मुझे कुछ कहना है Mujhe Kuch kahna hai

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मुझे कुछ कहना है                     Mujhe Kuch kahna hai वह शिक्षा व्यर्थ है जो गलत को गलत और सही को सही कहना नहीं सिखा पाती।
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अपनी बातों और अपने विचारों में वज़न लेकर चलिए, अपने हृदय पर नहीं। हृदय जितना हल्का हो उतना अच्छा। जो बातें बोझ बनती जा र...
04/08/2025

अपनी बातों और अपने विचारों में वज़न लेकर चलिए, अपने हृदय पर नहीं। हृदय जितना हल्का हो उतना अच्छा। जो बातें बोझ बनती जा रही हों उन्हें छोड़ते चलिए। लंबा सफर तय करना हो तो भारी सामान कम होना चाहिए तभी गति बनी रहेगी।

03/08/2025

जहां तहां सिगरेट फूंकने वाले भी तीसरी तरह की जनरेशन में शामिल हैं...

अपनी जिन्दगी का बहुत कीमती समय इंसान या तो ये सोचते हुए व्यर्थ कर देता है कि जिंदगी कैसी हो सकती थी या तो यह सोचते हुए क...
01/08/2025

अपनी जिन्दगी का बहुत कीमती समय इंसान या तो ये सोचते हुए व्यर्थ कर देता है कि जिंदगी कैसी हो सकती थी या तो यह सोचते हुए कि आगे शायद जिंदगी ऐसी हो या वैसी हो।

फिलहाल अभी जैसी जिंदगी है, वह कैसी है और अगर उसमें कुछ कमी है तो उसमें कैसे सुधार किया जा सकता है? इस विषय पर ध्यान दें तो शायद भविष्य में कुछ अच्छा हो सकता है।

ज़्यादातर, सुधार आप खुद में कर सकते हैं, दूसरों में नहीं कर सकते। दूसरों से सिर्फ आप एक दूरी बनाकर ही चल सकते हैं। जीवन में सकारात्मकता और प्रसन्नता को बढ़ाने के लिए इनमें से जो भी प्रयास आवश्यक हों वह करना चाहिए।

खुद में सुधार करने की इच्छा आपके अहम् को चोट नहीं पहुंचाती बल्कि जीवन के प्रति आपकी सकारात्मकता को दिखाती है। इसलिए अपनी गलतियां पहचानकर उनमें सुधार का प्रयास करें।

इसी प्रकार दूसरों से थोड़ी सी दूरी बनाकर चलना आपको अहंकारी नहीं बनाता बल्कि आत्म- सम्मान और शांति के लिए आपकी जागरूकता को दिखाता है।

सत्य ही शिव है। शिव ही सुन्दर है ,अर्थात् जो कुछ भी सत्य नहीं है वह सुन्दर भी नहीं है।🙏🙏
29/07/2025

सत्य ही शिव है। शिव ही सुन्दर है ,अर्थात् जो कुछ भी सत्य नहीं है वह सुन्दर भी नहीं है।
🙏🙏

"I am everywhere.I am within you.I am the silence in your soul,The breath you do not notice,The tear you hide,And the st...
28/07/2025

"I am everywhere.
I am within you.
I am the silence in your soul,
The breath you do not notice,
The tear you hide,
And the strength you didn’t know you had.
I am the light behind your eyes,
The love that never leaves,
The guide in your stillness,
And the peace beyond all storms.
You seek me in temples, in skies, in scriptures—
But I dwell in your heartbeat,
In your kindness,
In the truth you dare to speak.
You are not apart from me—
You are a part of me.
Wherever love flows,
There, I am."

