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मयंक पत्नी को गाड़ी मे लेकर घर से निकला ही था कि आगे गली मे लैंड रोवर डिफेंडर गाड़ी खड़ी थी। आगे जाने के लिए रास्ता नही ...
03/11/2025

मयंक पत्नी को गाड़ी मे लेकर घर से निकला ही था कि आगे गली मे लैंड रोवर डिफेंडर गाड़ी खड़ी थी। आगे जाने के लिए रास्ता नही था। पत्नी बोली " हॉर्न दो ना। कितनी देर खड़े रहोगे? लेट हो रही है।" मयंक बोला " धीरे बोल। बड़े लोग है। बदमाश भी है। हॉर्न से कुछ नही होगा। वेट करते हैं।" दस मिनिट गुजर गए। गाड़ी से सामान उतारा जा चुका था मगर गाड़ी बीच रास्ते मे ही खड़ी थी। मयंक उतर कर गाड़ी के पास गया। तब उसे बोला गया कि अभी टाइम लगेगा तुम गाड़ी बैक करके दूसरे रास्ते से चले जाओ। मयंक ने 300 फिट गाड़ी बैक की फिर दूसरी गली से होकर जाने लगा। आगे एक ऑटो वाला मिल गया। तब मयंक बोला " बैक कर के ऑटो पीछे ले।" ऑटो वाला बोला " साहब आपको गाड़ी दस फिट ही बैक करनी है। मै बैक करूँगा तो पचास फिट पीछे जाना होगा।" इतना सुनते ही मयंक गाड़ी से उतरा और ऑटो वाले का गिरेबान पकड़ लिया। " बोला " साले, जुबान लड़ाता है। जो कहा वो कर। वरना ऐसी चपत लगाऊंगा कि जिंदगी भर नही भूलेगा।" गरीब और कमजोर ऑटो वाले ने डरकर तुरंत ऑटो पीछे किया। मयंक रोब के साथ गाड़ी निकाल कर चला गया। शाम को मयंक जब वापस आया तो बीस ऑटो वाले उसका रास्ता रोक कर खड़े थे। ऑटो वाला अपनी यूनियन ले आया था। फिर सबने मयंक को खूब लताड़ा। मयंक को ऑटो वाले के पैर पकड़ कर माफी मांगनी पड़ी। मोरल :- गुस्सा बड़ा समझदार है। हमेशा कमजोर पर ही उतरता है। ताकतवर के सामने फुस्स हो जाता है। इसलिए ताकतवर बनिये। पैसे से ताकतवर नही बन सकते तो संगठित रहिए। अपनो से जुड़े रहिए। वरना कमजोर और अकेला देखकर ये दुनिया दबाती बहुत है।
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बहुत सी बेटियां मायके की तंगी को कुछ ऐसे छुपाती है ख़रीद कर अपने ही पैसों की साड़ी, ससुराल में जा कर मायके की बताती है !...
03/11/2025

बहुत सी बेटियां मायके की तंगी को कुछ ऐसे छुपाती है ख़रीद कर अपने ही पैसों की साड़ी, ससुराल में जा कर मायके की बताती है ! सच है ना??

शादी के बाद मैं और मेरे पति एक बड़े शहर में आ गये.. हम दो ही लोग थे! एक बड़ा फ्लैट था... मेरे पति की अच्छी जॉब थी! मैं यह ...
03/11/2025

