17/05/2025
शानदार फैसला 👍
इस तरह के दलालों के विरुद्ध आदेश और जांच बहुत आवश्यक है , क्योंकि ये लोग कानून का दुरुप्रयोग कर रहे है ।। अनुराग मिश्र - Anurag Mishra
बहुत से ऐसे SC/ST और DP एक्ट के मुकदमें झूठे होते है और सामने वाले का पूरा घर समाप्त हो जाता है ।
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राजधानी में एक वकील को फर्जी एससी/एसटी एक्ट के मुकदमा दर्ज कराना भारी पड़ गया. कोर्ट ने दोषी वकील लाखन सिंह के खिलाफ 10 साल 6 महीने की कैद और 2.51 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला लखनऊ की एससी/एसटी विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दिया है.।
तथ्यों के अनुसार अधिवक्ता लाखन सिंह ने अपने पेशे का दुरुपयोग करते हुए एससी/एसटी एक्ट में लगभग 20 झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं. इसमें कई लोग वर्षों तक कानूनी प्रक्रिया से होकर गुजरे हैं. कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सजा सुनाई ।
सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि लाखन का सुनील दुबे से जमीन का विवाद चल रहा था। लाखन ने 15 फरवरी 2014 को कोर्ट के जरिये सुनील दुबे और उसके अन्य साथियों के खिलाफ विकासनगर थाने में हत्या का प्रयास, जानमाल की धमकी, तोड़फोड़, गाली गलौज और एससी-एसटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करा दी। विवेचना के दौरान विवेचक को पता चला कि आरोपी सुनील दुबे और उसके साथी उस घटना में शामिल नहीं थे।
बार काउंसिल को भेजी गई आदेश की कॉपी: Follow me 1
-------------------------------------------- कोर्ट ने लाखन सिंह को धारा 182 के तहत 6 महीने का करावास व 1000 रुपये जुर्माना, धारा 193 के तहत 3 साल का कठोर कारावास व 50 हजार जुर्माना, धारा 211 के तहत 7 साल का कठोर कारावास व 2 लाख का जुर्माना की सजा सुनाई है. सभी सजा अलग-अलग चलेंगी. लिहाजा लाखन सिंह को कोर्ट ने 10 वर्ष 6 माह की सजा व 2.51 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने आदेश की एक कॉपी लखनऊ जिला अधिकारी व बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी भेजी है. ताकि अधिवक्ता के खिलाफ बार काउंसिल अपने स्तर से फैसला ले सकें । MEJA तहसील और विधानसभा
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