25/07/2025
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन का सौभाग्य मिला 🙏❤️
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति।
कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥:
सोमनाथ मंदिर, गुजरात के वेरावल, प्रभास पाटन में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसका निर्माण स्वयं चंद्र देव ने किया था. मंदिर को कई बार तोड़ा और लूटा गया, विशेष रूप से 11वीं शताब्दी में महमूद गजनवी के हमले के बाद, लेकिन हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया. वर्तमान मंदिर का निर्माण भारत की स्वतंत्रता के बाद 1950 में किया गया.
सोमनाथ मंदिर का इतिहास:
पौराणिक कथा:
मंदिर का निर्माण चंद्र देव (सोम) ने किया था, जिन्होंने भगवान शिव की तपस्या की थी और उन्हें अपने स्वामी के रूप में स्थापित किया था, इसलिए इसे सोमनाथ कहा जाता है.
प्राचीन मंदिर:
सोमनाथ मंदिर का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है और यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र मंदिरों में से एक है.
हमले और पुनर्निर्माण:
मंदिर को कई बार तोड़ा और लूटा गया, जिनमें महमूद गजनवी, अलाउद्दीन खिलजी, और औरंगजेब जैसे शासकों के हमले शामिल हैं.
स्वतंत्रता के बाद पुनर्निर्माण:
आधुनिक मंदिर का पुनर्निर्माण भारत की स्वतंत्रता के बाद 1950 में सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से किया गया.
सोमनाथ मंदिर की विशेषताएं:
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक:
सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.
समुद्र तट पर स्थित:
मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित है, जो इसे एक सुंदर और शांत स्थान बनाता है.
अखंड ज्योति:
मंदिर के शिखर पर स्थित कलश का वजन 10 टन है, और 27 फीट ऊँचा ध्वजदंड हमेशा लहराता रहता है.
तीर्थ स्थान:
सोमनाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है, जहां भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए आते हे 🙏❤️