Weekly Parshu-Prahar

  • Home
  • Weekly Parshu-Prahar

Weekly Parshu-Prahar WEEKLY NEWS PAPER TO REPRESENT VOICE OF BRAHMINS WORLDWIDE

सभी को छठ पर्व की अनेकानेक हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
07/11/2024

सभी को छठ पर्व की अनेकानेक हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

आरोग्यं धन संपदा यानि Health Is Wealth... आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के प्राकट्य दिवस धनत्रयोदशी यानि धनतेरस की आप सभ...
29/10/2024

आरोग्यं धन संपदा यानि Health Is Wealth...

आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के प्राकट्य दिवस धनत्रयोदशी यानि धनतेरस की आप सभी को शुभकामनाएं.
स्वस्थ्य रहें, मस्त रहें, जय हो, मंगलमय हो...

श्री सरयूपारीण ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष बने डॉ. सतीश तिवारी * सभा की विशेष बैठक में डॉ. तिवारी को सौंपी गई अध्यक्ष पद की ...
23/10/2024

श्री सरयूपारीण ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष बने डॉ. सतीश तिवारी
* सभा की विशेष बैठक में डॉ. तिवारी को सौंपी गई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी
* सभा व समाज के प्रति समर्पण हेतु पूर्व अध्यक्ष मुकेश तिवारी को समाजबंधुओं ने किया सम्मानित
प्रतिनिधि/दि.22
अमरावती - अमरावती शहर निवासी ब्राह्मण समाजबंधुओं का प्रतिनिधित्व करने वाली श्री सरयूपारीण ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पद पर आज सभा की विशेष बैठक में शहर के ख्यातनाम बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश तिवारी की नियुक्ति करने के साथ ही उन्हें अध्यक्ष पद का जिम्मा सौंपा गया. इस अवसर पर सरयूपारिण ब्राह्मण समाजबंधुओं द्वारा अपने नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सतीश तिवारी का शाल-श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया. साथ ही इस समय सभा के निवर्तमान अध्यक्ष मुकेश तिवारी का भी सभा एवं समाज के प्रति समर्पित भाव से किये गये कार्यों हेतु समाजबंधुओं द्वारा सम्मान किया गया.
बता दें कि, श्री सरयूपारीण ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष मुकेश तिवारी द्वारा विगत दिनों अपने स्वास्थ्य एवं कुछ व्यक्तिगत व पारिवारिक कारणों के चलते अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था. जिसके उपरान्त इस स्थिति पर विचार-विमर्श करने हेतु श्री सरयूपारीण ब्राह्मण सभा की विशेष बैठक सभा के संरक्षक शारदाप्रसाद तिवारी के चैतन्य कॉलोनी स्थित निवासस्थान पर बुलाई गई, जिसमें निवर्तमान अध्यक्ष मुकेश तिवारी द्वारा अपने त्यागपत्र में उठाये गये मुद्दों को ध्यान में रखते हुए उनके त्यागपत्र को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया और अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान मुकेश तिवारी द्वारा सभा व समाज के प्रति समर्पित भाव से किये गये कार्यों के लिए बैठक में उपस्थित समाजबंधुओं ने उनके प्रति आभार ज्ञापित करने के साथ ही उनका भावपूर्ण सम्मान किया. इसके उपरांत बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों व सदस्यों ने नये अध्यक्ष की नियुक्ति पर विचार विमर्श करते हुए सभा के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य एवं शहर के ख्यातनाम बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश तिवारी के नाम पर अध्यक्ष पद हेतु आम सहमति दर्शायी. जिसके चलते डॉ. सतीश तिवारी को अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही उन्हें इसी बैठक में अध्यक्ष पद का पदभार सौंपा गया. इसके साथ ही इस बैठक में कार्याध्यक्ष पद पर आनंद मिश्रा व उपध्यक्ष पद पर रुपेश तिवारी का भी चयन किया गया. जिसके उपरान्त तीनों नवनियुक्त पदाधिकारियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करते हुए उन्हें उनके कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दी गई.
सभा के संरक्षक शारदाप्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष मुकेश तिवारी, नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. सतीश तिवारी, कार्याध्यक्ष आनंद मिश्रा, उपाध्यक्ष रुपेश तिवारी, सचिव डॉ. मनीष दुबे, कोषाध्यक्ष राजेश्वरदत्त तिवारी, सहसचिव राजेंद्रप्रसाद पाण्डेय, कार्यकारिणी सदस्य जगदीश दुबे व शैलेंद्र मिश्रा तथा युवा अध्यक्ष अमित तिवारी आदि की उपस्थिति रही.
*************

इस विश्व को राम का परिचय कराने वाले महर्षि भगवान वाल्मिकी के प्रकटोत्सव की सारे ब्रह्मांड को असीम बधाईयाँ....!
18/10/2024

इस विश्व को राम का परिचय कराने वाले महर्षि भगवान वाल्मिकी के प्रकटोत्सव की सारे ब्रह्मांड को असीम बधाईयाँ....!

दशहरामहापर्वदिने भारतदेशस्य जय भवतु, देशस्य आन्तरिक शत्रुणां पराजयं भवतु, अखण्डभारतस्य निर्माणं भवतु।वयं राष्ट्रे जागृया...
12/10/2024

दशहरामहापर्वदिने भारतदेशस्य जय भवतु,
देशस्य आन्तरिक शत्रुणां पराजयं भवतु,
अखण्डभारतस्य निर्माणं भवतु।
वयं राष्ट्रे जागृयामः।
राष्ट्ररक्षकाय हे देवीदुर्गे!
अधिकाधिकं शक्तिं देहि
अतः राष्ट्ररक्षणं सर्वश्रेष्ठं भवतु,
अभेदं भवतु।
जयतु भारतम्।
जयतु संस्कृतम्।

दशहरादिवसस्य हार्दक्याः शुभाशयाः।

समस्त विप्रबंधुओं एवं सभी समाजबंधुओं को चिरंजीवी भगवान परशुरामजी के जन्मोत्सव की हार्दिक एवं अनेकानेक बधाईयां व शुभकामना...
10/05/2024

समस्त विप्रबंधुओं एवं सभी समाजबंधुओं को चिरंजीवी भगवान परशुरामजी के जन्मोत्सव की हार्दिक एवं अनेकानेक बधाईयां व शुभकामनाएं,

16/12/2023

#शिवमहापुराण_कथा #पंडित_प्रदीप_मिश्रा
#भव्य_मंगल_कलश_यात्रा
#अमरावती में आयोजन,
#हनुमान_चालीसा_चैरिटेबल_ट्रस्ट
#सांसद_नवनीत_राणा
#विधायक_रवि_राणा
#हनुमानगढ़ी (भानखेडा रोड)

ब्राह्मण समाज में प्रतिभा की कमी नहीं, अवसर को पहचानने की जरुरत* डीवायएसपी श्वेता मिश्रा का मार्गदर्शनपूर्ण प्रतिपादन*पर...
02/05/2023

