भोपाल युसीपी वॉइस न्युज

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'झीलों का शहर' कहते है।प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व,आधुनिक विकास का संगम है.
स्थापना 11वीं शताब्दी में राजा भोज ने की थी और वर्तमान शहर की स्थापना अफगान सैनिक दोस्त मोहम्मद ने की थी।
ताज-उल-मस्जिद,वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भीमबेटका जैसे पर्यटन हैं।

थाना कालांवाली पुलिस ने हेरोइन तस्करी के मामले में वांछित मुख्य तस्कर को किया गिरफ्तार*https://ucpvoicenews.com/viewnews...
18/11/2025

थाना कालांवाली पुलिस ने हेरोइन तस्करी के मामले में वांछित मुख्य तस्कर को किया गिरफ्तार*
https://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1763460415
डबवाली 18 नवम्बर ।
डबवली पुलिस द्वारा पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेशानुसार जारी ऑपरेशन ट्रैकडाऊन के तहत लगातार अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है ।
जिसके तहत कार्रवाई करते हुए थाना कालांवाली पुलिस ने 07.29 ग्राम हेरोइन तस्करी के मामले में वांछित मुख्य तस्कर आरोपी जसविन्दर सिंह उर्फ जग्गू पुत्र बलबीर सिंह निवासी सुखचैन जिला सिरसा को मंडी कालांवाली से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है ।

इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए प्रबंधक थाना कालांवाली पीएसआई सुनील कुमार ने बताया कि दिनांक 10.10.2025 को उनकी टीम ने गदराना से आरोपी गुरतेज सिंह उर्फ गिक्का पुत्र करतार सिंह निवासी सुखचैन जिला सिरसा को 07.29 ग्राम हेरोइन चिट्टा व मोटरसाइकिल मार्का हीरो एचएफ डीलक्स सहित काबू कर अभियोग दर्ज कर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू की थी ।

जो उन्होंने आरोपी गुरतेज सिंह उर्फ निक्का से की गई प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर अपने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए इस मामले के मुख्य तस्कर आरोपी जसविंदर सिंह उर्फ जग्गू को गिरफ्तार कर लिया ।
आरोपी को आज अदालत में पेश किया जाएगा ।

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कैबिनेट मंत्री ने किया विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण रिपोर्ट : जयप्रकाश यादव, ब्यूरो हेड-उत्तर प्रदेश htt...
17/11/2025

कैबिनेट मंत्री ने किया विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

रिपोर्ट : जयप्रकाश यादव, ब्यूरो हेड-उत्तर प्रदेश
http://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1763331885

गोरखपुर/चौरीचौरा।
विधानसभा 326 चौरीचौरा क्षेत्र स्थित ब्रहम्पुर ब्लाक के बगल में दिनांक 16 नवम्बर दिन रविवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री
उत्तरप्रदेश सरकार डाक्टर संजय कुमार निषाद ने विभिन्न गांवों की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया तथा सभा को संबोधित भी किया
उन्होने कहा कि मेरे लिए बड़ा सौभाग्य है कि मेरा बेटा चौरीचौरा में आपकी सेवा में व्यस्त रहता है चौरीचौरा की जनता जानती है कि यहां से कोई समस्या जाती है तो मेरे दरवाजे से होकर दिल्ली तक जरुर जाती है उन्होंने यह भी कहा कि उन लोगो को सीधा जबाब है जो कहते हैं कि चौरीचौरा को क्या मिला जबाव मैं मैं बता दूं कि मेरे पास मत्स्य विभाग है और मैंने बिना किसी जातिय भेदभाव के मत्स्य विभाग की योजनाओं का सभी वर्गों को लाभ दिया है पिछली सरकारों ने वन डिस्ट्रीक्ट वन माफिया पर काम किया एनडीए सरकार ने वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोजेक्ट पर काम किया उक्त अवसर पर निषाद पार्टी की उपाध्यक्ष एवं डाक्टर संजय की पत्नि मालती निषाद,बेटे डाक्टर अमित निषाद,इंजीनियर प्रवीण निषाद,इंजीनियर सरवन निषाद,विधायक प्रतिनिधि राम दयागर निषाद,ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सरदार नगर हरेन्द्र यादव,आशीष ,सुग्रीव निषाद,राजकुमार गुप्ता सभी मण्डल अध्यक्ष विभिन्न गांवों के ग्राम प्रधान ,विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहें |

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History Made: Karnataka’s First Woman Grandmaster Crowned! ♟️👑  Woman Grandmaster – Isha Sharma!From Slovakia 🇸🇰 to Moro...
15/11/2025

History Made: Karnataka’s First Woman Grandmaster Crowned! ♟️👑 Woman Grandmaster – Isha Sharma!

