The Better India - Hindi

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2021 में मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार की एक गृहिणी, रमा कुमारी ने अपने घर में मशरूम उगाना शुरू किया था। आज, 2025 में उनका ब्रांड...
03/08/2025

2021 में मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार की एक गृहिणी, रमा कुमारी ने अपने घर में मशरूम उगाना शुरू किया था। आज, 2025 में उनका ब्रांड ‘Tulsi Spawn Lab’ हर साल 36 लाख रुपये की कमाई कर रहा है।

रमा ने तमिलनाडु की भारतीयार यूनिवर्सिटी से B.Com किया है। वह कुछ साल अपने पति के साथ पुणे में भी रहीं, जो IT सेक्टर में काम करते हैं। दोनों को मशरूम की डिशेस बहुत पसंद थीं। लेकिन जब 2020 में लॉकडाउन के दौरान वे मुज़फ़्फ़रपुर लौटे, तो उन्हें वहाँ एक चीज़ की कमी दिखी — अच्छी क्वालिटी के मशरूम।

रमा ने सोचा, क्यों न खुद ही उगाया जाए?
उन्होंने इंटरनेट पर रिसर्च किया, 1 किलो ऑयस्टर मशरूम का स्पॉन 120 रुपये में मंगवाया और 5 बैग तैयार किए। कुछ समय बाद उन्हें अपनी पहली फसल के रूप में 12 किलो मशरूम मिला!

फिर उन्होंने स्थानीय एक्सपर्ट मनोरमा सिंह से संपर्क किया और बटन मशरूम की खेती शुरू की। उन्होंने एक ग्रो रूम बनाने में 25,000 रुपये लगाए और ठंडी के मौसम में 200 किलो मशरूम उगाया, जिससे उन्हें 40,000 रुपये की कमाई हुई।

2022 में रमा और उनके पति ने PUSA यूनिवर्सिटी से ट्रेनिंग ली और अपनी सेविंग्स में से 16 लाख रुपये लगाकर, एक छोटे से 10x12 फीट के कमरे में, मुज़फ़्फ़रपुर की पहली मशरूम स्पॉन लैब बनाई।

शुरुआत में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन 2023 तक तुलसी स्पॉन लैब चल निकली।

आज रमा ऑर्गेनिक ऑयस्टर, बटन और मिल्की मशरूम उगाती हैं। हर सीज़न में 250 से 500 किलो मशरूम बेचती हैं। उनकी लैब हर महीने 2 टन स्पॉन बनाती है और नए किसानो को ट्रेनिंग भी देती है।

जो काम एक छोटी रसोई से शुरू हुआ था, आज एक सफल बिज़नेस बन चुका है; और यह दिखाता है कि अगर सीखने की लगन हो, तो छोटे शहरों में भी कुछ बड़ा किया जा सकता है।

सुनील छेत्री के बिना भारतीय फुटबॉल अधूरा रहता। फुटबॉल के मैदान में उनके खेल ने देश को कई बार गर्व के मौके दिए हैं। क्रिक...
03/08/2025

सुनील छेत्री के बिना भारतीय फुटबॉल अधूरा रहता। फुटबॉल के मैदान में उनके खेल ने देश को कई बार गर्व के मौके दिए हैं। क्रिकेट प्रेमी इस देश में फुटबॉल आइकन बनना इतना आसान नहीं था लेकिन अपने हुनर से छेत्री ने यह कर के दिखाया।
आज उन्होंने खेल का मैदान जरूर छोड़ दिया है लेकिन देशवासियों के दिल में उनकी जगह हमेशा वैसी ही रहेगी, जैसी की आज है।

देश अपने इस स्टार कैप्टिन को हमेशा याद रखेगा।




[Sunil Chhetri | Happy Birthday | Inspiring | Motivation | Football ]

"रुमाल दिया तो झगड़ा होगा?""परफ्यूम गिफ्ट किया तो रिश्ता टूट जाएगा?"ऐसी बातें बचपन से सुनते आए हैं…लेकिन क्या कभी ठहरकर ...
03/08/2025

"रुमाल दिया तो झगड़ा होगा?"
"परफ्यूम गिफ्ट किया तो रिश्ता टूट जाएगा?"

