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सुपर कंप्यूटर जिस काम को सालों में करता था, Google की इस चिप ने 5 मिनट में कर दिखायाGoogle का कहना है कि इस नई चिप से Qu...
10/12/2024

सुपर कंप्यूटर जिस काम को सालों में करता था, Google की इस चिप ने 5 मिनट में कर दिखाया
Google का कहना है कि इस नई चिप से Quantum Computing के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी. इस चिप को Willow नाम दिया गया है.
9 दिसंबर को गूगल ने अपनी नई चिप ‘Google Willow’ को लॉन्च कर दिया है. गूगल की ये चिप Quantum Computers के क्षेत्र में नई क्रांति का जरिया बनेगी. गूगल के मुताबिक ये एक नेक्स्ट जेनरेशन चिप है जो सुपर कंप्यूटर से भी कई गुना तेज़ है. इस चिप को गूगल के कैलिफोर्निया स्थित Santa Barbara की क्वांटम लैब में बनाया गया है. इस क्वांटम कंप्यूटर की मदद से एक बहुत ही जटिल मैथमैटिकल प्रॉब्लम को मात्र 5 मिनट में हल किया गया है. अगर नॉर्मल कंप्यूटर से इस प्रॉब्लम को सॉल्व किया जाता तो इसमें लाखों साल का समय लग जाता.
गूगल के मुताबिक इस नई चिप में 105 क्यूबिट्स हैं. क्यूबिट को ऐसे समझिए कि ये क्वांटम कंप्यूटिंग की तकनीक में सबसे बेसिक इकाई होती है. क्यूबिट आम कंप्यूटर्स में लगे बिट से तेज़ काम करते हैं. पर इसी कारण बड़े कैलकुलेशन के समय इनमें गलती की गुंजाइश भी ज़्यादा होती है.

गूगल का कहना है कि विलो चिप की परफॉरमेंस ज़बरदस्त है. इसने एक टास्क को मात्र 5 मिनट में पूरा कर दिया. अगर आम कंप्यूटर होता तो उसे इस टास्क को पूरा करने में 10 Septillion साल लगते. यानी इस ब्रह्माण्ड की जितनी उम्र है, उससे भी ज़्यादा. इस परिणाम के आधार पर कहा जा रहा है कि क्वांटम कंप्यूटर्स कई ऐसी चीज़ों का पता लगा सकते हैं, जो अभी नामुमकिन सा लगता है. इसमें सबसे ऊपर David Deutsch की मल्टीवर्स थ्योरी है जिसे Parallel Universe भी कहा जाता है.

इस मौके पर गूगल और अलफाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्वीट कर जानकारी दी. इस ट्वीट पर स्पेस एक्स और टेस्ला के एलन मस्क ने रिप्लाई किया.
सुंदर पिचाई ने एक्स पर लिखा
"गूगल की नई पेशकश 'विलो', हमारा नया स्टेट ऑफ द आर्ट क्वांटम कंप्यूटिंग चिप. इस चिप में एरर की संभावना और कम होगी क्योंकि हम लगातार क्यूबिट्स को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. एक टेस्ट में विलो ने एक प्रॉब्लम को 5 मिनट से भी कम में सॉल्व कर दिया है. आम कंप्यूटर को इसमें इतना समय लगता जितनी इस ब्रह्माण्ड की उम्र भी नहीं है."
इस बात पर एलन मस्क ने जवाब में लिखा

“वाउ”

इसके बाद गूगल चीफ ने लिखा,

"उम्मीद है कि हम स्पेस एक्स के स्टारशिप के साथ किसी दिन क्वांटम क्लस्टर होते हुए देखेंगे"

जैसे-जैसे क्वांटम चिप्स में क्यूबिट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी, वैसे-वैसे इसमें एरर की संभावना और कम होती जाएगी. फिलहाल क्वांटम कंप्यूटर्स का इस्तेमाल सिर्फ कॉम्प्लेक्स कामों में किया जाता है. गूगल के अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में इसका कमर्शियल इस्तेमाल भी किया जा सकेगा.