From Slovakia 🇸🇰 to Morocco 🇲🇦 to Serbia 🇷🇸, she carved her legacy with grit and grace.

Her final WGM norm was achieved on Nov 14 in Serbia, completing the dream!

Let’s welcome our new Chess Queen of Karnataka! ✨

On November 14, 2025 WIM Isha Sharma completed her final requirement for the Woman Grandmaster (WGM) title by securing her third and final WGM norm at the IM closed Circuit Tournament held in Subotica, Serbia,today.
👌👌 This marks a landmark achievement in Karnataka's chess history first-ever Woman Grandmaster from Karnataka 👏👏👏

Her WGM journey reflects :
- 1st WGM norm: Slovakia, 2022
- 2nd WGM norm: Morocco, 2023
- Final WGM norm: Serbia, 2025
- Crossed the required 2300 FIDE rating: August 2022

Once again Congratulations to Isha Sharma,👑👑 💐💐her coaches, mentors, and family for shaping this historic journey.
Special mention to her mom Dr Vidya Shri Hari and Dad Dr Shri Hari 🙏🙏🙌 and IM Sharan Rao on her success 🙌

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अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद् के द्वारा “जागरूकता कार्यक्रम” के माध्यम से पूर्वजों कि गाथा |https://ucpvoicenews.com/v...
12/11/2025

अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद् के द्वारा “जागरूकता कार्यक्रम” के माध्यम से पूर्वजों कि गाथा |

https://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1762949551

अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद्, बिहार प्रदेश अपने सभी सदस्यों के लिए “जागरूकता कार्यक्रम” के माध्यम से पूर्वजों कि गाथा को विभिन्न श्रोतों से आपके समक्ष रखने का प्रयास किया है। आशा और विश्वाश के साथ आप सभी स्वजाति बन्धुओं के समक्ष रखा जा रहा है तथा इस कड़ी को आगे बढ़ाने में हम सभी एक-दुसरे का सहयोग लेंगे। आपके पास कोई लेख-सामग्री हो तो अवश्य साझा करें |

अध्याय – 01/2
भारत पर आर्य आक्रमण |

ऐतिहासिक, पुरातात्विक वैज्ञानिक एवं वैदिक ग्रंथों के आधार पर यह प्रमाणित किया जा चुका है कि आर्य ब्राह्मण सहित क्षत्रिय और वैश्य वर्ग हमारे देश में ई.पू. 1500 में रूस के बोल्गा के तटीय इलाके से ईरान होते हुए हिन्दूकुश पर्वत के दरों से होकर सर्वप्रथम पंजाब (हड़प्पा नगर) आए और वहां से सम्पूर्ण उतरी भारत में फैल गए। सन् 2001 में उत्ताह विश्वविद्यालय, साल्टलेक सीटी अमेरिका के डॉ. माइकल बामशाद और आन्ध्र विश्वविद्यालय विशाखापट्टनम के मानवशास्त्र में भारत के प्रो. वी. भास्कर राव के संयुक्त अनुवांशिक शोघ (DNA Reaserch)" रिपोर्ट एवं बाद में पूना के जय दीक्षित (चित्तपावन ब्राह्मण) डॉ. रघुनंदन दीक्षित और डॉ. अजय जोशी के संयुक्त दल के द्वारा किए गए अनुवांशिक शोध ने उपर्युक्त ऐतिहासिक तथ्य पर वैज्ञानिक मुहर लगा दी है।

