KUMBH Prayagraj 2025

KUMBH Prayagraj 2025 All about दिव्य कुंभ - भव्य कुंभ 2025 .An authentic information and visuals for welcoming guests.

27/02/2025

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महाकुंभ के महा रिकॉर्ड।
26/02/2025

महाकुंभ के महा रिकॉर्ड।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकारप्रेस विज्ञप्तिप्रकाशनार्थ19.02.2025*कलाग्राम में कथक नृत्यांगना तेजस्वनी साठे की मोहक प्रस...
19/02/2025

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
प्रेस विज्ञप्ति
प्रकाशनार्थ
19.02.2025
*कलाग्राम में कथक नृत्यांगना तेजस्वनी साठे की मोहक प्रस्तुति*
*अवध के फरवाही नृत्य पर दर्शकों को किया अभिभूत*
कलाग्राम में बुधवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में लोकनृत्य, संगीत और भक्ति की बयार से बही। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की सांस्कृतिक झलक एक ही छतरी के नीचे देखने को मिल रही है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कुंभ में हर राज्य के कलाओं की प्रस्तुति हो रही है। बुधवार की शाम प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना तेजस्वनी साठे के नाम रही। उन्होंने अपनी अद्वितीय प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तेजस्वनी साठे ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत शिव वंदना से की, जिसमें उनके भावपूर्ण हाव-भाव और उत्कृष्ट पद संचालन ने सभी का मन मोह लिया। इसके बाद उन्होंने तीनताल में लयकारी और बनारस घराने की पारंपरिक बंदिशों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण उनकी 'सृजन' नामक विशेष प्रस्तुति रही, जिसमें उन्होंने नृत्य के माध्यम से प्रकृति के विभिन्न तत्वों जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। पारंपरिक वेशभूषा धोती, कुर्ता, बनियान पहने मंजीरा, करताल व बांसुरी की धुन पर श्रीराम के गीतों पर अवध से आए विजय यादव एवं दल द्वारा फरवाही नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इस नृत्य में कलाकारों द्वारा लाठी, डण्डों पर चलकर कई करतब दिखाया जाता है।
अगली प्रस्तुति संगीतकार और गायिका विद्या शाह की रही उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की विभिन्न शैलियों को अपनी सुरीली आवाज़ और अनूठी संगीत संरचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया। विद्या शाह ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत एक भक्ति रचना से की, जिसमें उनके गहरे स्वर और भावनात्मक अभिव्यक्ति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद उन्होंने ठुमरी, दादरा शानदार प्रस्तुतियां दीं। इसके बाद कलाकारों द्वारा नागालैण्ड का मुगयान्ता नृत्य, त्रिपुरा का मोमिता नृत्य, अरुणांचल प्रदेश का रिखमपाड़ा नृत्य, सिक्किम का तमांग नृत्य, गुजरात का मेवासी नृत्य तथा असम का राराकेली नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को खूब आनंदित किया। मंच का संचालन डॉ. आभा मधुर ने किया।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकारप्रेस विज्ञप्तिप्रकाशनार्थ15.02.2025    *लोक गायिका मालिनी अवस्थी के लोकगीतों से गूंज उठी क...
15/02/2025

