Saqlaini Shahi

Saqlaini Shahi Important Information about Silsila e Saqlainiya Sharafatiya

21/10/2025

मेरा इश्क मेरी मुहब्बत
सरकार सिर्फ तुम हो
लब्बैक या शाह सक़लैन
Saqlaini Shahi
fans
𝑭𝒐𝒍𝒍𝒐𝒘𝒆𝒓𝒔.

शाहजी बशीरी फैज का दरबारशाह सक़लैनों शराफ़त का दरबार
20/10/2025

शाहजी बशीरी फैज का दरबार
शाह सक़लैनों शराफ़त का दरबार

06/10/2025

हक़ साबिर या साबिर
हक़ सक़लैन या सक़लैन
सरकार गाज़ी मियाँ हुज़ूर जिन्दाबाद

05/10/2025

बारगाह ए साबिर ए पाक में गाज़ी मियाँ हुज़ूर की हाजिरी माशा अल्लाह
हक़ साबिर या साबिर
हक़ सक़लैन या सक़लैन
fans Saqlaini Shahi 𝑭𝒐𝒍𝒍𝒐𝒘𝒆𝒓𝒔.

24/09/2025

जुलूस ए परचम कुशाई जिन्दाबाद जिन्दाबाद
उर्स ए शाह सक़लैन की आमद मरहबा
28 सितंबर को सुबह 11 बजे कुल शरीफ होगा आस्ताना ए सक़लैनिया शराफतिया बरेली शरीफ़ में
इंशा अल्लाह

12/09/2025

जश्न ए सक़लैनी व शराफ़ती रहमतुल्लाह अलैह
आमद ए सरकार गाज़ी मियाँ हुज़ूर
सरजमीनें कस्बा शाही में
15 सितंबर को बरोज पीर शाम में आमद ए सरकार गाज़ी मियाँ हुज़ूर इंशा अल्लाह आपका इस्तकबाल लमकन से होगा सभी आशिक़ ए शाह ए सक़लैन अपनी अपनी मोटरसाइकिल ले कर पहुंचे बाद नमाजे इशा जश्ने शाह सक़लैनों शराफ़त मनाया जाएगा बहार के मेहमानों के लिए लंगर का इंतजाम भी किया गया है
16 सितंबर बरोज मंगल को सुबह 9 बजे कुल शरीफ होगा बाद फातिहा के सलाम व लंगर ए आम है इंशा अल्लाह
सभी आशिके शाह ए सक़लैन ज्यादा से ज्यादा में पहुंचे पीरों मुर्शिद के फैजान से फैजयाव हो
मक़ाम =मदरसा अल्ज़ामियातुल क़ादरिया बशीरुल उलूम शाही
मिनजानिब = हज़रत शाह सक़लैन एकेडमी ऑफ इंडिया यूनिट - शाही
9528273760

22/08/2025

🌹28🌹 सफर उर्से पाक सरकार #इमाम_रब्बानी_मुजददिदे अल्फेसानी शेख अहमद सरहिन्दी फारूखी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह का उर्से पाक मुबारक हो मुबारक हो
#हुजूर_सल्लल्लाहो_अलैहि_वसल्लम की हदीस कि मेरा बेटा अहमद मेरे मुर्दा दीन को जिन्दा करेगा
उस अज़ीम हस्ती इमाम रब्बानी मुजददिदे अल्फेसानी की जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी सुन्नत-ए-रसूल में गुजारी
🌸🌹🌺🌹
बेशक़ हिन्द में दीन को फैलाया है #अजमेरी सुल्तान ने
,
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मगर दीन को बचाया है #इमाम रब्बानी मुजद्दीद अल्फेसनी ने

उर्स है उस अज़ीम हस्ती इमाम रब्बानी मुजददिदे अल्फेसानी की जिन को इल्मे लदुन्नी हजरत ख़िज्र अलैहिस्सलाम ने अता किया
हजरत अली शेरे खुदा ने जिन्हें आसमानों का इल्म अता किया उस अज़ीम हस्ती इमाम रब्बानी मुजददिदे अल्फेसानी का उर्से पाक बहुत बहुत मुबारक हो
फजाइले मुजददिदे अलफेसानी
ब- हवाला -ए- मकतूबाते रब्बानी व दीगर कुतुब

आप हुजूरे अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की जियारत से मुशर्रफ हुए