ब्राह्मण समाज में प्रतिभा की कमी नहीं, अवसर को पहचानने की जरुरत
* डीवायएसपी श्वेता मिश्रा का मार्गदर्शनपूर्ण प्रतिपादन
*परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति ने किया सहयोगियों व सेवादारों का सम्मान
* ओसवाल भवन में हुआ ओजस्वी सम्मान व सत्कार समारोह
प्रतिनिधि/दि.2
अमरावती- ब्राह्मण समाज में कभी भी होनहार व मेधावी प्रतिभाओें की कमी नहीं रही. लेकिन जरुरत इस बात की है कि हम मौजूदा दौर की जरुरत व अपने लिए योग्य अवसरों को पहचानें तथा उस हिसाब से अपने आप को मौजूदा दौर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करें, तो निश्चित तौर पर समाज के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढने के लिए किसी भी तरह की तकलीफ या दिक्कत का सामना नहीं करना पडेगा और समाज निश्चित रुप से प्रगतिपथ पर आगे बढेगा. इस आशय का प्रतिपादन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्वेता मिश्रा व्दारा किया गया. इस समय भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग की अमरावती यूनिट में पुलिए उपाधीक्षक के तौर पर कार्यरत श्वेता मिश्रा गत रोज भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति व्दारा आयोजित सत्कार समारोह में प्रमुख मार्गदर्शक के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रही थी.
विगत 22 अप्रैल को भगवान परशुराम के जन्मोत्सव निमित्त अमरावती में निकाली गई भव्य-दिव्य शोभायात्रा के आयोजन को सफल बनाने हेतु सेवा एवं सहयोग देने वाले सभी सहयोगियों एवं सेवाधारों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए उन्हें सम्मानित करने हेतु भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति के संयोजक सूरज अनिल मिश्रा व्दारा गत रोज स्थानीय ओसवाल भवन में भव्य सत्कार समारोह का आयोजन किया गया था. शहर के वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि डीवायएसपी श्वेता मिश्रा के साथ ही वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे व एड. चंद्रशेखर डोरले, वरिष्ठ पत्रकार चंदू सोजतिया, समाज के वरिष्ठ मार्गदर्शक देवराज तिवारी व हेमंत पटेरिया, सरयुपारिण ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष मुकेश तिवारी, अ.भा. ब्राह्मण महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉ. शशांक दुबे, गौड ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष नीतेश पांडे, सुश आसरा फाउंडेशन की अध्यक्षा निशी चौबे, सरयुपारिण ब्राह्मण मंडल की अध्यक्षा सारिका मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष नमिता तिवारी व उपाध्यक्ष प्रीति दुबे उपस्थित थे.
इस अवसर पर शोभायात्रा के आयोजन दौरान विभिन्न स्थानों पर छांछ, शरबत जैसे शीतपेय तथा मिष्ठान वितरण हेतु पूर्व पार्षद प्रणीत सोनी व मित्रमंडल, श्री गुरुव्दारा गुरुसिंह सभा बुटी प्लॉट, अनुराधा पटेरिया व पटेरिया डेंटल क्लिनिक, रघुवीर मिठाईयां तथा हनुमानदासजी मानका व परिवार का भावपूर्ण सत्कार किया गया. साथ ही शोभायात्रा में शामिल झांकियों हेतु ट्रैक्टर ट्राली उपलब्ध कराने के लिए विक्रम चांडक, राजेश तिवारी, अमित तिवारी, निशी चौबे, प्रीति दुबे व नरेंद्र त्रिपाठी एवं पत्रिका प्रकाशन हेतु सहयोग देने वाले कमलेश दुबे का गणमान्यों के हाथों भावपूर्ण सत्कार किया गया. इसके साथ ही इस शोभायात्रा के आयोजन हेतु समाजजनों तक निमंत्रण पत्रिका पहुंचाते हुए आर्थिक सहयोग संकलित करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए निशी चौबे, नमिता तिवारी, सुषमा मिश्रा, मनीषा उपाध्याय, नीता तिवारी, शैलेंद्र मिश्रा, अमित तिवारी, प्रीति मिश्रा, मनोज मिश्रा, सूरज शुक्ला, रामनारायण पांडे, राजेश व्यास, सुनील तिवारी, आस्था गणोरकर व जुगलकिशोर ओझा का भी सत्कार किया गया.
विगत 22 अप्रैल को निकाली गई शोभायात्रा में कई आकर्षक झांकियों का समावेश किया गया था. जिसमें से तीन सर्वोत्कृष्ट झांकियों को पुरस्कार देने की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी. जिसके तहत संयोजक सूरज मिश्रा की ओर से घोषित प्रथम पुरस्कार नवदुर्गा की झांकी को प्रदान किया गया. जिसके लिए प्रज्ञा मिश्रा, तनुश्री मिश्रा, साक्षी तिवारी, रितिका तिवारी, दिया दुबे, मिशीता दुबे, खुशी दुबे, गीत दुबे व रूद्राणी तिवारी की टीम को पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही हिमांशु देवराज तिवारी की ओर से घोषित द्बितीय पुरस्कार भारत माता की झांकी को प्रदान किया गया. जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों की वेशभूषा को दर्शाया गया था. इस झांकी हेतु अस्मिता मिश्रा, हिरण्या पांडे, ईशिका त्रिपाठी, रिद्धी मिश्रा, सिद्धी मिश्रा, निशिका तिवारी, कनक दुबे, ऐश्वर्या मिश्रा, दृष्टि शर्मा, अनुष्का मिश्रा, रुद्र त्रिपाठी, विश्वजीत मिश्रा, मितांश तिवारी, हर्षवर्धन दत्त मिश्रा, निकिता शुक्ला को सम्मानित किया गया. वहीं सारिका दीप मिश्रा की ओर से तीन लोगों को सजीव झांकी हेतु तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया. जिसमें भगवान बने डॉ. शशांक दुबे, चंद्रशेखर आजाद बने एड. रोहित उपाध्याय व स्वामी विवेकानंद बनी कृष्णा शुक्ला को पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही निशी चौबे व पराग चिमोटे की ओर से विभिन्न महापुरुषों की सजीव झांकी प्रस्तुत करने के लिए निता तिवारी, अमितेश मिश्रा, सिद्धेश शेंद्रे, प्रिन्सेस रामावत, जिज्ञास दुबे व सात्विक चौबे को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गए.
इस अवसर पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव तथा शोभायात्रा के आयोजन को सफल बनाने हेतु गठित विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों एवं विभिन्न शाखाओं के अध्यक्षों का भावपूर्ण सत्कार किया गया. इसके तहत गुजरात ब्राह्मण समाज के दीपक ठक्कर, गौड ब्राह्मण समाज के नितेश पांडे, हिंदी भाषी ब्राह्मण समाज के रमेश दुबे, सरयुपारिण ब्राह्मण समाज के मुकेश तिवारी, श्रीमाली ब्राह्मण समाज के दीपक श्रीमाली, क्षत्रिय ब्राह्मण समाज के भूषण पांडे, कोकणस्थ ब्राह्मण समाज के श्रीरंग फाटक, सिंधी ब्राह्मण समाज के रमेश शर्मा, सारस्वत ब्राह्मण समाज के अशोक ओझा, कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के राकेश शुक्ला, गुर्जर गौड ब्राह्मण समाज के घनश्याम शर्मा, पुष्करणा ब्राह्मण समाज के मदनमोहन जोशी, डाबी ब्राह्मण समाज के महेंद्र डाबी, शाकद्बिपीय ब्राह्मण समाज के संतोश शर्मा, महाराष्ट्रीय ब्राह्मण समाज के वसंतराव साउरकर, पारिक ब्राह्मण समाज के वीरेंद्र पांडे, सिखवाल ब्राह्मण समाज के शिवनारायण पांडे, चितपावन ब्राह्मण समाज के किरण हातगांवकर, खंडेलवाल ब्राह्मण समाज के पवन जोशी, दाधिच ब्राह्मण समाज के नरेंद्र करेसिया, राजस्थानी ब्राह्मण समाज के नितिन पांडे, जिजोतिया ब्राह्मण समाज की अनुराध हेमंत पटेरिया, पालिवाल ब्राह्मण समाज के घनश्याम सोनी तथा वैष्णव ब्राह्मण समाज के पवन रामावत का भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति की ओर से भावपूर्ण सत्कार किया गया.
इस आयोजन में सर्वशाखिय व सर्वभाषीय ब्राह्मण समाज बंधुओं की उपस्थिति रही. जिसमें महिलाओं व युवाओं के साथ ही छोटे बच्चों की उपस्थिति बेहद उल्लेखनीय रही. आयोजन के दौरान समाज के कई नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. जिसके लिए आयोजन समिति व्दारा उन्हें प्रोत्साहित करते हुए सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम में संचालन निकिता तिवारी व स्वाति त्रिपाठी व आभार प्रदर्शन मनीषा उपाध्याय ने किया,