मंडे टेस्ट में 'पुष्पा 2' ने वो कर दिखाया, जो आज तक कोई फिल्म नहीं कर सकी!Pushpa 2 की कमाई में सोमवार को 54% की गिरावट आ...
10/12/2024

मंडे टेस्ट में 'पुष्पा 2' ने वो कर दिखाया, जो आज तक कोई फिल्म नहीं कर सकी!
Pushpa 2 की कमाई में सोमवार को 54% की गिरावट आई. उसके बावजूद फिल्म ने तगड़ी कमाई कर ली है.
रिलीज़ के बाद से ही Allu Arjun की फिल्म Pushpa 2 The Rule ने धुआं उठा रखा था. फिल्म ने पहले दिन देशभर से 164 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. उसके बाद वीकेंड तक फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर हल्ला काटे रखा. मगर हर फिल्म का सबसे अहम टेस्ट होता है पहले मंडे को. Prabhas की Adipurush भी बड़े नंबरों के साथ खुली थी. लेकिन पहले सोमवार को मुंह के बल गिरी. अगर फिल्म पहला सोमवार आराम से पार कर गई तो ये मेकर्स के लिए गुड न्यूज़ ही होती है. ‘पुष्पा 2’ ने भी अपने मेकर्स को अच्छी खबर ही सुनाई है. ट्रेड वेबसाइट Sacnilk में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म ने 09 दिसम्बर यानी सोमवार को करीब 64 करोड़ रुपये कमाए हैं. इस कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा हिंदी पट्टी से आया है. फिल्म ने पिछले दिन की कमाई से 54% का ड्रॉप देखा मगर फिर भी इसने अच्छा नंबर दर्ज किया.
ट्रेड ऐनलिस्ट मनोबाला विजयबालन ने बताया कि ‘पुष्पा 2’ ने पहले सोमवार को दुनियाभर से 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कमाई की है. फिल्म का अब तक तक कलेक्शन आप नीचे देख सकते हैं:

तेलुगु – 211.7 करोड़
हिंदी - 331.7 करोड़
तमिल - 34.45 करोड़
कन्नड़ा - 4.05 करोड़
मलयालम - 11.2 करोड़

टोटल - 593.1 करोड़

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना अल्लू अर्जुन के गढ़ हैं. वहां मेकर्स ने टिकट की कीमत भी बढ़ाई थी. बाकायदा सरकार से मांग की थी कि पहले 13 दिनों तक टिकट को महंगी कीमतों पर बेच जाए, जिसे दोनों राज्यों की सरकारों ने मान भी लिया था. तेलुगु भाषी राज्यों में इतना करने के बाद भी फिल्म की सबसे ज़्यादा कमाई हिंदी बेल्ट से हो रही है. मेकर्स को कहीं-न-कहीं इस बात का अंदेशा भी था. यही वजह है कि ‘पुष्पा 2’ के ट्रेलर को पटना में लॉन्च किया गया था. फिल्म ने शुरुआती चार दिनों में ही 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है. अगर ये इसी स्पीड से चलती रही, तो जल्द ही 1000 करोड़ क्लब में एंट्री कर लेगी.

बाकी ये सीरीज़ सिर्फ ‘पुष्पा 2’ पर खत्म नहीं होने वाली. मेकर्स ने फिल्म के अंत में ‘पुष्पा 3 द रैम्पेज’ को भी टीज़ किया था. बताया जा रहा है कि विजय देवरकोंडा इस फिल्म के विलेन होंगे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ‘पुष्पा 3’ में पुष्पाराज के पूरे परिवार की मौत हो जाएगी, और सिर्फ पुष्पा बचेगा. वो किसी भी तरह अपना बदला लेने के लिए लौटेगा. ये कहानी सिर्फ रिपोर्ट्स में चल रही है, बाकी पूरी तस्वीर फिल्म आने पर ही साफ होगी. बता दें कि ‘पुष्पा 3’ पर 2028 या 2029 में काम शुरू होगा. इसकी वजह ये है कि अल्लू अर्जुन इस किरदार से ब्रेक लेना चाहते हैं और अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देंगे. दूसरी ओर डायरेक्टर सुकुमार भी अपनी राम चरण वाली फिल्म पर काम करेंगे.