शादी के बाद मैं और मेरे पति एक बड़े शहर में आ गये.. हम दो ही लोग थे! एक बड़ा फ्लैट था... मेरे पति की अच्छी जॉब थी! मैं यह सोचती थी, की मुझे बहुत अच्छा पति मिला है! शहर में आये अभी हमें कुछ दिन ही हुऐ थे! कि तभी मेरे पति एक 18 साल की लड़की को एक दिन घर ले आये!
कहा की गरीब है, इसे काम की जरुरत है! मैंने कहां ऐसा क्या काम है! हम दोनों के काम मैं अकेली कर सकती हूं! लेकिन वो बोले, यह यहीं रहेगी, और काम करेगी! मैंने बोला ठीक है, लेकिन किसी अजनबी जवान लड़की को इस तरह अपने घर में रखना मुझे कुछ समझ नहीं आया! वो भी तब जब में मना कर रही हूं! रात मैंने सोचा की उनसे पूछूं, की आखिर यह लड़की कौन है! लेकिन रात जब में कमरे में गई, तब वो अपने लैपटॉप पर मीटिंग में बिजी थे! इसलिए मैं सो गई! सुबह करीब 7 बजे मेरी नींद खुली! तब मैंने देखा पतिदेव बिस्तर पर नहीं है! मैंने बाथरूम देखा वो वहाँ भी नहीं थे!
जब मैंने किचन में देखा, तो मेरे पति हाथ में पैसे लिये उस लड़की को दे रहे थे! और वो लड़की रो रही थी! वो उसे चुप भी करा रहे थे! पैसे देकर वो मुझसे मिले बिना बाहर मैन डोर से निकल गये!
मुझे अब कुछ समझ नहीं आया की बात क्या है! थोड़ी घबराहट भी हुई, अजीब अजीब ख्याल मन में आने लगे! साथ ही यह भी ख्याल आया, की जो में सोच रही हूं ऐसा कुछ भी नहीं हो! मैं बैडरूम से बाहर आयी उस लड़की ने मुझे देख कर अपने आंसू पोछ लिये! मुझे देखते ही वो बोली, मैडम साहब बोले हैं, वो आज शहर के बाहर जा रहे है!
कल शाम तक आयेंगे.. आप सो रही थीं, इसलिये आपको उठाया नहीं मुझे कहा, की आपको बता दूं! मुझे उससे बात करने का बिलकुल भी मन नहीं था!
इसलिये मैंने उसकी तरफ देखा भी नहीं! बस अब में अपने बैडरूम में बैठी कुछ सोचने लगी! शादी को अभी एक महीना ही हुआ है! और में उनके बारे में ना जाने क्या क्या सोचने लगी! लेकिन उन्होंने मुझे सोचने का कारण भी दिया है! एक तो यह लड़की वो अचानक ले आये! मेरे मना करने के बाद भी उन्होंने इसे यहाँ काम पर रखा, और आज वो उसे रूपये भी दे रहे थे! मैंने सोचा की एक बार फोन पर उनसे बात करके देखती हूं! मैंने उन्हें फोन लगाया पर उनका फोन स्विच ऑफ बता रहा था! यह पहली बार था, जब ऐसा हुआ की उनका फोन बंद है, अब मेरा सर और भी चकरा गया! इतने में वो लड़की रूम में चाय लेकर आती है! बोली मैडम चाय, मैंने भी उसको पूछा तुम्हारा नाम क्या है! बोली राखी, उसके पास फोन भी था, और अब वो वाइब्रेट हो रहा था, फोन को रिसीव करने वो दौड़ कर मेरे बेडरूम से बाहर गई! मुझे दूर से अब यही सुनाई दे रहा था! की उसने कहा की में आती हूं, फिर बात करके वो फिर मेरे बैडरूम में आकर कहती है, मैडम में 2 घंटे में आती हूं! मुझे कुछ काम आ गया है! इतना बोल कर वो मेरी हां सुने बगैर ही चली गई, मैं कुछ बोल ही नहीं पायी, लेकिन फिर 2 मिनट मेरे मन में आया की क्यों ना उसका पीछा करू! और मैं उसका पीछा करने लगी! वो मुझे मेरी बिल्डिंग के निचे दिखाई दी! उसके बाद उसने एक रिक्शा लिया! मैंने भी रिक्शा लेकर उसका पीछा किया! रिक्शा एक पतली सी गली में रुका! वो वहाँ से उतर कर पैदल चलने लगी! बहुत सारे छोटे छोटे घर से होते हुऐ वो एक घर के आगे पहुंची, मैं लगातार उसका पीछा कर रही थी, क्यों कर रही थी, क्या जानना चाहती थी, इसका मुझे कुछ पता नहीं था! बस में उसके पीछे थी! दरवाजा खुलते ही वो माँ से लिपट गई, उसकी माँ और बेटी दोनों रोने लगी! दरवाजा बंद करना भी भूल गये! मुझे लगा की, अब मुझे सामने जाकर बात करनी होगी, की परेशानी क्या है! मैं उसके सामने गई, मुझे देख कर लड़की बोली, मैडम आप यहाँ पर मैंने कहा, तुम्हारे साहब बोल गये थे! की तुम्हारा ध्यान रखना! उसकी रोती हुई माँ बोली, की ऐसे इंसान बहुत कम मिलते है! मैंने पूछा क्या परेशानी है आप मुझे बताये, माँ बोली की इसके पिता साहब ऑफिस में सिक्योरिटी में नोकरी करते थे! अचानक हर्ट अटैक से उनका देहांत हो गया!
इसका एक भाई है, लेकिन उसे पीने और जुए की लत है, वो मेरे पास एक पैसा नहीं रहने देता था, मैं अपनी परेशानी लेकर साहब के पास गई, और उन्होंने पैसो से हमारी मदद की! साथ ही उन्हें जब मैंने बताया की इसका भाई ऐसा है, तो उन्होंने कहा, की इसका यहाँ रहना सही नहीं है, इसलिये वो इसे अपने घर को ले गये! मैं इनकी बाते सुन ही रही थी, की उनका फोन आया! मैंने फोन रिसीव किया! वो बोले की उनका फोन रात में मीटिंग की वजह से चार्ज नहीं था! इस कारण बंद था! मुझे पूछा की कहां हो, तो मैंने बोला, मैं उस लड़की के घर आयी हूं, तो वो बोले, हां में रात में तुम्हे बताने वाला था! पर मीटिंग की वजह से लेट हो गया, और तुम सो गई! मुझे उस समय जो सही लगा वो मैंने किया! इसलिये में उसे तुम्हारे पास ले आया! मैंने कहा, बिलकुल ठीक किया आपने, लड़की को लेकर फिर में अपने फ्लैट चली गई! अब मैं उसे और अपने पति दोनों को ज्यादा प्यार करने लगी..
दोस्तों गलतफहमी किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकती है, इसलिए यदि कोई गलतफहमी या शक हो तो हमें, एक दूसरे से बात करके उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए

धन्यवाद..🙏



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एक चाट वाला था।जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़...
03/11/2025

एक चाट वाला था।
जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती।

एक दिन अचानक उसके साथ मेरी कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई।

तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी भी देख ही लेते हैं। मैंने उससे एक सवाल पूछ लिया।

मेरा सवाल उस चाट वाले से था कि, आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से ?

और उसने जो जवाब दिया उसके जवाब को सुन कर मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए।

वो चाट वाला मेरे से कहने लगा आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा?

मैंने कहा हाँ, तो उस चाट वाले ने मेरे से कहा कि उस लाकर की चाबियां ही इस सवाल का जवाब है। हर लॉकर की दो चाबियां होती हैं। एक आपके पास होती है और एक मैनेजर के पास।

आपके पास जो चाबी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली चाबी भाग्य है।

जब तक दोनों चाबियां नहीं लगती लाॅकर का ताला नहीं खुल सकता।

आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान।

आपको अपनी चाबी भी लगाते रहना चाहिये। पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाबी लगा दे । कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाबी लगा रहा हो और हम अपनी परिश्रम वाली चाबी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये...
#साभार #फेसबुक 🪻🪻🙏🙏

आप सभी से निवेदन है कृपया इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें....नितिन जी  #पैदल ही सड़क की तरफ जा रहे थे पीछे से उनके बेटे का...
03/11/2025

आप सभी से निवेदन है कृपया इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें....