सभी को अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम जन्मोत्सव की अनेकानेक हार्दिक शुभकामनाएँ
22/04/2023

सभी को अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम जन्मोत्सव की अनेकानेक हार्दिक शुभकामनाएँ

कल धूमधाम से मनेगा परशुराम जन्मोत्सव* भव्य-दिव्य शोभायात्रा का होगा आयोजन* बालाजी प्लॉट प्रांगण से होगा शोभायात्रा का प्...
21/04/2023

कल धूमधाम से मनेगा परशुराम जन्मोत्सव
* भव्य-दिव्य शोभायात्रा का होगा आयोजन
* बालाजी प्लॉट प्रांगण से होगा शोभायात्रा का प्रारंभ
* सकल हिंदू समाज की रहेगी उपस्थिति
* संयोजक सूरज मिश्रा ने दी पत्रवार्ता में जानकारी
अमरावती - प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम के जन्मोत्सव निमित्त कल 22 अप्रैल को शाम 5 बजे अमरावती शहर में भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा का भव्य-दिव्य आयोजन होने जा रहा है. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ एवं सर्वशाखिय व सर्वभाषिय ब्राह्मण संगठनों द्बारा आयोजित की जानेवाली इस शोभायात्रा में सकल हिंदू समाजबंधुओं की उपस्थिति रहेगी. इस आशय की जानकारी भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा आयोजन समिति के संयोजक सूरज अनिल मिश्रा ने दी.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कम्पाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में भगवान परशुराम जन्मोत्सव शोभायात्रा के आयोजन संदर्भ में जानकारी देते हुए संयोजक सूरज मिश्रा ने बताया कि, इस वर्ष इस शोभायात्रा का प्रारंभ बालाजी प्लॉट स्थित प.पू. संत सीतारामदास बाबा मंदिर प्रांगण से होगा. जहां पर 22 अप्रैल की शाम 4.30 बजे भगवान श्री परशुराम की प्रतिमा का पूजन करते हुए आरती की जाएगी. इस समय श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के हाथो भगवान परशुराम की पंचधातु से निर्मित प्रतिमा का पूजन किया जाएगा. इस अवसर पर जिले की सांसद नवनीत राणा, राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल बोंडे, विधायक सुलभा खोडके व रवि राणा, पूर्व पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे, पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व सांसद अनंत गुढे, शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता गिरीश जोशी, राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, पूर्व महापौर विलास इंगोले, कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत तथा शिवसेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले उपस्थित रहेंगे. आरती व पूजन पश्चात भगवान परशुरामजी की प्रतिमा को शोभायात्रा में शामिल सुसज्जित बग्घी में विराजमान किया जाएगा. जिसके बाद यह शोभायात्रा सीतारामबाबा मंदिर प्रांगण से निकलकर राजापेठ, राजकमल, श्याम चौक, जयस्तंभ चौक, जवाहर गेट होते हुए छत्रपुरी बालाजी मंदिर पहुंचेगी. जहां इस शोभायात्रा का विधि विधानपूर्वक समापन किया जाएगा.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, इस वर्ष इस शोभायात्रा में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संदेश देने वाली विभिन्न झांकियों का समावेश रहेगा. जिसके तहत प्रेरणादायी महान व्यक्तित्वों की सजीव झांकियां प्रस्तूत की जाएगी. जिसके लिए महिला मंडल एवं समाज के बालगोपाल विगत कई दिनों से तैयारियां कर रहे है. इसके साथ ही इस शोभायात्रा में डीजे, ढोल पथक, संदल व बैन्जो पार्टी सहित अश्व पथक का समावेश रहेगा. इस आयोजन को सफल बनाने हेतु संयोजक सूरज मिश्रा की अगुवाई में सहसंयोजक समिति, स्वागत व जनसंपर्क समिति, नवरत्न समिति, शोभायात्रा व्यवस्थापन समिति, सुरक्षा समिति, पूजा विधि समिति, भोजन समिति, साउंड मंडप व डेकोरेशन समिति, प्रचार-प्रसार समिति का गठन किया गया है. जिनमें विभिन्न समाजबंधुओं का समावेश करते हुए उन्हें संबंधित कामों का जिम्मा सौंपा गया है. प्रत्येक समिति द्बारा पूरे समर्पित भाव से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जा रहा है. इस आयोजन की सफलता हेतु अ. भा. ब्राह्मण महासंघ, अ. भा. ब्राह्मण महिला आघाडी, युवक आघाडी के साथ ही ब्राह्मण समाज की विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी एवं समस्त समाजबंधुओं की ओर से भरपूर समर्थन मिल रहा है. साथ ही आगामी 22 अप्रैल को भगवान परशुराम जन्मोत्सव उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली शोभायात्रा में सकल हिंदू समाजबांधव हिस्सा लेंगे. ऐसी उम्मीद भी पत्रवार्ता में जताई गई.
इस पत्रवार्ता में संयोजक सूरज मिश्रा के साथ ही पं. देवराज तिवारी, रमेश उर्फ पप्पू छांगानी, राजेश व्यास, डॉ. शशांक दुबे, चंद्रप्रकाश दुबे, अनिल मिश्रा, श्याम शर्मा, सारिका मिश्रा, नमिता तिवारी, मनीषा उपाध्याय, नीता तिवारी, पूजा त्रिपाठी, आशीष मिश्रा, रितिक सिंह व विनित राजपूत उपस्थित थे.

