Poonam Tiwari Pandey

Poonam Tiwari Pandey जीवन का सार.....

14/09/2025

कहां गये हमारे संस्कार
आज की आधुनिकता ने
निगल हो जैसे
दौड़ रहें ना जाने
किसके पीछे हम
अच्छे थे हम
क्योंकि अच्छे संस्कार थे
थोड़े में ही हम
बांटना भी जानते थे
कैसा दिखावा
किसको दिखना
हम सब की मंजिल एक
आयें थे जहां से जाना है वहीं
फिर बीच में सब माया का है खेल
हम को बचना है इस मायाजाल
मेरा-मेरा कहकर
उम्र गंवा दी
कर्मों पर कभी ध्यान दिया ना
जाने की बेला जब आयीं
तो हाथ खाली थे संग ना कोई था
चलों देते हैं बच्चों को संस्कार
फिर वापस हम घर जाते हैं
जहां पर बड़ों का मान है होता
छोटे उनकी आज्ञा मानते....... ✍️ पूनम

14/09/2025

मैं हिन्दी हिन्दुस्तान की
सूर, कबीर, तुलसी, भारतेन्दु की
हर भाषा अपने में समायें
मुझे ना बैंर कभी किसी से
हर भाषा को सखी है माना
सदियों से बोली मैं जाती
मेरा साहित्य बहुत विशाल
जहाँ गयी मैं वहाँ बढ़ी
मैं हिन्दी हिन्दुस्तान की
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ .... पूनम

12/09/2025

कैसे लोगों से भरी हैं दुनिया
हमेशा खुद को ऊपर
रखने में लगे रहते हैं
बदलिए अपने आप को जनाब
खुश रहिए
और खुश रहने दीजिए

07/09/2025

कागज की कस्ती
दर्द का समंदर है।
पार हमको जाना है
डर का मंजर है
आँसुओं का रेला है
साथ तन्हाई है
काली घटा छायी हैं
चलते हमकों जाना है
मंजिल अपनी दूर है
राहें बड़ी बीहड़ है
फिर भी चलते जाना है
हौंसला बुलंद है
विश्वास की डोर है
मंजिल अपनी पानीं है
दूजी कोई राह नहीं....... ✍️पूनम

29/08/2025

हाय! ये उम्र का पड़ाव,
जहां सब जादू जैसा लगता है
जहां पर संस्कार अगर प्रबल ना हो,
तो संभलना ना मुमकिन है
अपनी धरोहर को अपने
बच्चों संस्कार के रूप में दीजिए
जिससे सही और ग़लत का फर्क
समझ सकें 🌞

29/08/2025

घर घर नहीं लगता
अजनबियों की बस्ती में
रहते हो जैसे
रिश्तें स्वार्थ की चासनी से डूबे हो तो उन रिश्तों का ना होना ही बेहतर है

29/08/2025

न जाने कितने
समंदर समाया
हुआ हैं आंखों में
जब भी होता है दर्द
हृदय की जलन को
कम करने के लिए
आंखों से आंसू
बह जाया करते हैं
नहीं आता
इन मासूमों को
दुनिया की तरह
बहाने बनाना
न जाने किसने इन्हें सीखा रखा
जलते हृदय को शान्त
करने का हुनर ।
इनके बहनें के बाद
हृदय शांत हो जाता है...... पूनम

29/08/2025

हमने कब कहा साहब हम अच्छे है पर बुरे भी नहीं है
हमेशा कोशिश की अच्छे बने रहने, पर लगता है लोगों को देवता चाहिए 😆

29/08/2025

आसमां बहुत बड़ा है साहब
हमें तो थोड़ा सा
अपने नाम चाहिए था
दम तो बहुत है पर अपनों सेंध लगा दी अब चाहत के नाम पर इंतजार ....

29/08/2025

बड़ी चालक हैं दुनिया साहब
लगता अंतिम समय में तिजोरी साथ लेकर ही जाएंगे 🤫

29/08/2025

बड़ी मासूमियत से
ख्वाब देखें थे
ज़माने ने चालाकी की
ऐसी हवा चलायीं
ना हम मासूम रहें
और ना हमारे ख्वाब रहें........पूनम

22/08/2025

समेट लिया है
खुद को हमनें
अपने आप में समेट लिया
बेपरवाह हो जीते हैं आज में
खुद को खुश रखते हैं
बेढ़गी दुनिया से हम
खुद को बचाकर रखते
खाली हाथ आयें थे
खाली हाथ जाएंगे
फिर किस बात की फ़िक्र करें
समेट लिया है .... पूनम

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