नितिन जी #पैदल ही सड़क की तरफ जा रहे थे पीछे से उनके बेटे का दोस्त विवेक अपनी पत्नी के साथ गाड़ी से आ रहा था उनको देखकर अपनी गाड़ी को रोक लेता है और पुछता है अंकल जी आप अकेले कहां जा रहे हैं ।

अरे बेटा यही पास में ही जाना है रवि था नहीं तो सोचा कि #ऑटो से ही चला जाता हूं ...नितिन जी बोले

अच्छा चलिए मैं आपको छोड़ देता हूं ।

अरे नहीं नहीं बेटा आप जाओ मैं ऑटो से चले जाऊंगा।

कैसे बात करते हैं अंकल जी क्या मैं आपका बेटा नहीं हूं ?

अरे नहीं नहीं बेटा ऐसी बात नहीं है तुम लोग कहीं और जा रहे हो इसीलिए मैं बोला ।

आईए बैठिए मैं आपको #छोड़ देता हूं ...विवेक बोला

नितिन जी विवेक की गाड़ी में बैठ जाते हैं और कुछ दूर जाने के बाद कहते हैं कि बेटा आप यही छोड़ दो ।

विवेक बोला अरे अंकल जी आपको जहां जाना है मैं वहां तक छोड़ दूंगा आप क्यों परेशान हो रहे हैं मुझे कोई जल्दी नहीं है कहीं जाने की।

नितिन जी आहें भरते हुए बोले ...अच्छा ठीक है बेटा इस गली में तुम ले लो ।

आगे जाने पर विवेक देखा है कि वहां तो एक वृद्ध आश्रम है । नितिन जी गाड़ी वहीं रोकने के लिए बोलते हैं ।
विवेक को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अंकल जी #वृद्ध_आश्रम में किस लिए आए हैं वह भी सामान लेकर।
अंकल जी एक बात पूछूं आपसे आपको वृद्ध आश्रम में कोई काम है क्या यह सब कपड़े दान करने आप आए हैं ।
नितिन जी के #सब्र का बांध टूट जाता है और वह रोने लगते हैं।
बेटा मुझे रवि ने घर से निकाल दिया है अब मैं यही रहूंगा ।
अरे कैसी बातें करते हैं अंकल जी आपका इतना बड़ा #बिजनेस है और आप #वृद्ध_आश्रम में रहेंगे ।

बेटा रवि के घर में मेरे लिए कोई जगह नहीं है #वृद्ध_आश्रम के अलावा कहां जाऊं मैं?

अंकल जी बिजनेस आपका है घर आपका है फिर रवि आपको घर से निकलने वाला कौन होता है।

बेटा मुझसे एक बहुत बड़ी गलती हुई है मैंने अपना सारा #बिज़नस, #मकान और सारी #प्रॉपर्टी को रवि के पत्नी के नाम कर दिया है ....नितिन जी बोले
विवेक आश्चर्य से बोला... #लेकिन_क्यों?

बेटा रवि ने यह कहकर सारी प्रॉपर्टी अपने पत्नी के नाम करवा लिया कि पापा #इनकम #टैक्स कम लगेगा नैना के नाम से रहेगा.... तो यह कह कर नितिन जी रोने लगे ......

विवेक की पत्नी चुपचाप वहां सब कुछ सुन रही थी.....और उसके मन में कुछ चल रहा था!!!

वह विवेक को साइड में बुलाकर बोली विवेक एक बात कहूं.....
हां बोलो क्या बात है!!
अगर अंकल जी को हम #अपने_घर_ले_चले तो कैसा रहेगा....

यह तो बहुत अच्छी बात है चलो अंकल जी से बात करते हैं.....

