Vivek Singh Kalhans

Vivek Singh Kalhans My biggest flex ? I never begged for an iPhone, a bike, car or city land from my parents. I’m built different — earned it all, owned it all.

वो सब देख रहा है..प्रार्थना, संघर्ष, तकलीफ, संयम और कर्म..Vivek Kumar Singh
27/06/2025

वो सब देख रहा है..
प्रार्थना, संघर्ष, तकलीफ, संयम और कर्म..
Vivek Kumar Singh

08/05/2025

द्वंद्व कहां तक पाला जाए,
युद्ध कहां तक टाला जाए।
तू भी है राणा का वंशज,
फेंक जहां तक भाला जाए

08/05/2025

मसूद अजहर अब खुद उस आतंकी को ढूंढ रहा है
जिसने बोला था जाकर मोदी
को बता देना

  की कहानी..जब पहले दिन देखा तो लगा होगा कुछ मुझे इससे क्या.. फिर दूसरे दिन देखा तो मन में आया आजकल लोग भी कुछ भी डालते ...
30/03/2025

की कहानी..

जब पहले दिन देखा तो लगा होगा कुछ मुझे इससे क्या.. फिर दूसरे दिन देखा तो मन में आया आजकल लोग भी कुछ भी डालते रहते हैं.. फिर तीसरे दिन देखा तो पाया अरे यह तो कोरोना से भी तेज फैल रहा है..
इधर, Ghibli उधर Ghibli ऊपर Ghibli नीचे Ghibli हर तरफ हर प्लेटफार्म पर बस Ghibli ही Ghibli 😃
फिर क्या था किया हमने अपने AI की शक्तियों का इस्तेमाल और बना डाला Ghibli





Vivek Kumar Singh

प्रकृति की गोद में अध्यात्म का स्पर्श..नीम करौली बाबा की पावन धरा पर प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता ह...
19/03/2025

प्रकृति की गोद में अध्यात्म का स्पर्श..

नीम करौली बाबा की पावन धरा पर प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है.. वनों की शीतल छाया, कल-कल बहती नदियाँ, मंद समीर की स्पर्शमयी अनुभूति मानो स्वयं सृष्टि बाबा की कृपा का गुणगान कर रही हो.. यहाँ की हर एक धूल कणों में भक्तिभाव संचित है.. हर एक वृक्ष साधना में लीन प्रतीत होता है.. बाबा की दिव्य उपस्थिति से यह स्थान केवल एक तीर्थ ही नहीं, बल्कि चेतना के गहनतम स्तर पर एक आत्मिक अनुभव भी है.. जो यहाँ आता है, वह केवल दर्शन ही नहीं करता, बल्कि प्रकृति की गोद में अध्यात्म का स्पर्श भी अनुभव करता है.. वीर

#नीमकरौलीबाबा #बाबाकीकृपा #प्रकृतिऔरअध्यात्म #शांति #भक्तिभाव #आध्यात्मिकयात्रा #दिव्यदर्शन #हनुमानजी #संतसमाधि #प्रकृतिसेप्रेम #बाबाकेशरण #आस्था #श्रद्धा #ध्यान #शुद्धचित्त
Vivek Kumar Singh

मैं अपने मयार से नीचे तो आने से रहा ,हां शेर भूखा जरूर है ' मगर घास खाने से रहा ।Vivek Kumar Singh
23/02/2025

मैं अपने मयार से नीचे तो आने से रहा ,
हां शेर भूखा जरूर है ' मगर घास खाने से रहा ।
Vivek Kumar Singh

कुछ इस कदर मैं अपने ख्यालों में बहता रहा की कहानी खुद की खुद से कहकर खुद सुनता रहा - वीरVivek Kumar Singh
16/12/2024

कुछ इस कदर मैं अपने ख्यालों में बहता रहा
की कहानी खुद की खुद से कहकर खुद सुनता रहा - वीर
Vivek Kumar Singh

हमारा जन्म परिवर्तन के लिए हुआ है, हम वो लड़के है जिन्होंने सभी चुनौतियों को स्वीकारा है.. हमारा जीवन सरल नहीं - वीर
08/12/2024

हमारा जन्म परिवर्तन के लिए हुआ है, हम वो लड़के है जिन्होंने सभी चुनौतियों को स्वीकारा है..
हमारा जीवन सरल नहीं - वीर

Who needs a crowd when you’ve got your own groove. ?
01/12/2024

Who needs a crowd when you’ve got your own groove. ?










❤️❤️🙏
13/11/2024

❤️❤️🙏

अज्ञातवास  कहीं दूर घने जंगलों के बीच.. पहाड़ पर्वत नहीं थे.. पर जमीन बीहड़ थी.. लगातार लाइट बिजली भी नहीं थी.. सीमित संसा...
27/08/2024

अज्ञातवास
कहीं दूर घने जंगलों के बीच.. पहाड़ पर्वत नहीं थे.. पर जमीन बीहड़ थी.. लगातार लाइट बिजली भी नहीं थी.. सीमित संसाधन थे.. फोन में नेटवर्क नहीं था.. होम स्टे में वाई फाई भी ठीक नहीं था.. यह दिन कलयुग के भौतिकवादी समय में अज्ञातवास जैसा था..
फिर भी दोस्तों के साथ जो दिन गुजरे अच्छे गुजरे..

 #मिर्जापुर में पावर हमेशा गद्दी की रही है और मुकाबला दावेदारों का, खेल आज भी वही है बस मोहरे बदल गए है.. गद्दी के लिए भ...
08/07/2024

#मिर्जापुर में पावर हमेशा गद्दी की रही है और मुकाबला दावेदारों का, खेल आज भी वही है बस मोहरे बदल गए है.. गद्दी के लिए भौकाल जारी है..

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