09/09/2025
कितनो को भुला दिया,
कितनो को दिल से लगाये बैठे है।
उन्हें शायद खबर भी नही,
और हम उन्हें अपना बनाये बैठे है।।
वो नजरअंदाज कर देते है,
और हम सपने सजा लेते है।
उनके दिये हर दर्द को,
हम सीने से लगा लेते है।।
उनको छू कर हवा जब,
हम तक आती है ।
इस एकतरफा मोहब्बत को,
तसल्ली मिल जाती है।।
बात आते-आते,
जुबा पे रह जाती है।
हम कह नही पाते,
और कलम कह जाती है।।