Purvi Bihar News

Purvi Bihar News बात बिहार की बेधड़क

25/09/2025

अब तो कुत्ता भी पूछ रहा है इतना घपला किए हमको मटन नही खिलाया मालिक - veg लवर बना दिया

25/09/2025

BJP वालों, अध्यक्ष पर चलाओ बुलडोजर



#जनसुराज








25/09/2025

भागलपुर में सीएम नीतीश कुमार का खूब हुआ विरोध कहा अब बिहार में नहीं चाहिए अपाहिज एनडीए सरकार जो छात्रों पर लाठी बरसाए

25/09/2025
25/09/2025

नीतीश कुमार के कार्यक्रम में लोग हेलीकॉप्टर देखने पहुंचे थे तो कोई गर्मी से परेशान किसी को पानी नहीं मिला नीतीश कुमार और स्थानीय नेताओं को दिया भर भर कर गलियां

25/09/2025

रात में मिलना पड़ गया महंगा करा दिया गांव वालों ने शादी

25/09/2025

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे - एक और खुलासे की तैयारी करवा लो अपने वकील से अशोक चौधरी

23/09/2025

सम्राट चौधरी का ये राज आपको हिलाकर रख देगा। पूरी रिपोर्ट पढ़िये।
…………………………………………………………………

क्या आपकी उम्र कभी आपके बड़े भाई से अधिक हो सकती है? कभी नहीं हो सकती। लेकिन बिहार तो बिहार है, यहां के मौजूदा उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की उम्र उनके बड़े भाई से भी अधिक है। लेकिन विडंबना देखिये कि इस फर्जीवाड़े के सर्वज्ञात होने के बाद भी ये आदमी उप-मुख्यमंत्री बना बैठा है। पर ये तो माननीय उप-मुख्यमंत्री जी के फर्जीवाड़े की लिस्ट का एक छोटा सा नमूना है। आज हम देखेंगे कि कैसे इस आदमी ने अपने मंत्री पिता के रसूख और पैसों के दम पर बड़े-बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया और बिहार में BJP का सबसे बड़ा चेहरा बन गया।

सम्राट चौधरी को लेकर जो सबसे बड़ा विवाद है वह है उनकी उम्र का। दरअसल, नवंबर 1999 में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सूरज भान ने जन्मतिथि के विवाद को लेकर सम्राट चौधरी को मंत्री पद से हटा दिया था। राज्यपाल की कार्रवाई के बाद यह मामला उजागर हुआ था। उस समय सम्राट चौधरी के पास तीन जन्मतिथियाँ थीं। जन्म प्रमाणपत्र में- 34 वर्ष, मतदाता सूची में- 32 वर्ष, और 1995 के एक हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 15 वर्ष बताई थी। पर यह मामला यहीं खत्म नहीं होता है।

दूसरा बड़ा विवाद उनके नाम को लेकर है। उनके पास चार अलग-अलग नाम भी थे। जन्म के समय उनका नाम राकेश कुमार था, जिसे उन्होंने पहले राकेश कुमार मौर्य, फिर सम्राट चंद्र मौर्य और अंत में सम्राट चौधरी कर लिया। सवाल उठता है कि कोई सामान्य व्यक्ति अपना नाम और जन्मतिथि इतनी बार क्यों बदलेगा? इसका जवाब है- जेल से बचने के लिए। सम्राट चौधरी ने हत्या के एक मामले में 6 महीने जेल में रहने के बाद फांसी या उम्रकैद से बचने के लिए अपने नाम और जन्मतिथि में फेरबदल किया था।

साल 1998 में बिहार में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की बैठक के दौरान बम धमाके में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस धमाके में घटना स्थल पर ही छह लोगों की जान चली गई थी। दरअसल, सदानंद सिंह और सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी (7 बार के विधायक-सांसद और लंबे समय तक मंत्री) के परिवार के बीच पूर्व से राजनीतिक दुश्मनी थी। सम्राट चौधरी पर आरोप था कि उन्होंने हमलावरों को बम मुहैया करवाया था। इस मामले में सम्राट चौधरी 6 महीने तक जेल में रहे थे। यूं तो सम्राट चौधरी हर जगह (अभी भी) अपनी जन्मतिथि 16 नवंबर 1968 बताते थे लेकिन इस घटना के समय उन्होंने खुद को नाबालिग साबित करने के लिए साल 1995 का एक हलफनामा दिखाया जिसमें उनकी उम्र केवल 15 साल बताई गई थी।

उस हलफनामे के आधार पर पाया गया कि 1998 में सम्राट चौधरी की उम्र 18 साल नहीं हुई थी और इसी आधार पर सम्राट चौधरी का नाम हत्या के केस से हटा दिया गया। लेकिन बाद में यही झूठ सम्राट चौधरी के गले की हड्डी साबित हुआ। 1998 में नाम बदलकर खुद को नाबालिग साबित कर चुके सम्राट चौधरी 1999 में राबड़ी देवी की सरकार में आरजेडी की तरफ से मंत्री बनाए गए जिसके लिए न्यूनतम उम्र 25 होनी चाहिये। सम्राट चौधरी ने अपनी उम्र बढ़ा ली और 1 साल के अंदर 18 साल से 25 साल के हो गए। आखिर 1 साल में किसी की उम्र 7 साल कैसे बढ़ सकती है?

हास्यास्पद तो यह है कि इस हेरफेर में उनकी उम्र उनके बड़े भाई से भी अधिक हो गई। और तो और उनके चुनावी हलफनामे को देखें तो उनकी उम्र 2005 में 26 वर्ष, 2010 में 28 वर्ष और 2020 में 51 वर्ष हो गई यानि उनकी उम्र 5 साल में 2 और 10 साल में 23 वर्ष कैसे बढ़ गई?

उम्र और नाम के साथ सम्राट चौधरी ने चुनावी हलफनामे में अपनी डिग्री भी फर्जी लगाई थी। जी हां, सम्राट चौधरी ने 2020 के हलफनामे में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री (D.Litt.) प्राप्त करने का दावा किया। लेकिन ऐसा कोई विश्वविद्यालय अमेरिका में है ही नहीं। वैसे भी मंत्री पद जाने के बाद सम्राट चौधरी ने हाईकोर्ट को खुद बताया था कि वह बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। तो जो आदमी 10वीं भी नहीं पास कर सका उसने डी.लिट की उपाधि कैसे ले ली।

हत्या के आरोप में जेल जाने वाले, जमानत बचाने के लिए जन्मतिथि और नाम बदलने वाले, झूठी डिग्री लगाकर मंत्री बनने वाले, पटना की सड़कों पर लड़कियां छेड़ने वाले- ये 7वीं फेल सम्राट चौधरी जैसे नेता बिहार के लिए दशकों से अभिशाप बन चुके हैं। अगर बिहार देश के अन्य राज्यों की तरह तरक्की करना चाहता है, तो ऐसे फर्जीवाड़ेबाज नेताओं को हटाना होगा। बिहार को चाहिए ऐसे नेता जो सिर्फ नाम और पद के लिए नहीं, बल्कि बच्चों की शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए काम करें।
#जनसुराज #जनसुराजचर्चा #प्रशांतकिशोर
-----
सभी सबूत नीचे संलग्न हैं-

Address

नवगछिया
Bhagalpur
853204

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Purvi Bihar News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share