* आकर्षक झांकियों को किया जाएगा पुरस्कृत
पत्रवार्ता में दी गई जानकारी के मुताबिक इस शोभायात्रा में शामिल झांकियों का आयोजन समिति एवं परीक्षण मंडल द्बारा परीक्षण किया जाएगा. जिसके उपरान्त 5 सर्वोत्कृष्ट झांकियों को पुरस्कृत किया जाएगा. जिसके तहत सूरज मिश्रा की ओर से प्रथम पुरस्कार 5,001 रुपए, हिमांशू तिवारी की ओर से द्बितीय पुरस्कार 4,001 रुपए, सारिका मिश्रा की ओर से तृतीय पुरस्कार 3,001 रुपए, निशी चौबे की ओर से चतृर्थ पुरस्कार 2,001 रुपए तथा पराग चिमोटे की ओर से पांचवा पुरस्कार 1,001 रुपए प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही शोभायात्रा में शामिल सभी झांकियों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.
*************

23 को उत्तर भारतीय ब्राह्मण समाज का परिचय सम्मेलन* अकोला उत्तर भारतीय ब्राह्मण संघ का आयोजन* अकोट स्टैंड पर जनसंपर्क कार...
04/04/2023

23 को उत्तर भारतीय ब्राह्मण समाज का परिचय सम्मेलन
* अकोला उत्तर भारतीय ब्राह्मण संघ का आयोजन
* अकोट स्टैंड पर जनसंपर्क कार्यालय का शुभारंभ
प्रतिनिधि/दि.4
अकोला - उत्तर भारतीय ब्राह्मण समाज के विवाहयोग्य युवक-युवतियों को उनकी पसंद के अनुरुप उचित रिश्तों के पर्याय उपलब्ध कराने हेतु अकोला उत्तर भारतीय ब्राह्मण संघ की ओर से आगामी 23 अप्रैल को उत्तर भारतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. यह परिचय सम्मेलन 23 अप्रैल को सुबह 9.30 बजे जिलाधीश कार्यालय के सामने पुलिस लॉन स्थित रानी महल में शुरु होगा.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों विवाह योग्य युवक-युवतियों को उचित जीवनसाथी प्राप्त होने के लिए वर्तमान समय में परिचय सम्मेलन एक अत्यंत ही प्रभावी तथा उपयोगी माध्यम है. इस बात को ध्यान में रखते हुए अकोला उत्तर भारतीय ब्राह्मण संघ द्वारा विवाह योग्य उत्तर भारतीय ब्राह्मण युवक-युवतियों के लिए इस परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस परिचय सम्मेलन की सफलता के लिए प्रसिद्ध उद्योजक व सामाजिक कार्यकर्ता रामप्रकाश मिश्रा व संस्था के पदाधिकरियों एवं सदस्यों द्वारा श्री राजराजेश्वर मंदिर में पूजन अभिषेक तथा आरती की गई. साथ ही इस परिचय सम्मेलन के उचित क्रियान्वयन के लिए संस्था द्वारा स्थानीय अकोट स्टैंड पर सिटी मेडिकल के बाजू में जनसंपर्क कार्यालय का शुभारंभ भी प्रसिद्ध उद्योजक रामप्रकाश मिश्रा के करकमलों द्वारा किया गया. इस अवसर पर आयोजन समिति के बृजकिशोर दुबे, सुदेश शुक्ला, राजेंद्र अवस्थी, रविशंकर शुक्ल, विवेक शुक्ल, लक्ष्मीकांत दुबे, शैलेश शुक्ल, श्याम दुबे, सनी शुक्ला, एड. अखिल मिश्रा, आशीष पांडे, सौरभ तिवारी, पं. तुलसी मिश्रा, संगीता शुक्ल, दीपा शुक्ल, सुषमा शुक्ल, मोना तिवारी, पूनम शुक्ल, शुभांगी शुक्ल, सोनी तिवारी, रानी बाजपेई तथा सदस्यगण उपस्थित रहे.

* महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से भी आएंगे समाजजन
इस अवसर पर आयोजकों ने जानकारी दी कि इस परिचय सम्मेलन में संपूर्ण महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली तथा अन्य राज्यों से भी उत्तर भारतीय ब्राम्हण युवक युवतियां सहभागी होंगे. इस परिचय सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए संस्था के अकोट स्टैंड स्थित संपर्क कार्यालय अथवा रमेश बाजपेई, सतीश मिश्रा, अश्विन पांडे, आरती दुबे तथा आयोजन समिति के अन्य सदस्यों से संपर्क किया जा सकता है. इस परिचय सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में उत्तर भारतीय ब्राम्हण युवक-युवतियों तथा उनके अभिभावकों के सम्मिलित होने की अपील आयोजकों द्वारा की गई है.
*************

गौड ब्राह्मण महिलाओं का बिंदोरा रहा भव्य-दिव्य व शानदार* बडी धूमधाम के साथ निकाली गई इसर गणगौर की शोभायात्रा* पारंपारिक ...
21/03/2023

