Dharm Arya 3

Dharm Arya 3 Dham Veer paswan

18/09/2024

एक "सुंदर कविता",

जिसके एक-एक शब्द को, बार-बार "पढ़ने" को "मन करता" है-_*

ख्वाहिश नहीं, मुझे
मशहूर होने की,"

_आप मुझे "पहचानते" हो,_
_बस इतना ही "काफी" है।_😇

_अच्छे ने अच्छा और_
_बुरे ने बुरा "जाना" मुझे,_

_जिसकी जितनी "जरूरत" थी_
_उसने उतना ही "पहचाना "मुझे!_

_जिन्दगी का "फलसफा" भी_
_कितना अजीब है,_

_"शामें "कटती नहीं और_
-"साल" गुजरते चले जा रहे हैं!_

_एक अजीब सी_
_'दौड़' है ये जिन्दगी,_

-"जीत" जाओ तो कई_
-अपने "पीछे छूट" जाते हैं और_

_हार जाओ तो,_
_अपने ही "पीछे छोड़ "जाते हैं!_😥

_बैठ जाता हूँ_
_मिट्टी पे अक्सर,_

_मुझे अपनी_
_"औकात" अच्छी लगती है।_

_मैंने समंदर से_
_"सीखा "है जीने का तरीका,_

_चुपचाप से "बहना "और_
_अपनी "मौज" में रहना।_

_ऐसा नहीं कि मुझमें_
_कोई "ऐब "नहीं है,_

_पर सच कहता हूँ_
_मुझमें कोई "फरेब" नहीं है।_

_जल जाते हैं मेरे "अंदाज" से_,
_मेरे "दुश्मन",_

-एक मुद्दत से मैंने_
_न तो "मोहब्बत बदली"_
_और न ही "दोस्त बदले "हैं।_

_एक "घड़ी" खरीदकर_,
_हाथ में क्या बाँध ली,_

_"वक्त" पीछे ही_
_पड़ गया मेरे!_😓

_सोचा था घर बनाकर_
_बैठूँगा "सुकून" से,_

-पर घर की जरूरतों ने_
_"मुसाफिर" बना डाला मुझे!_

_"सुकून" की बात मत कर-
-बचपन वाला, "इतवार" अब नहीं आता!_😓😥

_जीवन की "भागदौड़" में_
_क्यूँ वक्त के साथ, "रंगत "खो जाती है ?_

-हँसती-खेलती जिन्दगी भी_
_आम हो जाती है!_😢

_एक सबेरा था_
_जब "हँसकर "उठते थे हम,_😊

-और आज कई बार, बिना मुस्कुराए_
_ही "शाम" हो जाती है!_😓

_कितने "दूर" निकल गए_
_रिश्तों को निभाते-निभाते,_😘

_खुद को "खो" दिया हमने_
_अपनों को "पाते-पाते"।_😥

_लोग कहते हैं_
_हम "मुस्कुराते "बहुत हैं,_😊

_और हम थक गए_,
_"दर्द छुपाते-छुपाते"!😥😥

_खुश हूँ और सबको_
_"खुश "रखता हूँ,_

_ *"लापरवाह" हूँ ख़ुद के लिए_*
*-मगर सबकी "परवाह" करता हूँ।_😇🙏*

*_मालूम है_*
*कोई मोल नहीं है "मेरा" फिर भी_*

*कुछ "अनमोल" लोगों से_*
*-"रिश्ते" रखता है

01/06/2023

❤️

26/03/2023

☝️सच्ची बातें ✍️

🐦 चिड़िया जब जीवित रहती है तो वे कीड़े मकोड़ों को खाती है 🐛
और 🐦चिड़िया मर जाती हैं
**तब कीड़े मकोड़े उसे खा जाते हैं**🐛

👉 इसलिए इस बात का ध्यान रखो कि समय और स्थिति कभी भी बदल सकता है

👉इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो
👉कभी किसी को कम मत आंको

👉शक्तिशाली हो सकते हो पर
🕛समय तुमसे भी शक्तिशाली है

👉 🌳एक पेड़ से लाखो माचिस की तिलिया बनाई जा सकती है
एक माचिस की तिल्ली से लाखों पेड़ भी जल सकते हैं 🔥

👉 कोई चाहे कितना भी महान बन लें पर
कुदरत उसे महान बनने का मौका नहीं देते

👉 कंठ दिया कोयल को तोर रूप छीन लिया

👉 रूप दिया मोर को तो इच्छा छीन ली

👉इच्छा दिया इंसान को तो संघर्ष छीन लिया

👉दिया संतोष संत को तो संसार छीन ली

👉 मत करना कभी भी गुरूर अपने आप पर ऐ- इंसान
भगवान ने तेरे और मेरे जैसा कितनों को मिट्टी से बना कर मिट्टी में मिला दिया

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