अरबपति

अरबपति billionaire बिलेनियर

संपादकीय: अमृत विचार*जब स्कूल बंद होते हैं, तो भविष्य चीखता है..*
14/07/2025

संपादकीय: अमृत विचार
*जब स्कूल बंद होते हैं, तो भविष्य चीखता है..*

11/07/2025

दूसरी गर्ल फ्रेंड से मंदिर में कर रहा था शादी,पहली प्रेमिका ने पेट्रोल डाल कर जला डाला प्रेमी का घर। मध्यप्रदेश के जबलपुर का मामला.....

11/07/2025

🎯 आइए तनिक निम्न पर भी विचार करें..

🔴 कुछ ही वर्षों की नौकरी में कई शहरों मे आलीशान मकान बनाने वाले अधिकारी

🟢 एक दो साल की नौकरी मे स्विफ्ट डिजायर लाने वाले दरोगा, सिपाही

🔵 करोड़ों का घर बनाने वाले बाबू, लेखपाल, सेक्रेट्री

⚫ एक पंचवर्षीय में दो पीढ़ी का इंतजाम करने वाले हमारे प्रधान जी

🟤 खेत की मेड़ तक काट लेने वाले भैयाजी

🟡 6 महीने में उखड़ने वाली सड़क बनाने वाले ठेकेदार व अन्य जिम्मेदार, अधिकारी व नेता

🌐 दूध में डिटर्जेंट, पेन्ट, कैमिकल और पता नही क्या क्या मिलाने वाला दूधिया

🟣 दस रुपए की दवा को हजार रुपए की एमआरपी लगाकर एवं नकली दवाओं को बनाने व बेचने वाली हजारों प्रतिशत लूटने वाले मुनाफाखोर ड्रग माफिया, हॉस्पिटल, डॉक्टर व दुकानदार

🟦 पेट दर्द पर आंतों का ऑपरेशन करने वाले नर्सिंग होम संचालक

🟥 पैसा लेकर नकल कराने वाले प्राइवेट कॉलेज संचालक

🟫 रिटायरमेंट के एक दिन पहले करोड़ों और राज्यसभा का ख़िताब पक्का करने वाले माननीय मी लॉर्ड

📺 दिन रात की असीमित डीबेट मे कुत्ते की तरह आपस मे लड़ाने वाला मीडिया जिनको उक्त भ्रष्टाचार व जरूरी सूचनाएं नही दीखती हैं, जो सरकार के खिलाफ चूं तक नही कर सकता, जिनकी साख विश्व स्तर पर नीचे गिरती जा रही है

👁️‍🗨️ पत्नी और बच्चो को स्विट्ज़रलैंड की यात्रा कराने के लिए मंत्री के शरीर का मालिश करने वाला सचिव

🏴 बच्चो को विदेश में सेट करने के लिए नदी का सीना चीर बालू निकलवाने वाले तमाम अधिकारी

🏴‍☠️ बढ़िया १३ कट्ठा में बने मकान मलिक को PM आवास देने वाला ग्राम सचिव

🔲 पहले सड़क बनाने, फिर तोड़ के नाली बनाने , फिर सड़क बनाने , फिर तोड़ के गैस पाइप डालने फिर सड़क बनाने का कॉंट्रैक्ट पास करने वाला अधिशासी अधिकारी
....आदि आदि तमाम गणमान्य लोग चोर नहीं हैं
चोर तो ……. बेसिक का अ…है 🤪

🔔सबको जलन है प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक से
क्योंकि वो एक पैसा घूस नहीं लेता...

🤚 गांव के गरीब बच्चों को पढ़ाता है जिनका पिता भी उनके बारे में नहीं सोचता

🤝 उसने अनुसूचित जाति, जनजाति, वंचित वर्ग को पढ़ाकर उसे सशक्त किया है/मुख्य धारा से जोड़ा है

✊ वह एक साथ मिड-डे-मील खिलाकर सामाजिक समरसता का निर्माण करता है

👌निष्पक्ष वोटर लिस्ट बनाकर/ चुनाव करवाकर लोकतंत्र को मजबूत किया है

👍अनेक सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक ग्रास रूट लेवल पर किया है

👏 कुपोषित/अल्पपोषित बच्चों को 5 रुपए में मिड-डे-मील खिलाया है जितने का एक समोसा भी नहीं मिलता।

✍️✍️एक शिक्षक की कलम से....

