PTB EARTH

द प्रेस ट्रस्ट आफ बुंदेलखंड भारत सरकार के चैरिटेबल एंड रिलिजियस एक्ट 1920 के अंतर्गत पंजीकृत हैं। हम वैकल्पिक मीडिया मंच को साथ लेकर ग्रामीण व जनसरोकार पत्रकारिता करते है। मीडिया एडवोकेसी व पत्रकार सुरक्षा कानून को हम संघर्षरत हैं। पीटीबी संगठन व समाचार हब उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश बुंदेलखंड क्षेत्र में सक्रिय है। जल ज़मीन जंगल और किसान-पर्यावरण आंदोलन की पत्रकारिता हमारी पहचान हैं।

https://youtu.be/w-AG9e7oCC0?si=Q6ihS8gLdSS4LVNaपंच प्रयाग देवरहा बाबा आश्रम तपोस्थली, चित्रकूट के महंत जी से साक्षात्का...
26/02/2024

https://youtu.be/w-AG9e7oCC0?si=Q6ihS8gLdSS4LVNa

पंच प्रयाग देवरहा बाबा आश्रम तपोस्थली, चित्रकूट के महंत जी से साक्षात्कार।

#चित्रकूट #मध्यप्रदेश

Shamegol....
23/09/2023

Shamegol....

18/09/2023

18/09/2023

बांध, जंगल, विस्थापन और पुनर्वास का संघर्ष..

केन बेतवा नदी गठजोड़...

खबर 17 सितंबर 2023 सन्दर्भ - बुंदेलखंड के केन-बेतवा नदी गठजोड़ से परेशान, स्थानीय विस्थापन की जद वाले किसान बोले : सरकार...
18/09/2023

खबर 17 सितंबर 2023 सन्दर्भ -

बुंदेलखंड के केन-बेतवा नदी गठजोड़ से परेशान, स्थानीय विस्थापन की जद वाले किसान बोले : सरकार न्याय नहीं करना चाहती तो हमे खत्म ही कर देती।
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- केन-बेतवा गठजोड़ से पीड़ित 22 गाँव के किसानों ने जताया विशेष पैकेज का विरोध, आंदोलन करने के संकेत दिए।

- प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिन पर आदिवासियों की मार्मिक अपील विस्थापन,बांध,जंगल,पुर्नवास की जद्दोजहद मे हमारी पीढ़ी न खराब करें।

मध्यप्रदेश के ज़िला छतरपुर बिजावर के केन बेतवा लिंक परियोजना से पीड़ित किसानों ने बीते रविवार धरना दिया। छतरपुर और पन्ना जिले के 22 गाँव के दर्जनों किसान समाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर के नेतृत्व मे परियोजना प्रभावित गाँव कदवारा में इकठ्ठा हुए थे। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज को पीड़ित किसानों के साथ छल बताते हुये विरोध जताया है। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर एकत्रित प्रशासन की मनमानी से तंग आकर पीड़ितों ने प्रधानमंत्री से मार्मिक अपील करते ये तक कह डाला कि वह प्रशासन की मनमानी से तंग आ गये है या तो न्याय दिया जाए अथवा न्याय नहीं दे सकते तो हमे खत्म ही कर दो।

विधायक पर लगाए आरोप :-

9 सितंबर बिजावर विधायक द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति जिसमें कैबिनेट के फैसले से जनता मैं भारी खुशी की बात कही गई थी। उन्होंने इस बात को पूरी तरह झूठा कहा है। परियोजना से विस्थापित पीड़ितों का कहना है कि कैबिनेट के फैसले से वह अपने को छला महसूस कर रहे हैं इससे उनमें गहरा आक्रोश हैं।

नहीं हो रहा कानून का पालन :-

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना केन बेतवा लिंक परियोजना में छतरपुर जिले के 15 गांव और पन्ना जिले के 7 गांव विस्थापित हो रहे हैं। यह पीड़ित लगातार कानून के पालन न होने से आहत है। उन्होंने संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी किए जाने के खिलाफ कई ज्ञापन प्रदर्शन व आंदोलन किये लेकिन नतीजा शून्य है। उनका कहना है कि परियोजना में भूमि अर्जन कानून 2013 की किसी भी धारा का पालन नहीं किया जा रहा है। परियोजना विस्थापन मे कानून का नाम तो 'पारदर्शिता अधिकार अधिनियम है'। परन्तु प्रारंभिक अधिसूचना धारा-11 कब लगाईं लगाई गयी व इसके तहत किसी तरह की कोई ग्राम सभा या आमसभा का आयोजन नहीं किया गया। धारा-15 व धारा-16 के तहत सर्वे का कार्य बहुत मनमानीपूर्ण तरीके से किया गया है। वहीं धारा 19, धारा 21 सहित पूरी परियोजना में पारदर्शिता का पालन नहीं किया जा रहा है। बांध परियोजना से पीड़ितों को डीपीआर व अन्य किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। उल्टा जानकारी मांगने पर पुलिस प्रताड़ना का शिकार इन पीड़ितों को होना पड़ा है ।
आज के कार्यक्रम में क्षेत्र के जनपद सदस्य सरपंच पूर्व सरपंच सहित कई जन प्रतिनिधि सहित सैकड़ो पीड़ित किसान सहभागी हुए जिसमें ज्यादातर आदिवासी थे।

#किसानआंदोलन #आदिवासी

https://youtu.be/oU1dWEx1ZjE
31/07/2023

https://youtu.be/oU1dWEx1ZjE

हिमालयन राज्य सिक्किम ( गैंगटोंक- पेलिंग-याकसुम ) और पश्चिम बंगाल के हिल स्टेशन दार्जलिंग की घुमक्कड़ी के बाद वहां क....

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