- मुझे कुछ कहना है

पार्षदों, विधायकों, मंत्रियों के बंगले और उनके कार्यालयों के पुनरुद्धार के लिए हजारों करोड़ की राशि स्वीकृत करने वाले दे...
26/07/2025

पार्षदों, विधायकों, मंत्रियों के बंगले और उनके कार्यालयों के पुनरुद्धार के लिए हजारों करोड़ की राशि स्वीकृत करने वाले देश में बच्चों के स्कूल के लिए राशि नहीं है यह कुछ असंगत प्रतीत नहीं होता? मुझे लगता है देश की उन्नति और सरकार की सफलता का मानदंड वहां के सरकारी स्कूलों को बनाना चाहिए कि वहाँ कितने सुविधाएँ हैं। छात्रों की संख्या कितनी है? उनके स्कूल में उपस्थिति कितनी है और रिजल्ट कैसा है और आगे आने वाले जीवन में सरकारी स्कूल से पढ़े हुए बच्चे क्या करते हैं? गरीब को गरीब बनाकर रखने की मानसिकता से ऊपर उठना होगा तभी सही मायनों में देश का विकास संभव है। देश में सिर्फ वह गिने चुनें ख्याति प्राप्त धनी ही नहीं है जो समाचार पत्रों में आधे से अधिक स्थान घेर लेते हैं। जिनकी आवाज सरकार तक पहुंच नहीं रही वह भी है।
अँग्रेजों के जमाने के बनाये हुए पुल आज तक नहीं ढहे। उनके समय की इमारतें आज तक खड़ी हैं परंतु अभी नए नए बनाए हुए पुल और सड़कें टूट रहे हैं। धंस रहे हैं।

मेरा एक निवेदन है सरकार से कि शिक्षा को समवर्ती सूची के में रखा गया है परंतु सरकारी स्कूलों का निर्माण व रखरखाव केंद्र द्वारा किया जाना चाहिए, जिसमें केंद्र के द्वारा स्वीकृत राशि से सीधे स्कूलों में कार्य हो। वर्ना केन्द्र से राज्य, राज्य से स्कूल तक पहुँचते पहुँचते सारी धन राशि पता नहीं कहा जाती है कि स्कूल भरभराकर गिर जाते हैं। केन्द्रीय स्तर पर ही प्रत्येक राज्य के लिए केन्द्रीय शिक्षण संस्थान निरीक्षक भी नियुक्त किया जाना चाहिए जो अपने अंतर्गत प्रत्येक जिले में उपनिरीक्षकों की नियुक्ति करें जो कि सरकारी स्कूलों,वहाँ तक पहुँच मार्ग आदि के विषय में वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें और समय समय पर औचक निरीक्षण भी करते रहें, आवश्यक दिशा निर्देश देते रहें और उनके पालन को सुनिश्चित करें। उनके द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर स्कूलों का रख-रखाव अनिवार्य तौर पर करवाया जाना चाहिए।
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24/07/2025
सिर्फ अच्छे कर्मों से ही बात नहीं बनती। यह बात अधिक मायने रखती है कि आप किन लोगों के बीच में है और उनके जीवन के लक्ष्य क...
24/07/2025

सिर्फ अच्छे कर्मों से ही बात नहीं बनती। यह बात अधिक मायने रखती है कि आप किन लोगों के बीच में है और उनके जीवन के लक्ष्य क्या हैं? उनकी सोच कैसी है? उनकी मानसिकता कैसी है? अच्छे और बुरे की उनकी अवधारणा क्या है?
दुर्बुद्धि लोगों को बुरे कर्म करने वाले अधिक आकर्षित करते हैं।
अतिस्वार्थी लोग अपने स्वार्थ के अनुसार अच्छे और बुरे की परिभाषा को परिवर्तित करते रहते हैं।
इसलिए अपनी अच्छाई बनाए रखना ज़रूरी तो है लेकिन साथ ही अपनी बुद्धि में इतनी स्पष्टता लेकर चलना भी आवश्यक है कि आपके अच्छे कर्म कहीं आपको ही नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे। अच्छाई और मूर्खता के फ़र्क को समझकर चलते रहेंगे तो खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगे। नींद वही अच्छी है जो समय पर खुल जाए।

23/07/2025

शुभ-प्रभात🙏
आपको दिन मंगलमय हो💐

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