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Laeeq by लईक के "लेख" पत्रकार

23/07/2025

नशा और धर्म! क्या हम सच में धार्मिक हैं?

े_लेख

भारत एक विशाल देश है जहाँ अनेक धर्मों के लोग रहते हैं और सभी को अपने-अपने धार्मिक विश्वासों के अनुसार जीवन जीने की पूर्ण स्वतंत्रता है। लेकिन जब हम नशा और धर्म की बात करते हैं, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या हम अपने धर्म को सिर्फ पूजाघरों तक सीमित कर चुके हैं? क्या हमारे कर्म, हमारे धर्म के सिद्धांतों के अनुरूप हैं?

चार प्रमुख धर्मों इस्लाम, हिंदू, सिख और ईसाई धर्म के संदर्भ में यह समझने की कोशिश करते हैं कि धर्म नशे को किस रूप में देखता है, और वास्तविकता में समाज किस ओर जा रहा है।

इस्लाम धर्म में नशा पूरी तरह हराम

इस्लाम में नशा, विशेषकर शराब, गांजा, अफीम, ड्रग्स और तंबाकू को साफ-साफ हराम (निषिद्ध) कहा गया है।
क़ुरआन सूरह अल-मायदा में लिखा है:

“ऐ ईमान वालों! शराब, जुआ, मूरतें और पांसे शैतान के गंदे काम हैं। इनसे दूर रहो, ताकि तुम्हें सफलता मिले।”

पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया
“जो चीज़ अधिक मात्रा में नशा देती है, उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है।” (हदीस: अबू दाऊद)

इतिहास में दर्ज है कि जब मोहम्मद साहब ने शराब को हराम घोषित किया, तो मक्का की गलियों में लाखों लीटर शराब बहा दी गई। यह इमान का प्रतीक था।

लेकिन अफसोस! आज इस्लाम को मानने वाले ही बड़ी संख्या में शराब, और नशीले पदार्थों का सेवन करते देखे जाते हैं। सवाल यह उठता है क्या वे सच में इस्लाम को जानते हैं? क्या वे असली मुसलमान हैं?

हिंदू धर्म में भी नशा आध्यात्मिक बाधा माना गया है।
मनुस्मृति (7.47) में लिखा है कि
"राजा को मद्य, मांस और स्त्रियों से दूर रहना चाहिए।"

वेद और उपनिषद संयम, आत्मसंयम और विवेक को सबसे ऊँचा स्थान देते हैं। साधु-संतों, ब्राह्मणों और तपस्वियों के जीवन में नशे का कोई स्थान नहीं है।

हाँ, कुछ तांत्रिक और शैव परंपराओं में भांग का सीमित उपयोग होता है वह भी विशेष साधना के उद्देश्य से, न कि मनोरंजन या लत के लिए।

फिर भी अफसोस! आज समाज में नशा फैशन बन चुका है। मंदिर के पास, यज्ञशालाओं के बाहर, और धार्मिक आयोजनों के भीतर भी लोग नशे में डूबे पाए जाते हैं।

सिख धर्म नशे को आत्मा का शत्रु मानता है।
गुरु ग्रंथ साहिब कहता है "जो नशा करता है, वह गुरुद्वारे की सेवा के योग्य नहीं है।"

गुरु गोबिंद सिंह जी ने "खालसा पंथ" को नशामुक्त जीवन का उदाहरण बनाया था। फिर भी, आज "पटियाला पैग" जैसे जुमले सिख संस्कृति के नाम पर मज़ाक बन चुके हैं।

क्या यह हमारे गुरुओं का अपमान नहीं है?

ईसाई धर्म में नशा सीमित मात्रा में स्वीकृति, पर अत्यधिक नशा पाप

बाइबिल में यीशु मसीह द्वारा पानी को शराब में बदलने का ज़िक्र आता है (यूहन्ना 2:1-11), लेकिन यही धर्म अत्यधिक नशे को पाप मानता है। और कहता है कि “शराबियों को परमेश्वर के राज्य में स्थान नहीं मिलेगा।” (1 कुरिन्थियों 6:10)

होली जैसी धार्मिक प्रथाओं में सीमित मात्रा में शराब का प्रयोग होता है, लेकिन आत्मनियंत्रण सबसे ज़रूरी माना गया है।

पर क्या आज समाज उस संयम को समझता है?

