05/07/2025
दमदार न्यूज (बलजीत सिंह )
हरियाणा में भवन व अन्य सन्निर्माण के कार्य से जुडे श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के संचालन में करोडों रूपए का घोटाला उजागर, पंजीकृत श्रमिकों की कार्य रसीद की होगी जांच- श्रम मंत्री श्री अनिल विज
इस सत्यापन के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों को लिखित निर्देश, उपायुक्त श्रमिक कार्य रसीद की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगें - अनिल विज
प्रत्येक जिले में गठित समिति में श्रम विभाग का प्रतिनिधि व दो अन्य राजपत्रित नामित स्वतंत्र सदस्य होगें- विज
यह समिति राज्य के प्रत्येक गांव/शहर मे भौतिक सत्यापन (वैरिफिकेशन) करके पंजीकरण प्रक्रिया व कार्य रसीद सत्यापन हेतु अपनाए गए मापदंडों को जांचने का कार्य करेगी- विज
ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट 03 माह में प्रस्तुत करेगी - विज
‘‘जो पात्र ही नहीं है वो पैसे का फायदा उठा रहे हैं और यह एक प्रकार से लूट है’’- विज
सरकार को कई सौ करोड रूपये की वित्तिय हानि होने की संभावना है- विज
‘‘लगता है कि किसी विशेष पार्टी के लोगों का फर्जी पंजीकरण, हकदार नहीं, सरकार को चूना लगाने का कार्य’’- विज
भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है- विज
हरियाणा के श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में भवन व अन्य सन्निर्माण के कार्य से जुडे श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के संचालन में अनियमितताओं/घोटाले को देखते हुए प्रदेश के प्रत्येक जिले में पंजीकृत श्रमिकों की कार्य रसीद का भौतिक सत्यापन (वैरिफिकेशन)/जांच की जाएगी। इस सत्यापन के लिए उनके द्वारा संबंधित जिलों के उपायुक्तों को लिखित निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में श्रमिक वर्क-स्लिप की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगें जिसमें श्रम विभाग का प्रतिनिधि व दो अन्य राजपत्रित नामित स्वतंत्र सदस्य होगें। उन्होंने कहा कि यह समिति राज्य के प्रत्येक गांव/शहर मे भौतिक सत्यापन (वैरिफिकेशन) करके पंजीकरण प्रक्रिया व कार्य रसीद सत्यापन हेतु अपनाए गए मापदंडों को जांचने का कार्य करेगी। ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट 03 माह में प्रस्तुत करेगी।
श्री विज ने यह जानकारी आज मीडिया कर्मियों द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण द्वारा संचालित योजनाओं में पाई गई अनियमित्ताओं को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दी।
‘‘जो पात्र ही नहीं है वो पैसे का फायदा उठा रहे हैं और यह एक प्रकार से लूट है’’- विज
उन्होंने कहा कि इन जिलों से रिपोर्ट आने पर मुझे लगता है कि यह कई सौ करोड रूपए का घोटाला चल रहा है क्योंकि जो पात्र ही नहीं है वो पैसे का फायदा उठा रहे हैं और यह एक प्रकार से लूट है। उन्हांेने कहा कि इस प्रकार की अनियमितताओं का मामला जब मेरे सम्मुख आया तो इस बारे में तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी द्वारा 6 जिलों (हिसार, कैथल, जीन्द, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी) की 03 मास (01 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान सत्यापित की गई कार्य रसीदों की जांच की गई जिसमें काफी अनियमितयाएं पाई गई और रिपोर्ट मुझे प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट को देखकर मैं हैरान हो गया। इन सभी जिलों में यही खेल चल रहा है। इसलिए इनके खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए है और महाधिवक्ता को भी इस बारे में लिखा गया कि दोषियों के खिलाफ क्रिमिनल प्रक्रिया को अपना कर कार्यवाही की जाए।
सरकार को कई सौ करोड़ रूपये की वित्तीय हानि होने की संभावना है- विज
इस सारे मामले के खेल को पकडने के संबंध में श्री विज ने बताया कि जब यह मामला मेरे सामने आया कि मजदूरों की 90 दिनों की कार्य रसीद का जो सत्यापन किया गया उसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 1196759 मजूदरों की कार्य रसीद का सत्यापन किया गया, जोकि संभव नहीं लग रहा था और इसमें ज्यादातर कार्य रसीद का सत्यापन फर्जी प्रतीत हो रहा था, जिसमें भ्रष्टाचार होने की सभावना बन रही थी। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान जिला हिसार के दौरान 145582 कार्य रसीद सत्यापित की गई, जिसमें एक कर्मचारी द्वारा अकेले 84741 आवेदनों को इन 3 मास में सत्यापित किया गया। इसी प्रकार, इस कर्मचारी द्वारा 2646 कार्य रसीद एक दिन में सत्यापित की गई है। ऐसे ही, फरीदाबाद के कर्मचारी द्वारा 2702 कार्य रसीदों का सत्यापन किया गया जिसमें से 1918 कार्य रसीद सोनीपत जिले से सम्बधित है। इस रिपोर्ट के अवलोकन से प्रतीत हुआ कि इनमें से ज्यादातर कार्य रसीद फर्जी श्रमिकों/कामगारों की बनाई गई है और ये सभी पंजीकृत कामगार विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रहे है, जिससे सरकार को कई सौ करोड रूपये की वित्तिय हानि होने की संभावना है।