बच्चे की मौत हुई तो गिरोह ने 110 बुजुर्गों को मौत के घाट उतार दिया, काले-जादू का शक थाहैती के एक गिरोह ने जादू-टोने के श...
10/12/2024

बच्चे की मौत हुई तो गिरोह ने 110 बुजुर्गों को मौत के घाट उतार दिया, काले-जादू का शक था
हैती के एक गिरोह ने जादू-टोने के शक में बुजुर्गों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी नेशनल ह्यूमन राइट डिफेंस नेटवर्क (RNDDH) ने रविवार, 8 दिसंबर को दी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस नरसंहार के लिए ‘व्हार्फ जेरेमी’ नाम का गिरोह जिम्मेदार था.
कैरेबियन द्वीप समूह के देश हैती (Haiti) में 100 से ज्यादा बुजुर्गों के नरसंहार का मामला सामने आया है. जहां एक गिरोह ने जादू-टोने के शक में बुजुर्गों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी नेशनल ह्यूमन राइट डिफेंस नेटवर्क (RNDDH) ने रविवार, 8 दिसंबर को दी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस नरसंहार के लिए ‘व्हार्फ जेरेमी’ (Wharf Jeremie) नाम का गिरोह जिम्मेदार था, जिसके नेता फेलिक्स ने गिरोह के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया.
Al-jazeera की रिपोर्ट के मुताबिक, RNDDH ने बताया कि गिरोह के नेता मोनेल "मिकानो" फेलिक्स (Monel Mikano Felix) ने अपने बच्चे के बीमार होने पर एक वूडू प्रीस्ट यानी पादरी से सलाह मांगी. पादरी ने आरोप लगाया कि इलाके के बुजुर्ग जादू-टोना के जरिए बच्चों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके बाद शनिवार दोपहर फेलिक्स के बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद उसने बदला लेने के लिए अपने गिरोह के सदस्यों को बुजुर्गों की हत्या का आदेश दे दिया. गिरोह के सदस्यों ने शुक्रवार को कम से कम 60 लोगों और शनिवार को 50 लोगों को चाकू और छुरों से मार डाला.

ये बुजुर्ग हैती के सिटे सोलेइल स्लम में रहते थे. जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा थी. हैती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के बंदरगाह के पास घनी आबादी वाली बस्ती साइट सोलेइल, हैती के सबसे गरीब और सबसे हिंसक इलाकों में से एक है. मोबाइल फोन के उपयोग पर बैन समेत कई कारणों की वजह से बुजुर्गों के नरसंहार के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं मिली.
Source ; https://www.thelallantop.com/news/post/haiti-massacre-child-died-the-gang-killed-110-elderly-people-suspicion-of-black-magic

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में 9 दिसंबर को 19 साल की एक लड़की ने अपना बयान दर्ज कराया. जिसमें उसने कहा कि वो अ...
10/12/2024

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में 9 दिसंबर को 19 साल की एक लड़की ने अपना बयान दर्ज कराया. जिसमें उसने कहा कि वो अपने माता-पिता के साथ नहीं, बल्कि अपने साथी के साथ रहना चाहती है. हालांकि लड़के की उम्र 21 साल नहीं हुई है, इसलिए कोर्ट की तरफ से लड़की को समझाने की कोशिश की गई. हालांकि लड़की की तरफ से कहा गया कि वो अपने 20 साल के बॉयफ्रेंड के साथ रहा लेगी. जब वो 21 साल (शादी की कानूनी उम्र) का हो जाएगा, तब दोनों शादी की तरफ कदम बढ़ाएंगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की 19 साल की है. जबकि वो जिस लड़के के साथ रहना चाहती है, वो 20 साल का है. दोनों के धर्म भी अलग हैं. लड़की के पिता ने इसके खिलाफ पुलिस में एक कंप्लेंट फाइल की थी. जिसके बाद लड़की को थाने बुलाया गया था. लड़की ने अपने माता-पिता के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने लड़की को मुंबई के चेंबूर स्थित एक शेल्टर होम में भेज दिया था.
पुलिस की तरफ से लड़की को शेल्टर होम भेजे जाने के बाद लड़के की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें लड़की को शेल्टर होम से रिहा किए जाने की मांग की गई. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता और लड़की दोनों व्यस्क हैं और अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं. साथ ही, यह भी कहा गया है कि लड़की अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता के पास रहने आई है.
इस मामले पर पर 9 दिसंबर को जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की पीठ ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान लड़की को भी कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की पीठ के सामने लड़की ने अपना बयान दर्ज कराया. जिसमें कहा गया कि वो अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि अपने साथी के साथ रहना चाहती है, भले ही लड़के की उम्र महज 20 साल है और वो कानूनी रूप से उससे शादी करने की स्थिति में नहीं है.