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
प्रेस विज्ञप्ति
प्रकाशनार्थ
15.02.2025
*लोक गायिका मालिनी अवस्थी के लोकगीतों से गूंज उठी कुंभ नगरी*
भारतवर्ष की माटी की सुगंध से लबरेज आंचलिक लोक नृत्यों की बहुरंगी प्रस्तुतियों, देशज लोकगीतों एवं सम्मोहक गायन के साथ पूरे भारत की सांस्कृतिक छटा को बिखरे कलाग्राम में आकर्षक वेशभूषा, कलाप्रेमियों का ध्यान खींचते सजे-धजे चेहरे और पैरों से बजती घुंघरुओं की छम-छम शनिवार को कलाग्राम के भव्य मंच पर इस अंदाज में विभिन्न राज्यों से आए कलाकार थिरके तो लोक कलाओं का संगम जैसे हिलोरें मारने लगा। दर्शक दीर्घा का पूरा माहौल ही खुशनुमा हो उठा। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कुंभ में लोकनृत्य, लोकगीत की जुगलबंदी पर दर्शक खूब थिरके। शनिवार को सांस्कृतिक संध्या मशहूर लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के नाम रही। मंच पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दर्शकों ने उनका स्वागत जोरदार किया। स्वागत से अभिभूत मालिनी अवस्थी ने मां गंगा को प्रणाम किया और अपने कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता तथा ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय से की। इसके बाद उन्होंने चिर-परिचित अंदाज में पहले श्रोताओं से खुद को जोडा उसके बाद मंच को सुरों से सजाना शुरू किया। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने एक के बाद एक कई गीतों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। उन्होंने मोरे अंगना भवानी आई रे चौंक पुराओं और माटी रंगाओ, 'राजा जनक के द्वारे भीड़' तथा 'होली खेले मसाने में... की प्रस्तुति से खूब वाहवाही पाई। वहीं, दर्शक दीर्घा में बैठे लोग ‘रेलिया बैरन पिया को लिए जाए’, अनादि देवी अम्बिके तुम्हे सतत प्रणाम है, नीमिया तले डोला रख दे मुसाफ़िर समेत एक के बाद एक गीतों पर श्रोता झूमते रहे।
विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने लोकनृत्यों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को अपनी संस्कृति से परिचय कराया। ओडिशा का घंटा और मृदंग नृत्य, तमिलनाडु का ओलियट्टम नृत्य, राजस्थान का कच्ची घोड़ी नृत्य, त्रिपुरा का मोगनृत्य तथा पंजाब का भांगड़ा की प्रस्तुति देकर दर्शकों से मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकारप्रकाशनार्थ09.02.2025  *'भोला बाबा बम भोला बाबा'... पर झूम उठी प्रयागनगरी, लोकनृत्यों ने बा...
09/02/2025

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
प्रकाशनार्थ
09.02.2025
*'भोला बाबा बम भोला बाबा'... पर झूम उठी प्रयागनगरी, लोकनृत्यों ने बांधा समां*
कलाग्राम का मंच प्रसिद्ध लोक गायिका राधा श्रीवास्तव की सुरीली आवाज से झंकृत होता रहा। रविवार की शाम गायन, वादन और नृत्य से त्रिवेणी प्रवाहमान हुई तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। मंच पर श्रोताओं ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। उन्होंने पहले गंगा मईया के चरणों में शीश नवाकर भजन दुनिया में देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना से सुनाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। इसके बाद राम जी से पूछे अवधपुर के नारी'' गीत से शुरूआत कर ''चटनिया हे सइयां सिलवट पे पीसीं'' सुनाकर माहौल में भोजपुरी तड़का लगाया। उनके सुरों की सरिता में देर रात तक श्रोता गोते लगाते रहे। इसके बाद भोला बाबा बम भोला बाबा'., दुश्मन मिले सवेरे लेकिन मतलबी यार ना मिले ,तोहरो बलम कप्तान हो सखी हमरो किसान बा, ,जगतिया में कोई नहीं अपना , बोले अंग्रेजी में सजनवा तथा अइसन मनोहर मंगल मूरत की प्रस्तुति पर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम की शुरुआत पश्चिम बंगाल से आए महेश दास ने बाउल गायन से की। इसके बाद उड़ीस से आए बलराम रेड्डी एवं दल द्वारा सांस पर नियंत्रण रखते हुए विभिन्न ढोल और अन्य वाद्य यंत्रों की अनोखी लय शंख वादन में दिखी। इसके बाद शिव एवं साथी कलाकारों द्वारा ढाक, नगाड़ा तथा शहनाई की धुन पर रंग बिरंगे परिधानों में पाईका नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों में वीर रस का संचार किया। हरियाणा से आए मनोज झाले द्वारा ढोल, मंजीरे और खंजरी की थाप पर प्रस्तुत फाग नृत्य पर दर्शके झूमते नजर आए। प्रेम प्रकाश मेघावल एवं दल द्वारा सिर पर 6 चरी रखकर भवई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा धर काटले द्वारा तेलंगाना का खुम्भकोया नृत्य, पानेराजन और साथी कलाकारों द्वारा तमिलनाडु का कावड़ी कड़गम नृत्य, कुलदीप गुलेरिया द्वारा हिमाचल प्रदेश का लुड्डी नृत्य, सीमा साईका एवं दल् द्वारा असम का जेंग बिहू नृत्य तथा उड़ीस के कलाकारों द्वारा गुबकुडू लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई, जबकि श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकारप्रकाशनार्थ07.02.2025   *“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम नारायणं पर बही भक्ति की बयार”**कल...
07/02/2025

