
10/09/2025
आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत हृदय रोग शिविर का आयोजन
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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 9 सितम्बर से 29 सितम्बर 2025 तक हृदय रोग जागरूकता माह मनाया जा रहा है। जागरूकता माह के अंतर्गत 10 सितम्बर 2025 को डीईआईसी जिला चिकित्सालय परिसर बैतूल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हृदय रोग शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में 106 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया, जिनकी जांच की गई। जांच के दौरान 47 बच्चे हृदय रोग संबंधी बीमारी से ग्रसित पाए गए, जिनमें से 45 बच्चों को उपचार के लिए हायर सेंटर भेजा जाएगा और 2 बच्चों को फॉलो अप के लिए रखा गया है।
जिला चिकित्सालय में सभी टेस्ट और उपचार निःशुल्क – विधायक डॉ.पंडाग्रे
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर बच्चा स्वस्थ बने, स्वस्थ्य बनकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देवें, यह देश की धरोहर है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा है कि 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र की सूची में लाए, यह तभी संभव है जब हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे। कई बार जानकारी के अभाव में स्वास्थ्य समस्या होने पर भी समुचित उपचार नहीं करा पाते। सरकार द्वारा आयुष्मान योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत निःशुल्क उपचार एवं सर्जरी की जा रही है। उन्होंने उपस्थित आमजन से कहा कि बच्चों को छोटी-छोटी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर उसे जिला चिकित्सालय में दिखाएं, अब जिला चिकित्सालय में समस्त टेस्ट एवं उपचार निःशुल्क उपलब्ध है। बच्चों का ठीक तरह से चेकअप करवाएं, ताकि बच्चे स्वस्थ रहें और स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
आयुष्मान योजना के माध्यम से मिल रहा निःशुल्क उपचार : विधायक श्री चौहान
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कार्यक्रम के विशेष अतिथि भैंसदेही विधायक श्री महेन्द्र सिंह चौहान ने बताया गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मध्यप्रदेश शासन लगातार स्वास्थ्य के बारे में सजग है। उसका ही परिणाम है कि पहले की स्थिति की तुलना में आज की स्थिति में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो रहीं हैं। पहले लोग गरीबी के कारण प्राइवेट चिकित्सालय में अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं, आज आयुष्मान योजना के माध्यम से अच्छे से अच्छे अस्पताल में निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज कुमार हुरमाड़े ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल मृत्यु दर को कम कर जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों तक पहुंचकर बीमारी का पता लगाना एवं उनका प्रबंधन करना है। 4डी के अंतर्गत डिफेक्ट एट बर्थ जन्म के समय विकृति, डिसीज इन चिन्ड्रन बच्चों में होने वाले रोग, डेफिसिएंसी कमियों की स्थिति डेवलपमेंट डिले इन्क्लुडिंग डिसएबिलिटी विकलांगता सहित विकास में देरी है। उन्होंने बताया कि उपलब्ध अनुमानों के अनुसार 6 प्रतिशत बच्चे जन्मगत दोष के साथ जन्म लेते हैं और 10 प्रतिशत बच्चे विकलांगता का कारण बनने वाली विकासात्मक देरी से प्रभावित होते हैं। लक्षित समूह अंतर्गत- सेवाओं का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों और और शहरी मलिन बस्तियों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत जन्म से 6 वर्ष तक की आयु समूह के बच्चे एवं शासकीय एवं शासन द्वारा अनुदान प्राप्त स्कूलों में पंजीकृत 18 वर्ष तक उम्र के बच्चों को लाभ देना है। इस कार्य के लिये जिले में 19 टीम स्वीकृत है एवं दो टीम प्रति विकासखंड स्तर पर कार्यरत है, जिसमें एक आयुष चिकित्सक पुरूष एक आयुष चिकित्सक महिला, एक फार्मासिस्ट एवं एक एएनएम कार्यरत है जो प्रतिदिन कार्यदिवसों में सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग का कार्य करती है एवं एक टीम में मानव संसाधन हेतु राज्य स्तर से प्रक्रिया में है, लगभग 1000 जीवित जन्म लेने वाले बच्चों में से 8 से 10 बच्चे जन्मजात ह्नदय रोग के पाये जाते हैं।
आयोजित हृदय रोग शिविर में आरबीएसके की टीम द्वारा समस्त विकासखंडों से चिन्हित कर ह्रदय रोग से संबंधित बच्चों को जांच, परीक्षण के लिए लाया गया, जिन्हें हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक त्रिपाठी एलएन मेडिकल कॉलेज भोपाल द्वारा परीक्षण कर आवश्यक उपचार एवं सर्जरी के लिए चिन्हित किया जाएगा एवं चिन्हित बच्चों को एलएन मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेजेंगे।
ह्नदय रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों की बीमारी कंजेनाईटल बीमारी अगर समय से मालुम कर लें तो 95 प्रतिशत ठीक होने की संभावना होती है। आज नई पद्धति से कई बीमारियों का इलाज थोड़े ही समय में हो जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम सरकार की अनोखी पहल है कि निःशुल्क इलाज हो रहा है हम इस पहल का लाभ उठाएं। शिविर में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ जगदीश घोरे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश परिहार, मनोरोग चिकित्सक डॉ संजय खातरकर, सिकलसेल नोडल अधिकारी डॉ.अंकिता सीते, उप जिला मीडिया अधिकारी श्री महेशराम गुबरेले, डीईआईसी मैनेजर श्री योगेन्द्र कुमार, आरबीएसके चिकित्सक एवं स्टाफ मौजूद रहे।
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