मैंने कहा - "कोई भी रंग सबसे सुंदर रंग नहीं होता,वरना दुनिया एक ही रंग में रंगी होती।"मैं कवि हुआ।मैंने कहा - "कोई भी व्...
11/07/2025

मैंने कहा -
"कोई भी रंग
सबसे सुंदर रंग नहीं होता,
वरना दुनिया एक ही रंग में रंगी होती।"
मैं कवि हुआ।

मैंने कहा -
"कोई भी व्यंजन
सबसे स्वादिष्ट व्यंजन नहीं होता,
वरना सबकी जीभ पर एक ही स्वाद होता।"
मैं कवि हुआ।

मैंने कहा -
"कोई भी गंध
सबसे प्यारी गंध नहीं होती,
वरना हम सब एक जैसे महकते।"
मैं कवि हुआ।

मैंने कहा -
"कोई भी सरकार
सबसे अच्छी सरकार नहीं होती,
वरना लोकतंत्र का उदय ही नहीं होता।"
मैं देशद्रोही हुआ।
मैं पागल हुआ।
मैं मूर्ख हुआ।
मैं नाली का कीड़ा हुआ।

एक ही प्रयोग
कई बार करने के बाद
मैंने जाना,
कि लोकतंत्र,
दरअसल
अल्पकालीन राजतंत्रों की
रिले रेस है।
किताबों में अक्ल अब भी बड़ी है
लेकिन जीतती हर बार भैंस है,
इसलिए नहीं
कि उसके खुर में देश की माटी है
बल्कि इसलिए
कि उसके मालिक के हाथ में लाठी है।

04/07/2025
02/07/2025

*PCS mains GS Paper 5 ke अंतिम प्रश्न का Chat GPT द्वारा क्या उत्तर दिया गया जरूर पढ़ें ।*

आपका प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण, संवेदनशील और समयानुकूल है। उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक स्कूली शिक्षा प्रणाली को लेकर 20वें प्रश्न का उत्तर न केवल देना सही है, बल्कि वास्तविकता पर आधारित विश्लेषण करना आवश्यक है, क्योंकि यह केवल एक शैक्षिक प्रश्न नहीं, बल्कि सामाजिक विवेक और न्याय से जुड़ा विषय है। आइए तथ्यों, घटनाओं और न्यायालयी टिप्पणियों के आधार पर इसका विस्तृत विश्लेषण करें।

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🔎 1. क्या यह प्रश्न वास्तविकता पर आधारित है?

हाँ।
यह प्रश्न वास्तविकता से जुड़ा हुआ है और उत्तर प्रदेश की वर्तमान शैक्षिक व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है। विफलता और भविष्य दोनों ही पहलुओं पर दृष्टिपात करना सामाजिक उत्तरदायित्व का हिस्सा है।

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📌 2. घटित घटनाएं और न्यायालयी प्रकरणों पर आधारित तथ्य

✅ (i) शिक्षकों की गैर-शैक्षिक ड्यूटी की अधिकता

इलाहाबाद हाईकोर्ट (2015) ने स्पष्ट रूप से कहा था:
“शिक्षकों को शिक्षा से इतर कार्यों में लगाना संविधान के अनुच्छेद 21-A का उल्लंघन है।”

BLO, MDM, जनगणना, चुनाव, घर-घर सर्वेक्षण, राशन सत्यापन, आयुष्मान कार्ड व अन्य योजनाओं के सर्वेक्षण – शिक्षकों से लगातार गैर-शैक्षिक कार्य करवाए जा रहे हैं।

✅ (ii) शिक्षकों की भारी कमी

बेसिक शिक्षा विभाग की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1 लाख से अधिक पद रिक्त हैं।

एकल शिक्षक स्कूल आज भी सैकड़ों की संख्या में कार्यरत हैं।

✅ (iii) शिक्षा का स्तर – एक गंभीर संकट

ASER रिपोर्ट 2023:

कक्षा 5 के 52% बच्चे कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ सकते।

गणित में केवल 34% बच्चे बुनियादी जोड़-घटाव कर पा रहे हैं।

✅ (iv) मध्याह्न भोजन (MDM) घोटाले

2019: मिर्जापुर में नमक-रोटी कांड ने सरकारी निगरानी की पोल खोल दी।

CAG रिपोर्ट (2020) में कहा गया कि MDM का बजट तो खर्च हो रहा है, लेकिन गुणवत्ता और पारदर्शिता में भारी कमी है।

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⚖️ 3. जिम्मेदारी किसकी है? क्या शिक्षक दोषी हैं?

