
04/07/2025
10 वर्ष पुराना हवाई जहाज उड़ सकता है तो डीजल वाहन क्यों नहीं चल सकता:-ओंकार सिंह
हवाई जहाज की उम्र 20 से 30 वर्ष और गाड़ियों की 10 व 15 वर्ष।
गाड़ियों को 10 वर्ष व 15 वर्ष में स्क्रैप करने का निर्णय वापस ले सरकार।
रजिस्ट्रेशन के समय 15 साल का टैक्स वसूलने के बाद तेल देने से कैसे मना किया जा सकता है।
डीजल वाहनों को 10 वर्ष और पेट्रोल वाहनों को 15 वर्ष के बाद स्क्रैप करने की सरकार की नीति को आम आदमी के लिए घातक करार देते हुए इन्हें लोक प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहा कि यह नीति भारतीय परिस्थितियों की परिप्रेक्ष्य में ठीक नहीं है। भारत में मध्यम वर्ग का व्यक्ति बहुत मुश्किल से जीवन में चार पहिया वाहन खरीद पाता है और वहां की कीमतें भी आसमान छू रही है। आम व्यक्ति डीजल की गाड़ी इसलिए खरीदना है कि डीजल की कीमत पेट्रोल की कीमत से कम होती है और डीजल का कोई भी अच्छा वाहन 20 लाख से काम नहीं है। यह कीमत एक करोड रुपए तक की हो सकती है। यही स्थिति पेट्रोल के वाहनों की है। ऐसे में डीजल का वाहन 10 साल के बाद स्क्रैप कर देना किसी भी तरह से आमजन के हित में नहीं है अगर कोई व्यक्ति डीजल की फॉर्च्यूनर गाड़ी 50 लाख की खरीदना है और वह गाड़ी 10 साल के बाद स्क्रैप में तब्दील हो जाती है तो यह आम व्यक्ति के साथ सरासर अन्याय है जबकि 10 वर्ष में गाड़ी का कुछ भी नहीं बिगड़ता। यह निर्णय गाड़ी निर्माण करने वाली कंपनियों के लिए तो लाभदायक हो सकता है क्योंकि गाड़ी कंपनियों की गाड़ियां अधिक बिकेंगी। इसके साथ ही जब 10 वर्ष पुराना हवाई जहाज उड़ सकता है तो डीजल वाहन क्यों नहीं चल सकता ? हवाई जहाज की बात करें तो हवाई जहाज की कोई "एक्सपायरी डेट" नहीं होती है, लेकिन उनकी एक सेवा अवधि होती है। आमतौर पर, एक वाणिज्यिक हवाई जहाज लगभग 20 से 30 साल तक सेवा में रह सकता है, जिसके बाद उसे रिटायर कर दिया जाता है। यह अवधि सुरक्षा मानकों और तकनीकी स्थिति पर निर्भर करती है। यह भी महत्वपूर्ण है कि विमानों का नियमित निरीक्षण और रखरखाव किया जाता है, और उनकी रिटायर की उम्र के बावजूद, जब तक उनका अच्छी तरह से रखरखाव किया जाता है, तब तक वे सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकते हैं और इस हिसाब से गाड़ियों की उम्र 10 व 15 वर्ष निर्धारित करना सरासर गलत है। गाड़ियों की उम्र भी नियमित निरीक्षण और रखरखाव पर निर्भर होनी चाहिए। फिर गाड़ियों का जो पॉल्यूशन करवाया जाता है वह भी तो इस बात का प्रमाण है कि गाड़ी तय मानकों के अनुसार चल रही है या नहीं। रजिस्ट्रेशन के समय सभी गाड़ियों से 15 साल का टैक्स वसूल लिया जाता है तो फिर इन गाड़ियों को तेल देने से कैसे मना किया जा सकता है। सरकारी विभाग और फौज द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियां भी काफी पुरानी होती है। वास्तविकता तो यह है कि 10 या 15 वर्ष में इन गाड़ियों का कुछ भी नहीं बिगड़ता इसलिए सरकार को जनहित में गाड़ियों को स्क्रैप करने का यह निर्णय तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए ताकि आमजन को राहत मिल सके।