विवेक बोलता है अंकल जी ारे_घर चलिए और आप हमारे साथ रहिए।

नितिन जी विवेक को आश्चर्य से देखने लगे अरे ... #नहीं_नहीं_बेटा मैं तुम्हारे घर कैसे चल सकता हूं...
विवेक की पत्नी ने हाथ जोड़ दिया अंकल जी प्लीज आप हमारे साथ चलिए।
नहीं बेटा मैं तुम्हारे साथ कैसे चल सकता हूं।

विवेक की पत्नी ने हाथ जोड़कर कहा अंकल जी विवेक के #माता_पिता तो अब ुनिया में है नहीं .... और मैं बचपन से ही #अनाथ हूं.….. आप हमारे साथ रहेंगे तो हमारे सर पर एक पिता का साया रहेगा और मैं पूरी कोशिश करुंगी कि मैं आपकी पुत्री बन सकूं ....

ारे_साथ_चलेंगे_ना_पापा...

विवेक की पत्नी की बातें सुनकर नितिन जी रोने लगे... और विवेक की पत्नी के सिर पर हाथ रखकर बोले ....
हां बेटा जरूर चलेंगे #बेटे_ने_घर से निकाल दिया तो क्या हुआ #बेटी_का_घर तो मेरा है मैं अपनी #बेटी के #साथरहूंगा।


पोस्ट अच्छा लगा तो लाइक और शेयर करें और कमेंट में अपनी बातें जरूर रखें।
Credit
आरती गहरवार
धन्यवाद 🙏

एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया। एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उस ने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे ...
03/11/2025

एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया। एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उस ने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे से कहा, "तुम कल से बाँग नहीं दोगे, नहीं तो मै तुम्हें मार डालूँगा।"

मुर्गे ने कहा, "ठीक है, सर, जो भी आप चाहते हैं, वैसा ही होगा !"

सुबह , जैसे ही मुर्गे के बाँग का समय हुआ, मालिक ने देखा कि मुर्गा बाँग नहीं दे रहा है, लेकिन हमेशा की तरह, अपने पंख फड़फड़ा रहा है।

मालिक ने अगला आदेश जारी किया कि कल से तुम अपने पंख भी नहीं फड़फड़ाओगे, नहीं तो मैं वध कर दूँगा।

अगली सुबह, बाँग के समय, मुर्गे ने आज्ञा का पालन करते हुए अपने पंख नहीं फड़फड़ाए, लेकिन आदत से, मजबूर था, अपनी गर्दन को लंबा किया और उसे उठाया।

मालिक ने परेशान होकर अगला आदेश जारी कर दिया कि कल से गर्दन भी नहीं हिलनी चाहिए। अगले दिन मुर्गा चुपचाप मुर्गी बनकर सहमा रहा और कुछ नहीं किया।

मालिक ने सोचा ये तो बात नहीं बनी, इस बार मालिक ने भी कुछ ऐसा सोचा जो वास्तव में मुर्गे के लिए नामुमकिन था।

मालिक ने कहा कि कल से तुम्हें अंडे देने होंगे नहीं तो मै तेरा वध कर दूँगा।

अब मुर्गे को अपनी मौत साफ दिखाई देने लगी और वह बहुत रोया।

मालिक ने पूछा, "क्या बात है?"

मौत के डर से रो रहे हो?

मुर्गे का जवाब बहुत सुंदर और सार्थक था।

मुर्गा कहने लगा:

"नहीं, मै इसलिए रो रहा हूँ कि, अंडे न देने पर मरने से बेहतर है बाँग देकर मरता...

बाँग मेरी पहचान और अस्मिता थी ,

मैंने सब कुछ त्याग दिया और तुम्हारी हर बात मानी , लेकिन जिसका इरादा ही मारने का हो तो उसके आगे समर्पण नहीं संघर्ष करने से ही जान बचाई जा सकती है, जो मैं नहीं कर सका..."

अपने अस्तित्व, अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए...!!

मैं यहां मुर्गे की बात नही कर रहीं हूँ...!!

विचार अवश्य करियेगा....!!

