mahesh.raval.910

mahesh.raval.910 jiv seva Aej dharm

*भगवान श्री कृष्ण की जय हो! (८)🙏*भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण ने गुरु संदीपनि से 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखीं...
09/09/2025

*भगवान श्री कृष्ण की जय हो! (८)🙏*

भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण ने गुरु संदीपनि से 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखीं। उनकी शिक्षाएं और लीलाएं हमें प्रेम, करुणा और सहानुभूति का मार्ग दिखाती हैं

👇👇👇👇👇👇
विस्तार से माहिती 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखीं। उनकी शिक्षाएं

🚩👉भगवान कृष्ण ने गुरु संदीपनि से 14 विद्याएं सीखी थीं, जिनमें शामिल हैं

1. *ऋग्वेद*: प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक, जिसमें देवताओं की स्तुति और यज्ञ की विधि का वर्णन है।
2. *यजुर्वेद*: एक अन्य प्राचीन ग्रंथ, जिसमें यज्ञ और पूजा की विधियों का वर्णन है।
3. *सामवेद*: संगीत और मंत्रों का ग्रंथ, जिसमें यज्ञ में गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।
4. *अथर्ववेद*: एक प्राचीन ग्रंथ, जिसमें जादू-टोना, चिकित्सा और अन्य विषयों का वर्णन है।
5. *शिक्षा*: वेदों के उच्चारण और स्वर के नियमों का अध्ययन।
6. *कल्प*: वेदों में वर्णित यज्ञ और अनुष्ठानों की विधि का अध्ययन।
7. *व्याकरण*: भाषा के नियमों और व्याकरण का अध्ययन।
8. *निरुक्त*: शब्दों की उत्पत्ति और अर्थ का अध्ययन।
9. *छंद*: वेदों में प्रयुक्त छंदों और मीटर का अध्ययन।
10. *ज्योतिष*: खगोल विज्ञान और ज्योतिष का अध्ययन।
11. *सांख्य*: एक प्राचीन दर्शन, जिसमें प्रकृति और पुरुष के बारे में बताया गया है।
12. *योग*: एक प्राचीन दर्शन, जिसमें आत्म-नियंत्रण और ध्यान की विधियों का वर्णन है।
13. *वैशेषिक*: एक प्राचीन दर्शन, जिसमें पदार्थों के गुणों और विशेषताओं का वर्णन है।
14. *न्याय*: एक प्राचीन दर्शन, जिसमें तर्क और न्याय की विधियों का वर्णन है।

👇👇👇👇👇👇👇👇👇
👉 भगवान कृष्ण ने 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया था, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं

