों में उत्साह और आत्मविश्वास का संचार हुआ।

प्रदर्शनी में लेदर उत्पाद, भदोही के कालीन, माटीकला से बने बर्तन एवं सजावटी सामग्री, प्रतापगढ़ का आंवला मुरब्बा, वाराणसी की रेशम एवं सिल्क साड़ियां, राजस्थान के बीकानेरी पापड़ एवं नमकीन, उत्तराखंड के कोट, शॉल व चादरें सहित विविध हस्तशिल्प आधारित उत्पाद उपभोक्ताओं के आकर्षण का केंद्र बने रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने, स्वरोजगार सृजन और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के निर्माण की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी न केवल स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार का प्रभावी माध्यम बनी, बल्कि कारीगरों को पहचान, सम्मान और बाजार उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुई।

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