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1. बुढ़ापा आधिकारिक रूप से 60 साल की उम्र में शुरू होता है और 80 पर समाप्त होना चाहिए। 2. चौथी अवस्था, या वास्तविक वृद्ध...
03/11/2025

1. बुढ़ापा आधिकारिक रूप से 60 साल की उम्र में शुरू होता है और 80 पर समाप्त होना चाहिए।
2. चौथी अवस्था, या वास्तविक वृद्धावस्था, 80 से शुरू होती है और 90 पर खत्म होती है।
3. दीर्घायु (Longevity) 90 से शुरू होती है और मृत्यु तक चलती है।
4. एक बुज़ुर्ग व्यक्ति की सबसे बड़ी समस्या अकेलापन होती है। अक्सर पति-पत्नी साथ-साथ बूढ़े नहीं होते — कोई एक पहले चला जाता है।
विधवा या विधुर परिवार के लिए एक बोझ बन जाते हैं।
इसीलिए यह बहुत ज़रूरी है कि दोस्तों से संपर्क न टूटे — मिलते रहें, बातें करते रहें, ताकि अपने बच्चों और पोते-पोतियों पर बोझ न बनें, भले ही वे यह कभी न कहें।

मेरी व्यक्तिगत सलाह है — अपने जीवन पर नियंत्रण कभी न खोएँ।
इसका मतलब है कि खुद तय करें —
कब और किसके साथ बाहर जाना है,
क्या खाना है,
कैसे कपड़े पहनने हैं,
किसे फ़ोन करना है,
कब सोना है,
क्या पढ़ना है,
कैसे आनंद लेना है,
क्या खरीदना है,
कहाँ रहना है।

क्योंकि यदि आप यह सब स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकते, तो आप दूसरों पर निर्भर और बोझ बन जाएंगे।

Slp Rajni ने कहा था:
“मैं हमेशा खुश रहता हूँ!”
क्या आप जानते हैं क्यों?
क्योंकि मैं किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता।
उम्मीद करना हमेशा कष्टदायक होता है।
समस्याएँ हमेशा स्थायी नहीं होतीं — उनका समाधान होता है।
हम अक्सर सोचते हैं कि हमारी समस्याओं के लिए हम ही दोषी हैं।
लेकिन याद रखिए — केवल मृत्यु ही ऐसी चीज़ है जिसका कोई इलाज नहीं।

प्रतिक्रिया देने से पहले… गहराई से साँस लें।
बोलने से पहले… सुनें।
आलोचना करने से पहले… स्वयं को देखें।
लिखने से पहले… सोचें।
आक्रमण करने से पहले… आत्मसमर्पण करें।
मरने से पहले… सबसे सुंदर जीवन जिएँ जो संभव हो!🙏🙏🌹
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एक बार पति पत्नी में छोटी सी बात पर झगड़ा हो गया। गर्मियों की रात थी, वो दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गये....  आधी रात को प...
03/11/2025

एक बार पति पत्नी में छोटी सी बात पर झगड़ा हो गया। गर्मियों की रात थी, वो दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गये.... आधी रात को पति को प्यास लगी। पानी पास ही मेज़ पर रखा था? पति खुद उठ कर पानी पीने लगा?

अचानक उसने मुड़ कर देखा पत्नी उसे गुस्से में देख रही थी? और बोली आपने पानी खुद क्यों पिया?...

पति ने भी गुस्से और अकड़ से जवाब दिया- हाथ पाँव सलामत हैं? खुद पी सकता हूँ? मोहताज नहीं हुँ.....

पत्नी ने क़रीब आ कर पति का गिरेबान पकड़ लिया! और बोली- कि एक बात गौर से सुनो? मेरी लड़ाई अपनी जगह है लेकिन... मैं अपना हक़ और ख़ुशी को छीनने नहीं दूँगी?...

पता है आपको पानी देते हुए मुझे कितनी ख़ुशी होती है?....

भले ही बातचीत बन्द क्यों न हो? लेकिन पानी आप खुद नहीं पियेंगे?..... पत्नी की आँखें नम और नाज़ुक सुर्ख थीं....

पति ने उसे गले लगाया और झगड़ा खत्म कर दिया....

