30/01/2025
सुबह 8 बजे से अभी तक 7 घण्टे में 30 किमी ही चल पाया हूँ।
4,5 घण्टे जाम में रहा बाकी के करीब 2 घण्टे पुलिस ने रोक के रखा और अभी पिछले 40 मिनट से बस लगातार चल रही है।
बस में लोगों का वही अपना शिकायतें करना ही काम हैं कि पुलिस वाले नहीं जाने दे रहे या वहाँ ज्यादा मौतें हो गई आदि आदि।
अब इनको कौन समझाए कि पुलिस वाले आपको रोक रहे हैं तो इसलिए कि प्रयागराज में स्नान कर रहे लोगों को बाहर निकाला जा रहा होगा ताकि आपको जगह मिलें।
अगर पुलिस के जवानों ने 2 घण्टों के लिए बस रोकी हैं तो मुझे पता है कि मेरे लिए व्यवस्था बनाई जा रही होगी।
प्रयागराज में स्नान कर चुके लोगों को निकाला जा रहा होगा ताकि मेरे या बाकी को भी मौका मिले।
पुलिस वहाँ इसलिए खड़ी नहीं हैं कि आपके मोबाइल को कोई चुरा न ले इसका ध्यान रखें।
मूर्ख लोग बोल रहे हैं फोन चोरी हो गए पुलिस कुछ नहीं कर रही।
अरे अब यही काम रह गया है क्या उनका।
तुमसे 100 ग्राम का फोन नहीं संभाला जा रहा वहाँ पोलिस प्रशासन 45 दिन तक 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए खड़ी है वो भी पूरे 1 लाख पुलिस भी नहीं होगी संख्या में।
कहाँ 1 लाख पुलिसकर्मी और कहाँ 50 करोड़।
सम्मान करिये उनका।
आप 2 दिन में लौट आएंगे उनको पूरे 45-50 दिन सम्भालना हैं तुम सबको।
न तुम उनका कहना मान रहे हो वहाँ और न वो बेचारे तुम्हें डांट सकते हैं कि डर की वजह से कि लोग भाग दौड़ न मचा दें।
महाकुंभ समाप्त होने तक अगर आपको पुलिस प्रशासन और जवान अगर किसी जगह 4,5 घण्टे भी रोक रहे हैं तो सम्मान करिये उनका।
वो आपके लिए प्रयागराज तक पहुँचने का रास्ता बनाने के लिए 4,5 घण्टे ले रहे हैं आपसे।
प्रयागराज पहुँच भी गए हैं तो पुलिस के जवान आपसे जो कुछ कहें आँखें बंद कर के उनका सम्मान करिये।
आपके लिए देवता के रूप में खड़े रहकर व्यवस्था बना रहे हैं वो और चाहते हैं कि आप व्यवस्था बनाये रखने में उनकी मदद करो।
अगर पुलिस प्रशासन या व्यवस्था में लगे अधिकारी आपसे कहें कि जहां खड़े हो वहीं डुबकी लगाकर वापस चले जाओ तो मानिए उनकी इस बात को।
बस व्यवस्था बनाये रखने के लिए जो अपील पुलिस वाले आपसे करें उसे सुनिए, मानिए औऱ उलझिए मत उनसे।
उलझने का मतलब अपना रौब झाड़ने की बिल्कुल कोशिश न करें अगर कोई ऐसी आदत हैं आप में तो।
जाइये और उन जवानों, उन कर्मचारियों को प्रणाम भी कर के आइये जो आपकी गालियां खाकर भी आपके लिए खड़ें हैं।
आपसे निवेदन हैं आप ये सब चीज़े उन लोगों को समझाकर भेजे जो आपके आसपड़ोस या घर से जा रहे हैं।
आप सब ये चीज़े जितने लोगों को समझा सकते हैं समझाइए और साथ ही ये भी समझाइए कि हर चीज़ की शिकायतें करना बंद करें।