इसके बाद आर्य ब्राह्मणों के विदेशी और आक्रमणकारी होने के संबंध में कोई संदेह नहीं रह जाता है। अनुवांशिक शोध बिल्कुल सटीक एवं विश्वसनीय
होता है। इसमें मिलावट अथवा साक्ष्य मिटाने की संभावना नहीं रहती है। "अनुवांशिक विश्लेषण (Y. Choromosenes Analysis) से पता चला है कि भारत में सवर्ण जाति के लोगों का संबंध यूरोपियन लोगों से अधिक है, और एशियन लोगों से कम है। यह भी प्रमाणित हुआ है कि भारत में आने वाले यूरोपियन लोग अधिकांशतः पुरुष थे और केवल पुरुष का आना आक्रमण को ही प्रमाणित करता है, विस्थापन नहीं। यदि विस्थापन होता, तो उनके साव यूरोपियन महिलायें भी होतीं। विदेशी आर्य ब्राह्मण भारत में घोड़े पर चढ़ कर आए थे। उनके पास नुकीले हथियार भी ये और रथ का भी उपयोग करते थे,
जिनकी पुष्टि वर्तमान अनुवांशिक शोध भी करता है। अतः अनुसंधान ने स्पष्टतः यह प्रमाणित कर दिया है कि घुड़सवार रथी और लोहे के नुकीले हवियार चलाने वाले लोगों ने भारत के मूलनिवासी, कृषि व्यवसाय करने वाली, शांतिप्रिय जनता पर आक्रमण किया, और अपने वर्चस्व को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से उन पर जातिप्रथा का शिकंजा कस दिया।

भाषाई साक्ष्य के आधार पर सुविख्यात इतिहासकार डॉ. नवल वियोगी" लिखते हैं कि "आर्यों का मूल वासस्थान रूस के वोल्गा नदी का पश्चिमी प्रदेश तथा कैस्पियन सागर के चारों ओर का भूमाग था। इसके बाद वे दक्षिणी रूस के प्रदेशों में जा बसे। वहीं से आर्य स्वात वैली" (गंधार), ईरान होते हुए भारत की ओर बढ़े।" महापंडित राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ई.पू. 3000 भारत और ईरान की श्वेत जातियों का एक कबीला था जिसका सम्मिलित नाम आर्य" था। इनकी मुख्य जीविका का साघन पशुपालन था। आर्य का मतलब घुमक्कड़ (यायावार) होता है, जो बाद में श्रेष्ठता के प्रतीक के रूप में जाने जाना लगा।
यह सर्वमान्य तथ्य है कि आर्य शीतप्रधान भूभाग के निवासी थे। इसी कारण उनका वर्ण गोरा, नाक ऊंची, आंखें और बाल भूरे तथा कद लम्बा था।

आर्य अधिक गर्मी के आदि नहीं थे। इसका वर्णन ऋग्वेद (क्र.-1/42/8 में कहा गया है कि हमारे मार्ग में अधिक गर्मी न हो) में भी मिलता है। वे निश्चय ही शीतप्रधान क्षेत्र के निवासी थे। पतंजली" (महाभाष्य सूत्र 2/2/6) के अनुसार ब्राह्मणों का रंग साफ, पीले भूरे बाल होते हैं। "आर्य अर्थ-सभ्य, बर्वर गड़ेरिए थे। वे आर्य बोलियां बोलने वाले घुमक्कड़ चरवाहे थे। वे कुतों को पालते थे, बैलों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी में यूरोप के मैदान में घूमते थे। वे वृक्ष के मोटे तनों से छोटी नाव बनाते थे।"

भारत के मूल आदि-निवासी काले रंग के थे जिनका चेहरा गोल और आंखें बड़ी थीं। इससे संबंधित ऋग्वेदिक ऋचाएं निम्नवत है-
ऋग्वेद 5/29/10-हे इंद्र। तूने छोटी नाक वाले दस्युओं को मारा तथा संग्राम में मृध्रवाक (न समझ में आने वाली भाषा) बोलने वालों को मारा।
ऋग्वेद 5/29/10-हे स्तोता। काले रंग के असुरों को मार कर विचरण करने वाले जल के समान द्रव्य तेजयुक्त निश्पन्न सोम की भली प्रकार स्तुति करो।
ऋग्वेद 1/138/8-तूने काली त्वचा वाले शत्रुओं को विनष्ट किया।
ऋग्वेद 4/16/13-हे इंद्र! तूने 5000 काले रंग के असुरों को मारा तथा जैसे लोग जीर्ण-शीर्ण कपड़ों को फाड़ डालते हैं उसी तरह तूने शत्रु के नगरों को तोड़ डाला।