ऐसी बातें बचपन से सुनते आए हैं…
लेकिन क्या कभी ठहरकर सोचा कि इन बातों में सच्चाई कितनी है?

आज बता रही हैं —
कि रिश्ते तो दिल से बनते हैं, और दिल की दूरियाँ ही उन्हें तोड़ती हैं।
तोहफ़े नहीं।

दोस्ती को तोहफ़ों से मत तौलो
प्यार और भरोसे में छोटी बातों को मत आने दो
और सबसे ज़रूरी – अंधविश्वास को सोच-समझकर तोड़ो!

:point_down:
क्या आपने भी कभी कोई ऐसा मिथ सुना है दोस्ती के बारे में?
कमेंट में ज़रूर बताएं



[Friendship Myths | Daadi Ki Seekh | Myth Buster Dadi | Break The Myth | Dosti Forever]

स्कूल के मैदान में खेलने-कूदने से लेकर देश की सेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करते तक; यह कहानी है तीन दोस्तों के सपनों को हकीक...
02/08/2025

स्कूल के मैदान में खेलने-कूदने से लेकर देश की सेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करते तक; यह कहानी है तीन दोस्तों के सपनों को हकीकत में बदलने के अद्भुत सफ़र की!

Army Public School के ये तीन छात्र जब साथ क्लास अटेंड करते, घूमते-फिरते और casual selfies लेते मस्ती करते थे, तब इन्होंने सोचा भी नहीं था एक दिन ये अपने सपनों को साकार करते हुए इंडियन आर्मी का हिस्सा बनेंगे।

Indian Military Academy की Passing Out Parade के बाद जब इनमें से एक दोस्त ने आर्मी में कदम रखा, तो उन्होंने इस पल को अपने बाकी दोनों दोस्तों के साथ बांटने के लिए उनको इनवाइट किया, जो पहले से ही आर्मी ऑफिसर्स हैं। जब तीनों मिले, तो बचपन की कई यादें एक बार फिर ताज़ा हो गईं; और तीनों ने पहले की तरह फिर से साथ में एक तस्वीर ली!

फ़र्क बस इतना था कि इस बार स्कूल यूनिफॉर्म की जगह उनके शरीर पर आर्मी यूनिफॉर्म थी।

ये दोस्ती हमें सिखाती है साथ सपने देखकर, उन्हें साथ साकार करना। सच्चे दोस्तों के साथ कामयाबी को सेलिब्रेट करना ख़ुशी को दोगुना कर देता है न! Tag कीजिए अपने उन दोस्तों को जो स्कूल के दिनों से हर कदम पर आपके साथ हैं! ❤️



[School friends, Indian Army, Success Story]

आर्या और ज़ारा की दोस्ती सिर्फ़ एक कहानी नहीं, एक एहसास है। सड़कों से बचाकर लाईं गई ये दोनों हथिनियाँ अब मथुरा के हाथी अ...
02/08/2025

आर्या और ज़ारा की दोस्ती सिर्फ़ एक कहानी नहीं, एक एहसास है।
सड़कों से बचाकर लाईं गई ये दोनों हथिनियाँ अब मथुरा के हाथी अस्पताल में एक-दूसरे का सहारा बनकर नई ज़िंदगी जी रही हैं।
आर्या अब देख नहीं सकती, तो ज़ारा उसकी आंखें बन गई है।
ज़ारा जब डरी होती है, तो आर्या उसे धैर्य देना जानती है।
इनकी यह खूबसूरत दोस्ती हमें सिखाती है कि अपनापन और देखभाल सिर्फ़ इंसानों तक सीमित नहीं है।
शुक्रिया Wildlife SOS — जिनकी वजह से आज ये दोनों फिर से मुस्कुरा पा रही हैं।