❌ शिक्षक नहीं, बल्कि जिम्मेदार हैं –

🏛️ राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग

शिक्षकों की नियुक्ति, संसाधन, नीतिगत प्राथमिकता में लगातार लापरवाही।

शिक्षा बजट में अपेक्षित वृद्धि नहीं की गई।

⚙️ प्रशासन और ब्यूरोक्रेसी

शिक्षकों को असंगत कार्यों में लगाना, बिना विकल्प दिए।

स्कूल निरीक्षण व निगरानी केवल कागज़ों तक सीमित।

👥 समाज और राजनीतिक उपेक्षा

सरकारी स्कूल को केवल ‘गरीबों का स्कूल’ मानकर चलने देना।

निजी स्कूलों के पक्ष में नीतियाँ बनाना और सरकारी विद्यालयों की उपेक्षा।

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💥 4. क्या शिक्षक कुंठित हैं?

हाँ, और यह कुंठा स्वाभाविक है।

जब एक शिक्षक को शिक्षा नहीं, बल्कि वोट बनवाने, राशन कार्ड सत्यापित करने और स्कूल की छत मरम्मत कराने का ज़िम्मेदार बना दिया जाए, तो मनोबल टूटता है।

जब पढ़ाई के लिए समय ही नहीं मिलेगा, तो कुंठा जन्म लेगी ही।

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🌱 5. समाधान और भविष्य की दिशा

शिक्षकों को केवल शिक्षण कार्य में लगाया जाए — यह सुप्रीम कोर्ट के कई निर्देशों में स्पष्ट है।

रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो।

स्कूलों को डिजिटल और स्वायत्त बनाया जाए।

‘One School – One Responsibility Officer’ की व्यवस्था हो।

शिक्षकों की सामाजिक प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित किया जाए।

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✅ निष्कर्ष:

सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा का जिम्मेदार शिक्षक नहीं, बल्कि वह तंत्र है जो शिक्षक को शिक्षा से भटका रहा है।
शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं – लेकिन जब उनसे राष्ट्र निर्माण की बजाय केवल सरकारी योजनाओं के क्लर्क का काम लिया जाए, तो शिक्षा का पतन होगा ही।

इसलिए उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक शिक्षा की विफलता शिक्षक की नहीं, शासन और तंत्र की विफलता है। यदि हमें भविष्य सुधारना है, तो शिक्षक को शिक्षक बने रहने देना होगा।

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(यह उत्तर न्यायालयी टिप्पणियों, रिपोर्टों, और घटनाओं पर आधारित विश्लेषणात्मक प्रस्तुति है)

सौजन्य से CHAT GPT

24/06/2025

Ratnesh Sada सर हर जगह अभी आप सुचारू रूप से सक्रिय दिख रहे हैं,मैं इस सड़क को लेकर के पता नहीं कितना वीडियो बना करके सोशल मीडिया पे डाल चुका हूं।।
मैं मानता हूं कि क्षेत्र बड़ा है,ध्यान और दौरा लेट से पड़ता है, माननीय एक बार इस ग्रामीण क्षेत्र पर भी ध्यान दे आप अभी हर जगह शिलान्यास कर रहे हैं,यहां भी कर दीजिए,और मीडिया भाइयों से कहना चाहता हूं,कि घटना स्थलों के बजाय आप इस क्षेत्र को एक बार सबके सामने लाएं हमसे जितना हो सकता है भर शक प्रयास रहता है,आप बताईए चुनाव आ रहा है आप इस क्षेत्र में वोट लेने के लिए पैदल कैसे आइएगा अगर ऐसा ही हालत रहा तो।।
और बाकी सभी आम जनता से मेरा हाथ जोर के निवेदन है कि आप लोग इसे निजी रूप से मेरे ऊपर ही मत छोड़िए आपलोग खुद इसका समर्थन करने के लिए कुछ उपाय देखिए।जवाब दीजिए ।
और एक बात बता दे रहा हूं राजा एक वोट से जीतता है और एक वोट से हारता है।।और माननीय मुख्यमंत्री जी CMO Bihar आप देखिए हम आपको बस अवगत करवाना चाहते हैं कि हमारे इलाके का ये हाल है जो दूसरा कोई और पंचायत या गांव वाले व्यक्ति आते हैं तो कुछ बोले या नहीं लेकिन इस सड़क के बारे में जरूर बोलते हैं,और ये हमें सुनने में कितना अच्छा और बुरा लगता होगा ये आप स्वयं भी समझ सकते हैं,एक शिक्षित युवा होने के नाते हम इसको ही नहीं हर छोटे बड़े समस्याओं से जनता के साथ आपको हर बार अवगत करवाते रहेंगे।..........🫵🫵🫵
और आप सभी से निवेदन है इसको जितना हो सके उतना शेयर करें और इसपर अपना राय जरूर दें।।































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