गौड ब्राह्मण महिलाओं का बिंदोरा रहा भव्य-दिव्य व शानदार
* बडी धूमधाम के साथ निकाली गई इसर गणगौर की शोभायात्रा
* पारंपारिक राजस्थानी परिधानों में सज-धज कर युवतियां व महिलाएं हुई आयोजन में शामिल
प्रतिनिधि/दि.21
अमरावती - विगत 22 वर्षों से चली आ रही परंपरा का पालन करते हुए गौड ब्राह्मण महिला समिति द्बारा गत रोज बडी धूमधाम के साथ गणगौर की शोभायात्रा का आयोजन किया गया और पारंपारिक पद्धति से सामूहिक बिंदोरा निकाला गया. सोमवार 20 मार्च की शाम 5 बजे इस सामूहिक बिंदोरा का शुभारंभ प्रभात चौक स्थित घंटा घर हनुमान मंदिर से हुआ. जिसके बाद यह शोभायात्रा विभिन्न चौक-चौराहों से होकर गुजरते हुए सक्करसाथ परिसर स्थित छत्रपुरी बालाजी मंदिर पहुंची. जहां पर इस शोभायात्रा का विधि विधानपूर्वक समापन करने के साथ ही इसर गणगौर की सजावट तथा पारंपारिक राजस्थानी परिधान ऐसी दो श्रेणियों में आयोजित स्पर्धाओं के पुरस्कार वितरीत किए गए.
बीती शाम प्रभात चौक स्थित घंटा घर हनुमान मंदिर से प्रारंभ हुई इस शोभायात्रा में शिव-पार्वती व राधाकृष्ण की सजीव झांकियों के साथ ही अश्वारोही बालक तथा बैंजो पार्टी व ढोलताशा पथक का समावेश किया गया था. इस शोभायात्रा के तहत सरोज चौक व सक्करसाथ चौक पर आकर्षक नृत्य नाटिकाएं प्रस्तूत करने के साथ ही शिव विवाह प्रसंग एवं वृंदावन की रासलीला के प्रसंग को साकार किया गया. साथ ही शोभायात्रा के दौरान सामूहिक बिंदोरा में शामिल महिलाओं द्बारा पारंपारिक राजस्थानी गीत व संगीत भी प्रस्तूत किए गए. जिन पर बिंदोरा में शामिल कई महिलाओं ने जोरदार ढंग से थिरककर अपना आनंद व्यक्त किया. प्रभात चौक से निकलकर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होकर गुजरने वाली इस शोभायात्रा का जगह-जगह पर भावपूर्ण स्वागत हुआ और पूरे रास्ते में शरबत, पानी, पायनापल शेक व आईस्क्रीम आदि का वितरण करते हुए सामूहिक बिंदोरा में शामिल महिलाओं व युवतियों की अगुवानी की गई. इसके तहत
इस आयोजन को देखते हुए एकबारगी ऐसा महसूस हो रहा था मानो अंबानगरी की धरा पर साक्षात सूर्यनगरी (जोधपुर) साकार हो गई हो, यह शोभायात्रा प्रभात चौक से निकलकर बापट चौक, सरोज चौक, प्रभात चौक, जवाहर गेट, बर्तन बाजार व सक्करसाथ परिसर से होकर गुजरते हुए गाजे-बाजे के साथ छत्रपुरी बालाजी मंदिर पहुंची. जहां पर इस सामूहिक बिंदोरे का विधि विधानपूर्वक समापन किया गया. साथ ही यहां पर आयोजित कार्यक्रम में आयोजन के तहत ली गई इसर गणगौर सजावट तथा पारंपारिक राजस्थानी परिधान स्पर्धा के पुरस्कारों का वितरण किया गया. इन दोनों स्पर्धाओं हेतु परीक्षण का जिम्मा सुश आसरा फाउंडेशन की अध्यक्षा निशी चौबे द्बारा उठाया गया था. जिन्होंने विजेता प्रतिभागियों के नामों की घोषणा की. जिसके तहत गणगौर स्पर्धा में पुर्णिमा व्यास को प्रथम व गुंजन शर्मा को द्बितीय पुरस्कार मिला. वहीं संपूर्ण राजस्थानी श्रृंगारित महिलाओं की श्रेणी में चित्रांशा टोलीवाल को प्रथम, दुर्गा शर्मा को द्बितीय तथा सुमन शर्मा को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
गौड ब्राह्मण महिला समिति की अध्यक्षा मनीषा दीक्षित की अगुवाई में आयोजित इस शोभायात्रा में गौड ब्राह्मण समाज की सभी आयु वर्ग वाली महिलाओं, युवतियों व छोटी बच्चियों ने बडे उत्साह के साथ हिस्सा लिया. साथ ही आयोजन को सफल बनाने हेतु गौड ब्राह्मण मंडल एवं गौड ब्राह्मण नवयुवक मंडल के पदाधिकारियों ने भी महत प्रयास किए. शोभायात्रा सुचारु रुप से संपन्न हो, इस बात के मद्देनजर पुरुष पदाधिकारियों के साथ-साथ सिटी कोतवाली पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्बारा सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए थे. शोभायात्रा के समापन पश्चात छत्रपुरी बालाजी मंदिर में सभी समाजबंधूओं के लिए भोजन प्रसादी का आयोजन किया गया था. जिसका सभी उपस्थित समाजबंधूओं ने बडे श्रद्धाभाव के साथ लाभ लिया.
इस समय आयोजित कार्यक्रम में संचालन व आभार प्रदर्शन सीमा चौबे द्बारा किया गया. इस आयोजन में सरोज पुरोहित, तारा जोशी, रंजना मानकर, मंजू तिवारी, पुष्पा मानका, अल्का शर्मा, लोकेश्वरी शर्मा, रंजना महर्षी, भाग्यश्री टोलीवार, क्षमा तिवारी, मिना चौबे, सुषमा शर्मा, संजुला चौबे, एड. नमिता तिवारी, सरला मिश्रा, उर्मिला कलंत्री, अनिता केडिया, रेखा सिखवाल, ललीता रतावा, उमा व्यास, किरण दायमा, निशी व्यास, दिशा शर्मा, रुची पांडे, अनिता व्यास, स्वाति मिश्रा, सीमा गौड, अनिता मानका, सीमा लाटा, चित्रांशा टोलीवाल, श्रद्धा मानका, वृद्धि राठी, रुतु मानका, कमला तिवारी, सोनम पांडे, प्रीति पांडे, योगिता मानका, कविता व्यास, पूजा शर्मा व कविता जोशी, यशिता चौबे, सोनू चौबे, हेमा शर्मा व मिना चौबे आदि सहित अनेकों महिलाएं उपस्थित थी.

* नवयुवती मंडल की कार्यकारिणी भी हुई घोषित
साथ ही इस समय गौड ब्राह्मण नवयुवती मंडल की नई कार्यकारिणी के नामों की घोषणा भी की गई. जिसके तहत अध्यक्षा मर्यादा शर्मा, कार्यकारिणी अध्यक्षा सुनिता माणका, सचिव शिल्पा शर्मा, सह सचिव सरिता पुरोहित, कोषाध्यक्ष कोमल शर्मा, सह कोषाध्यक्ष उमा व्यास, प्रीति शर्मा, शालिनी शर्मा, मोनिका शर्मा, सुनिता शर्मा, ज्योति शर्मा, पूजा जोशी, कोमल महर्षी, बबीता शर्मा, शिवानी शर्मा, वर्षा व्यास, मेघा शर्मा, दिशा शर्मा, नेहा शर्मा, प्रेरणा शर्मा, नम्रता शर्मा, रिना शर्मा, सुरेखा पांडे, रेणू शर्मा, वंदना जोशी की नवयुवती मंडल में नियुक्ति की गई.
*************

भगवान परशुराम थीम पार्क और भगवान परशुराम जी  प्रतिमा (कर्नाटक) #कर्नाटक के मुख्यमंत्री  #बसवराज_बोम्मई द्वारा कर्नाटक के...
03/02/2023

भगवान परशुराम थीम पार्क और भगवान परशुराम जी प्रतिमा (कर्नाटक)

#कर्नाटक के मुख्यमंत्री #बसवराज_बोम्मई द्वारा कर्नाटक के #उड्डपी ज़िले के #बैलूर में #उमीकल_पहाड़ी के ऊपर #परशुराम_थीम_पार्क और #भगवान_परशुराम जी 33 फुट ऊँची कांस्य प्रतिमा का उद्घाटन किया गया।

परशुराम थीम पार्क में एक भजन मंदिर, संग्रहालय, ओपन एयर एम्फीथिएटर,भगवान परशुराम के जीवन का चित्रण,ऑडियो-विजुअल गैलरी और एक रेस्तरां है।

जय जय श्री परशुराम
🙏🏻🙏🏻💕🚩

अमरावती में जल्द शुरु होगा परशुराम धाम का निर्माण* परशुराम सेवा समिति का हुआ गठन* मंदिर निर्माण के अलावा विभिन्न सामाजिक...
03/01/2023

अमरावती में जल्द शुरु होगा परशुराम धाम का निर्माण
* परशुराम सेवा समिति का हुआ गठन
* मंदिर निर्माण के अलावा विभिन्न सामाजिक उपक्रम भी होंगे शुरु
* अलग-अलग उपसमितियों को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
प्रतिनिधि/ दि.2
अमरावती- समीपस्थ मार्डी रोड पर संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पीटल के निकट साकार किये जा रहे परशुराम धाम में बहुत जल्द भगवान श्री परशुराम के भव्य-दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरु होने जा रहा है. इस हेतु परशुराम सेवा समिति के तौर पर मंदिर ट्रस्ट के गठन व पंजीयन की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया. परशुराम सेवा समिति का गठन होते ही समिति में शामिल ट्रस्टियों ने संकल्प लिया कि, मंदिर निर्माण के साथ-साथ समिति व्दारा पूरे सालभर समाज हित में विभिन्न सामाजिक व सेवाभावी उपक्रम चलाए जाते रहेंगे.
इस समिति में स्थानीय ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ व सेवाभावी व्यक्तित्व हनुमानदास जी मानका सहित सीए डी. डी. खंडेलवाल, पवन शर्मा, नितीन भगत, श्याम शर्मा, दीपक मानका, श्रीकिसन व्यास तथा मनीषा दीक्षित का समावेश किया गया है. उल्लेखनीय है कि, शहर में सर्व र्शाखिय व सर्व भाषिय ब्राह्मणों का आवासिय क्षेत्र हो, इस बात के मद्देनजर मार्डी रोड पर संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पीटल के पास परशुराम धाम के तौर पर एक ले-आउट डाला गया है. जहां पर जरुरतमंद ब्राह्मण समाजबंधुओं को अत्यल्प दरों प्लॉट उपलब्ध कराये गए है. इसी ले-आउट पर भगवान परशुराम का भव्य मंदिर एवं ब्राह्मण समाज भवन साकार किया जाना है. इस मंदिर के निर्माण का भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को ठीक उसी समय किया गया था. जब अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ था. इसके साथ ही अब परशुराम धाम में भगवान परशुराम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरु करने का प्रयास शुरु कर दिया गया. जिसके तहत प्रस्तावित मंदिर का निर्माण करने और निर्माण पश्चात मंदिर की देखरेख करने हेतु परशुराम सेवा समिति के रुप में ट्रस्ट का गठन व पंजीयन किया गया.

