06/06/2025
भाड़ में जाए ये तुम्हारे नये कपड़े ये दिखावा किसी गरीब को पेट भर खाना नहीं दे सकते मत पूछो किसी कि जात पात, रोटी शिक्षा ईलाज दो बिना जात पात, में दिल्लावर खान कादरी हर एक आदमी से अर्ज करता हु आप किसी गरीब को ना सताए रोटी के वास्ते उसको केमेरा कि नहीं रोटी कि जरूरत है यारों पर क्या करें मदद के नाम पर सिर्फ ढोंग है इस समय में,"मदद" शब्द का मतलब अक्सर फोटो खिंचवाना, सोशल मीडिया पर डालना, और वाहवाही लूटना बन गया है। लेकिन अगर दिल से सोचें, तो असली मदद किसे कहते हैं?
असली मदद वह होती है जो किसी की ज़िंदगी में सच में बदलाव लाए। एक भूखे को खाना देना, एक बच्चे को किताबें और स्कूल पहुंचाना, या किसी बीमार को दवा दिलवा देना — यही वो काम हैं जो इंसानियत की असली मिसाल हैं।
मदद का मतलब सिर्फ पैसा देना नहीं होता। किसी को समय देना, उसे रास्ता दिखाना, या उसका हौसला बढ़ाना भी बड़ी मदद है। ज़रूरतमंद को वही चीज़ देना जो उसकी ज़िंदगी को बेहतर बनाए —यही असली सेवा है।
दिखावे से पेट नहीं भरता। ताली से इलाज नहीं होता। हमें अपनी नीयत और नज़र दोनों को साफ रखना होगा — ताकि हमारी मदद किसी की मुस्कान का कारण बन सके, ना कि हमारी शोहरत का।