1- आपको एक हजार साल का मुजददिद बनाया गया है
2- आपकी अल्लाह तबारक व तआला ने नबी-ए-करीम सल्ललल्लाहो अलैहि वसल्लम के बचे हुए खमीर (मिट्टी) से बनाया
3- आपने दीने अकबरी को नेस्तो -नाबूद कर डाला
4- आपके पीरों मुर्शिद ने फरमाया कि शैख अहमद सरहिन्दी एेसे चिराग है जिनकी रौशनी मे हम जैसे हजारों सितारे गुम है
5- आपके बारे मे सरकारे गौसुलआजम ने चार सौ (400) साल पहले बिशारत दी
6- आपको अल्लाह तआला ने मुकत्तेआते कुरआनी के राज अता कियें
7- आपकी जियारत के लिए काबा-ए-मुअज्जम तशरीफ़ लाया
8- आपके कुएँ से अल्लाह तआला ने आबे जमजम जारी फरमाया
9- आपके विसाल पर आसमान रोया
10- आपको बिशारत दी गयी कि जिस जनाजे में आप शरीक होगे वह बख्शा जायेगा
11- आपके सीन-ए-बेकीना से वसवास और खन्नास को निकाल दिया गया
12- आपने फरिश्तों के साथ अर्श के ऊपर तवाफ की सआदत हासिल की
13- अल्लाह तबारक व तआला ने आपको अपने और हुजूर अकरम सल्लल्लाहो के कुरबे खास से नवाजा
14- हक तआला ने आपको हक्कुल यकीन की दौलत से सरफराज फरमाया
15- आपको सरकारे दो आलम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इल्मे कलाम का मुजतहिद फरमाया
और भी बेशुमार मकतूबात है
🌹🌹🌹हिदायत 🌹🌹🌹
शेख़ मुज़द्दीद अल्फ़ सानी (मुज़द्दीद ए आज़म) से आपके शागिर्द ने कहा

या शेख- मुझे कोई नसीहत फ़रमाये

हज़रत शेख ने फ़रमाया- मेरे बेटे एक ही नसीहत है न कभी खुदा बनना न कभी रसूल बनना-

शागिर्द ने कहा- खुदा रसूल तो कोई भी नही बनता ये कौन सोंच सकता है खुदा बनने का रसूल बनने का

फ़रमाया- बेटे न समझो तो यही जवाब होगा और गहराई में जाओ तो बड़े बड़े लोग खुदा भी बनाना चाहते हैं रसूल भी बनाना चाहते हैं

पूँछा क्या मतलब

फ़रमाया- बेटे ये शान सिर्फ खुदा की है जो चाहता है वही होता है, जो वो चाहे वही हो, कभी ऐसी आरज़ू न रखना जो में चाहूं वही हो कभी तुम्हारी मंशा के मुताबिक होगा और कभी मंशा के मुताबिक नही होगा तुम्हारी मर्ज़ी के मुताबिक हो जाये तो शुक्र कर देना और मर्ज़ी के खिलाफ हो जाये तो सब्र कर लेना ये न आरज़ू करना जो में चाहूं वही हो ये शान सिर्फ अल्लाह की है अगर ये सोंचेंगे तो ख़ुद को खुदा बनाना चाहते हो (माजल्लाह)

फिर पूँछा फिर रसूल बनने की कैसे बात हुई

फ़रमाया- ये शान सिर्फ रसूल की है जो उनसे इख़्तेलाफ़ करे वो काफिर जो उनकी बात को रद्द करे वो काफिर

नोट-ये शान सिर्फ रसूल की है रूह ए जमीन पर न किसी मौलवी की है न पीर की है न मुफ़्ती की है ये शान सिर्फ रसूल की है

जो तुम्हारी बात न माने वो काफ़िर है इसका मतलब है तुम खुद को रसूल के मनसब पर बैठना चाहते हो- (माजल्लाह)
बचाया शिर्क बिदअत से निकाला हमको ज़ुल्मत से
मुसलमानों का ऐसा मेहरबान सरहिन्द रहता है
वोह मकतूबात जिसको औलिया भी पड़ के हैरान है
वही तो इल्म का कूहेगिरां सरहिन्द रहता है
इन्तेजार अहमद सक़लैनी अन्सारी
9528273760

22/08/2025

#यौम_ए_शहादत हजरत #इमाम_हसन अलैहिस्सलाम
*गौर ओ फिक्र की बात है सुन्नीयों*
🌹🌹🌹28 सफर 🌹🌹🌹
*ये माह ए सफर उल मुज़फ्फर का महीना है और इसका आखरी अशरा हैं*

*बहुत से औलिया अल्लाह का उर्स मनाया गया इस महीने में और बेशक मनाना चाहिए मगर दयानतदारी से बताऐं क्या इस महीने में अमीरुल मोमिनीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा का जिक्र किया आपने*

*इस महीने की 28 तारीख खलिफतुल मुस्लेमीन अमीरुल मोमिनीन हजरत सैय्यदना हसन ए मुज्तबा की शहादत से है*

*आप ने सिर्फ कर्बला का दर्द सुना है क्या आपको मालूम है हमारे आका इमाम हसन के साथ किस तरह से जुल्म किया गया है आपको शायद ही मालूम हो क्योंकि इमाम हसन के बारे में कोई बात ही नही करता इमाम हसन को कई मर्तबा ज़हर दिया गया आखरी बार हीरे की कनी पीस कर आपके पानी मे मिलाई गई जिससे आपके कलेजे के टुकड़े टुकड़े हो गए*

