09/08/2025
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव "भीमरावपुर" में एक अजीब-सी गली थी, जिसे लोग शमशान वाली गली कहते थे। गांव के लोग वहां रात को तो दूर, दिन में भी जाने से कतराते थे। कहा जाता था कि गली के अंत में एक पुराना शमशान है, जहां एक औरत की आत्मा भटकती है। जिसने भी उसकी आवाज़ का पीछा किया, वह कभी लौटकर नहीं आया।विक्रम, 28 साल का युवक, शहर में रहता था, लेकिन कई सालों बाद अपनी बहन अंजलि से मिलने गांव आया था। गांव आते ही उसने इस गली के बारे में सुना और बचपन की जिज्ञासा फिर से जाग उठी।रात का समय था, अमावस्या की रात। हवा में अजीब-सी ठंडक थी। अंजलि ने उसे चेतावनी दी,> "भैया, उस गली के पास भी मत जाना। लोग कहते हैं वहां आत्मा लोगों को खींच ले जाती है।"लेकिन विक्रम हंसते हुए बोला,> "ये सब कहानियां हैं, असली दुनिया में भूत-प्रेत नहीं होते।"उसकी जिद को देखकर पड़ोसी रमेश काका ने भी समझाया,> "बेटा, जो भी उस गली में गया, वो वापस नहीं लौटा… मेरी मान, ये जिज्ञासा छोड़ दे।"लेकिन विक्रम पर इन बातों का असर नहीं हुआ। आधी रात को, मोबाइल कैमरा ऑन करके और टॉर्च लेकर वह गली की ओर निकल पड़ा।गली बेहद संकरी थी। दोनों तरफ जर्जर मकान, टूटी खिड़कियां और जंग लगे गेट। टॉर्च की रोशनी में दीवारों पर अजीब लाल निशान नज़र आ रहे थे, जैसे किसी ने खून से बनाए हों। विक्रम ने कदम बढ़ाए ही थे कि पीछे से किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। वह मुड़ा — लेकिन वहां कोई नहीं था, सिर्फ धुंध तैर रही थी।अचानक, एक लंबी और दर्दभरी चीख गली के अंत से गूंजी। आवाज़ इतनी डरावनी थी कि विक्रम के रोंगटे खड़े हो गए। फिर भी, जिज्ञासा ने डर पर जीत पाई और वह उस दिशा में बढ़ने लगा।गली के आखिर में उसने एक औरत को देखा — सफेद साड़ी में, खुले बाल, सिर झुका हुआ। वह पुराने शमशान के पास खड़ी थी। विक्रम धीरे-धीरे पास गया,> "तुम… कौन हो?"औरत ने धीरे-धीरे सिर उठाया। उसकी आंखें पूरी तरह काली थीं, चेहरा जैसे जला हुआ। वह खौफनाक मुस्कान के साथ बोली,> "तुमने मेरी चीख सुनी… अब तुम भी यहीं रहोगे।"इतना कहते ही चारों तरफ काले साए घूमने लगे। विक्रम ने भागने की कोशिश की, लेकिन पीछे का रास्ता धुंध से बंद हो गया। औरत ने अपना ठंडा हाथ उसकी गर्दन पर रखा, और विक्रम की चीख अंधेरे में गुम हो गई।अगली सुबह गांव वालों को शमशान वाली गली के पास विक्रम का मोबाइल मिला। आखिरी वीडियो में बस धुंध, टूटी खिड़कियां और एक पल के लिए सफेद साड़ी वाली औरत का चेहरा दिखा… और उसके पीछे विक्रम की धुंधली परछाई।उस दिन के बाद, गांव वाले कहते हैं कि अब उस गली में एक और आत्मा भटकती है — सफेद साड़ी वाली औरत के साथ, विक्रम भी।