🌹🌹🌹🌹🌹

और फिर दस साल बाद...

एक दिन जब रात को तीन बजे पति पानी पीने केे लिए उठता है... तो दीवार पर लगी उसकी खूबसूरत तस्वीर को देख कर आँखों से पानी बहनें लगता है... और भीगी हुई आँखों से तसवीर को हाथ लगाता हैं....😢😢

उसे अपनी पत्नी की एक बात याद आ जाती है.... वो कहती थी? मोहब्बत मर नहीं सकती?....

अपने क़रीब के लोगों की कद्र अपनी ज़िन्दगी में ही क़र लिया करो... क्या पता आगे मौका मिले या नही.....🤔🤔🤔


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औरत की बर्बादी के 7 कारण1. अपनी माँ के रिमोट कंट्रोल से चलना ।'2. मायके का सबसे ज्यादा मोह रखना ।3. किसी गैर औरतों की सल...
03/11/2025

औरत की बर्बादी के 7 कारण

1. अपनी माँ के रिमोट कंट्रोल से चलना ।'

2. मायके का सबसे ज्यादा मोह रखना ।

3. किसी गैर औरतों की सलाह लेना।

4. परिवार में सासूराल वालों को नापसंद करना।

5. पति के लिए कम और दूसरों के लिए ज्यादा मुस्कुराना ।

6. किसी की सुनी सुनाई बातों पर भरोसा करके पति से झगड़ना ।

7. मायके में पति की बुराई करना

" ार्डन_बहु....नई बहू को सोफे पर सबके साथ बिना पल्लू लिए बैठते देख गांव से आई सभी महिलाओं में खुसुर पुसुर होने लगी....'द...
03/11/2025

" ार्डन_बहु....
नई बहू को सोफे पर सबके साथ बिना पल्लू लिए
बैठते देख गांव से आई सभी महिलाओं में
खुसुर पुसुर होने लगी....

'देखो कितनी बेशर्म है....
सलवार सूट पहन कर कैसी फैल कर बैठ गयी
अपने काका ससुर और हम सब के आगे...
बाकी बहूओं को ना देखा इसने ...
उधर कालीन पर बैठे हुए।
शादी को अभी छह महीने भी नहीं हुए
और सास को खा गई...

'अरी भागवान तनिक चुप तो बैठ...
गंभीर बीमारी थी उसे,
दस महीने से बिस्तर पर पड़ी थी बेचारी...
बहू के कदम शुभ हैं जो मुक्ति मिल गयी उसे
काकी की जली कटी बातों पर काका ने साधते हुए कहा
'हाँ ठीक है...ठीक है...हमें का पड़ी...ये ठहरे शहर के बड़े बड़े लोग इनके लिए काहे के संस्कार...

इसलिए ही तो हम कछु नाहीं बोलते ई घर मां...
'अब चुपचाप सुन...
मैं और छोटा अब हम दोनों जा रहे हैं हरिद्वार...
अस्थि विसर्जन के लिए पीछे से कोई बखेड़ा ना करना।'
बेटी रेखा निखिल को झटका लगा है वो शॉक में है..
उसे अकेला ना छोड़ना कहीं कुछ कर ना गुजरे...
जी काका जी...सर झुका कर नई बहू ने कहा।
उनके जाने के बाद निखिल अचानक सीने में
हुए दर्द से तड़पने लगा...

'अब का करें ...
घर मां कोनों मरद भी नाहीं है...
किसे बुलायें...
'काकी जी आप प्लीज निखिल को उठा कर गाड़ी में बिठाने में मेरी थोड़ी मदद कर दीजिये रेखा ने कहा...

