07/09/2025
#ढाका_रहस्य :
प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साज़िश थी
या किसी अन्य अमेरीकी गुप्त ऑपरेशन का हिस्सा ?
अभी चार-पांच दिन पहले ही ढाका के वेस्टिन होटल में 31 अगस्त को #अमेरिकी सेना के बेहद गुप्त और ताकतवर अधिकारी "टेरेंस ऑरवेल जैक्सन" की संदेहास्पद मौत ने पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियों को हिला दिया था
"टेरेंस ऑरवेल जैक्सन" की मौत महज़ एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक जटिल अंतर्राष्ट्रीय खेल का हिस्सा हो सकती है
जिसके केन्द्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बदलते वैश्विक गठजोड़ हैं
कांग्रेसी, उनके चमचे पत्रकार, यू-ट्यूबिये और उनका ईकोसिस्टम भी अनायास ही नहीं बार बार बांग लगा रहा है
कि मोदी सरकार 6 महीने में जाने वाली है !!
कुछ तो खेल है ?
अमेरिकी खुफिया अधिकारी "टेरेंस ऑरवेल जैक्सन", जो 1st स्पेशल फोर्सेस कमांड(Airborne) के कमांड इंस्पेक्टर जनरल थे, की मृत्यु के आसपास की परिस्थितियां अत्यंत संदिग्ध हैं
50 वर्षीय जैक्सन
जो उत्तरी कैरोलिना के रेफोर्ड निवासी थे
20 से अधिक वर्षों से अमेरिकी सेना में सेवारत थे और एशिया थिएटर में कई युद्धक तैनातियों में भाग ले चुके थे
लेकिन उनकी मौत को ढाका पुलिस ने
चौंकाने वाली तेजी से “नेचुरल कॉज़” बता दिया !!
और मजे की बात ये है
कि पोस्टमार्टम तो हुआ ही नहीं
यूएस एम्बेसी ने उनके शव को तुरंत अपने कब्जे में ले लिया जैसे कोई सबूत मिटाने की दौड़ लगी हो
ढाका पुलिस के इंस्पेक्टर (ऑपरेशन) मिज़ानुर रहमान के अनुसार, "जैक्सन"
"कई महीनों से व्यावसायिक यात्रा पर बांग्लादेश में थे और 29 अगस्त को होटल में चेक इन किया 31अगस्त की शाम होटल स्टाफ को चिंता हुई
क्यूंकि दो दिनों से उसने खाने का कुछ भी ऑर्डर नहीं किया था
जब उसके रूम के फोन पर उनसे संपर्क करने की कोशिश की गयी तो कोई जवाब नहीं मिला"
ढाका पुलिस का झूठ तो इसी बात से पकड़ा गया
कि "जैक्सन" का कमरा #यूएस_एम्बेसी के माध्यम से बुक कराया गया था
फिर भला वो निजी व्यावसायिक यात्रा पर कैसे था ?
यूएस एंबेसी को पहले से ही उसकी उपस्थिति की जानकारी थी, इसीलिये होटल स्टाफ ने एक साथ दोनों को सूचित किया, ढाका पुलिस और यूएस एम्बेसी को
ढाका पुलिस ने एम्बेसी अधिकारियों के आने के बाद ही होटल का वो रूम खोला
तो क्या कहीं से उसे ऐसे निर्देश दिये गये थे !!
एम्बेसी की ही मेडिकल टीम ने शव की जांच कर ढाका पुलिस को मृत्यु का प्राकृतिक कारण बताने को कहा
यह पूरी प्रक्रिया असामान्य रूप से तेज़ थी
खोज से लेकर शव को एम्बेसी को सौंपने तक..
सब कुछ चंद घंटों में हो गया !!
जो सबसे संदेहास्पद है वह यह है
कि पुलिस को #पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी गई और अमेरिकी दूतावास ने तुरंत शव और सभी सामान को अपने कब्जे में ले लिया
होटल के एक अनाम कर्मचारी ने बताया
कि दूतावासी अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए सामानों में कई नक्शे, स्केच और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण थे
साथ ही तीन बड़े सूटकेस और लैपटॉप भी थे
इससे स्पष्ट है कि जैक्सन बांग्लादेश में “बिज़नेस कवर” के नाम पर बेहद गुप्त मिशन पर थे
उसी दौरान अमेरिका के पूर्व राजदूत "पीटर हास" भी घुमंतू ‘प्राइवेट विजिट्स’ पर ढाका में देखे गए
गुप्त मुलाकातें, सर्विलांस ग्रिड्स और बड़े ऑपरेशंस की खुसर-फुसर सुर्खियां बन चुकी थीं
आखिर यूएस स्पेशल फोर्सेज का
इतना बड़ा नाम वहाँ क्यों था ?
यह सब कुछ तब हो रहा था
जब #एससीओ समिट में चीन, रूस और भारत
ट्रम्प के व्यापार युद्ध के खिलाफ एकजुट हो रहे थे
क्या जैक्सन मोदी को निशाना बनाने के किसी ऑपरेशन की शुरुआत करने के लिये भेजे गए थे ?
कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं
उन्हें लॉन्च से पूर्व ही #अज्ञात लोगों ने निपटा दिया...
या जब विदेशी खुफिया एजेंसियों को भनक लग गई
तो उसे अमेरिकी एजेंट्स ने ही “साइलेंट” कर दिया ?