- जल्द शुरु होगा देशव्यापी दौरा
समिति पदाधिकारियों के मुताबिक परशुराम मंदिर का निर्माण करने हेतु करीब साढे तीन से चार करोड रुपए का खर्च अपेक्षित है. ऐसे में इस मंदिर के निर्माण हेतु धनराशि जुटाने हेतु परशुराम सेवा समिति व्दारा भ्रमण समितियों का गठन किया जाएगा. जिसमें शामिल पदाधिकारी देशव्यापी दौरा करेंगे और अमरावती शहर व जिले सहित राज्य तथा देश के विभिन्न ब्राह्मण समाजबंधुओं से संपर्क करते हुए तुम से परशुराम मंदिर के निर्माण हेतु यथायोग्य सहयोग प्राप्त किया जाएगा.

- शिक्षा व स्वास्थ्य हेतु उपलब्ध कराई जाएगी सहायता
समिति पदाधिकारियों ने अपने संकल्पों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, ब्राह्मण समाज में कई परिवार आर्थिक रुप से बेहद कमजोर है. ऐसे परिवारों के बच्चों को शिक्षा हेतु आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही स्वास्थ्य व चिकित्सा के लिए भी तमाम आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए विशेष रुप से निधि का प्रावधान करते हुए एक स्वतंत्र कार्य सेवा उपसमिति को कार्यान्वित किया जाएगा.

- भग्न व खंडित मूर्तियों के विसर्जन से नववर्ष का प्रारंभ
इसके साथ ही परशुराम सेवा समिति व्दारा कहा गया है कि, अक्सर लोगबाग अपने घरों में किसी मूर्ति या प्रतिमा (फोटो) के भग्न अथवा खंडित हो जाने पर उसे सर्विस गली जैसे स्थान पर रख देते है. जिससे लंबे समय तक पूजी गई मूर्ति या प्रतिमा का अपमान होता है. ऐसे में परशुराम सेवा समिति व्दारा इस तरह की खंडीत या भग्न मूर्तियों को नियमित रुप से संकलन किया जाएगा. साथ ही प्रतिमाह संकलित होने वाली मूर्तियों व प्रतिमाओं को महिने के चौथे रविवार किसी पवित्र नदी के साफ बहते पानी में विसर्जित किया जाएगा. साथ ही जो प्रतिमाएं पानी में घुलने लायक नहीं होंगी उन्हें किसी पवित्र स्थल पर मिट्टी में गड्ढा करते हुए विसर्जित किया जाएगा. उपरोक्त जानकारी के साथ ही परशुराम सेवा समिति व्दारा सभी धर्मशील नागरिकों से आह्वान किया गया है कि, यदि उनके घर में कोई मूर्ति या प्रतिमा भग्न अथवा खंडित होती है, तो वे उसे इधर-उधर किसी सार्वजनिक स्थल पर डालने की बजाय चित्रा चौक के पास उदासी वाडा स्थित श्याम शर्मा के कार्यालय पर लाकर दे, अथवा ऐसा करना संभव नहीं रहने पर 9422190873 इस मोबाइल क्रमांक पर सूचित करें, ताकि समिति सदस्यों व्दारा भग्न अथवा खंडित मूर्ति का संबंधित व्यक्ति के घर जाकर संकलन किया जा सके.

8 को नागपुर में ब्राह्मण युवक-युवती परिचय सम्मेलन- परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ का 22 वां अखिल भारतीय आयोजनप्रतिनिधि/ ...
27/12/2022

8 को नागपुर में ब्राह्मण युवक-युवती परिचय सम्मेलन
- परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ का 22 वां अखिल भारतीय आयोजन
प्रतिनिधि/ दि.27
अमरावती- परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ व्दारा ब्राह्मण समाज की विभिन्न शाखाओं के विवाह योग्य युवक-युवतियों व उनके अभिभावकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आगामी 8 जनवरी को नागपुर में 22 वें अखिल भारतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन ‘मिलाप-2023’ का आयोजन किया जा रहा है. यह अखिल भारतीय परिचय सम्मेलन नागपुर के सीताबर्डी में झांसी रानी चौक से नार्थ अंबाझरी रोड स्थित आंध्र एसोसिएशन के अमृत भवन में 8 जनवरी को सुबह 9.30 बजे से शुरु होगा. जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से ब्राह्मण समाज की विभिन्न शाखाओं के विवाह योग्य युवक-युवती अपना परिचय देेने हेतु उपस्थित रहेंगे. इस आयोजन में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों व उनके अभिभावकों व्दारा स्वयं मंच पर उपस्थित होकर अपना परिचय दिया जाएगा. साथ ही उनका विवरण स्लाइड शो के माध्यम से भी दिखाया जाएगा.
उक्त आशय की जानकारी देते हुए परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ व परिचय सम्मेलन आयोजन समिति की ओर से बताया गया कि, ‘मिलाप-2023’ को ब्राह्मणोचित रिती से वृहद स्वरुप प्रदान किया जाएगा. साथ ही नागपुर नगर के बाहर से आने वाले अतिथियों के विश्राम व रुकने की व्यवस्था आयोजकों व्दारा नि:शुल्क तौर पर की जाएगी. साथ ही सम्मेलन में पधारने वाले सभी विप्र समाज बंधुओं के भोजन की व्यवस्था भी आयोजन स्थल पर की जाएगी. इस सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों का विवरण परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ की वेबसाइट ‘ब्राह्मण मिलाप’ तथा परिचय सम्मेलन आयोजन समिति व्दारा प्रकाशित की जाने वाली ‘मिलाप’ पुस्तिका में प्रकाशित किया जाएगा. इस आयोजन में शामिल होने हेतु इच्छुक प्रतिभागियों व्दारा 5 जनवरी 2023 तक अपना पंजीयन कराया जा सकता है.
आयोजन की सफलतार्थ परशुराम सर्वभाषीय ब्राह्मण संघ (नागपुर) के अध्यक्ष विश्वजीत भगत, महासचिव संजय चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष सीए अतुल देव, परिचय सम्मेलन आयोजन समिति-2023 के अध्यक्ष पं. रामनारायण मिश्र, मुख्य संयोजक पं. अनिल मदनलाल शर्मा व सहसंयोजक राकेश मिश्रा, डॉ. प्रभावती वाजपेयी, प्रियंका तिवारी, अशोक राजदेरकर व हेमंत शर्मा व्दारा महत प्रयास किये जा रहे है.