SOS



[Arya And Zara | Elephant Rescue | Wildlife SOS | Elephant Friendship | Friendshi Day ]

वैसे तो सड़क पर आपको दिनभर में कई ऑटो आते-जाते दिख जाएंगे, लेकिन यह ऑटो खास है! इसमें ड्राइवर के साथ सफ़र करता है एक बेहद...
02/08/2025

वैसे तो सड़क पर आपको दिनभर में कई ऑटो आते-जाते दिख जाएंगे, लेकिन यह ऑटो खास है! इसमें ड्राइवर के साथ सफ़र करता है एक बेहद क्यूट डॉग!

जैकी केवल 4 दिन का था जब उसको एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने सड़क से रेस्क्यू किया। तब से आज तक वह अपने Human Bestie के साथ ऑटो में हर जगह घूमता है!!

"मेरे ऑटो वाले भैया अकेले नहीं आते, जैकी हमेशा उनके साथ आता है.. तब से जब से वह 4 दिन का था।" - दमयती

जैकी और ऑटो वाले भैया की दोस्ती ऐसी है, जो एक दूसरे से कुछ नहीं मांगते.. बस स्नेह और एक-दूसरे का साथ 🩷

Credit: damyanti on X



[Doglover | Friendship Day | Inspiring | Animal lover | Kindness ]

बचपन की उस बेंच पर जो साथ बैठे थे, आज 40 साल बाद वर्दी में साथ खड़े हैं!ऐसा ही हुआ केरल के Sainik School Kazhakoottam मे...
02/08/2025

बचपन की उस बेंच पर जो साथ बैठे थे, आज 40 साल बाद वर्दी में साथ खड़े हैं!

ऐसा ही हुआ केरल के Sainik School Kazhakoottam में, जहाँ 4 पुराने दोस्त मिले और सब बने देश के वीर अफसर। Lieutenant General विजय बी. नायर, Major General विनोद मैथ्यू, Major General हरी पिल्लै और Air Vice Marshal सुरेन्द्रन नायर एक ही क्लास में पढ़ते थे, एक ही बेंच शेयर करते थे और अब चारों देश की सेवा कर रहे हैं।

Lt Gen विजय नायर आज भारत की Northern Army के चीफ हैं, कश्मीर और आसपास के संवेदनशील इलाकों की जिम्मेदारी संभालते हैं।

Maj Gen विनोद मैथ्यू कर्नाटक और केरल में डिफेंस ऑपरेशन्स संभालते हैं, कई रेस्क्यू और आतंकवाद विरोधी मिशन भी लीड किए हैं।

Maj Gen हरी पिल्लै बेंगलुरु के लिए आर्मी रिक्रूटमेंट देखते हैं, पहले कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स में तैनात थे।

Air Vice Marshal सुरेन्द्रन नायर पहले MiG और Sukhoi उड़ाते थे, अब नए फाइटर पायलट्स को ट्रेनिंग देते हैं।

ये चारों जब स्कूल के उन्हीं गलियारों में लौटे, जहाँ उन्होंने सपने देखे थे, अब वो खुद मिसाल बन गए हैं, आज के बच्चों के लिए।
उनका एक ही संदेश है "कभी हम भी किसी ऑफिसर को देखकर प्रेरित हुए थे अब हमारी बारी है किसी का सपना जगाने की।"

सच, इनकी ये दोस्ती, सपना और जज़्बा हम सभी के लिए प्रेरणा है।



[Sainik School Kazhakoottam, Indian Army, Indian Air Force, Indian Defence Forces, Friendship goals]

अगर आपने 12th Fail फिल्म देख ली है या इस किताब को पढ़ा है तो बखूबी यह कह सकते हैं कि इसमें बताई गई IPS मनोज शर्मा की कहा...
02/08/2025

