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मानव हितार्थ तीसरी बार रक्तदान किया
28/12/2025

मानव हितार्थ तीसरी बार रक्तदान किया

28/12/2025

रक्तदान का प्रचार करते हुए 🩸🩸🩸🩸
27/12/2025

रक्तदान का प्रचार करते हुए 🩸🩸🩸🩸

कैसी लगी मेरे भाई और भाभी की जोड़ी 🥰🥰🥰🥰
25/12/2025

कैसी लगी मेरे भाई और भाभी की जोड़ी 🥰🥰🥰🥰

🥰🥰🥰🥰
24/12/2025

🥰🥰🥰🥰

*नेकियाँ करते रहिए.......**क्योंकि ये हमारी जीवन की सुरक्षा निधि है।**हमारे जीवन में जब भी कभी तूफान आएगा**तो यही नेकिया...
24/12/2025

*नेकियाँ करते रहिए.......*
*क्योंकि ये हमारी जीवन की सुरक्षा निधि है।*

*हमारे जीवन में जब भी कभी तूफान आएगा*
*तो यही नेकियाँ हमारे लिए कश्ती का काम करेंगी।*

धन निरंकार जी

24/12/2025

*ऐ प्रभु मेरे*
*हर पल का "शुकराना"*
*हर स्वांस का "शुकराना"*
*हाथ थामने का "शुकराना"*
*सिर पर हाथ रखने का*
*"शुकराना"*
*हर दुख से बचाने का*
*"शुकराना"*
*अंग संग रहने का* *"शुकराना"*
*अपना बनाने का* *"शुकराना"*
*"शुकराना" आपके हर रहमों कर्म का*

धन निरंकार जी

बधाई नहीं दोगे क्या,,,,,,,,,,,,
23/12/2025

बधाई नहीं दोगे क्या,,,,,,,,,,,,

धन निरंकार जी, महापुरुषों
22/12/2025

धन निरंकार जी, महापुरुषों

22/12/2025

🙏अपने लिये तू चाहता है जो
सो औरों को देता जा।
कहे हरदेव सभी को सुख दे
तू भी सुख को लेता जा।
----संपूर्ण हरदेव बाणी, शब्द-56.
भावार्थ :- जो कुछ भी मनुष्य अपने लिये चाहता है उसको पाने का यहां सतगुरु हमें एक नुक्ता (फार्मूला) बतला रहे हैं, कि जो भी तुम चाहते हो वह औरों को बांटना शुरु कर दो।
प्रभु से अपने लिए दया चाहिए तो औरों को दया बांटो, प्रभु से क्षमा चाहिए तो औरों को क्षमा बांटो इसका अर्थ होता है बुराई करने वालों के साथ भी बुरा नहीं करना उनको भी दुखी नहीं करना, अपनी भलाई चाहते हैं तो औरों का भला करो, दुखी नहीं होना चाहते हैं तो औरों को दुखी न करें, सबसे प्यार और सत्कार चाहते हैं तो औरों से प्यार करो तथा औरों का सत्कार करो और अगर तू सुखी होना चाहता है तो औरों को सुख बांटना शुरु कर दो।
यह निर्गुण निरंकार का दरबार ऐसा ही है इसे सच्चा दरबार कहते हैं यहां जो बीजा जाता है वही खाने को मिलता है। जैसे कहा भी है कि --
जैसी करनी करसी कोई
तैसा ही फल खायेगा।
साहिब दा दरबार है सच्चा
जो बीजे सो खायेगा।
इसका भावार्थ भी यही है कि प्रत्येक कर्म से उसका फल भी सामने आता है।
कर्म बीज की ही भांति हैं जैसा कर्म करेंगे वैसा ही कर्मफल भी होगा। कर्म करने से कोई भी बच नहीं सकता मगर पूर्ण गुरुदेव की कृपा से कर्ताभाव से बचा जा सकता है।
प्रेम से कहना.....
धन निरंकार जी।
🌸🌷🌺🥀🌹 शुभ प्रभात 🌹🌹👏

21/12/2025

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

*मंगलाचरण*

*हे समरथ परमात्मा, हे निर्गुण निरंकार।*
*तूं कर्ता है जगत् का, तूं सब का आधार।*
*कण-कण में है बस रहा, तेरा रुप अपार।*
*तीन काल है सत्य तूं, मिथ्या है संसार।*
*घट-घट वासी हे प्रभु, अविनाशी करतार।*
*दया से तेरी हों सभी, भव-सागर से पार।*
*निराकार साकार तूं, जग के पालनहार।*
*है बेअन्त महिमा तेरी, दाता अपरम्पार।*
*परम् पिता परमात्मा, सब तेरी सन्तान।*
*भला करो सब का प्रभु, सब का हो कल्याण।*

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

रक्तदान शिविर पोस्ट व्यू मोचन  धन निरंकार
21/12/2025

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धन निरंकार

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