*अमरावती में तीन स्थानों पर पंजीयन फॉर्म उपलब्ध
आगामी 8 जनवरी को नागपुर में आयोजित होने जा रहे 22 वें अखिल भारतीय सर्वभाषीय ब्राह्मण युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल होने के इच्छुक विवाह योग्य ब्राह्मण युवक-युवतियों व उनके अभिभावकों हेतु अमरावती में भी तीन स्थानों पर पंजीयन फॉर्म उपलब्ध कराये गए हैं. जिसके तहत चित्रा चौक पर श्याम शर्मा (9422190873), जयस्तंभ चौक पर दीपक मानका (9422184007) तथा जवाहर गेट परिसर में नितेश पाण्डेय (8390869377) से संपर्क करते हुए पंजीयन फॉर्म के साथ ही आयोजन को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

मनुवाद क्या है और क्या है मनुस्मृति?मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते है...
22/12/2022

मनुवाद क्या है और क्या है मनुस्मृति?
मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वेब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। वर्तमान दौर में 'मनुवाद' शब्द को नकारात्मक अर्थों में लिया जा रहा है।
ब्राह्मणवाद को भी मनुवाद के ही पर्यायवाची के रूप में उपयोग किया जाता है। वास्तविकता में तो मनुवाद की रट लगाने वाले लोग मनु अथवा मनुस्मृति के बारे में जानते ही नहीं है या फिर अपने निहित स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग अलापते रहते हैं। दरअसल, जिस जाति व्यवस्था के लिए मनुस्मृति को दोषी ठहराया जाता है, उसमें जातिवाद का उल्लेख तक नहीं है।
क्या है मनुवाद:- जब हम बार-बार मनुवाद शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में भी सवाल कौंधता है कि आखिर यह मनुवाद है क्या? महर्षि मनु मानव संविधान के प्रथम प्रवक्ता और आदि शासक माने जाते हैं। मनु की संतान होने के कारण ही मनुष्यों को मानव या मनुष्य कहा जाता है। अर्थात मनु की संतान ही मनुष्य है। सृष्टि के सभी प्राणियों में एकमात्र मनुष्य ही है जिसे विचारशक्ति प्राप्त है। मनु ने मनुस्मृति में समाज संचालन के लिए जो व्यवस्थाएं दी हैं, उसे ही सकारात्मक अर्थों में मनुवाद कहा जा सकता है।
मनुस्मृति: समाज के संचालन के लिए जो व्यवस्थाएं दी हैं, उन सबका संग्रह मनुस्मृति में है। अर्थात मनुस्मृति मानव समाज का प्रथम संविधान है, न्याय व्यवस्था का शास्त्र है। यह वेदों के अनुकूल है। वेद की कानून व्यवस्था अथवा न्याय व्यवस्था को कर्तव्य व्यवस्था भी कहा गया है। उसी के आधार पर मनु ने सरल भाषा में मनुस्मृति का निर्माण किया। वैदिक दर्शन में संविधान या कानून का नाम ही धर्मशास्त्र है। महर्षि मनु कहते है- धर्मो रक्षति रक्षित:। अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। यदि वर्तमान संदर्भ में कहें तो जो कानून की रक्षा करता है कानून उसकी रक्षा करता है। कानून सबके लिए अनिवार्य तथा समान होता है।
जिन्हें हम वर्तमान समय में धर्म कहते हैं दरअसल वे संप्रदाय हैं। धर्म का अर्थ है जिसको धारण किया जाता है और मनुष्य का धारक तत्व है मनुष्यता, मानवता। मानवता ही मनुष्य का एकमात्र धर्म है। हिन्दू मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख आदि धर्म नहीं मत हैं, संप्रदाय हैं। संस्कृत के धर्म शब्द का पर्यायवाची संसार की अन्य किसी भाषा में नहीं है। भ्रांतिवश अंग्रेजी के 'रिलीजन' शब्द को ही धर्म मान लिया गया है, जो कि नितांत गलत है। इसका सही अर्थ संप्रदाय है। धर्म के निकट यदि अंग्रेजी का कोई शब्द लिया जाए तो वह 'ड्यूटी' हो सकता है। कानून ड्यूटी यानी कर्तव्य की बात करता है।
मनु ने भी कर्तव्य पालन पर सर्वाधिक बल दिया है। उसी कर्तव्यशास्त्र का नाम मानव धर्मशास्त्र या मनुस्मृति है। आजकल अधिकारों की बात ज्यादा की जाती है, कर्तव्यों की बात कोई नहीं करता। इसीलिए समाज में विसंगतियां देखने को मिलती हैं। मनुस्मृति के आधार पर ही आगे चलकर महर्षि याज्ञवल्क्य ने भी धर्मशास्त्र का निर्माण किया जिसे याज्ञवल्क्य स्मृति के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी काल में भी भारत की कानून व्यवस्था का मूल आधार मनुस्मृति और याज्ञवल्क्य स्मृति रहा है। कानून के विद्यार्थी इसे भली-भांति जानते हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में मनु की प्रतिमा भी स्थापित है।
मनुस्मृति में दलित विरोध:- मनुस्मृति न तो दलित विरोधी है और न ही ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देती है। यह सिर्फ मानवता की बात करती है और मानवीय कर्तव्यों की बात करती है। मनु किसी को दलित नहीं मानते। दलित संबंधी व्यवस्थाएं तो अंग्रेजों और आधुनिकवादियों की देन हैं। दलित शब्द प्राचीन संस्कृति में है ही नहीं। चार वर्ण जाति न होकर मनुष्य की चार श्रेणियां हैं, जो पूरी तरह उसकी योग्यता पर आधारित है। प्रथम ब्राह्मण, द्वितीय क्षत्रिय, तृतीय वैश्य और चतुर्थ शूद्र। वर्तमान संदर्भ में भी यदि हम देखें तो शासन-प्रशासन को संचालन के लिए लोगों को चार श्रेणियों- प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में बांटा गया है। मनु की व्यवस्था के अनुसार हम प्रथम श्रेणी को ब्राह्मण, द्वितीय को क्षत्रिय, तृतीय को वैश्य और चतुर्थ को शूद्र की श्रेणी में रख सकते हैं। जन्म के आधार पर फिर उसकी जाति कोई भी हो सकती है। मनुस्मृति एक ही मनुष्य जाति को मानती है। उस मनुष्य जाति के दो भेद हैं। वे हैं पुरुष और स्त्री।
