05/09/2025
ओणम, त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत-बहुत बधाई
केरल का एक प्राचीन फसल उत्सव है जो मलयालम महीने चिंगम (अगस्त-सितंबर) में मनाया जाता है। यह त्योहार राजा महाबली के पृथ्वी पर आने और अपनी प्रजा को आशीर्वाद देने की याद में मनाया जाता है, जिसके लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। ओणम दस दिनों तक चलता है और घरों को फूलों से सजाना (पुक्कलम), पारंपरिक दावत (ओणम सद्या), नाव दौड़ (वल्लम काली) और बाघ नृत्य (पुलिकाली) जैसे कई उत्सव होते हैं।
ओणम क्यों मनाया जाता है?
महाबली का स्वागत:
माना जाता है कि ओणम के दिन राजा महाबली पाताल लोक से पृथ्वी पर आकर अपनी प्रजा को आशीर्वाद देते हैं।
भगवान विष्णु का अवतार:
इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर असुर राजा बलि को पाताल लोक भेजा था, इसलिए दोनों की पूजा होती है।
फसल उत्सव:
यह एक प्रमुख फसल उत्सव भी है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
उत्सव की मुख्य बातें:
पुक्कलम:
घरों को फूलों से बनाई गई रंगोली, जिसे पुक्कलम कहते हैं, से सजाया जाता है।
ओणम सद्या:
केले के पत्ते पर कई तरह के शाकाहारी व्यंजनों को परोसा जाता है, जिसे ओणम सद्या कहते हैं।
नाव दौड़ (वल्लम काली):
लंबी और खूबसूरत नौकाओं की पारंपरिक दौड़ का आयोजन होता है।
पुलिकाली (बाघ नृत्य):
लोग बाघों के वेश में पारंपरिक नृत्य करते हैं, जो एक मनोरंजक दृश्य होता है।
त्योहार का महत्व:
ओणम सभी मलयाली लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव है, जो एकता और सद्भाव का प्रतीक है।
त्योहार की अवधि:
ओणम का उत्सव मलयालम कैलेंडर के अनुसार दस दिनों तक मनाया जाता है।
यह त्योहार अगस्त और सितंबर महीने के बीच में आता है।
अन्य गतिविधियाँ:
त्योहार के दौरान कई लोक गीत और नृत्य प्रदर्शन (जैसे थुम्बी थुल्लल), मार्शशल आर्ट्स (जैसे ओनाथल्लू), और संगीत (ओनाविल्लु) का आयोजन होता है।