सवाल बड़ा है, क्या हम सिर्फ धर्म के नाम पर जी रहे हैं?

धर्म की बात आते ही हम उग्र हो जाते हैं बहस करते हैं, मोर्चा निकालते हैं, बायकॉट करते हैं, विरोध करते हैं... लेकिन जब धर्म के अनुशासन और शिक्षाओं को जीवन में उतारने की बात आती है, तो हम अपने फायदे के हिसाब से धर्म को मोड़ लेते हैं।

प्रयागराज जैसे शहर में भी रोज सुबह 6 बजे शराब के ठेके पर लोगों की भीड़ लगती है—हिंदू भी, मुसलमान भी।
सब अपने-अपने धर्म के अनुयायी, लेकिन व्यवहार में धर्म से दूर।

ध्यान दीजिए!

यह लेख किसी धर्म विशेष की आलोचना नहीं है, बल्कि हम सभी की आत्म-जांच का एक निमंत्रण है। अगर हम अपने धर्म पर गर्व करते हैं, तो पहले उसे जी कर दिखाएं, न कि सिर्फ दिखा कर।

और अंत में सबसे ज़रूरी बात?

इस लेख से नशा खत्म नहीं होगा, यह सच है। लेकिन यदि यह किसी एक व्यक्ति को भी अपने अंदर झाँकने को मजबूर कर दे, तो यह लेख सार्थक होगा।

धार्मिक होना आसान है, धर्म को जीना कठिन।
सोचिएगा जरूर...

23/07/2025

ब्रेकिंग न्यूज़ | कामायनी एक्सप्रेस में युवक पर हमला

जंघई से मुंबई जा रही 11072 कामायनी एक्सप्रेस में युवक पर अज्ञात युवकों ने किया हमला, प्रयागराज जंक्शन पर घायल को रेलवे हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती।

 #तंजनामा रीढ़ की हड्डी, इस्तीफे और ऑपरेशन सिंदूर की सियासी कथा े_लेख ✍️"कहा था न "मेरे मुंह से जो निकले वही सदाकत है......
22/07/2025

#तंजनामा

रीढ़ की हड्डी, इस्तीफे और ऑपरेशन सिंदूर की सियासी कथा

े_लेख ✍️

"कहा था न "मेरे मुंह से जो निकले वही सदाकत है... हमारे मुंह में तुम्हारी ज़बान थोड़ी है!"

और यही बात आज उस गूंजते हुए इस्तीफे के साथ याद आई, जिस पर कुछ लोग कह रहे हैं कि ये जस्टिस वर्मा के महाभियोग, ऑपरेशन सिंदूर, और नड्डा जी की पीठासीन भाषा जैसी घटनाओं से उपजा।

भई, क्या वाकई?

नहीं साहब, धनखड़ जी का इस्तीफा कोई एक दिन की घटना नहीं, ये उस लचीली रीढ़ का नतीजा है जो हर दिशा में घूम सकती है उत्तर में आशीर्वाद मिले तो उत्तर, दक्षिण में आशीर्वाद मिले तो दक्षिण...।

एक ज़माना था जब रीढ़ को मज़बूती की मिसाल माना जाता था। लेकिन कुछ रीढ़ें ऐसी भी होती हैं जो सिर्फ़ सरीसृपों में पाई जाती हैं न झुकने की शर्म, न खड़े होने की हिम्मत।

धनखड़ जी ने वही रीढ़ ओढ़ रखी थी।
जो न आका के हक़ में बोलती है, न आका के ग़लत होने पर सवाल उठाती है।
बस ज़ुबान चलती थी सदन में, लेकिन दिशा तय होती है वहां से जहां से पुचकार जाता था।

और हां अब जो लोग नीतीश, राजनाथ, थरूर के नाम गिनवा रहे हैं उनको बता देता हूँ।

जैसे हर फिल्म में अमिताभ नहीं होता, हर मैच में कोहली नहीं चलता, वैसे ही हर उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर कोई नामचीन नहीं बैठता।

