25/09/2025
नमस्कार, राजा भैया जी के सम्मान में!
उत्तर प्रदेश की धरती पर अगर कोई नाम है जो राजसी ठाठ-बाट, रॉबिनहुड छवि और जनसेवा का अनमोल संगम दर्शाता है, तो वो है रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया। 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ की भदरी रियासत में जन्मे इस कुंवर ने महज 26 साल की उम्र में 1993 में कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर इतिहास रच दिया। तब से वे लगातार 8 बार विधायक चुने जाते रहे हैं – एक ऐसा रिकॉर्ड जो उनकी लोकप्रियता और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है। आइए,
इस शानदार व्यक्तित्व की यात्रा को करीब से देखें।
कुंडा के लिए समर्पण: एक सच्चे सेवक की मिसाल
राजा भैया सिर्फ विधायक नहीं, कुंडा के मसीहा हैं। वे स्कूल, अस्पताल और सड़कों के निर्माण में अग्रणी रहे। मगरमच्छ पालने की अफवाहें? खुद राजा भैया ने हंसकर खारिज कीं – "गंगा से कोई भटक गया हो तो बात अलग, लेकिन हम तो जनता के प्रहरी हैं!" उनकी दानशीलता ऐसी है कि लालू यादव तक ने मजाक में पूछा था।