1. गायन
2. वाद्य यंत्र बजाना
3. नृत्य
4. नाट्य
5. चित्रकारी
6. बेल-बूटे बनाना
7. लकड़ी की कारीगरी
8. सोने जैसी धातुओं की जांच करना
9. रत्नों को तराशना
10. फूलों की क्यारियां बनाना
11. कपड़े और आंगनों को रंगना
12. रत्नों का फर्श और शय्या बनाना
13. कठपुतली बनाना
14. पहेलियां बनाना
15. मूर्तियां बनाना
16. भेड़, मुर्गा और बटेर आदि से लड़ने की विधि
17. धनुर्विद्या
18. गदा चलाना
19. युद्ध कौशल
20. कूटनीति
21. वस्त्र सज्जा
22. आभूषण बनाना
23. सुगंधित पदार्थ बनाना
24. पेय पदार्थ बनाना
25. मालाएं बनाना
26. वेशभूषा और सजावट
27. कानों की सजावट
28. बालों की देखभाल और सजावट
29. पैरों की मालिश और देखभाल
30. फूलों और अन्य वस्तुओं से सजावट
31. कपड़ों के डिज़ाइन और सजावट
32. पान और अन्य पेय पदार्थ बनाना
33. फूलों की मालाएं पहनना
34. शय्या और बिस्तर की सजावट
35. शिकार और वन्य जीवन
36. विदेशी भाषाओं और संस्कृतियों का ज्ञान
37. विभिन्न क्रियाओं और गतिविधियों का ज्ञान
38. छल और धोखे की कला
39. वस्त्रों और आभूषणों की सजावट
40. आकाश और वायुमंडल का ज्ञान
41. विभिन्न वेशभूषा और छद्मवेश
42. आकर्षक खेलों और गतिविधियों का ज्ञान
43. नृत्य और संगीत की विशेष कला
44. वृक्षों और पौधों की देखभाल
45. रामायण और अन्य ग्रंथों का ज्ञान
46. पक्षियों की देखभाल और प्रशिक्षण
47. कबूतरों की देखभाल और प्रशिक्षण
48. मछलियों की देखभाल और प्रशिक्षण
49. फूलों की सजावट और डिज़ाइन
50. सेना की व्यवस्था और रणनीति
51. युद्ध में घोड़ों और हाथियों का उपयोग
52. विभिन्न युद्ध तकनीकों का ज्ञान
53. कवच और शस्त्रों का ज्ञान
54. घुड़सवारी और घोड़े की देखभाल
55. हाथियों की देखभाल और प्रशिक्षण
56. रथ चलाने की कला
57. जल और थल पर युद्ध करने की कला
58. विभिन्न प्रकार के शस्त्रों का ज्ञान
59. युद्ध में रणनीति और योजना
60. सेना की व्यवस्था और प्रबंधन
61. युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की देखभाल
62. विभिन्न प्रकार के युद्धों का ज्ञान
63. युद्ध के बाद की रणनीति और प्रबंधन
64. शांति और समझौते की कला

इन 64 कलाओं में भगवान कृष्ण ने महारत हासिल की थी, जो उन्हें एक सर्वगुण संपन्न व्यक्ति बनाती हैं।

🚩👉🙏क्या आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो लाइक फॉलो शेर और जरुर करें🙏
Raval Mahesh

🚩🚩🚩राम🚩🚩🚩(७)   🚩🙏भगवान विष्णु के सात में अवतार राम के बारे में जानकारी बहुत विस्तृत है, और यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर...
07/09/2025

🚩🚩🚩राम🚩🚩🚩(७)

🚩🙏भगवान विष्णु के सात में अवतार राम के बारे में जानकारी बहुत विस्तृत है, और यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भगवान राम विष्णु जी के सातवें अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर जन्म लिया था। वह अपने धर्म, न्याय, सत्य और आदर्श के पालन के लिए जाने जाते हैं।

*भगवान राम के जीवन के प्रमुख पहलू:*

- *वनवास*: भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षों तक वनवास में रहे, जिसमें उनके साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी थे।
- *सीता हरण*: रावण ने सीता का अपहरण किया, जिसके कारण भगवान राम और रावण के बीच युद्ध हुआ।
- *राम-रावण युद्ध*: भगवान राम ने अपनी सेना के साथ रावण का वध किया और सीता को बचाया।
- *राज्याभिषेक*: युद्ध के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे और उनका राज्याभिषेक हुआ।

*भगवान राम के महत्व:*

- *मर्यादा पुरुषोत्तम*: भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है, जो एक आदर्श पुरुष की भूमिका को दर्शाता है।
- *धर्म और न्याय*: भगवान राम ने हमेशा धर्म और न्याय का पालन किया और अपने कर्तव्यों को पूरा किया।
- *आदर्श पुत्र और भाई*: भगवान राम एक आदर्श पुत्र और भाई के रूप में भी जाने जाते हैं, जिन्होंने अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किया।

भगवान राम की कहानी हमें सिखाती है कि धर्म, न्याय, सत्य और आदर्श के पालन से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

🙏🚩👇👇👇👇👇👇👇
"मेरे प्रभु श्री राम के बारे में जितना लिखा जाए, उतना कम है। उनकी महिमा अपरंपार है, उनकी कृपा अनंत है। वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जिन्होंने अपने जीवन में धर्म, न्याय और सत्य का पालन किया। आइए, हम भी उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और उनके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें। जय श्री राम! 🙏
रावल महेश