उपर्युक्त मंत्रों में छोटी नाक वाले दस्यु, काले रंग के असुर, काली त्वचा वाले शत्रु, भारतीय मूलनिवासियों को ही कहा गया है। आर्य मूलभारतीयों के काले रंग के कारण भी उनसे घृणा करते थे। ईरानी लोग भारतीयों को काले रंग वाले कहते हैं, जैसा कि हिन्दू शब्द का अर्थ पर्सियन में काला होता है।

भारत में आने के बाद विदेशी आर्य ब्राह्मण सर्वप्रथम हिमालय की तराई क्षेत्रों के किरात और निशाद तथा सिन्धुघाटी सभ्यता के (मोहनजोदड़ो और हड़प्पा) जनों के सम्पर्क और संघर्ष में आए। वे यहां के हजारों साल के कठिन परिश्रम से अर्जित की गई सभ्यता के प्रतीक सुंदर शहरों को ऐसे उजाड़ कर नष्ट-भ्रष्ट कर दिया जैसे कोई अबोध बच्चा अज्ञानतावश सुन्दर खिलौने को तोड़ फेंकता है।

राहुल सांकृत्यायन ने बोल्गा से गंगा में लिखा है कि आर्यों ने कुनार, पंजकोरा जैसी अनेक नदियों को कितनी मुश्किल से पार किया। इसका भी प्रमाण कहीं अन्यत्र नहीं, ऋग्वेद में ही मौजूद है-
ऋग्वेद 1/121/15-तुम नाव द्वारा पार होने योग्य नब्बे नदियों को पार कर यज्ञविहीन असुरों के पास पहुंचो एवं उन्हें कत्र्तव्य में लगाओ।

उल्लेखनीय है कि यज्ञ आर्यों के संस्कृति की ही परिचायक है। इनके आने के पूर्व यज्ञ और पशुबलि भारत में प्रचलित नहीं थी। इन दोनों का प्रचलन ईरान में था। जेन्द अवेस्ता (ईरानी ग्रंथ) से सिद्ध होता है कि इसमें 100 घोड़े, 1000 बैल, 10,000 मेड़ अथवा बकरों की बलि की चर्चा की गई है। ऋग्वेद से भी यह बात स्पष्ट होती है कि यज्ञों में पशुओं की बलि होती थी जो आर्यों की देन है। मंत्र में स्पष्ट कहा गया है कि "यज्ञ नहीं करने वाले असुर समुदाय में यज्ञ की परम्परा शुरू करो।" जो लोग यज्ञ संस्कृति से बिल्कुल अनजान थे, वे भारत के मूलनिवासी असुर समुदाय के ही लोग थे।
आर्यों के विदेशी होने तथा भारत पर आक्रमण का परम प्रमाण ऋग्वेद है।

इसमें मौजूद ऋचाएं यह सिद्ध करती हैं कि आर्यों ने भारत के मूल बाशिंदों पर आक्रमण कर उन्हें छलपूर्वक पराजित किया। यह निम्न प्रकार उल्लेखित है-
ऋग्वेद 1/42/1-हे पूशा! हमें मार्ग के पार लगा दो। हे जलवर्षक मेघ के पुत्र! हमारे आगे चलो।
ऋग्वेद 2/15/5- इंद्र ने धुनि नामक विशाल नदी को इतना सुखा दिया कि सरलता से पार किया जा सके। इस प्रकार उन्होंने नदी पार करने में असमर्थ ऋषियों को सरलता से पार उतार दिया। वे ऋषि धन के उद्देश्य से नदी के पार गए। इंद्र ने यह सब काम सोमरस के नशे में किया था।
ऋग्वेद 1/42/3- तुम हमारा रास्ता रोकने वाले चोर एवं कुटिल व्यक्ति को हमारे मार्ग से दूर भगा दो।
ऋग्वेद 1/42/7- हमारा मार्ग सुगम और शोभन बनाओ। हे पुशा। इस मार्ग में हमारी रक्षा का उत्तर दायित्व तुम्हारा है।
ऋग्वेद 1/42/8- तुम हमें घास वाले सुंदर देश में चले जाओं।