और कार स्टार्ट करके निखिल को अस्पताल ले गयी डॉक्टर ने कहा कि कार्डिएक अरेस्ट था...
आप वक़्त पर ले आये वरना बचना मुश्किल था।
वहाँ डॉक्टर के कहे अनुसार बार बार दवाई लाना,
फल और जूस लाना ...
जांचें करवाना और फिर आपरेशन के लिए अपनी एफ.डी. तुड़वा कर रुपयों का इंतज़ाम करना ये सब करते हुए रेखा चक्करघिन्नी की तरह घूम रही थी और बड़ी कुशलता से ऐसी विपरीत परिस्थिति में उसने सब संभाल लिया...

आखिर निखिल की जान बच गयी...
रेखा का अपने परिवार के प्रति समर्पण,
लगाव और बड़ी ही कुशलता से सारी जिम्मेदारी
संभालते देख काकी अपने छोटे बेटे से बोली सुण बेटा "अगर बहू लाना तो रेखा बिटिया जैसी...

जो भले ही साडी,घूंघट ना करे पर ज़रूरत पड़ने पर एक बेटे की तरयाँ अपणे परिवार को संभाल लेवै...
और ये सब सुन निखिल और रेखा एक दूसरे को देख मंद -मंद मुस्काने लगे...

एक सुंदर रचना....
🙏🙏🙏
अरशिता

03/11/2025

5 साल हो गये फेसबूक चलाते चलाते पर आज जाकर पता चला लाईक के बटन को तीन बार दबाने से स्क्रीनशॉट हो जाता है 😂🤣🙏

मयंक पत्नी को गाड़ी मे लेकर घर से निकला ही था कि आगे गली मे लैंड रोवर डिफेंडर गाड़ी खड़ी थी। आगे जाने के लिए रास्ता नही ...
03/11/2025

मयंक पत्नी को गाड़ी मे लेकर घर से निकला ही था कि आगे गली मे लैंड रोवर डिफेंडर गाड़ी खड़ी थी। आगे जाने के लिए रास्ता नही था। पत्नी बोली " हॉर्न दो ना। कितनी देर खड़े रहोगे? लेट हो रही है।" मयंक बोला " धीरे बोल। बड़े लोग है। बदमाश भी है। हॉर्न से कुछ नही होगा। वेट करते हैं।" दस मिनिट गुजर गए। गाड़ी से सामान उतारा जा चुका था मगर गाड़ी बीच रास्ते मे ही खड़ी थी। मयंक उतर कर गाड़ी के पास गया। तब उसे बोला गया कि अभी टाइम लगेगा तुम गाड़ी बैक करके दूसरे रास्ते से चले जाओ। मयंक ने 300 फिट गाड़ी बैक की फिर दूसरी गली से होकर जाने लगा। आगे एक ऑटो वाला मिल गया। तब मयंक बोला " बैक कर के ऑटो पीछे ले।" ऑटो वाला बोला " साहब आपको गाड़ी दस फिट ही बैक करनी है। मै बैक करूँगा तो पचास फिट पीछे जाना होगा।" इतना सुनते ही मयंक गाड़ी से उतरा और ऑटो वाले का गिरेबान पकड़ लिया। " बोला " साले, जुबान लड़ाता है। जो कहा वो कर। वरना ऐसी चपत लगाऊंगा कि जिंदगी भर नही भूलेगा।" गरीब और कमजोर ऑटो वाले ने डरकर तुरंत ऑटो पीछे किया। मयंक रोब के साथ गाड़ी निकाल कर चला गया। शाम को मयंक जब वापस आया तो बीस ऑटो वाले उसका रास्ता रोक कर खड़े थे। ऑटो वाला अपनी यूनियन ले आया था। फिर सबने मयंक को खूब लताड़ा। मयंक को ऑटो वाले के पैर पकड़ कर माफी मांगनी पड़ी। मोरल :- गुस्सा बड़ा समझदार है। हमेशा कमजोर पर ही उतरता है। ताकतवर के सामने फुस्स हो जाता है। इसलिए ताकतवर बनिये। पैसे से ताकतवर नही बन सकते तो संगठित रहिए। अपनो से जुड़े रहिए। वरना कमजोर और अकेला देखकर ये दुनिया दबाती बहुत है।

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Ahmedabad

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