Gaon vale गांव वाले

Gaon vale गांव वाले जिंदगी कभी धूप में तो कभी छांव में है,
जीवन जीने का असली मजा तो गांव में है
अयोध्यावासी ❤️
(3)

17/06/2025

जो लोग प्रदेश में कमाने जाते हैं, वो पैसे तो कमा लेते हैं, मगर उस सुकून को खो बैठते हैं जो गाँव की मिट्टी, माँ की गोद और अपनों की हँसी में होता है।😭

17/06/2025

अधिक फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी आ जाने से शादी अब संस्कार नहीं ड्रामा बन गई है।
ऐसा कितने लोग मानते हैं.?

17/06/2025

यहां तक की जहांज भी गिरा तो लड़को के ही हॉस्टल में गिरा, ✈️
बेचारे पुरुष कहीं सेफ नहीं है आजकल।🥲

17/06/2025

यह सोंचकर ही पुरुषों ने पूरी उम्र गुजार दी,
मैं कैसे भी रहूं, मेरा परिवार सुकून से रहे..!!

16/06/2025

विवाह हेतु कुंडली नहीं
कॉल डिटेल्स निकलवाये
सतर्क रहें सुरक्षित रहें
😂😂

16/06/2025

मैनपुरी में लिंक एक्सप्रेस-वे हेतु 11 गांवों के 450 से ज्यादा किसानों की जमीन लेगी सरकार,विरोध में किसान

जमीन छीनो अभियान N #0🐑😃

15/06/2025

हमारा कानून इसीलिए महान है क्योंकि यहाँ पॉलिथीन बनाने वाली कम्पनियों पर नहीं पॉलिथीन मे सब्जी बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई होती है

15/06/2025

बेचारा अकेला शिया देश ईरान अमेरिका से टक्कर ले रहा है...

और, बाकी ज्यादतर सुन्नी देश तो अमेरिका की चापलूसी में लगे हैं.
इसलिए बोलते हैं की असली मुसलमान शिया ही है सुन्नी तो काफ़िर होते हैं

उड़ान के ६२५ फीट बाद वायुयान का क्रैश — दोनों इञ्जन एक साथ नाकाम!पक्षी टकराने से दोनों इञ्जन एक साथ बन्द नहीं हो सकते । फ...
15/06/2025

उड़ान के ६२५ फीट बाद वायुयान का क्रैश — दोनों इञ्जन एक साथ नाकाम!पक्षी टकराने से दोनों इञ्जन एक साथ बन्द नहीं हो सकते । फ्यूयल टैंक के मेन स्विच से इञ्जन तक के सप्लाई पाइप में जितना फ्यूयल समा सकता है वह केवल ३०−४० सेकण्ड तक इञ्जन को चालू रख सकता है । इतने समय में लगभग ६२५ फीट की उड़ान सम्भव है । अतः लम्बी उड़ान पर रवाना होने से पहले १२७००० लीटर ईंधन भरकर फ्यूयल टैंक का मेन स्विच बन्द कर दिया गया — जाँच के दौरान फ्यूयल टैंक और मेन स्विच आदि की भी जाँच होती है । अतएव बाहरी आतङ्की की कोई सम्भावना नहीं है । क्रैश से कई लोग बच सकते थे,किन्तु १२७००० लीटर ईंधन के विस्फोट से बचना दुष्कर है!
मैंने कुण्डली की भी जाँच की,देशचक्र का गोचर अत्यन्त अशुभ था ।
विजय रुपाणी से किसको खतरा था?

आपकी तर्कशक्ति सो रही है?बिना पूरी जाँच के ऐसे विमान को दीर्घ यात्रा पर रवाना किया ही नहीं जा सकता,और जाँच में फ्युअल सप्लाई के पूरे लाइन की बारीक जाँच अनिवार्य है । जाँच होने के उपरान्त विमान का क्रू भी वहाँ नहीं पँहुच सकता,फ्युअल सप्लाई लाइन ग्राउण्ड स्टाफ का दायित्व है । अतः फ्युअल सप्लाई लाइन का मेन स्विच जाँच के दौरान ही किसी ने बन्द कर दिया था — जानबूझकर । जानबूझकर इस कारण कह रहा हूँ कि जिस चीज की जाँच अनिवार्य है और जिसे केवल जाँच टीम ही देख सकती है,वह बन्द किसने किया?

