12/09/2025                                                                            
                                    
                                                                            
                                            नशा मुक्ति केंद्र में युवक ने की खुदकुशी
Agra News - ताजगंज के गांव नौबरी में एक युवक इमरान का शव नशा मुक्ति केंद्र में फंदे पर लटका मिला। परिजनों ने उसे शराब छुड़ाने के लिए भर्ती कराया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। 
ताजगंज के गांव नौबरी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में गुरुवार को एक युवक का शव फंदे पर लटका मिला। एक दिन पहले ही परिजनों ने उसे शराब छुड़ाने के लिए भर्ती कराया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। गांव नौबरी में एक संस्था द्वारा जिला नशा मुक्ति केंद्र नाम से नशा मुक्ति केंद्र का संचालन किया जा रहा है। एसीपी ताजगंज सैयद अरीब अहमद ने बताया नगला मेवाती निवासी 30 वर्षीय इमरान को उसके परिजनों ने बुधवार को भर्ती कराया था। गुरुवार को पुलिस को सूचना मिली कि एक मरीज ने बाथरूम में फंदे से लटककर जान दे दी है।
पुलिस मौके पर पहुंची। मरने वाले की पहचान इमरान के रूप में हुई। उसने गमछे का फंदा बनाया था। नशा मुक्ति केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। रिकार्डिंग चेक की गई। इमरान अकेला ही बाथरूम में गया था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि इमरान पहले भी नशा मुक्ति केंद्र में रहा है। कुछ माह पूर्व भी इमरान नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती रहा था। ठीक होने पर परिजन उसे साथ लेकर गए थे। भाई शाहिद ने बताया पिछले कुछ दिनों से इमरान फिर नशा करने लगा था। वे उसे भर्ती कराकर गए थे। शाहिद का आरोप है कि घटना नशा मुक्ति केंद्र संचालक और कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है। उनका भाई ठीक होता तो भर्ती ही क्यों कराते। उन्हें क्या पता था कि भाई की जान चली जाएगी। पुलिस को यह छानबीन करनी चाहिए कि जिला नशा मुक्ति केंद्र का बोर्ड क्यों लगा रखा है। क्या यह नशा मुक्ति केंद्र सरकारी है। आखिर उनके भाई के साथ नशा मुक्ति केंद्र में ऐसा क्या हुआ था कि उसने जान दे दी। पुलिस ने बताया नशा मुक्ति केंद्र में एक दर्जन से अधिक मरीज हैं। उनसे बातचीत की जाएगी।
अब सवाल ये है कि एक निजी संस्था द्वारा "डिस्ट्रिक्ट ड्रग एंड डी एडिक्शन सेंटर " नाम से केंद्र संचालित क्यों किया जा रहा था। किसकी मिलीभगत थी। वर्तमान में आगरा, अलीगढ़, मथुरा समेत दर्जनों शहरों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित कोई भी मुंह उठा कर ये खोल रहा है,आसानी से आगरा से सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन कराके NGO दिखाकर ये शुरू कर दिए जाते हैँ, कमाई भी लाखों में होती है, जिसका कोई लेखा जोखा नहीं होता। इन नशा मुक्ति केंद्रों में मानकों अनुसार सुविधाएं भी नहीं दिखती, मधनिषेध विभाग इसकी निगरानी तो करता है, लेकिन खानापूर्ति करके केंद्र संचालक से ही मिल कर चले जाते हैँ। अलीगढ़ में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, छोटी छोटी जगह जानवारों की तरह ठूस देते भर्ती हुए लोगों को।और पर्याप्त जगह ना होने के कारण ज़मीन पर ही सुलाते हैँ।
  
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