लड़की ने कहा कि वो अपने साथी के 21 वर्ष होने तक इंतजार करेगी. भारत में लड़कों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है. लड़की ने कोर्ट को ये भी बताया कि वो 19 वर्ष से थोड़ी अधिक उम्र की है और उसने ब्यूटीशियन का कोर्स किया है. लड़की ने कहा कि उसने अभी तक याचिकाकर्ता से शादी नहीं की है, लेकिन भविष्य में उससे शादी करेगी. लड़की ने ये भी बताया कि जब तक याचिकाकर्ता विवाह योग्य नहीं हो जाता, तब तक उसे उसके साथ रहने में कोई समस्या नहीं है.

10/12/2024

बजरंग दल के प्रोटेस्ट के बीच सिंगर दिलजीत दोसांझ का कड़ा मैसेज, बोले- 'किसी के बाप का...'
Diljit Dosanjh ने 8 दिसंबर को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए कॉन्सर्ट में बजरंग दल को इशारे-इशारे में कड़ा जवाब दिया. बजरंग दल की तरफ से दिलजीत के कॉन्सर्ट को कैंसिल करने की मांग की गई थी.
दरअसल, बजरंग दल की तरफ से 8 दिसंबर को इंदौर में हुए दिलजीत के कॉन्सर्ट को कैंसिल करने की मांग की गई थी. बजरंग दल ने इंदौर पुलिस से शिकायत की थी कि दिलजीत के कॉन्सर्ट में शराब के स्टॉल्स लगे होते हैं और साथ ही ड्रग्स का सेवन भी होता है. हालांकि, 8 दिसंबर को इंदौर में दिलजीत का कॉन्सर्ट हुआ. इस दौरान उन्होंने मशहूर शायर राहत इंदौरी का एक शेर पढ़ा,

“अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो, जान थोड़ी है. ये सब दुआ है, आसमां थोड़ी है. सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है.”

पटपड़गंज विधानसभा से इलेक्शन लड़ेंगे अवध ओझा सर
10/12/2024

पटपड़गंज विधानसभा से इलेक्शन लड़ेंगे अवध ओझा सर

09/12/2024

Ojha sir motivation sir motivational status
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09/12/2024

Balmukund Acharya पर Tikaram Jully ने साधा निशाना | Rajasthan Vidhansabha | Congress vs BJP

08/12/2024

अजमेर दरगाह विवाद को लेकरइमरान प्रतापगढ़ी तथा अखिलेश यादव , चंद्रशेखर जी का क्या कहना है




हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती 52 वर्ष की आयु में लगभग 587 A.U.D./1190 A.D. में अजमेर पहुंचे।अजमेर (Ajmer) भारत के राजस्...
29/11/2024

हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती 52 वर्ष की आयु में लगभग 587 A.U.D./1190 A.D. में अजमेर पहुंचे।

अजमेर (Ajmer) भारत के राजस्थान राज्य का एक प्रमुख व ऐतिहासिक नगर है। यह अजमेर ज़िले का मुख्यालय भी है। अजमेर अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है। यह नगर सातवीं शताब्दी में अजयराज सिंह नामक एक चौहान राजा द्वारा बसाया गया था। इस नगर का मूल नाम 'अजयमेरु' था। सन् 1365 में मेवाड़ के शासक, 1556 में अकबर और 1770 से 1880 तक मेवाड़ तथा मारवाड़ के अनेक शासकों द्वारा शासित होकर अंत में 1881 में यह अंग्रेजों के आधिपत्य में चला गया।
जमेर को मूल रूप से अजयमेरु के नाम से जाना जाता था। इस शहर की स्थापना ११वीं सदी के चहमण राजा अजयदेव ने की थी। इतिहासकार दशरथ शर्मा ने नोट किया कि शहर के नाम का सबसे पहला उल्लेख पल्हा की पट्टावली में मिलता है, जिसे 1113 ई. (1170 विक्रमी संवत्) में धारा में कॉपी किया गया था। इससे पता चलता है कि अजमेर की स्थापना 1113 ई. से कुछ समय पहले हुई थी। विग्रहराज चतुर्थ द्वारा जारी एक प्रशस्ति (स्तुति संबंधी शिलालेख), और अढाई दिन का झोपड़ा में पाया गया, कि अजयदेव (अर्थात् अजयराज द्वितीय) ने अपना निवास अजमेर स्थानांतरित कर दिया।[3]

