27/11/2022
कुम्भ लग्न में सूर्य सप्तमेश ( वैवाहिक जीवन ) के स्वामी होते हैं ।
सूर्य यहाँ अपने शत्रु शनि की राशि में विराजमान हैं ।
शारीरिक स्वास्थ्य मैं कुछ सामान्य परेशानी होती है परंतु सम्मान एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है ।
सप्तम भाव में दृष्टि के कारण पत्नी एवं वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है । सूर्य सप्तम भाव में अपनी राशि में देख रहे हैं परंतु फिर भी वैवाहिक जीवन में समस्या होती है । कारण कि सूर्य एक अग्नि तत्व ग्रह है और अपने घर में देखने के कारण इसमें और भी ज्यादा वृद्धि होती है । ऐसे योग में अपने इगो एवं जिद के कारण पति पत्नी में मतभेद हो जाता है । दैनिक रोजगार में सफलता प्राप्त होती है ।
🔹( यदि सूर्य यहाँ राहु , केतु या शनि से पीड़ित होते हैं तो उपरोक्त बताए गए लाभ में परेशानी होने लगती है । वैवाहिक जीवन में ज्यादा परेशानी होती है । )
♦️सामान्य फलादेश -
ऐसे व्यक्तियों के स्वभाव में अहंकार रहता है । किसी को माफ नहीं करते हैं । आपका स्वभाव राजा के समान होता है । ऐसे व्यक्तियों में आत्मविश्वास बहुत ज्यादा होती है । ऐसे व्यक्ति स्वतंत्र विचार के होते हैं । यह सोचते हैं कि मैं जो चाहूं वही लोग करें और मेरी बातें माने । स्वतंत्र राज्य करने का स्वभाव इनमें रहता है । चेहरे पर भव्यता रहती है , तेज रहता है , समाज में सम्मान एवं प्रतिष्ठा प्राप्त होती हैं । परंतु ऐसे व्यक्ति चिड़चिड़ा , जिद्दी एवं गुस्सैल स्वभाव के भी होते हैं । ऐसे व्यक्ति सहनशील भी होते हैं । ऐसे व्यक्ति लंबे होते हैं एवं ललाट ज्यादा दिखता है । सामने से बाल कुछ कम होते हैं । यदि सूर्य शुभ भाव का स्वामी होकर लग्न में विराजमान हो या लग्न में देखें तो ऐसे व्यक्ति को समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है ।
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