"जैक्सन की मृत्यु के समानांतर
भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगाह
बांग्लादेश में अमेरिका के पूर्व राजदूत "पीटर हास" की गतिविधियों पर भी टिकी हुई है
"हास", जो कहने को अब टेक्सास स्थित एक्सेलरेट एनर्जी के Strategic Adviser हैं
पिछले एक वर्ष में सैर सपाटे और घूमने के नाम पर
कम से कम छह बार बांग्लादेश जा चुके हैं
ताज्जुब की बात यह है
कि जो व्यक्ति दो साल #बांग्लादेश में राजदूत के रूप में तैनात था तो क्या वो वहां नहीं घूमा
जो रिटायरमेंट के बाद
कम से कम 6 बार बांग्लादेश जा चुका है !!
"हास" पर आरोप है कि उन्होंने 2023 के मध्य से जुलाई 2024 तक शेख हसीना सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, "हास" ने तत्कालीन अमेरिकी सहायक राज्य सचिव "डोनाल्ड लू" के साथ मिलकर "स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव" के नारे के तहत एक व्यापक रणनीति तैयार की थी
5 अगस्त को, "हास" की कॉक्स बाज़ार में नेशनल को-ऑर्डिनेशन प्लेटफॉर्म ( ) के पांच प्रमुख नेताओं - हसनत अब्दुल्लाह, सरजिस आलम, तसनीम ज़ारा, नसीरुद्दीन पटवारी और खालेद सैफुल्लाह के साथ बैठक हुई
ये सभी नेता तथाकथित छात्र आंदोलन के हिस्से थे
जिन्होंने हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
अक्टूबर-नवंबर 2023 में
"हास" ने श्रीलंका और मुंबई की "गुप्त यात्राएं" कीं
जो आधिकारिक तौर पर "छुट्टी" के नाम पर थीं
लेकिन वास्तव में वो अमेरिकी सिक्योरिटी ऑफिशियल्स से मिलने के लिए थीं
इसी बीच चीन के तियांजिन में आयोजित SCO समिट में एक अभूतपूर्व घटना घटी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी #बख्तरबंद ऑरस लिमोसिन में 10 मिनट इंतज़ार किया
जो 15 मिनट की यात्रा होनी चाहिए थी
वह लगभग एक घंटे तक चली क्योंकि दोनों नेताओं ने होटल पहुंचने के बाद भी कार में ही अपनी बातचीत जारी रखी
वो भी बिना किसी दुभाषिए या सहयोगी के
विशेषज्ञों का कहना है
कि पुतिन की बख्तरबंद लिमोसिन (कार)
जिसमें पुतिन और मोदी की बातचीत हुई
वह अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों से लैस होती है
जिससे कोई बाहरी व्यक्ति
(जैसे खुफिया एजेंसी, जासूस या हैकर)
उनकी बातचीत को चुपके से सुन या रिकॉर्ड नहीं सकता
भारतीय खुफिया विश्लेषकों का मानना है
कि पुतिन की लंबी और गुप्त बातचीत का उद्देश्य
मोदी को किसी संभावित खतरे के बारे में चेतावनी देना हो सकता है
रूसी खुफिया एजेंसियों की वैश्विक पहुंच और उनकी अमेरिकी गतिविधियों पर निगरानी को देखते हुए
इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता
कि जैक्सन के मिशन की जानकारी रूसियों को मिल गई हो
यह भी उल्लेखनीय है
कि "जैक्सन" की मृत्यु ठीक उसी समय हुई
जब एससीओ समिट में भारत, चीन और रूस के बीच नई साझेदारी का प्रदर्शन हो रहा था
भारतीय खुफिया रिपोर्टों के अनुसार
अमेरिकी एजेंसियों ने USAID के कवर के तहत
दोहा, दुबई और पाकिस्तानी शहरों में
बांग्लादेशी छात्र कार्यकर्ताओं से गुप्त बैठकें कीं
पाकिस्तानी #आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी भी इन छात्र समूहों से मिले
नवंबर 2023 में वाशिंगटन डीसी में एक बैठक हुई
जिसकी अध्यक्षता पूर्व अमेरिकी राजदूत "विलियम मिलम" ने की, जो उस समय वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स में सीनियर पॉलिसी स्कॉलर थे
इस बैठक में ही बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव की अंतिम रणनीति तय की गई थी
अनसुलझे प्रश्न ?
"टेरेंस ऑरवेल जैक्सन" की रहस्यमय मृत्यु..
पीटर हास की बार-बार की यात्राएं..
और एससीओ समिट में मोदी-पुतिन की गुप्त वार्ता..
ये सभी घटनाएं एक जटिल भू-राजनीतिक पहेली का हिस्सा प्रतीत होती हैं
क्या "जैक्सन" वाकई किसी गुप्त मिशन पर था ?
क्या उसकी मृत्यु प्राकृतिक थी
या किसी बड़े खेल का हिस्सा ?
क्योंकि #भू-राजनीति में संयोग नहीं
सिर्फ़ ऑपरेशन और न्यूट्रलाइजेशन होते हैं
सवालों पर परदा है और जवाब साये में हैं
क्या मोदी वाकई दुनिया के सबसे खतरनाक षड़यंत्र के चक्रव्यूह का लक्ष्य थे ?
या ये सब महाशक्तियों के खेल का एक हिस्सा है ?
ताश के पत्तों की ये गुप्त बाजी
जिसे जानने की हसरत हर किसी को है
फिलहाल साये में ही है
शतरंज के खेल में..
हर चाल के पीछे गहरी रणनीति छुपी होती है
ढाका की यह घटना महज़ एक दुर्घटना नहीं
बल्कि एक बड़ी तस्वीर का छोटा सा हिस्सा हो सकती है