13/09/2025
अंजली भागवत भारतीय निशानेबाजी की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम हैं, जिन्होंने अपने करियर में 31 स्वर्ण, 23 रजत और 7 कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है । उनका जन्म 5 दिसंबर 1969 को मुंबई में हुआ था।
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
अंजली ने अपने करियर की शुरुआत नेशनल कैडेट कोर (NCC) से की थी, जहाँ उन्होंने शूटिंग में रुचि विकसित की। 1988 में उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया और महाराष्ट्र के लिए रजत पदक जीता ।
प्रमुख उपलब्धियाँ
2002 राष्ट्रमंडल खेलों में अंजली ने चार स्वर्ण पदक जीते, जो एक भारतीय महिला निशानेबाज के लिए एक अद्वितीय उपलब्धि थी ।
2003 में मिलान में आयोजित वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में 399/400 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता ।
ISSF चैंपियन ऑफ चैंपियंस खिताब जीतने वाली वह एकमात्र भारतीय हैं ।
उन्होंने तीन ओलंपिक (2000, 2004, 2008) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 2000 सिडनी ओलंपिक में फाइनल तक पहुँचीं ।
पुरस्कार और सम्मान
अर्जुन पुरस्कार (2000) ।
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2003) ।
श्री शिव छत्रपति पुरस्कार (1992) ।
महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार (1993) ।
योगदान और प्रेरणा
अंजली भागवत ने न केवल अपने व्यक्तिगत उपलब्धियों से बल्कि युवा निशानेबाजों को प्रशिक्षित करके भी भारतीय खेलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्तमान में वह पुणे में निवास करती हैं और युवा प्रतिभाओं को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं ।
उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि समर्पण, अनुशासन और कठिन परिश्रम से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। अंजली भागवत आज भी भारतीय खेलों में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।