12/05/2025
शहीद सौरभ कटारा: जिनकी शहादत ने देश को रुला दिया – जय हिन्द! 🇮🇳
जब कोई सिपाही देश की रक्षा के लिए वर्दी पहनता है, तो वह सिर्फ अपनी जान नहीं, बल्कि अपने पूरे जीवन को राष्ट्र को सौंप देता है। ऐसी ही एक दिल को छू जाने वाली, गर्व और ग़म से भरी कहानी है राजस्थान के वीर सपूत, शहीद सौरभ कटारा जी की, जिन्होंने अपनी शादी के महज़ 10 दिन बाद ही देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए।
शहीद सौरभ कटारा का जीवन भले ही बहुत लंबा नहीं रहा, लेकिन उनके जज़्बे और बलिदान ने उन्हें हमेशा के लिए अमर कर दिया। वह उन अनगिनत वीरों में से एक हैं, जिनकी कहानियाँ हमें बताती हैं कि देशभक्ति का मतलब क्या होता है। जिन्होंने अपने निजी जीवन की सबसे सुंदर शुरुआत को त्याग कर, देश की रक्षा को अपना अंतिम कर्म बना लिया।
शादी के बाद जब कोई नवविवाहित जोड़ा जीवन के नए सपने बुनता है, एक-दूसरे के साथ ज़िंदगी के हर पल को जीने की उम्मीद करता है, उसी वक़्त सौरभ कटारा ड्यूटी पर लौटे। उन्हें पता था कि देश की रक्षा करने से बड़ा कोई कर्तव्य नहीं होता। केवल 10 दिन पत्नी के साथ बिताए, और फिर सरहद पर डटे रहे — जैसे उन्होंने वादा किया हो, "पहले देश, फिर बाकी सब।"
और फिर वो दिन आया जब उन्होंने अपने प्राण मातृभूमि की सेवा में समर्पित कर दिए। यह सिर्फ एक सैनिक की मौत नहीं थी, यह उस प्रेम, उस समर्पण और उस शौर्य का अंत था जो अब भारत मां की माटी में समाया हुआ है। उनकी पत्नी के लिए यह किसी तूफ़ान से कम नहीं था — शादी के जोड़े से लेकर शहीद की तस्वीर तक का सफर उन्होंने महज चंद दिनों में देख लिया।
लेकिन यह कहानी केवल दुःख की नहीं है — यह गर्व की भी है। गर्व इस बात का कि भारत माता के सपूत आज भी ऐसे वीर पैदा कर रहे हैं, जो हँसते-हँसते देश के लिए बलिदान देने को तैयार हैं। शहीद सौरभ कटारा का बलिदान हमें याद दिलाता है कि आज जो हम खुलकर साँस ले रहे हैं, वो किसी की कुर्बानी की वजह से है।
उनकी शहादत एक सवाल भी छोड़ती है — क्या हम अपने इन वीरों के प्रति उतना ही कर्तव्य निभा रहे हैं जितना उन्होंने हमारे लिए किया? क्या हम उन्हें सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित कर रहे हैं या वाकई उनके बलिदान को सम्मान की नज़र से देखते हैं?
सौरभ कटारा जैसे सैनिकों को याद रखना हमारा फर्ज़ है। वे कभी मरते नहीं, वे हर उस तिरंगे में ज़िंदा रहते हैं जो शान से लहराता है। उनके जैसे वीरों को एक सेकंड में "जय हिन्द" लिखना ही नहीं, हर दिन दिल से उन्हें सलाम करना चाहिए।
तो आइए, आज और हर दिन हम उनके बलिदान को नमन करें।
🙏 शहीद सौरभ कटारा को शत-शत श्रद्धांजलि।
आपका बलिदान अमर है।
जय हिन्द! 🇮🇳