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
प्रकाशनार्थ
07.02.2025

*“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम नारायणं पर बही भक्ति की बयार”*
*कलाग्राम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जमकर डुबकी लगा रहे हैं श्रद्धालु*

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सेक्टर 7 में स्थित कलाग्राम में महाकुंभ 2025 के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रख्यात गायिका डॉ. सष्मिता झा की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भव्य मंच पर उन्होंने अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुष्मिता झा ने अपने प्रसिद्ध गीतों के साथ-साथ भक्ति संगीत प्रस्तुत किए, जिससे महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण में संगीत की एक नई छटा बिखरी। उनके भजनों ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया और उन्हें एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। उन्होंने गणपति स्त्रोत “अजम निर्विकल्पम, “हे जग पालक हे लक्ष्मी पति”, “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम... “जेहन किशोरी मोरी तेहने किशोर है” तथा “शिव हो उतरब पर कओन विधि” की प्रस्तुति देकर पूरे दर्शक दीर्घा को शिवमय कर दिया। कलाग्राम में आस्था और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि को प्रदर्शित कर रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ से आए दुष्यंत द्विवेदी ने पंडवानी गायन की प्रस्तुती से की। उनके द्वारा महाभारत के प्रसंगों के साथ श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद व द्रौपदी विवाह जैसे कई प्रसंगों को पांडवानी गायन के माध्यम से दर्शकों ह्रदय में उतारा। इसके बाद मध्य प्रदेश से आए अभिलाष चौबे एवं दल द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को ढोलक की थाप पर झूमाया। महाराष्ट्र से आए शेखर निरंजन भाकरे एवं दल द्वारा सोंगी भारुड नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। जम्मू कश्मीर से आई रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उत्तराखंड से आए जितेन्द्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने मां पार्वती द्वारा शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाने वाला नृत्य भड़िया चोफुला की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके बाद दुर्गा देवी और साथी कलाकारों द्वारा राजस्थान का प्रसिद्ध लोकनृत्य तेराताली की प्रस्तुति दी गई। पद्मश्री द्रोणा द्वारा असम का देवधानी नृत्य, पिली मेंटराजू द्वारा आंध्र प्रदेश का गरागालु नृत्य की प्रस्तुति दी। श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव-विभोर किया। जबकि झूंसी सांस्कृतिक मंच पर मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में लोकनाट्य बहरुपिया का मंचन किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक तथा केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिस गिरि सहित केंद्र के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

*संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार**प्रकाशनार्थ**06.02.2025* *महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, भारतीय संस्कृति की ...
06/02/2025

*संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार*
*प्रकाशनार्थ*
*06.02.2025*
*महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, भारतीय संस्कृति की झलक से अभिभूत हुए श्रद्धालु*
महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी भव्य प्रस्तुति देखने को मिल रही है। देशभर से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे लोकनृत्य, संगीत और लोक कला के कार्यक्रमों से श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। आध्यात्म, कला और संस्कृति के मेले में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कुंभ के दौरान गुरुवार से लोकनृत्यों की मनोरम प्रस्तुतियों से कलाग्राम फिर से गुलजार हो उठा। विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने भव्य मंच पर अपनी भावभंगिमाओं से दर्शक दीर्घा तक प्रभाव जमाया।
कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ से आए दुष्यंत द्विवेदी ने पंडवानी गायन की प्रस्तुती से की। उनके द्वारा महाभारत के प्रसंगों के साथ श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद व द्रौपदी विवाह की सुमधुर प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। परंपरागत वेशभूषा में कलाकारों ने जैसे ही वाद्ययंत्रों की धुन पर दोहों का गायन करते हुए महाभारत कथा कहनी शुरू कि तभी दर्शकों की तालियां शुरू हो गईं। महाभारत के कई प्रसंगों के साथ स्वयंवर के समय धनुषधारी अर्जुन द्वारा ऊपर छत पर गोलकार घूमती हुई मछली को बेधकर जीत हासिल करने के प्रसंग का वर्णन किया गया। इसके बाद ढोलक, चिमटी, बांसुरी, रमतूला लोक वाद्ययंत्रों पर धोती, कुर्ता, साफा के परिधानों में नैना वंद लागे कईयो चोली वंद लागे कहियो पीपर को पत्ता डुलत नैया गीत पर मध्य प्रदेश से आए अभिलाष चौबे एवं दल द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को खूब आनंदित किया। इसके बाद महाराष्ट्र से आए शेखर निरंजन भाकरे एवं दल द्वारा सोंगी भारुड नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। जम्मू कश्मीर से आई रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उत्तराखंड से आए जितेन्द्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने फसल कटाई के मौके पर किया जाने वाला नृत्य चांचरी की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके बाद दुर्गा देवी और साथी कलाकारों द्वारा राजस्थान का प्रसिद्ध लोकनृत्य तेराताली की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद पद्मश्री द्रोणा द्वारा असम का देवधानी नृत्य, पिली मेंटराजू द्वारा आंध्र प्रदेश का गरागालु नृत्य की प्रस्तुति दी।
*श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका ने दर्शकों का मोहा मन*-
श्रीराम भारतीय कला केंद्र ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका का भव्य मंचन किया, जिसमें भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति की अद्भुत झलक देखने को मिली। इस नृत्य नाटिका में भगवान राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को नृत्य और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। मंच पर त्रेता युग का जीवंत चित्रण हुआ, जिसमें राम-सीता विवाह, वनवास, सीता हरण, हनुमान की लंका यात्रा और रावण वध जैसे महत्वपूर्ण दृश्यों को अत्यंत प्रभावी ढंग से दिखाया गया। कलाकारों के सजीव अभिनय और नृत्य कौशल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही झूंसी सांस्कृतिक मंच पर आलोक कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में हनुमान और रावण के संवाद पर आधारित नाटक का मंचन किया गया।

*आस्था की डुबकी लगाकर पीएम मोदी ने दिया एकता का संदेश* *महाकुम्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी श्रद्धा के साथ कि...
05/02/2025

*आस्था की डुबकी लगाकर पीएम मोदी ने दिया एकता का संदेश*

*महाकुम्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी श्रद्धा के साथ किया त्रिवेणी संगम में स्नान*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता का संदेश दिया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया। पावन डुबकी लगाने से पहले प्रधानमंत्री ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान वह रुद्राक्ष की माला का जप करते भी नजर आए। मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए उन्होंने पावन डुबकी लगाई। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने गंगा पूजन और आरती भी की। इससे पूर्व प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत पू्जा अर्चना की। संगम में उतरने से पहले पीएम ने सबसे पहले आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर सूर्य को अर्घ्य दिया और तर्पण भी किया। संगम स्नान के बाद उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजन अर्चन भी किया। काले कुर्ते और भगवा पटके व हिमांचली टोपी पहने पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी में अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। इसके बाद उन्होंने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी। वहा मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उनका टीका लगाकर अभिनंदन किया। पूजन अर्चन के बाद पीएम मोदी, मुख्यमंत्री के साथ उसी बोट पर बैठकर वापस हैलीपैड की ओर रवाना हो गए।