आने वाला उपराष्ट्रपति 90● अंश कोढ़ वाला नही होगा, न 180 अंश का "विचारशील", बल्कि वो 60 अंश का 'झुकाव' लिए हुए होगा।
मतलब न पूरी टेढ़ी रीढ़, न सीधी सोच… बस हुक्म की तामील करने वाला प्राणी।

पहले पत्रकार होते थे, जो अंदरखाने की बातें बाहर ला देते थे।
अब तो बस सूत्रों ने बताया, X पर ट्रेंड कर रहा है, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने भेजा—इतना ही बचा है।

इस जोड़ी की क़िलाबंदी इतनी मज़बूत है कि अंदर की खबरें अब सिर्फ़ अंदर ही मर जाती हैं, बाहर सिर्फ़ बयान आते हैं—संविधानिक गरिमा, नैतिक जिम्मेदारी, व्यक्तिगत फैसला etc..…

ये इस्तीफा ना नैतिक था, ना आत्मसम्मान से भरा,
ये प्रोटोकॉल पर झुकी रीढ़ की एक और परेड थी।

जो समझते हैं, वो मुस्कुरा रहे हैं।
जो चौंक रहे हैं, वो बस ऊपर-ऊपर की खबरें पढ़ते हैं।

"और अगर आने वाले उपराष्ट्रपति का नाम मेरी कल्पना से ना मिले तो कहना। मेरी बात गांठ बांध लो...."
क्योंकि जो दिखता है, वो होता नहीं…
और जो होता है, वो "60 अंश के कोण" पर झुका हुआ होता है।

व्यंग्य तो समाप्त हो गया लेकिन सोचने का सिरा अभी बाकी है।
😏

22/07/2025

कानपुर।
कानपुर कमिश्नरेट में पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो कुल 161 पुलिसकर्मी ड्यूटी से गायब हैं, लेकिन अब पुलिस प्रशासन ने इस आंकड़े को खारिज करते हुए कहा है कि यह संख्या गलत है।

कमिश्नरेट के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि थानों, यातायात और पुलिस लाइन सहित सभी यूनिट्स को मिलाकर कुल 53 पुलिसकर्मी ही गैरहाजिर पाए गए हैं। इन सभी की अलग-अलग स्तर पर रिपोर्ट तलब की गई है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि सभी यूनिट प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने अधीनस्थ कर्मियों की हाजिरी की साप्ताहिक समीक्षा करें ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो। साथ ही गैरहाजिर रहने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है और तय समय पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है।

कानपुर पुलिस प्रशासन ने अफवाहों से बचने की अपील करते हुए कहा है कि किसी भी आंकड़े को आधिकारिक पुष्टि के बिना साझा न करें, जिससे जनमानस में भ्रम की स्थिति पैदा न हो।

22/07/2025

प्रतापगढ़। सावन के दूसरे सोमवार पर बाबा घुइसरनाथ धाम में जलाभिषेक के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पुलिस ने श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज कर दिया। यह घटना सोमवार तड़के लगभग 3 बजे की बताई जा रही है जब मंगल आरती के बाद मंदिर के कपाट खुले और भारी संख्या में भक्त जल चढ़ाने पहुंचे।

इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से बैरिकेडिंग टूट गई, जिसके बाद पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया। इसी बीच पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है

22/07/2025

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 27764 परिषदीय विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में मर्ज करने के फैसले के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को सलोरी टैक्सी स्टैंड से ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज तक मशाल जुलूस निकाला।

समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय सिंह सम्राट ने इस निर्णय को गरीब और ग्रामीण छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताया।

22/07/2025

प्रयागराज। एसओजी यमुनानगर जोन और थाना कौंधियारा पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर कैथा पुलिया के पास से दो गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए अभियुक्तों में जोगेन्द्र सिंह चौहान पुत्र गोरखनाथ निवासी खीरी और शारदा प्रसाद केसरवानी पुत्र राजकुमार निवासी थाना करछना प्रयागराज शामिल हैं।
इनके कब्जे से 13.55 किलोग्राम अवैध गांजा और तस्करी में प्रयुक्त हीरो पैशन प्रो बाइक (UP70 DQ 8860) बरामद की गई। दोनों की उम्र मात्र 20 और 19 वर्ष बताई जा रही है।

22/07/2025

#प्रतापगढ़ जनपद में दिनदहाड़े चली गोली सुल्तानपुर से जमीन की रजिस्ट्री कराने आए दो सगे भाइयों को लगी गोली चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

22/07/2025

"जब जाग उठा आस्था का अद्भुत स्वरूप..."