हमें मार्ग में कोई नया कष्ट न हो। हे पुशाः इस मार्ग में हमारी रक्षा के विषय में तुम्हीं जानते हो।
उपर्युक्त मंत्रों से स्पष्ट होता है कि आर्य कहीं बाहर से आक्रमणकारी के रूप में भारत आए थे। इस दौरान इनके मार्ग में कई बाधाएं आई थीं, जिससे उबरने के लिए उन्होंने अपने अधिपति इंद्र से गुहार लगाई थी।

भारत आक्रमण के दौरान मार्ग में आने वाले कठिनाइयों पर विजय पाने की अभिलाशा प्रयुक्त मंत्र में स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है। मंत्र में "हरे घास वाला देश" भारत को ही लक्ष्य करके कहा गया है, क्योंकि वोल्गा के तटिय क्षेत्र और ईरान आदि क्षेत्रों से जीविका के साधन समाप्त हो जाने के बाद ही आर्य ब्राह्मण भारत की ओर कूच किए।

उन्हें हरे-भरे घास वाले स्थान की आवश्यकता थी, ताकि चरागाह और जीविका की कोई कमी न हो। आर्यों के लिए ऐसा स्थान भारत जैसे सुजलाम् सुफलाम् मलयश शीतलाम् देश ही हो सकता था। आर्य ब्राह्मण विदेशी हैं, इससे संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए पाठक लेखक की "अनुवांशिक शोप और विदेशी आर्य ब्राह्मण" (सम्यक प्रकाशन, नई दिल्ली) नामक शोधग्रंथ पढ़ सकते हैं।

ऋग्वेद में ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे पता चलता है कि बर्बर आर्यों ने भारत के मूलनिवासियों पर आक्रमण किया था। अनायों पर आयों द्वारा आक्रमण और हत्या के जिस क्रूरतम तरीकों को अपनाया गया इसका वर्णन उन्हीं के लिखे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में आया है।
प्रमाणस्वरूप देखें- ऋग्वेद-8.40.6- हम इंद्र" की कृपा से दासों द्वारा एकत्रित किए गए धन का भोग करेंगे। इंद्र और अग्नि हमारे सभी शत्रुओं को मारे।

ऋग्वेद-2.15.4- इंद्र ने सोमरस की नशे में असुरों से बहुत सी गायें, घोड़े तथा रथ छीन कर दभीति को प्रदान किए।
ऋग्वेद-10.99.3- इंद्र शत्रु की सी द्वारों वाली नगरी में स्थित धन को बल से छीन कर ले आते हैं और उन्हें पराजित करते हैं।