अगर आपने 12th Fail फिल्म देख ली है या इस किताब को पढ़ा है तो बखूबी यह कह सकते हैं कि इसमें बताई गई IPS मनोज शर्मा की कहानी दिल तक उतर जाती है और अपनी लक्ष्य प्राप्ति के लिए बड़े से बड़ा पहाड़ भी पार कर जाने की प्रेरणा देती है।

12th Fail हमें बहुत कुछ सिखाती है, और इसी में से एक है जीवन में अच्छे मित्रों का महत्व! गरीबी, संघर्ष, मुसीबतों से जूझते हुए मनोज ने सफलता पा ली, लेकिन एक चीज़ जिसे हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते वह है हर मोड़ पर उनका साथ देने वाले उनके मित्र 'प्रीतम पांडे', असलियत में जिनका नाम है- अनुराग पाठक।

जी हाँ, वही लेखक अनुराग पाठक जिन्होंने मनोज और श्रद्धा की कहानी को अपने कलम से किताब के रूप में पिरोया और फिर उसपर फिल्म बन सकी; और यह अद्भुत कहानी लोगों तक पहुँच सकी।

ग्वालियर स्टेशन पर मिले मनोज शर्मा, अनुराग के लिए बिलकुल अनजान थे। इसके बावजूद वह मनोज को अपने साथ दिल्ली लेकर आए, उनकी हर मुमकिन तरह से मदद की, संघर्ष के हर मोड़ पर उनके साथ मौजूद रहे। कभी प्रेम, तो कभी गुस्से से बताई-समझाई अनुराग की हर बात, हर सीख ने मनोज को उनके लक्ष्य की ओर थोड़ा और बढ़ने में मदद की।

और फिर जिस खूबसूरती से अनुराग पाठक ने अपने दोस्त की कहानी को लिखा, उनके जीवन की कठिनाइयों का वर्णन किया, उसने हर पाठक और हर दर्शक के दिल में घर कर लिया। हम यही कहेंगे कि खुशनसीब हैं मनोज शर्मा जो उनको अनुराग जैसा मित्र मिला! इतने सालों की खट्टी-मीठी दोस्ती के बाद आज मनोज उनसे मिलकर यही कहते हैं- "अनुराग से मिलना मेरे और श्रद्धा के लिए अपने अतीत और वर्तमान दोनों को जीना है।"

क्या आपके जीवन में भी ऐसा कोई दोस्त है जो हर घड़ी, हर परिस्थिति में आपका साथ देता है। अगर हाँ, तो उन्हें टैग करके अपने अंदाज़ में शुक्रिया ज़रूर कहिए; क्योंकि वैसे तो हम अपने दिल की हर बात उस दोस्त को बताते हैं, लेकिन यह नहीं कह पाते कि वो हमारे लिए कितने अनमोल हैं।



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2 अगस्त 1987 को, चेन्नई के एक साधारण परिवार से आए लड़के ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया।विश्वनाथन आनंद वर्ल्ड जूनियर चे...
02/08/2025

2 अगस्त 1987 को, चेन्नई के एक साधारण परिवार से आए लड़के ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया।

विश्वनाथन आनंद वर्ल्ड जूनियर चेस चैंपियनशिप जीतने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने।

और ठीक एक साल बाद, 1988 में, वह भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने। इसी के सतह उन्होंने एक ऐसी क्रांति की शुरुआत की, जिसने भारत में शतरंज की तस्वीर ही बदल दी।

प्रतिभाशाली, निडर और बेहद विनम्र; आनंद ने सिर्फ़ टाइटल नहीं जीते, बल्कि युवा पीढ़ियों को सपने देखने की हिम्मत दी।

Tag करें अपने Chess खेलने वाले दोस्तों को!

[Viswanathan Anand Grandmaster, Viswanathan Anand chess history]

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