25/08/2025
समानता का अधिकार संविधान और कानून की किताबों तक ही सीमित है।महज एक थप्पड़ के लिए इतनी जांच और सख्त कारवाई।हमारे यहां तो मारकर सुला देने पर भी किसी को कोई फर्क नही पड़ता है।यहां बस कानून अपना काम करते रहती है।जो जांच एवं आवश्यक कारवाई तक ही सीमित रह जाती है।