The ‘Amrit Snan’ of Maha Kumbh 2025 took place on Basant Panchami, drawing hundreds of thousands of devotees to the sacr...
03/02/2025

The ‘Amrit Snan’ of Maha Kumbh 2025 took place on Basant Panchami, drawing hundreds of thousands of devotees to the sacred Triveni Sangam for a holy dip. Pilgrims were welcomed with showers of flower petals, adding to the divine atmosphere of this auspicious occasion.

Sadhus Lead the Way!
Ash-smeared Naga Sadhus from various akharas began their ceremonial journey to Triveni Sangam at dawn, followed by a massive influx of devotees. By 4 am, 16.58 lakh devotees had taken the holy dip, bringing the total to 34.97 crore participants since January 13. This included 10 lakh Kalpvasis and 6.58 lakh pilgrims.

Each akhara was allotted a 40-minute window for rituals, with the first procession completing the sacred bath by 8:30 am. The Udaseen sect performed the last ‘Amrit Snan,’ marking the culmination of the ceremonial bathing process. Over 1 million Kalpvasis, observing month-long spiritual asceticism, contributed to the deep sense of devotion on this special day.

Basant Panchami, believed to be the birth anniversary of Maa Saraswati, holds immense spiritual significance. Taking a dip in Maa Ganga on this day is said to bestow blessings of wisdom and purity. Devotees from all walks of life, including pilgrims, saints, Naga Sadhus, and even police personnel, offered prayers and participated in the sacred rituals, contributing to the spiritual fervour and inclusivity of the ‘Amrit Snan.’

#बसंतोत्सव_महाकुम्भ

"सर्वे भवन्तु सुखिन:" और "वसुधैव कुटुंबकम्" जैसे दिव्य उद्दाप्त भावों की उद्घोषक भारत की कालजयी-मृत्युजयी सनातन वैदिक सं...
03/02/2025

"सर्वे भवन्तु सुखिन:" और "वसुधैव कुटुंबकम्" जैसे दिव्य उद्दाप्त भावों की उद्घोषक भारत की कालजयी-मृत्युजयी सनातन वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिक प्रतिमानों की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति महाकुम्भ 2025 प्रयागराज के अंतर्गत आज वसंत पंचमी के अवसर पर लोक-मंगल की कामना से जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामीअवधेशानन्द गिरि जी महाराज "पूज्य प्रभुश्री जी" के नेतृत्व में लाखों यातियों, नागा साधुओं-संन्यासियों और साधकों ने "तृतीय अमृत-स्नान" किया।

इस अवसर पर "पूज्य प्रभुश्री जी" ने
भारत की सांस्कृतिक - आध्यात्मिक संवेदनाओं की अभिरक्षा और सकुशल "अमृत-स्नान" को सम्पन्न कराने में अप्रतिम योगदान देने वाले भारतीय संस्कृति के ज्योतिर्धर उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य श्री योगी आदित्यनाथ जी का धन्यवाद ज्ञापित किया और महाकुम्भ के "तृतीय अमृत स्नान" में
शासन-प्रशासन के सहयोग, अनथक श्रम, और श्रेष्ठ प्रबन्धन की सराहना की।

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माँ गंगा के अमृतमयी जल में डुबकी लगाते संन्यासियों और श्रद्धालुओं पर हुई पुष्प वर्षा। आध्यात्मिकता और आस्था में डूबे श्र...
03/02/2025

माँ गंगा के अमृतमयी जल में डुबकी लगाते संन्यासियों और श्रद्धालुओं पर हुई पुष्प वर्षा। आध्यात्मिकता और आस्था में डूबे श्रद्धालुओं के लिये अविस्मरणीय हैं यह पल।

#बसंतोत्सव_महाकुम्भ

03/02/2025

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Allahabad

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