‘‘लगता है कि किसी विशेष पार्टी के लोगों का फर्जी पंजीकरण, हकदार नहीं, सरकार को चूना लगाने का कार्य’’- विज
उन्होंने बताया कि इसका मतलब इस सारे मामले में किसी ने दुकान खोल रखी थी क्योंकि सारे हरियाणा के लोग एक ही जगह पर आकर किस प्रकार से पंजीकरण करवा लेंगें! उन्हें लगता है कि इसका मतलब वहां पर किसी पार्टी विशेष के लोगों का पंजीकरण किया गया है, जोकि लोग फर्जी तौर पर पंजीकृत हुए है और वे सरकार से लाभ उठा रहे है जबकि वे इसके हकदार नहीं है और सरकार को चूना लगाने का कार्य किया जा रहा है।
भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है- विज
श्री विज ने बताया कि हरियाणा में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है जिनमें मातृत्व लाभ 36 हजार रुपये, पितृव लाभ 21 हजार रुपये, पंजीकृत कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत बच्चों की पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक की वार्षिक वित्तीय सहायता 8,000 रुपये से 20,000 रुपये तक, पंजीकृत कामगारों के मेधावी बच्चों के 10वीं/12वी की परीक्षा में 60 प्र्रतिशत से 90 प्रतिशत अंक प्राप्ति पर 21 हजार रुपये से 51 हजार रूपए छात्रवृत्ति, वास्तविक सरकारी खर्च के अनुसार कामगार के बच्चों को प्रोफेशनल व टेक्निकल कोर्स हेतु पूर्ण शैक्षणिक व्यय की प्रतिपूर्ति, कामगार के बच्चों को व्यवसायिक संस्थानों में हॉस्टल सुविधा हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये तक सहायता राशि, पंजीकृत कामगार के बच्चों को व्यावसायिक कोर्स की कोचिंग हेतु 20 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक सहायता राशि, पंजीकृत निर्माण कर्मकार की पुत्री के लिए इलैक्ट्रिक स्कूटर की खरीद के लिए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और मुख्यमंत्री श्रम योगी प्रतिभावान योजना के तहत लैपटॉप हेतु 49 हजार रुपये की राशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, साइकिल की खरीद की अदायगी के लिए 5,000 रुपये, औजार के लिए अनुदान 8,000 रुपये, सिलाई मशीन के लिए 4,500 रुपये, मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना के तहत 5,100 रुपये, कन्यादान योजना के तहत 03 बच्चों की शादी हेतु वित्तीय सहायता (सुपुत्री) के लिए 1,01,00 रुपये, महिला श्रमिक की स्वयं की शादी हेतु वित्तीय सहायता 50,000 रुपये की राशि दी जाती है।
इसी तरह, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी) बस (साधारण) किराए की भरपाई और पैतृक घर जाने पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी)/बस (साधारण) किराए की भरपाई की जाती है। ऐसे ही, चिकित्सा सहायता (मजदूरी क्षतिपूर्ति) के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मजदूरी की भरपाई, घातक बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता के तहत एक लाख रूपए तक सहायता, अपंगता सहायता के अंतर्गत डेढ रुपये से 3 लाख रूपए, अपगंता पेंशन 3 हजार रूपए प्रतिमाह, अक्षम बच्चों को 3 हजार रूपए वित्तीय सहायता प्रतिमाह, पेशन (60 वर्ष उपरांत) 3,500 रुपये प्रतिमाह, पारिवारिक पेंशन 1,750 रुपये प्रतिमाह, विधवा पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह, मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मृत्यु पर वित्तीय सहायता के अंतर्गत कार्यस्थल पर दुर्घटना में 5,15,000 रुपये और अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर दुर्घटना में अपंगता होने पर डेढ लाख रूपए से 3 लाख रूपए और मृत्यु हो जाने पर वित्तीय सहायता 4 लाख रुपये दी जाती है।
उन्होंने बताया कि मकान की खरीद/निर्माण हेतु ब्याज मुक्त ऋण 2 लाख रुपये तक और मुख्यमंत्री पंजीकरण प्रोत्साहन योजना के तहत 1,100 रुपये की राशि श्रमिकों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं को लेने के लिए श्रमिक बोर्ड में कामगारों को अपने आपको पंजीकृत करवाना होता है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण करने के लिए श्रमिक का 90 दिन से ज्यादा कार्य करने की वैरीफिकेशन/सत्यापन किया जाता है और वैरीफिकेशन होने के बाद ही पंजीकरण किया जाता है।