अल्बेद-10.69.6- अग्नि ने पर्वत पर उत्पन्न धन की दासों से जीत कर आर्यों को दिया।
ऋग्वेद-2.20.8- इंद्र ने वज्र से शत्रुओं की लोहे से निर्मित नगरी को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
ऋग्वेद-4.30.20- इंद्र ने पत्थरों के बने हुए सी नगर (असुरों से लूटकर) दिवोदास को दिये।
ऋग्वेद-1.53.8- इंद्र ने अकेले ही असुरों के सी नगरों को घेर कर विनष्ट कर दिया।
ऋग्वेद-1.176.4- हे इंद्र। सोमरस न निचोड़ने वाले और दुःसाध्य शत्रुओं का नाश कर उनका धन हमें दो।
ऋग्वेद-5.28.3- हे अग्नि ! हमें धनवान बनाने के लिए शत्रुओं का नाश करो।
ऋग्वेद-1/33/7- हे इंद्र! आपने रोते हुए, खाते हुए एवं हंसते हुए जैसे पाया, इन दस्युओं को युद्ध करके देश से बाहर भगा दिया है। आपने देवलोक से आकर बड़े उत्कर्ष के साथ इन दस्युओं को जला कर हम यज्ञ और स्तुति करने वालों की रक्षा की है।
ऋग्वेद 2/15/9- चुमुरि और धुनि नामक अनार्य को गाढ़ी नींद में सुला कर इंद्र ने भांग पीकर मारा तथा उसका धन छीन लिया।
ऋग्वेद 4/16/13-काले चमड़ी वाले 50,000 राक्षसों (मूलनिवासी अनायों) की इंद्र ने हत्या कर दी।
ऋग्वेद 4/30/15-5000 सौ सेवक से घिरे रहने वाले वचीं नाम के असुर राजा का इंद्र ने वध कर दिया।
ऋग्वेद 4/30/14-इंद्र ने शंबर नाम के अनार्य राजा को उल्टा सिर लटका कर (अधोमुख कर) बड़ी ही निर्ममतापूर्वक मारा।
ऋग्वेद 1/130/8-इद्र ने कृष्ण नामक असुर को अंशुमती नदी के किनारे उसकी खाल उत्तार कर मारा और जिंदा भस्म कर दिया।
इंद्र ने सभी हिंसक मनुष्यों को नष्ट कर डाला।
ऋग्वेद के उपर्युक्त मंत्रों से स्पष्ट पता चलता है कि "आयों में प्रेम, प्रीति और मानवता नाम की कोई चीज नहीं थी। हिंसा, देश, हत्या, उत्पीड़न और वर्बर दुर्घर्षता उनका मुख्य चारित्रिक लक्ष्य था।" ऋग्वेद के अनुसार युद्ध के दौरान अनुमानतः 2,66,000 भारत के मूलनिवासियों की आर्यों द्वारा हत्याएं की गई थीं, तथा हजारों शहरों, नगरों और कीलों को ध्वस्त किया गया। इसका साक्षी स्वयं वेद है। प्राचीन इतिहास के प्रकांड पंडित डी.डी. कोसम्बी" ने लिखा है कि "भारत पर आर्य आक्रमण, मूलनिवासियों पर विजय और यहां की सभ्यता के विध्वंश की जानकारी का प्रमुख स्रोत प्रचीनतम चारों वेद हैं।" "आर्य तो प्राक् सभ्य लिपिहीन दुर्घर्ष योद्धा मात्र थे। वे बर्बर एवं ध्वंस उत्पीड़न प्रेमी थे। वे पशुपालक और शिकारी थे। ऋग्वेद से ही प्रमाणित होता है कि आक्रमणकारी आर्यों की छवि चोरी, छिनतई, राहजनी तथा धन अपहरणकर्ता की जैसी है (एस. के. विश्वास)। इन्द्र को रात के अंधकारों में गोशालों से पगहा खोल कर चोरी करते देखा गया है। आक्रमणकारी आर्यों ने नदियों के ऊपर बने बांधों को तोड़कर ही सिन्धु सभ्यता के उत्पादनों को ध्वंस किया। यही कारण है कि वह सभ्यता पुनः उठ खड़ी न हो सकी।

इस प्रकार कई साहित्यिक और पुरातात्विक और वैज्ञानिक साक्ष्य यह प्रमाणित करते हैं कि विदेशी आर्य ब्राह्मणों ने भारत के मूलनिवासियों के सुन्दर सुव्यवस्थित और सुरम्य नगरों और सभ्यताओं (सिन्धु घाटी सभ्यता) को नष्ट कर अपनी विषमतामूलक संस्कृति कायम की। यही संस्कृति आर्य समाज अथवा ब्राह्मणी धर्म अथवा वर्णाश्रम धर्म या हिन्दू घर्म के रूप में प्रचलित हुआ, जिसमें सिर्फ विषमता ही विषमता है। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के अनुसार आर्यों और मूलनिवासियों (पिछड़ा वर्ग, एस.सी. वर्ग, एस.टी. वर्ग और धर्मपरिवर्तित समुदाय) के बीच हुए प्रथम युद्ध को ही देवासुर संग्राम का नाम दिया गया है (बोल्गा से गंगा)। उत्तरवैदिक ग्रंथों (पौराणिक ग्रंथ) में वर्णित हथियारों से लैस हिन्दू देवी-देवताओं द्वारा अपने खड़ग-खंज का इस्तेमाल कर असुरों को छलपूर्वक कत्ल करने की घटना आर्य-अनार्य संघर्ष की ही कहानी है। जब भारत में विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर तोड़े गए, सोने-चांदी की मूर्तियां और मंदिर के खजाना लूटे गए तो हिन्दू देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र काम नहीं आए। ये गोरी, गजनी, तैमूरलंग आदि का कुछ नहीं बिगाड़ सके। इससे सिद्ध होता है कि ब्राह्मणों ने कल्पित अस्त्र-शस्त्रधारी देवी-देवताओं की आड़ में राजा बलि, महिषासुर, हिरण्यकश्यप तथा रावण जैसे भारत के मूलनिवासी शूरवीरों की छलपूर्वक हत्या कर भारत की
धरती पर ब्राह्मणराज की स्थापना की। सच्चाई जानने के लिए बहुजनों को अपना इतिहास जानना होगा तथा इससे सबक सीखना होगा।