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩🙏परशुराम जी🙏🚩 (६)भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म जमदग्नि ऋषि और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। परशुराम जी...
03/09/2025

🚩🙏परशुराम जी🙏🚩 (६)

भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म जमदग्नि ऋषि और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। परशुराम जी को भगवान शिव से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा मिली थी और उन्हें भगवान शिव से ही परशु (फरसा) प्राप्त हुआ था।

*परशुराम जी के मुख्य कार्य*

परशुराम जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य हैं:

- *अधर्मी और अत्याचारी क्षत्रियों का विनाश*: परशुराम जी ने पृथ्वी को अधर्मी और अत्याचारी क्षत्रियों से मुक्त करने के लिए 21 बार पृथ्वी पर क्षत्रियों का विनाश किया था।
- *अत्याचारी राजाओं का नाश*: परशुराम जी ने अत्याचारी राजाओं का नाश किया और धर्म की स्थापना की।
- *ब्राह्मणों की रक्षा*: परशुराम जी ने ब्राह्मणों की रक्षा की और उनकी गरिमा को बनाए रखा।

*परशुराम जी की विशेषताएं*

परशुराम जी की कुछ विशेषताएं हैं:

- *ब्राह्मण और क्षत्रिय*: परशुराम जी ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों के गुणों को धारण करते थे।
- *शस्त्र और शास्त्र*: परशुराम जी शस्त्र और शास्त्र दोनों में पारंगत थे।
- *धर्म और न्याय*: परशुराम जी धर्म और न्याय के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।

*परशुराम जी का महत्व*

परशुराम जी का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। उन्हें भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है और उनकी कहानियां और कथाें को बहुत महत्व दिया जाता है।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩🙏वामन अवतार🙏🚩          🙏भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन अवतार🙏 का बहुत महत्व है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने एक ब्र...
01/09/2025

🚩🙏वामन अवतार🙏🚩

🙏भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन अवतार🙏 का बहुत महत्व है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने एक ब्राह्मण के रूप में अवतार लिया था और उन्होंने असुर राजा बलि को पराजित किया था।

*वामन अवतार की कथा*

वामन अवतार की कथा के अनुसार, असुर राजा बलि ने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त की थी और देवताओं को पराजित किया था। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी, लेकिन बलि ने जब देखा कि वामन अवतार में भगवान विष्णु ने दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया है, तो उसने अपना सिर वामन अवतार के चरणों में रख दिया और कहा कि तीसरा पग उसके सिर पर रख दें।

*वामन अवतार का महत्व*

वामन अवतार का महत्व इस प्रकार है:
- *धर्म की स्थापना*: वामन अवतार के माध्यम से भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और अधर्म का नाश किया।
- *भक्तों की रक्षा*: वामन अवतार की कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भगवान विष्णु अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
- *नम्रता और विनम्रता*: वामन अवतार की कथा से हमें नम्रता और विनम्रता की शिक्षा मिलती है, जो जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

*वामन अवतार की पूजा*

वामन अवतार की पूजा विभिन्न तरीकों से की जाती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- *वामन जयंती*: वामन जयंती के दिन भगवान वामन की पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है।
- *वामन मंत्र*: वामन अवतार के मंत्रों का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

वामन अवतार की कथा और महत्व को समझने से हमें भगवान विष्णु की महिमा का ज्ञान होता है और हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩🙏नरसिंह अवतार🙏🚩 (४)           🙏भगवान विष्णु🙏 के 10 अवतारों में से चौथा अवतार नरसिंह अवतार है, जिसमें भगवान विष्णु ने आध...
30/08/2025

🚩🙏नरसिंह अवतार🙏🚩 (४)

🙏भगवान विष्णु🙏 के 10 अवतारों में से चौथा अवतार नरसिंह अवतार है, जिसमें भगवान विष्णु ने आधे मानव और आधे शेर के रूप में अवतार लिया था। इस अवतार का उद्देश्य असुर राजा हिरण्यकश्यप को मारना था, जो अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकना चाहता था।

