
02/02/2025
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी एक गहरा प्रहार है।
मौन पदयात्रा के माध्यम से लोग यह संदेश दे सकते हैं कि पत्रकारों की सुरक्षा और न्याय की मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन समाज में जागरूकता फैलाने और सरकार को इस मामले में त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।
पत्रकारिता की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है, और मौन पदयात्रा जैसे प्रयास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।