21/07/2025
आज की सबसे खूबसूरत तस्वीर...
ये हैं हमारे बेसिक के बच्चे.. बड़े भोले बड़े सच्चे.. इस बच्ची का खिलखिलाता चेहरा यह बता रहा है कि विद्यालय का माहौल कितना खुशनुमा होगा.. वहां शिक्षक और छात्र में कितना आत्मीय सम्बन्ध होगा...
जब बच्चों को विद्यालय उनके घर जैसा लगने लगे। उन्हें घर की तरह अध्यापक से मां और बाप का प्यार और दुलार मिले.. शिक्षक से उनका दोस्ताना व्यवहार हो.. जब बच्चा शिक्षक को अपने मन की बात बेझिझक साझा करे.. तो बच्चों का चेहरा ऐसे ही खिलखिलायेगा मुस्कुराएगा।
एक शिक्षक वही जो अपने शिष्यों के मन की बात पढ़ ले और उसे कब पढ़ाना है और उसे कब खेल खिलाना है.. तो फिर कहने ही क्या.. शिक्षक बच्चों को भरपूर पढ़ा भी दें, उनसे बोर्ड पर भी कार्य करा लें, उनसे पहाड़े भी सुन लें, वर्ड मीनिंग भी सुन लें, सामान्य ज्ञान के प्रश्न भी पूछ लें और बच्चे फिर भी कहें कि सर जी और पढ़ाओ, हमसे सवाल हल करा लो, हमसे इमला लिखवा लो...
ये सब तभी सम्भव है जब शिक्षक उनकी पढ़ाई को इतना रोचक और मजेदार बना दे कि बच्चों को लगे ही नहीं कि पढ़ रहे हैं। ये सब होगा जब हम उन्हें पढ़ाई के साथ साथ खेल भी खिलाएं, गतिविधि कराएं, विज्ञान के छोटे-छोटे प्रयोग करके दिखाएं, अंत्याक्षरी कराएं, बालसभा कराएं, उनसे गीत कहानी सुनें, फ़्लैश कार्ड गतिविधि कराएं, टीएलएम का प्रयोग करके पढ़ाएं, गणित किट की सामग्री का रोचक प्रयोग करके पढ़ाएं।
जब ये सब कराएंगे तो बच्चों को कक्षा बोझिल नहीं लगेगी और वे बड़े उत्साहित होकर खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे, कक्षा से बंक नहीं मारेंगे और नियमित रूप से विद्यालय आएंगे।
और तो और बच्चों का विद्यालय से घर जाने का मन ही नहीं होगा। इसलिए कक्षा का माहौल ऐसा बनाएं कि बच्चे भले ही दूर से आएं, पैदल आएं या साइकिल से आएं.. लेकिन उनके चेहरे हमेशा खिले रहें, मुस्कुराते हुए विद्यालय आएं ।
राजवीर सिंह
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय बकैनिया दीक्षित
वि.क्षे.- बरखेड़ा, जनपद- पीलीभीत
Department of Basic Education Uttar Pradesh