*आपकी आख़री बसीयत थी मुझे नाना के कदमों में दफ़न किया जाए अफ़सोस उम्मते मुस्लिमा की एक भीड़ आयी ओर इमाम को बहां दफ़न होने से रोक दिया उनके जनाज़े मुबारक़ पर तीर चलाये ये पहला जनाज़ा था जिसको दोबारा कफ़न दिया गया उम्मत इनके अहसान को भूल गयी क्योंकि इंसान भीड़ के साथ ज्यादा हक़ साथ हमेशा कम रहा है*

*सुन्नीयों याद रखों इस सफर के महीने को सबसे पहली निस्बत इमाम हसन ए मुज्तबा से है*

*उसके बाद दूसरे औलिया अल्लाह से इतने जुम्मा चले गये पर किसी मिम्बर पर खिताब करने वाले मुफ्ती मौलाना को तौफीक नही हुई के इमाम हसन का ज़िक्र करें उनके फज़ाइल, उनकी करामात,उनकी सीरत,उनकी सूरत, शहादत, कुर्बानी पर बयान करें*

*गुलामों का उर्स मनाया, बादशाहों को भूल गये*

*जन्नतियों का उर्स मनाया,जन्नत के सरदार को भूल गये*

*मोमिनीन का उर्स मनाया, अमीरुल मोमिनीन को भूल गये*

*गुलाम ए रसूल ﷺ का उर्स मनाया, शहजादा ए रसूल ﷺ को भूल गये*

*जिनकी मुहब्बत अल्लाह ने फर्ज़ की है उनकी याद मनाना भूल गये औलियाओं का उर्स मनाया, सरदार ए औलिया को भूल गये*

*जिनके सदके कायनात में विलायत मिलती हैं उस इमाम को भूल गये*

*सुन्नीयों क्या यहीं हैं इश्क ए अहले बैत है बहुत से पोस्ट आयें हैं व्हाट्सअप और सोशियल मीडिया पर के इनका उर्स हैं, उनका उर्स हैं और करना भी चाहिये. पर एक भी पोस्ट आपने इमाम हसन ए पाक के ताल्लूक से किया*

*अहलेबैत की मुहब्बत अस्ल ए ईमान हैं*

*किसी पर तनक़ीद करना मकसद नहीं बेशक औलिया अल्लाह का उर्स मनाना चाहिए पर उन से पहले इमाम उल औलिया सैय्यदना इमाम हसन ए मुज्तबा का उर्स मनाओं माह ए सफर की इब्तेदा इमाम हसन ए मुज्तबा के ज़िक्र से हो और इंतेहा भी उनके ज़िक्र से हो*

*अल्लाह जल्ला जलालहु अपने हबीब के सदके तुफैल हमें हकीकी मानों में मुहिब् ए अहलेबैत बनाये आमीन*

*याद रहें ये तारीख 28 सफर उल मुज़फ्फर यौम ए शहादत अमीरुल मोमिनीन खलिफतुल मुस्लेमीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा अलैहिस्सलाम व रदियल्लाहो ता'अला अन्हु*

*सल्लल्लाहु अलैही व आलैही व सल्लिम*

*ज़रूर नजर करें और ज़िक्र ए इमाम हसन अलैहिस्सलाम करें*

,,,,,,,,,,,,,रुहे दिल को मेरे मुर्शिद ने दस्तगीर कर दिया,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,  गुनाह गारों को महशर का आमीर कर दिया,,,...
02/08/2025

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हक़ सक़लैन या सक़लैन
सरकार गाज़ी मियाँ हुज़ूर जिन्दाबाद जिन्दाबाद

मुस्तकिल तेरी जुस्तजू में है मेरी आंखेइन्हे आस अब भी तेरे दीदार की है मुर्शिद        या मुर्शिद हक़ मुर्शिद
23/07/2025

मुस्तकिल तेरी जुस्तजू में है मेरी आंखे
इन्हे आस अब भी तेरे दीदार की है मुर्शिद
या मुर्शिद हक़ मुर्शिद

04/07/2025

सफ़र-ए-हरमैन की सआदत....जानशीन-ए-सक़लैन मियां हज़ूर को मुबारक हो
सरकार गाज़ी मियाँ हुज़ूर की आमद मरहबा मरहबा

03/07/2025

आज के दिन 3-7-2012 को हमारे 🌹🌹पीरों मुर्शिद #अश्शाह_मुहम्मद_सक़लैन_मियाँ_हुज़ूर 🌹🌹काबे शरीफ़ के अन्दर तशरीफ़ ले गये थे
#कादरी_भी_हूं_नक्शबन्दी_भी_हूं_मुजददिदी_भी_हूं
#अल्हमदो_लिल्लाह_मै_गुलाम_ए_सक़लैन_जो_हूं

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