*नरसिंह अवतार की कथा*

हिरण्यकश्यप एक शक्तिशाली असुर राजा था, जिसने भगवान विष्णु के खिलाफ युद्ध किया था और उन्हें हराया था। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था और उनकी पूजा करता था। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन प्रह्लाद ने अपनी भक्ति नहीं छोड़ी।

*नरसिंह अवतार का महत्व*

नरसिंह अवतार का महत्व इस प्रकार है
- *भक्तों की रक्षा*: नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और असुर राजा हिरण्यकश्यप को मारा।
- *धर्म की स्थापना*: नरसिंह अवतार के माध्यम से भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और अधर्म का नाश किया।
- *भगवान की महिमा*: नरसिंह अवतार की कथा से हमें भगवान विष्णु की महिमा का ज्ञान होता है और यह शिक्षा मिलती है कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

*नरसिंह अवतार की पूजा*

नरसिंह अवतार की पूजा विभिन्न तरीकों से की जाती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं ²:
- *नरसिंह जयंती*: नरसिंह जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ कपड़ा पहनना चाहिए और भगवान नरसिंह की पूजा करनी चाहिए।
- *नरसिंह मंत्र*: नरसिंह अवतार के मंत्रों का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

👉 नरसिंह अवतार की कथा और महत्व को समझने से हमें भगवान विष्णु की महिमा का ज्ञान होता है और हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।🙏

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩🙏वराह अवतार 🙏🚩 (३)      वराह अवतार भगवान विष्णु के अवतारों में से एक है, जिसमें उन्होंने वराह (बैल) का रूप धारण किया था...
29/08/2025

🚩🙏वराह अवतार 🙏🚩 (३)

वराह अवतार भगवान विष्णु के अवतारों में से एक है, जिसमें उन्होंने वराह (बैल) का रूप धारण किया था। इस अवतार में भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस को मारने के लिए अवतार लिया था।

*वराह अवतार की कथा:*

वराह अवतार की कथा के अनुसार, हिरण्याक्ष नामक राक्षस ने पृथ्वी को समुद्र में डुबो दिया था। भगवान विष्णु ने वराह का रूप धारण करके हिरण्याक्ष को युद्ध में हराया और पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला।

*वराह अवतार का महत्व:*

वराह अवतार का महत्व इस प्रकार है:

- *पृथ्वी की रक्षा:* वराह अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी की रक्षा की और उसे समुद्र से बाहर निकाला।
- *राक्षसों का विनाश:* वराह अवतार में भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष जैसे राक्षस का विनाश किया, जो सृष्टि के लिए खतरा था।
- *धर्म की स्थापना:* वराह अवतार में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और सृष्टि के नियमों को बनाए रखा।

वराह अवतार की कथा हमें भगवान विष्णु की शक्ति और उनके अवतारों के महत्व के बारे में बताती है।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩कूर्म अवतार🚩 (२)   🚩सनातन धर्म🚩 में कूर्म अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से दूसरा अवतार है। इस अवतार में भगवान वि...
28/08/2025

🚩कूर्म अवतार🚩 (२)

🚩सनातन धर्म🚩 में कूर्म अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से दूसरा अवतार है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था।

*कूर्म अवतार की कथा:*

कूर्म अवतार की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है। देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन करने का निर्णय किया, जिससे उन्हें अमृत प्राप्त हो सके। लेकिन समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को मथानी के रूप में उपयोग करने से वह पर्वत समुद्र में डूबने लगा।

भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों की सहायता करने के लिए कछुए का रूप धारण किया और मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया। इस प्रकार, समुद्र मंथन सफलतापूर्वक पूरा हुआ और अमृत प्राप्त हुआ।

*कूर्म अवतार का महत्व:*

कूर्म अवतार का महत्व इस प्रकार है:

