14/02/2024
आजकल भारतीय चयनकर्ता ऐसे-ऐसे खिलाङियों को ढूंढकर टेस्ट खेलने का मौका दे रहे हैं कि हर कोई आश्चर्यचकित हो जा रहा है। चयनकर्ताओं के कुछ ताजा खिलाङियों के चयन को देखेंगे तो आपको लगेगा कि जैसे कोई मजाक हो रहा है। आवेश खान का इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में चयन किया गया था फिर अचानक ही चयनकर्ताओं के दिमाग में न जाने कौन सा आइडिया आया कि आवेश खान को बिना एक भी टेस्ट मैच खिलाए टीम से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह आकाशदीप को टेस्ट टीम में शामिल कर लिया गया।
इधर मुकेश कुमार जो दूसरे टेस्ट मैच में बिल्कुल भी लय में नही दिख रहे थे उनको आने वाले तीन टेस्ट मैचों के लिए टीम में बरकरार रखा गया। जबकि सभी एक सुर में मांग कर रहे थे कि मुकेश कुमार की जगह उमेश यादव या भुवनेश्वर कुमार को टीम में शामिल किया जाए। इधर विकेटकीपर के रूप में केएस भरत क्लब स्तर का भी प्रदर्शन नही कर रहे फिर भी उनको टीम में बनाए रखे हैं। जबकि संजू सैमसन जैसे टैलेंटेड विकेटकीपर बाहर हैं।
चयनकर्ताओं ने केएल राहुल के रिप्लेसमेंट के रूप में देवदत्त पड्डिकल को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया है। ताज्जुब की बात है कि हनुमा विहारी,चेतेश्वर पुजारा,आंजिक्य रहाणे जैसे सीनियर बल्लेबाज रणजी में पसीना बहा रहे हैं लेकिन चयनकर्ता उनको इग्नोर करके देवदत्त पड्डिकल का चयन कर लेते हैं। इस समय भारतीय टीम में चयन का मापदंड क्या है यह कोई नही बता सकता है?
कुछ लोग कह रहे हैं कि पंत की जगह बचाकर रखने के लिए ही केएस भरत टाईप विकेटकीपर को लगातार मौके दिए जा रहे हैं और अन्य बेहतरीन विकेटकीपरों को इस वजह से मौका नही दिया जा रहा की अगर वे खेले और अच्छा प्रदर्शन करके टीम में अपनी जगह पक्की कर लिए तो फिर जब पंत फिट होंगे तो वह कैसे मौका पाएंगे?
इधर केएल राहुल के रिप्लेसमेंट के तौर पर पुजारा,रहाणे,हनुमा विहारी जैसे सीनियर टेस्ट स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों को मौका न देना और देवदत्त पड्डिकल जैसे खिलाङियों का चयन करना भी ऐसे प्रतीत होता है जैसे केएल राहुल की जगह सुरक्षित करने के लिए ऐसा किया गया है।
क्या केएल राहुल की जगह देवदत्त पड्डिकल का चयन सही है या फिर पुजारा,रहाणे या हनुमा विहारी जैसे सीनियर टेस्ट स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों का चयन किया जाना ज्यादा उचित होता?