30/08/2025
Indigo Share Price: दिग्गज एयरलाइन InterGlobe Aviation (IndiGo) के शेयर गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 5.5% टूटकर ₹5711 के दिन के निचले स्तर तक पहुंच गए. गिरावट की यह वजह कंपनी के प्रमोटर और को-फाउंडर राकेश गंगवाल परिवार की बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री रही. रिपोर्ट्स के अनुसार गंगवाल परिवार ने लगभग 1.2 करोड़ शेयर यानी 3.1% इक्विटी हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिए बेच दी, जिसकी कुल वैल्यू करीब ₹7,028 करोड़ रही.
लगातार हिस्सेदारी घटा रहे हैं गंगवाल
गंगवाल परिवार 2022 से अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम कर रहा है. 2022 में ही राकेश गंगवाल ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे अगले पांच सालों में कंपनी से अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे. तभी से अलग-अलग चरणों में ब्लॉक डील के जरिए वे हिस्सेदारी बेचते आ रहे हैं. इस दौरान परिवार ने अब तक लगभग ₹45,300 करोड़ के शेयर बेच दिए हैं
आप नीचे टेबल में देख सकते हैं कि कैसे परिवार की हिस्सेदारी लगातार घटते-घटते अब लगभग 4.7% रह गई है.
अवधि हिस्सेदारी (%)
जून 2022 36.6
सितम्बर 2022 33.8
फरवरी 2023 29.7
अगस्त 2023 25.2
मार्च 2024 19.4
अगस्त 2024 13.6
मई 2025 7.8
अगस्त 2025* 4.7
मतभेदों से शुरू हुई दूरी
गंगवाल परिवार का यह डिसइन्वेस्टमेंट अचानक नहीं है. जुलाई 2019 से ही दोनों फाउंडर्स (राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया) के बीच मतभेद सामने आने लगे थे. खासतौर पर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के मुद्दे पर राकेश गंगवाल ने गंभीर सवाल उठाए. बाद में दिसंबर 2021 में दोनों पक्षों ने एक EGM बुलाकर सुलह की, लेकिन तब तक गंगवाल का कंपनी से मोहभंग हो चुका था. 18 फरवरी 2022 को उन्होंने बोर्ड से इस्तीफे का ऐलान कर दिया और उसी समय से हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी.
इंडिगो के लिए आगे की संभावनाएं
गंगवाल परिवार की हिस्सेदारी घटने के बावजूद इंडिगो का बिजनेस मॉडल मजबूत बना हुआ है. भारत की सबसे बड़ी लो-कॉस्ट एयरलाइन होने के नाते कंपनी के पास कई ग्रोथ ट्रिगर्स मौजूद हैं. त्योहारी सीजन में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रूट्स पर बढ़ती डिमांड से इंडिगो को फायदा मिलेगा.
कंपनी ने हाल ही में बिजनेस क्लास सेवाओं और BlueChip लॉयल्टी प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिससे हाई-एंड ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा इंडिगो 34 अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशन पर ऑपरेट करती है और उसने 2023 से 2030 तक अपनी क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई ह
निवेशकों के लिए संकेत
गंगवाल परिवार की लगातार हिस्सेदारी कम होने से यह साफ है कि वे अब इंडिगो के दीर्घकालिक भविष्य में हिस्सेदार बने रहने की बजाय धीरे-धीरे पूरी तरह से बाहर निकलना चाहते हैं. हालांकि, यह कदम जरूरी नहीं कि कंपनी के बिजनेस पर नेगेटिव असर डाले, क्योंकि मैनेजमेंट और ऑपरेशंस राहुल भाटिया और प्रोफेशनल टीम के हाथ में ह