21/09/2025
बिहार की बदलती राजनीति : कांग्रेस का उभार, राजद की चुनौती और AIMIM की मुश्किलें
बिहार की राजनीति इस समय कई परतों से गुजर रही है। एक तरफ़ AIMIM प्रदेश स्तर पर अपनी मौजूदगी बनाए रखने के लिये संघर्ष कर रही है। ज़मीन पर समर्थन का दायरा सिमटा हुआ है और विधानसभा सीट बचा पाना भी कठिन दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष की राजनीति के केंद्र में मौजूद तेजस्वी यादव अपने ही घर के भीतर चुनौतियों से जूझते दिख रहे हैं।
राजद के भीतर कई स्तरों पर समीकरण बदलते नज़र आ रहे हैं। सत्ता की राजनीति में सौदेबाज़ी, दबाव और समझौते कोई नई बात नहीं, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से तेजस्वी यादव को भीतर से कमजोर करने की संभावनाओं की चर्चा है, उससे यह साफ़ है कि उनके सामने केवल बाहरी प्रतिद्वंद्वी ही नहीं बल्कि आंतरिक असहमति भी बड़ी चुनौती बनने वाली है।
इसी राजनीतिक परिदृश्य के बीच कांग्रेस का उभार सबसे अहम है। भागलपुर दंगे के बाद पहली बार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इस कदर जोश और सक्रियता देखने को मिली है। राहुल गांधी की "वोटर अधिकार यात्रा" के समापन पर पटना के गाँधी मैदान में जिस भीड़ और ऊर्जा का प्रदर्शन हुआ, उसने कांग्रेस को नई पहचान दी है। अब स्थिति यह है कि बिहार में किसी भी राजनीतिक समीकरण के बनने में कांग्रेस की अनदेखी संभव नहीं दिखती।
तेजस्वी यादव, जो लंबे समय से विपक्ष के मुख्य चेहरे के तौर पर देखे जाते रहे हैं, अब धीरे-धीरे दूसरे पायदान पर खिसकते प्रतीत हो रहे हैं। कांग्रेस के मज़बूत होने से सत्ता की गोटियाँ नए ढंग से बिछेंगी। राहुल गांधी "किंगमेकर" की भूमिका में दिख रहे हैं और इस नई परिस्थिति में ब्राह्मण या सवर्ण समाज से मुख्यमंत्री का चेहरा सामने आने की संभावना भी प्रबल होती जा रही है।
अगर गठबंधन की राजनीति को देखा जाए तो AIMIM के लिए राजद के साथ तालमेल न होना सबसे बड़ा झटका साबित होगा। यह न केवल AIMIM की चुनावी रणनीति को कमजोर करेगा बल्कि राजद के नेतृत्व पर भी प्रश्नचिह्न लगाएगा कि उसने मुस्लिम मतदाताओं के बड़े हिस्से को प्रतिनिधित्व से वंचित कर दिया। यही स्थिति तेजस्वी यादव को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुँचाने वाली है।
बिहार की राजनीति इस समय संक्रमण के दौर से गुजर रही है। कांग्रेस जिस तेज़ी से अपनी पकड़ मज़बूत कर रही है, उससे यह संदेश साफ़ है कि आने वाले चुनाव में समीकरण पूरी तरह से बदल सकते हैं। राजद और जदयू के पारंपरिक आधार को चुनौती मिल रही है और AIMIM के लिए अस्तित्व बचाने की चुनौती और भी कठिन होती जा रही है।
Next Bihar Chief Minister - Tejaswi Yadav Aimim- All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen Rahul Gandhi R.J.D - राष्ट्रीय जनता दल