🔍 Boeing 787 Fuel System – मुख्य घटक और कार्यप्रणाली
१. ईंधन टैंक्स 💧
Left, Right, और Center tanks — केंद्र टैंक में लगभग 67.5 ton, प्रत्येक विंग टैंक में लगभग 16.9 ton ईंधन

टैंक राइट-साइडियर सेंटर से वेंट surge nitrogen inerting सिस्टम से सुरक्षित रहता है

२. पम्प और वाल्व 🧩
प्रत्येक टैंक में दो AC-pumps: आगे (FWD) और पीछे (AFT)

Center tank pumps उच्च दबाव से ईंधन को crossfeed manifold के माध्यम से भेजते हैं

अगर सभी पंप बंद हों — इंजन suction feed पर चलता है, लेकिन यह climb के लिए पर्याप्त नहीं है

३. Crossfeed Valve & Fuel Selector
Crossfeed Valve दो इंजन के बीच संतुलन और ईंधन आवंटन सुनिश्चित करता है

यदि लॉक हो जाए, तो दोनों इंजन तक ईंधन की आपूर्ति ठप हो सकती है

४. Overhead Panel Control और Jettison System
फ्लाइट डेक पर फ्यूल Bleedoff/Jettison नियंत्रण, साथ ही पंप और क्रॉसफीड स्विच शामिल होते हैं

५. Nitrogen Inerting System
Center tank को nitrogen से भरकर विस्फोट जोखिम कम किया जाता है
feverfecol.weebly.com

🧭 Crash के तकनीकी संकेत:
यदि main fuel valve बंद रहता, इंजन केवल उन्हीं पाइपों में बचे ईंधन से चले — जो लगभग ३०–४० सेकंड तक पर्याप्त होगा

इस दौरान, विमान लगभग 625 फीट ऊंचाई तक पहुंच सकता है

तत्पश्चात ईंधन खतम → दोनों इंजन बंद → विमान फेंक (descent) → विस्फोट के साथ impact

जाँच हेतु चार चित्र संलग्न हैं ।

✅१ . दीर्घ उड़ान (लॉन्ग रेंज फ्लाइट) के पहले सभी सिस्टम की अनिवार्य जाँच होती है:
विशेषकर:

फ्यूल टैंक लेवल

फ्यूल सप्लाई लाइन प्रेशर

क्रॉसफीड और सप्लाई वाल्व्स

पम्प कार्यशीलता

यह सब Pre-Departure Technical Clearance (PDTC) के अंतर्गत आता है, जिसे लाइनेज इंजीनियर और सर्टिफिकेशन अधिकारी (ग्राउंड तकनीशियन) करते हैं।

✅ २. Flight crew (पायलट्स) को विमान जाँच के बाद बुलाया जाता है
फ्लाइट क्रू रनवे clearance के बाद ही aircraft तक पहुँचता है

उसका कार्य preflight checklist के ज़रिए systems को double-verify करना होता है — परंतु वे fuel line की valve configuration या tank venting system खोलने/बन्द करने के अधिकारी नहीं होते

अर्थात, मूल फ्यूल वाल्व और सप्लाई लाइन की ज़िम्मेदारी केवल ग्राउंड टेक्निकल स्टाफ की होती है।

✅ ३. यदि मेन फ्यूल सप्लाई वाल्व बन्द था, तो:
इंजन केवल लाइन में रुके शेष फ्यूल पर चलेंगे (30–40 sec)

जैसे ही लाइन का फ्यूल समाप्त हुआ → दोनों इंजन फ्लेम आउट → विमान गिरेगा

AI171 का ६२५ फीट पर क्रैश होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

❗ यही वह निर्णायक बिंदु है :
"जिस चीज की जाँच अनिवार्य है और जिसे केवल जाँच टीम ही देख सकती है,वह बन्द किसने किया?"

यही पूरे केस की हत्या अथवा अतिअपराधिक श sabotage की दिशा इंगित करता है।

🕵️‍♂️ जाँच एजेंसियों को निम्न बिंदुओं की फॉरेंसिक पड़ताल करनी चाहिए:
जांच क्षेत्र पूछे जाने वाले प्रश्न
Pre-flight inspection log क्या valve खोलने की पुष्टि किसी हस्ताक्षर द्वारा हुई थी?
CCTV (hangar + tarmac) ग्राउंड इंजीनियरों में से किसने आखिरी बार उस वाल्व क्षेत्र को टच किया?
Toolbox audit क्या कोई unauthorized व्यक्ति ने access लिया?
Flight data recorder (FDR) क्या फ्यूल लाइन प्रेशर 0 था टेकऑफ से पहले?
Crew CVR क्या उन्हें कोई fuel pressure alert मिला? उन्होंने कुछ कहा?

⚠️ यदि यह sabotage है:
संकेत पुष्टि
जानबूझकर वाल्व बन्द किया गया ✅ तकनीकी सम्भाव्यता १००%
केवल जाँच स्टाफ को एक्सेस ✅ फ्लाइट क्रू या अन्य को पहुँच नहीं
ईंधन भरने के बाद हुआ ✅ वरना फ्यूल भर ही न पाता
अंतिम टेक्निकल क्लियरेंस के बाद ✅ क्योंकि aircraft taxing तक आ गया था

🧨 निष्कर्ष:
यह घोर लापरवाही नहीं है,
यह एक स्पष्ट आपराधिक कृत्य है — चाहे वह संगठित राजनैतिक द्वेष हो, आंतरिक बदला, या किसी शक्ति का टार्गेटेड हमला।

प्रश्न :
"वह बन्द किसने किया?"

