21/11/2025
बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को
बिहार का गृह विभाग सौंपा गया है.
20 साल बाद ये पहली बार है
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं होगा…
सम्राट चौधरी ने 1990 में
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से राजनीति की शुरुआत की,
1999 में सम्राट चौधरी को
राबड़ी देवी सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया,
लेकिन उम्र 25 वर्ष से कम होने के कारण
विवाद हो गया और
नवंबर 1999 में पद से हटा दिया गया,
इसके बाद 2000 और 2010 में
सम्राट चौधरी परबत्ता विधानसभा सीट से
विधायक का पद संभाला,
2010 में राजद ने सम्राट चौधरी को
विपक्ष का मुख्य सचेतक बनाया…
2014 में सम्राट चौधरी
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल होकर
जीतन राम मांझी सरकार में
शहरी विकास एवं आवास मंत्री के पद संभाला,
और 2017-2018 में सम्राट चौधरी
ने भाजपा का दामन थामा
और तेजी से बीजेपी में अपनी पकड़ मजबूत की…
और देखते ही देखते
सम्राट चौधरी को भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष
और बाद में प्रदेश अध्यक्ष बना दिया…
2020 में सम्राट चौधरी को MLC बनाया गया…
2021-2022 में
सम्राट चौधरी ने पंचायती राज मंत्री का पद संभाला,
अगस्त 2022 से अगस्त 2023 तक
सम्राट चौधरी बिहार विधान परिषद में
विपक्ष के नेता का पद संभाला…
मार्च 2023 से जुलाई 2024 तक
जनवरी 2024 में सम्राट चौधरी को
भाजपा विधायक दल के नेता चुना गया,
और उपमुख्यमंत्री बनाया गया
सम्राट चौधरी को वित्त, स्वास्थ्य,
शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए,
2025 के विधानसभा चुनाव में
सम्राट चौधरी ने अपनी पैतृक सीट तरापुर से
1,22,480 वोट प्राप्त कर
आरजेडी के उम्मीदवार को हराया…
और अब उपमुख्यमंत्री के साथ साथ
बिहार के गृह विभाग का पद मिला है…
लेख का सार: अगर जनता की सेवा करना चाहते हैं
तो लक्ष्य केवल जनता की सेवा होना चाहिए…
दल के आधार पर प्रेम/घृणा नहीं…
किसी भी दल से बैर नहीं…
राजद, जदयू और अब भाजपा में
सम्राट चौधरी ने पार्टी नहीं देखी,
देखा तो केवल व केवल लक्ष्य: "जनता की सेवा"