
27/08/2024
तुम दुनिया को पौरुष का लोहा मनवाने आये हो।
अपनी कीर्ति पताका अंबर तक लहराने आये हो।
इश्क़ , मोहब्बत रस्ते हैं बर्बादी के घर जाने के,
नायक हो तुम इस जग में इतिहास बनाने आये हो।
Kavi Shashank Shekhar