- *सृष्टि की रक्षा:* कूर्म अवतार में भगवान विष्णु ने सृष्टि की रक्षा की और देवताओं और असुरों की सहायता की।
- *धर्म की स्थापना:* कूर्म अवतार के माध्यम से भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और असुरों के अत्याचारों को रोका।
- *आध्यात्मिक ज्ञान:* कूर्म अवतार की कथा से हमें आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है कि भगवान विष्णु सृष्टि की रक्षा और धर्म की स्थापना के लिए विभिन्न अवतारों में अवतरित होते हैं।

कूर्म अवतार की कथा हमें भगवान विष्णु की महिमा और उनके अवतारों के महत्व को समझने में मदद करती है।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

सनातन धर्म में मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दशावतारों में से पहला अवतार है, जिसमें उन्होंने एक विशाल मछली का रूप धारण कि...
24/08/2025

सनातन धर्म में मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दशावतारों में से पहला अवतार है, जिसमें उन्होंने एक विशाल मछली का रूप धारण किया था। इस अवतार की कथा और महत्व के बारे में कुछ और जानकारी इस प्रकार है:

*मत्स्य अवतार की कथा:*

मत्स्य अवतार की कथा प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है, जिसमें भगवान विष्णु ने एक छोटे से मछली के रूप में अवतार लिया और धीरे-धीरे विशाल आकार में बढ़कर प्रलय से सृष्टि को बचाया।

*मत्स्य अवतार का महत्व:*

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु की शक्ति और उनकी जीवों के प्रति करुणा का प्रतीक है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाया और जीवन की रक्षा की।

*मत्स्य अवतार के प्रतीक:*

मत्स्य अवतार के प्रतीकों में शामिल हैं:

- मछली: भगवान विष्णु का मछली रूप जीवन की उत्पत्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
- जहाज: मनु द्वारा बनाया गया जहाज जीवन की रक्षा और सुरक्षा का प्रतीक है।
- सींग: भगवान विष्णु की सींग शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।

*मत्स्य अवतार की पूजा:*

मत्स्य अवतार की पूजा भगवान विष्णु के अन्य अवतारों की तरह ही की जाती है। भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना करते हैं।

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु की शक्ति और उनकी जीवों के प्रति करुणा का प्रतीक है, जो सृष्टि की रक्षा और जीवन की सुरक्षा के लिए अवतरित हुए थे।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

🚩भगवान विष्णु के दशावतार🚩    सनातन धर्म में भगवान विष्णु के अवतारों की संख्या के बारे में विभिन्न मतभेद हैं। कुछ ग्रंथों...
23/08/2025

🚩भगवान विष्णु के दशावतार🚩

सनातन धर्म में भगवान विष्णु के अवतारों की संख्या के बारे में विभिन्न मतभेद हैं। कुछ ग्रंथों में 10 अवतारों का वर्णन है, जिन्हें दशावतार कहा जाता है, जबकि अन्य ग्रंथों में अधिक अवतारों का उल्लेख है।

*दशावतार (10 अवतार):*

1. मत्स्य अवतार
2. कूर्म अवतार
3. वराह अवतार
4. नरसिंह अवतार
5. वामन अवतार
6. परशुराम अवतार
7. राम अवतार
8. कृष्ण अवतार
9. बुद्ध अवतार
10. कल्कि अवतार

*अन्य अवतार:*

भगवान विष्णु के अन्य अवतारों में हयग्रीव, मोहिनी, धन्वंतरि, और नर-नारायण आदि शामिल हैं।

*अनंत अवतार:*

कुछ ग्रंथों में भगवान विष्णु के अवतारों को अनंत बताया गया है, जिसका अर्थ है कि उनकी शक्तियों और रूपों की कोई सीमा नहीं है।

इस प्रकार, भगवान विष्णु के अवतारों की संख्या निश्चित नहीं है, लेकिन दशावतार सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से मान्य हैं।

"🌈 मेरे Facebook पेज पर आकर सनातन धर्म की सुंदर कहानियाँ, विचार, और अपडेट्स देखें! 📚 यहाँ आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। फॉलो करें और जुड़े रहें!
https://www.facebook.com/profile.php?id=100088181453504

22/08/2025

Address

Akrund
383260

Telephone

+8469586133

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when mahesh.raval.910 posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share