एक बाद के पाठ प्रबंध-कोश में कहा गया है कि यह 8 वीं शताब्दी के राजा अजयराज प्रथम थे जिन्होंने अजयमेरु किले को बसाया था, जिसे बाद में अजमेर के तारागढ़ किले के रूप में जाना जाने लगा। इतिहासकार आर.बी. सिंह के अनुसार, यह दावा सत्य प्रतीत होता है, क्योंकि 8वीं शताब्दी B.C. के शिलालेख अजमेर में पाए गए हैं। सिंह का मानना है कि अजयराज द्वितीय ने बाद में नगर क्षेत्र का विस्तार किया, महलों का निर्माण किया, और चाहमना राजधानी को [शाकंभरी] से अजमेर में स्थानांतरित कर दिया।[4]

1193 इस्वी में, अजमेर को दिल्ली सल्तनत के मामलुक्स द्वारा कब्जा कर लिया गया था, और बाद में श्रद्धांजलि की शर्त के तहत राजपूत शासकों को वापस कर दिया गया था। 1556 में, मुगल सम्राट अकबर द्वारा विजय प्राप्त करने के बाद अजमेर मुगल साम्राज्य के अधीन आ गया। इसे उसी नाम वाले अजमेर सूबा की राजधानी बनाया गया था। मुगलों के अधीन शहर को विशेष लाभ हुआ, जिन्होंने मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की यात्रा करने के लिए शहर में लगातार तीर्थयात्रा की। राजपूत शासकों के खिलाफ अभियानों के लिए शहर को एक सैन्य अड्डे के रूप में भी इस्तेमाल किया गया था, और कई अवसरों पर एक अभियान के सफल होने पर उत्सव का स्थल बन गया। मुगल सम्राटों और उनके रईसों ने शहर को उदार दान दिया, और इसे अकबर के महल और आना सागर के साथ मंडप जैसे निर्माण के साथ संपन्न किया। उनकी सबसे प्रमुख निर्माण गतिविधियाँ दरगाह और उसके आसपास थीं। शाहजहाँ की संतान जहाँआरा बेगम और दारा शिकोह, दोनों का जन्म क्रमशः १६१४ और १६१५ में शहर में हुआ था।[5]

औरंगज़ेब के शासन के अंत के बाद शहर का मुगल संरक्षण समाप्त हो गया। १७७० में, मराठा साम्राज्य ने शहर पर विजय प्राप्त की, और १८१८ में, अंग्रेजों ने शहर पर अधिकार प्राप्त कर लिया। औपनिवेशिक युग के अजमेर ने अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत के मुख्यालय के रूप में कार्य किया और एक केंद्रीय जेल, एक बड़ा जनरल था। गजेटियर, 1908 के अनुसार अस्पताल, और दो छोटे अस्पताल। यह एक देशी रेजिमेंट और एक रेलवे स्वयंसेवी कोर का मुख्यालय था। 1900 के दशक से, यूनाइटेड फ्री चर्च ऑफ स्कॉटलैंड, चर्च ऑफ इंग्लैंड, रोमन कैथोलिक और अमेरिकन एपिस्कोपल मेथोडिस्ट्स के यहां मिशन प्रतिष्ठान हैं। उस समय शहर में बारह प्रिंटिंग प्रेस थे, जहाँ से आठ साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित होते थे।[6]

आजादी के समय अजमेर अपने स्वयं के विधायिका के साथ एक अलग राज्य के रूप में जारी रहा जब तक कि तत्कालीन राजपुताना प्रांत के साथ विलय नहीं हुआ जिसे राजस्थान कहा जाता था। अजमेर राज्य के विधानमंडल को उस भवन में रखा गया था जिसमें अब टी. टी. कॉलेज है। इसमें 30 विधायक थे, और हरिभाऊ उपाध्याय तत्कालीन राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे, भगीरथ चौधरी पहले विधानसभा अध्यक्ष थे। 1956 में, फाजिल अली के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद, अजमेर को राजस्थान में विलय कर जयपुर जिले के किशनगढ़ उप-मंडल के साथ अजमेर जिला बनाया गया।

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