मनु कहते हैं- 'जन्मना जायते शूद्र' अर्थात जन्म से तो सभी मनुष्य शूद्र के रूप में ही पैदा होते हैं। बाद में योग्यता के आधार पर ही व्यक्ति ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य अथवा शूद्र बनता है। मनु की व्यवस्था के अनुसार ब्राह्मण की संतान यदि अयोग्य है तो वह अपनी योग्यता के अनुसार चतुर्थ श्रेणी या शूद्र बन जाती है। ऐसे ही चतुर्थ श्रेणी अथवा शूद्र की संतान योग्यता के आधार पर प्रथम श्रेणी अथवा ब्राह्मण बन सकती है। हमारे प्राचीन समाज में ऐसे कई उदाहरण है, जब व्यक्ति शूद्र से ब्राह्मण बना। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के गुरु वशिष्ठ महाशूद्र चांडाल की संतान थे, लेकिन अपनी योग्यता के बल पर वे ब्रह्मर्षि बने। एक मछुआ (निषाद) मां की संतान व्यास महर्षि व्यास बने। आज भी कथा-भागवत शुरू होने से पहले व्यास पीठ पूजन की परंपरा है। विश्वामित्र अपनी योग्यता से क्षत्रिय से ब्रह्मर्षि बने। ऐसे और भी कई उदाहरण हमारे ग्रंथों में मौजूद हैं, जिनसे इन आरोपों का स्वत: ही खंडन होता है कि मनु दलित विरोधी थे।
ब्राह्मणोह्यस्य मुखमासीद् बाहु राजन्य कृत:।
उरु तदस्य यद्वैश्य पद्मयां शूद्रो अजायत। (ऋग्वेद)
अर्थात ब्राह्मणों की उत्पत्ति ब्रह्मा के मुख से, भुजाओं से क्षत्रिय, उदर से वैश्य तथा पांवों से शूद्रों की उत्पत्ति हुई। दरअसल, कुछ अंग्रेजों या अन्य लोगों के गलत भाष्य के कारण शूद्रों को पैरों से उत्पन्न बताने के कारण निकृष्ट मान लिया गया, जबकि हकीकत में पांव श्रम का प्रतीक हैं। ब्रह्मा के मुख से पैदा होने से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति या समूह से है जिसका कार्य बुद्धि से संबंधित है अर्थात अध्ययन और अध्यापन। आज के बुद्धिजीवी वर्ग को हम इस श्रेणी में रख सकते हैं। भुजा से उत्पन्न क्षत्रिय वर्ण अर्थात आज का रक्षक वर्ग या सुरक्षाबलों में कार्यरत व्यक्ति। उदर से पैदा हुआ वैश्य अर्थात उत्पादक या व्यापारी वर्ग। अंत में चरणों से उत्पन्न शूद्र वर्ग।
यहां यह देखने और समझने की जरूरत है कि पांवों से उत्पन्न होने के कारण इस वर्ग को अपवित्र या निकृष्ट बताने की साजिश की गई है, जबकि मनु के अनुसार यह ऐसा वर्ग है जो न तो बुद्धि का उपयोग कर सकता है, न ही उसके शरीर में पर्याप्त बल है और व्यापार कर्म करने में भी वह सक्षम नहीं है। ऐसे में वह सेवा कार्य अथवा श्रमिक के रूप में कार्य कर समाज में अपने योगदान दे सकता है। आज का श्रमिक वर्ग अथवा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनु की व्यवस्था के अनुसार शूद्र ही है। चाहे वह फिर किसी भी जाति या वर्ण का क्यों न हो।
वर्ण विभाजन को शरीर के अंगों को माध्यम से समझाने का उद्देश्य उसकी उपयोगिता या महत्व बताना है न कि किसी एक को श्रेष्ठ अथवा दूसरे को निकृष्ट। क्योंकि शरीर का हर अंग एक दूसरे पर आश्रित है। पैरों को शरीर से अलग कर क्या एक स्वस्थ शरीर की कल्पना की जा सकती है? इसी तरह चतुर्वर्ण के बिना स्वस्थ समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
ब्राह्मणवाद की हकीकत : - ब्राह्मणवाद मनु की देन नहीं है। इसके लिए कुछ निहित स्वार्थी तत्व ही जिम्मेदार हैं। प्राचीन काल में भी ऐसे लोग रहे होंगे जिन्होंने अपनी अयोग्य संतानों को अपने जैसा बनाए रखने अथवा उन्हें आगे बढ़ाने के लिए लिए अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया होगा। वर्तमान संदर्भ में मेधा घोटाला और व्यापम घोटाला इसका सटीक उदाहरण हो सकता है। क्योंकि कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी अयोग्य संतानों को भी डॉक्टर और इंजिनियर बना दिया। हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा भ्रष्ट तरीके अपनाकर अपनी अयोग्य संतानों को आगे बढाएं। इसके लिए तत्कालीन समाज या फिर व्यक्ति ही दोषी हैं।
उदाहरण के लिए संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में आरक्षण की व्यवस्था 10 साल के लिए की थी, लेकिन बाद में राजनीतिक स्वार्थों के चलते इसे आगे बढ़ाया जाता रहा। ऐसे में बाबा साहेब का क्या दोष?
मनु तो सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था अनिवार्य करते हैं। बिना पढ़े लिखे को विवाह का अधिकार भी नहीं देते, जबकि वर्तमान में आजादी के 70 साल बाद भी देश का एक वर्ग आज भी अनपढ़ है। मनुस्मृति को नहीं समझ पाने का सबसे बड़ा कारण अंग्रेजों ने उसके शब्दश: भाष्य किए। जिससे अर्थ का अनर्थ हुआ। पाश्चात्य लोगों और वामपंथियों ने धर्मग्रंथों को लेकर लोगों में भ्रांतियां भी फैलाईं। इसीलिए मनुवाद या ब्राह्मणवाद का हल्ला ज्यादा मचा।
मनुस्मृति या भारतीय धर्मग्रंथों को मौलिक रूप में और उसके सही भाव को समझकर पढऩा चाहिए। विद्वानों को भी सही और मौलिक बातों को सामने लाना चाहिए। तभी लोगों की धारणा बदलेगी। दाराशिकोह उपनिषद पढक़र भारतीय धर्मग्रंथों का भक्त बन गया था। इतिहास में उसका नाम उदार बादशाह के नाम से दर्ज है। फ्रेंच विद्वान जैकालियट ने अपनी पुस्तक 'बाइबिल इन इंडिया' में भारतीय ज्ञान विज्ञान की खुलकर प्रशंसा की है।
पंडित, पुजारी बनने के ब्राह्मण होना जरूरी है : - पंडित और पुजारी तो ब्राह्मण ही बनेगा, लेकिन उसका जन्मगत ब्राह्मण होना जरूरी नहीं है। यहां ब्राह्मण से मतलब श्रेष्ठ व्यक्ति से न कि जातिगत। आज भी सेना में धर्मगुरु पद के लिए जातिगत रूप से ब्राह्मण होना जरूरी नहीं है बल्कि योग्य होना आवश्यक है। ऋषि दयानंद की संस्था आर्यसमाज में हजारों विद्वान हैं जो जन्म से ब्राह्मण नहीं हैं। इनमें सैकड़ों पुरोहित जन्म से दलित वर्ग से आते हैं।
शूद्रो ब्राह्मणतामेति ब्राह्मणश्चैति शूद्रताम।
क्षत्रियाज्जातमेवं तु विद्याद्वैश्यात्तथैव च। (10/65)
महर्षि मनु कहते हैं कि कर्म के अनुसार ब्राह्मण शूद्रता को प्राप्त हो जाता है और शूद्र ब्राह्मणत्व को। इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य से उत्पन्न संतान भी अन्य वर्णों को प्राप्त हो जाया करती हैं। विद्या और योग्यता के अनुसार सभी वर्णों की संतानें अन्य वर्ण में जा सकती हैं।

Address


Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Weekly Parshu-Prahar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Weekly Parshu-Prahar:

Shortcuts

  • Address
  • Telephone
  • Alerts
  • Contact The Business
  • Claim ownership or report listing
  • Want your business to be the top-listed Media Company?

Share