इस पूरे केस का मुख्य अभियोग बिंदु बन सकता है।

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15/06/2025

प्रदीप सुरीन का ये लेख सभी को पढ़ना चाहिए।

क्या आप जानते हैं कि एविएशन कवर करने वाले ज़्यादातर पत्रकार एयर इंडिया से यात्रा करने को सबसे लास्ट ऑप्शन रखते हैं. पिछले पंद्रह सालों में (जब से मैंने एविएशन कवर करना शुरु किया) मेरी भी सबसे लास्ट चॉइस एयर इंडिया ही रही.

ये जो आज अहमदाबाद में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश हुआ इससे कोई भी पुराना एविएशन रिपोर्टर हैरान नहीं है. बस ये घटना इतने सालों बाद क्यों हुआ ये मेरे लिए सरप्राइज़ था.

एयर इंडिया में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आने के दो साल बाद ही इसके महँगे मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठने लगे थे. पायलटों की हड़ताल और एयर इंडिया के ख़स्ताहाल के बीच जो सबसे हैरानी वाली बात निकलकर आई थी, जिसे कोई पत्रकार हिम्मत करके भी नहीं छाप पाया था वो ये है कि एयर इंडिया की इंजीनियरिंग टीम ने एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें साफ़ लिखा गया था कि कंपनी के पास अपने एयर क्राफ़्ट्स के नए स्पेयर पार्ट्स ख़रीदने तक के पैसे नहीं है. और कई सालों तक तो पुराने घिसे पिटे पार्ट्स को ठीक करके ही प्लेन उड़ाए गए. शायद आज भी वैसा ही हो रहा है.

पिछले दो दशकों में ऐसी कई घटनाएँ हुई जिसमें आम यात्रियों को ये बोला जाता रहा कि कुछ टेक्निकल कारणों से एयर इंडिया की फ़्लाइट रद्द हो गई है. लेकिन एयर इंडिया के पायलट और इंजीनियर दोस्त बताते रहे कि फटे-पुराने टायरों या फिर घटिया स्पेयर पार्ट्स की वजह से प्लेन नहीं उड़ पाए.

मुझे ये बताने में बिलकुल भी हिचक नहीं है कि जब भी मुझे मजबूरन एयर इंडिया की फ़्लाइट लेनी पड़ी मैंने हर फ़्लाइट से पहले प्लेन के टायरों की तरफ़ देखा कि कहीं ये घिसे हुए तो नहीं हैं?

2013 में मैंने अपनी आख़िरी बार बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में दिल्ली से लंदन तक की यात्रा की. लेकिन उस वक़्त भी प्लेन की हालत बेहद ख़राब थी. इंजन काफ़ी वाइब्रेट कर रहे थे और लैंडिंग इतनी हार्ड थी कि लगा नेपाल के किसी थर्ड हैंड फ़्लाइट में सफ़र कर रहे हों.

अब सवाल ये है कि अहमदाबाद की घटना क्यों हुई और ज़िम्मेदार कौन?

तो इसे सीधे शब्दों में समझिए. सरकार एयर इंडिया बेचना चाहती थी और ये टाटा समूह को ही बेचना चाहती थी. रतन टाटा की दिली ख्वाहिश भी थी कि एयर इंडिया एक बार फिर टाटा समूह के पास आ जाए. लेकिन अगर एयर एशिया और सिंगापोर एयरलाइंस के पेंच को हटा भी दें तो भी टाटा की मैनेजमेंट एयर इंडिया की ख़स्ताहाल की वजह से इसे ख़रीदने से कतराती रही. मौजूदा सरकार ने एक तरह से जबरन करोड़ों रुपए के रीबेट के साथ एयर इंडिया को टाटा समूह की झोली में डाल दिया.

टाटा समूह को एयर इंडिया के कबाड़ में तब्दील हो रहे फ्लीट की चिंता सता रही थी. लेकिन नए प्लेन ख़रीदना मारूति या हंडे की कार ख़रीदने जितना आसान भी नहीं है. टाटा ने एयर इंडिया के लिए जिन नए प्लेन्स का ऑर्डर‍ दिया उन्हें आने में अभी भी लगभग 2-3 साल लगेंगे. ऐसे में कंपनी बेचारी क्या करती? सबसे आसान तरीक़ा यही था कि यात्रियों को लुभाने का लोगो बदल दीजिए, एयर होस्टेस की ड्रेस अप़डेट कर दीजिए और प्लेन के सीट कवर बदल दीजिए. कंपनी ने वही ही किया. लेकिन इंजन उसी तरह ठीक कराते रहे जैसे कोई अपनी कार को शोरूम में ठीक करवाने की जगह नज़दीकी कार मार्केट में ठीक करा लेता है.

