
05/05/2025
#अररिया, बिहार से रिपोर्ट:
बिहार के अररिया जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने मानव तस्करी के संगठित गिरोहों की भयावह सच्चाई को उजागर कर दिया है। हरियाणा में रह रही एक लड़की को ट्रेन में सफर के दौरान नशा सुंघाकर अगवा कर लिया गया और उसे देह व्यापार के अंधेरे दलदल में धकेलने की कोशिश की गई। लेकिन फारबिसगंज पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने उसकी जिंदगी बचा ली।
गिरोह ने बदले कई जिले, पुलिस ने लगाया सुरागों का पीछा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अपहृत लड़की को किशनगंज, सहरसा, सुपौल समेत कई जिलों में बार-बार ठिकाने बदले गए ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके। आखिरकार उसे फारबिसगंज के रेड लाइट एरिया — रामपुर उत्तर पंचायत, वार्ड नंबर-3 — में छिपा दिया गया। जैसे ही अररिया एसपी अंजनी कुमार को इस मामले की भनक लगी, उन्होंने फारबिसगंज थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल गठित किया।
छापेमारी दल की तत्परता से बची एक जान
रविवार, 4 मई 2025 की शाम को फारबिसगंज पुलिस ने रेफरल रोड इलाके से लड़की को सकुशल बरामद किया। छापेमारी दल में पुलिस अवर निरीक्षक कुमारी बबीता, आदित्य किरण, राजनंदिनी सिन्हा, प्रीति कुमारी, अमित राज, आकाश कुमार सहित सशस्त्र बलों के जवान शामिल थे।
कोर्ट में दर्ज हुआ पीड़िता का बयान, खुला बड़ा रैकेट
लड़की का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उसका बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया। थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह के अनुसार, इस मामले में कांड संख्या 218/25 के तहत 12 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
लगीं ये धाराएं:
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं: 111, 98, 99, 70(1), 115(2), 109, 124(1), 3(5)
आईटीपीए एक्ट: धारा 3, 4, 5, 6
गिरोह का खौफनाक चेहरा — और भी लड़कियां कैद
थानाध्यक्ष ने बताया कि यह एक अंतर-जिला व अंतर-राज्यीय मानव तस्करी गिरोह है, जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर, नशा देकर अगवा करता है और फिर उन्हें देह व्यापार में जबरन धकेल देता है। पीड़िता ने बताया कि मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती थी। यहां तक कि चेहरे और शरीर पर केमिकल फेंकने की धमकियां दी जाती थीं ताकि वह डर जाए।
लड़की ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि इस गिरोह के चंगुल में अभी भी कई अन्य लड़कियां फंसी हुई हैं जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर बंधक बनाकर रखा गया है।
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यह रिपोर्ट न सिर्फ मानव तस्करी की भयावहता उजागर करती है, बल्कि पुलिस की समय रहते कार्रवाई की सराहना भी करती है।