
04/09/2025
बलिया की मिट्टी से उठी एक दर्दनाक सच्चाई – भ्रष्ट तंत्र का काला चेहरा
बलिया की धरती हमेशा अपने स्वाभिमान और संघर्षों के लिए जानी जाती रही है, लेकिन आज इसी धरती से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने पूरे समाज और सिस्टम की पोल खोल दी है।
एक निर्दोष युवक ने कहा –
"पैसे दे दूंगा, लेकिन चरित्र का दाग कैसे मिटेगा?"
यह सवाल केवल उस युवक का नहीं है, बल्कि हर उस आम आदमी का है जो आज भ्रष्ट सिस्टम की जकड़ में फंसा हुआ है।
कैसे होता है शोषण
बेगुनाह लोगों को झूठे मुकदमों में फँसाकर ब्लैकमेल किया जाता है।
SC-ST एक्ट जैसे कानून, जो कमजोरों की रक्षा के लिए बने थे, उन्हीं का गलत इस्तेमाल कर निर्दोष युवाओं को फँसाया जाता है।
न्याय की रक्षा करने वाला तंत्र ही जब पैसे की बोली लगाने लगे, तो इंसाफ कहाँ मिलेगा?
2 लाख की कीमत – इंसाफ या सौदा?
इस मामले में युवक से SC-ST केस वापस लेने के बदले 2 लाख रुपये की मांग की गई। सवाल ये है कि आखिर कानून, पुलिस और प्रशासन कब तक ऐसे "सौदागर" बने रहेंगे? क्या इंसाफ अब सिर्फ पैसों की ताकत से मिलेगा?
बलिया की आवाज़
बलिया हमेशा से क्रांति और न्याय की धरती रही है। लेकिन आज हालात ये हैं कि यहाँ के युवा बदनाम किए जा रहे हैं, चरित्र पर दाग लगाए जा रहे हैं, और न्याय को पैसों की थैली में तौला जा रहा है।
भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ खड़ा होना होगा
अब वक्त आ गया है कि जनता अपनी आवाज़ बुलंद करे।
ऐसे मामलों में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।
झूठे केस करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।
हर आम आदमी को ये भरोसा होना चाहिए कि न्याय बिकाऊ नहीं है।
निष्कर्ष
बलिया की मिट्टी में क्रांति की गूँज रही है। आज फिर जरूरत है कि हम सब मिलकर इस भ्रष्ट सिस्टम को आईना दिखाएँ। क्योंकि जब तक "पैसा ही इंसाफ" तय करता रहेगा, तब तक न तो बेगुनाहों को न्याय मिलेगा और न ही समाज में विश्वास बचेगा।
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