यह वीडियो छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का बताया जा रहा है। बताया ये जा रहा है कि सावन के दूसरे सोमवार की रात, आधी रात का समय, जब नींद गहरी होनी चाहिए थी तभी अचानक एक अफवाह ने पूरे इलाके की सांसें थाम दीं।

कहा गया नंदी, शिवलिंग और नाग देवता दूध पी रहे हैं।

सुनते ही लोग घरों से निकल पड़े। कौन देखेगा सपना, जब जागते हुए चमत्कार देखने को मिल रहा हो। मंदिर प्रांगण में हज़ारों लोग उमड़ पड़े। कोई दूध लाया, कोई आस्था, और कोई उम्मीद। सबने देखा दूध चढ़ाते ही वो अदृश्य ताकत जैसे उसे स्वीकार कर रही हो।

कोई इसे चमत्कार कहे, कोई विज्ञान से नापे लेकिन कल रात मंदिर में जो हुआ, उसने यह तो साबित कर दिया कि जब भक्ति जागती है, तो पत्थर भी संवाद करने लगते हैं।
विडियो सोशल मीडिया में #वायरल है।

22/07/2025

प्रयागराज घूरपुर थाना क्षेत्र में चोरी की घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने चोरों को गिरफ्तार किया है जिसमें चोरी के समान को भी बरामद किया गया

22/07/2025

प्रयागराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन के जन्मदिन पर प्रयागराज में केक काटकर खुशियां मनाएं

"सुबह तक एकदम फिट... शाम होते-होते 'फेयरवेल फिटनेस'!"लगता है 74 की उम्र अब रिटायरमेंट की 'अलिखित लक्ष्मण रेखा' बन गई है!...
21/07/2025

"सुबह तक एकदम फिट... शाम होते-होते 'फेयरवेल फिटनेस'!"

लगता है 74 की उम्र अब रिटायरमेंट की 'अलिखित लक्ष्मण रेखा' बन गई है!

े_लेख ✍️

राजनीति में अचानक लिए गए फैसले अक्सर संदेह पैदा करते हैं, लेकिन जब कोई नेता 74वां वर्ष में इस्तीफा थमा दे, तो शक थोड़ा गहरा हो जाता है। मामला सिर्फ उम्र का नहीं, ‘टाइमिंग’ का भी है।

जगदीप धनखड़ अभी 74 के हुए ही थे और राजनीति से जुड़े गलियारों में ये whispers तेज़ हो गईं कि कहीं कोई 'नया रोल', कोई 'नई जिम्मेदारी' (आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसी) तो नहीं तय हो चुकी? दिलचस्प बात ये है आज सदन में जेपी नड्डा जी ने ‘सभापति’ की तरह विपक्षी सदस्यों को समझा रहे थे। जबकि सदन में आसन पर आसीन थे सभापति जिन्होंने इस्तीफा दिया है।

अब लोग पूछने लगे हैं कि "क्या वास्तव में ये महज़ एक 'निजी फैसला' था या स्क्रिप्ट पहले ही तैयार थी?" कहीं ऐसा तो नहीं कि उपराष्ट्रपति के आसन पर कोई ‘नया वजन’ बिठाने की तैयारी हो रही है?

प्रयागराज के एक पुराने राजनीतिक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि
"74 की उम्र में लोग केदारनाथ दर्शन को निकलते हैं, इधर लोग राज्यसभा छोड़कर सत्ता की तीर्थ यात्रा पर बढ़ते दिख रहे हैं!"

खैर, दो महीने बाद क्या होगा । जब कुछ लोग पूरे 75 के हो जायेगे। ये वक्त बताएगा। लेकिन फिलहाल दिल्ली की हवा में कुछ बदला-बदला जरूर है।

Mohammad Laeeq

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