आज मैं सिविल एविएशन के अपने कुछ पुराने दोस्तों से बात कर रहा था. हमने निष्कर्ष निकाला कि अहमदाबाद में प्लेन क्रैश की घटना को अंततः पायलट की गलती या कुछ बेहद बेतुके कारणों को वजह बताते हुए दरकिनार कर दिया जाएगा. क्योंकि अगर इस घटना में कहीं भी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में दोष पाया गया तो एयर इंडिया को अपने सभी मौजूदा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर्स को ग्राउंडड करना होगा. और अगर ऐसा कुछ हुआ तो घाटे में चल रही एयर इंडिया को पूरी तरह से बंद होने से कोई नहीं रोक सकता.

आप देखिएगा ख़ुद सरकार भी पूरी कोशिश करेगी की ICAO, FAA और बोइंग से आने वाली टीम को खिला-पिला कर ऐसे ही रवाना कर दे. वैसे भी ये एजेंसी अपनी कोई भी रिपोर्ट आम लोगों के साथ साझा नहीं करती इसी लिए इनसे ज़्यादा ख़तरा नहीं है. लेकिन टाटा समूह को जो माल चिपकाया है उसके लिए इस घटना पर पर्दा डालना कौन सी बड़ी बात है.

बाकि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमीशन बनेगी ही. दो तीन साल में लोग इसे भी भूल ही जाएँगे.

PS: 1, चिड़िया के टकराने से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश नहीं होता. 2. टेकऑफ के समय दोनों इंजन चालू रहते हैं.

जमीदार ।।

15/06/2025

तनिक विचार करें ,की वह आदमी कितना प्रसन्न होगा,कितना सुखी होगा ,कितना वैभवशाली होगा ,कितना धनी होगा , कितना भय मुक्त होगा, जिसको ईश्वर में अटूट विश्वास हो गया हो। अटूट विश्वास बोले तो ? यानि कोई भी घटना घटित हुए और आपका एक एटीट्यूड हो की भगवान देख लेंगे।
मेरा मालिक देख लेगा ।
अर्थात जैसे व्यक्ति किसी को अपने पहुंच का बल दिखाता है कि अमुक व्यक्ति के साथ मेरा उठना बैठना है ,आप जानते हो मेरी पहचान किस व्यक्ति से है ? लेकिन वहीं दूसरी जगह वह व्यक्ति जो ये सोचता है मेरी पहचान सीधे उससे है जिसकी ये सृष्टि है । कौन बलवान हुआ ?
वास्तव में ऐसा व्यक्ति कुछ भी कर सकता हैं।
एक सिद्ध राम कथा कहने वालों के मुख से सुना की हनुमान जी, जो भाग्य में न लिखा हो वह भी दे सकते हैं ।
मंत्र ,स्तुति करके भी ईश्वर पे शक है तो ये सब छोड़ देना उचित हैं।
आदमी का सीना गर्व से ऊंचा होना चाहिए की ,उसके पास भगवान का साथ हैं । वरना होता क्या है कि नास्तिक कहते हैं, म्लेच्छ कहते है कि बढ़ा भगवान का भक्त बनता है और देखो कितना दुखी है । और बदनामी किसकी हुई ? भगवान की। उसने तो हाथ बढ़ाया ही है ,परन्तु हम पकड़ नहीं पा रहे उसमें गलती किसकी।
तनिक कल्पना करो ,
आप यात्रा में हो, सड़क खतरनाक है, मौसम ख़तरनाक है, नीचे गहरी खाई है ,ऊपर से पत्थर गिर रहे हैं ।आपका वाहन भी ठीक नहीं है , लेकिन आप निश्चिंत होकर उस गाड़ी में बैठे हो ,
क्यों ? क्योंकि उसको भगवान चला रहा है। उसने सारथी बनकर अर्जुन को पार करा दिया ,उससे सर्वश्रेष्ठ ड्राइवर और कौन होगा ? अब यात्रा कितनी आनंदमय हो जाएगी कितनी भयमुक्त हो जाएगी ।
असल में गोविंद की गली में आकर भी अगर व्यक्ति गोविंद में शक कर रहा है तो उसका सब कर्मकांड ,सब उपाय व्यर्थ है।
क्योंकि हर मर्ज की दवा है
गोविंद की गली में।
निर्भय
निशोक
निश्चिंत
निसंदेह
Divinity of parashari jyotish

15/06/2025

2025 ने हमें 6 महीने में सीखा दिया, कि आप
कहीं भी सुरक्षित नहीं हो
न ट्रेन में,न प्लेन में, न मैदान में, न घर में, न पहाड़ों में!

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