आर्यों ने भारत के मूलनिवासियों को ही असुर, दानव, दास, दस्यु और राक्षस कहा है। वास्तव में राक्षस शब्द रक्षस" (अर्थात् अपनी समाज और राज्य की रक्षा करने वाला) से बना है। "इसी प्रकार असुर का अर्थ होता है (असु प्राण) प्राणवाण, वीर्यवान, शक्तिवान तथा सुरापान नहीं (अ-नहीं+सुर सुरा पीने वाला) करने वाला। ईश्वर असुर को ही कहा जाता है। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है कि जो प्राणों की इन्द्रियों में रमण करता है वह असुर है (असुशु प्राणेशु इन्द्रियेशु एव रमन्त इति असुराः)।" ये हमेशा विजयी होते थे इसीलिए इन्हें प्राणवाण और शक्तिवान कहा जाने लगा।" इस प्रकार विदेशी आर्य ब्राह्मणों ने जिन्हें असुर या राक्षस (अपने समाज की रक्षा करने वाला) के नाम पर छलपूर्ण पराजित किया, हत्या की, वे सभी भारत के वीर स्वाभिमानी मूलनिवासी राजा थे तथा बहुजन समाज के रक्षक एवं गौरव थे; जैसे लंकापति रावण, महिषासुर, हिरण्याक्ष, हिरण्यकश्यप, जालंधर आदि। जब मस्तिष्क से ब्राह्मणवादी इतिहास का पर्दा हट जाएगा, तो असलियत साफ-साफ झलकने लगेगी।

विशेष आभार - डॉ विजय कुमार त्रिशरण जी को सादर

ई अरविन्द कुमार
(बिहार प्रदेश अध्यक्ष)
अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद्, बिहार प्रदेश

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पूजनीय श्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार छातापुर बिहार मेंhttps://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=...
09/11/2025

पूजनीय श्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार छातापुर बिहार में
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पूजनीय श्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार छातापुर बिहार में |
इतिहास गवाह है कि बिहार समृद्ध और विकसित हुआ तो भारत समृद्ध और विकसित हुआ, बिहार का 'स्वर्णयुग' आया तो भारत ने 'स्वर्णयुग' में प्रवेश किया।
छातापुर वासियों का ये अथाह समर्थन प्रतीक है कि पूरा बिहार एक बार फिर 'स्वर्णयुग' में जाने को तैयार है, फिर से NDA सरकार लाने को तैयार है।
इस अपार आशीर्वाद के लिए सुपौल वासियों का आभार।
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नंदकिशोर सैनी
संपर्क सूत्र 9917462313
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जिला पंचायत कार्यालय में गूंजा वंदे मातरम् गीतhttps://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1762662205निवाड़ी। राष्ट्रगीत...
09/11/2025

जिला पंचायत कार्यालय में गूंजा वंदे मातरम् गीत
https://ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1762662205

निवाड़ी।
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिलेभर में मनाए जा रहे समारोह के अंतर्गत जिला पंचायत कार्यालय निवाड़ी में भी सामूहिक रूप से वंदे मातरम् का गायन किया गया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरोज प्रेमचंद्र राय एवं जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना की उपस्थिति में जिला पंचायत के स्टाफ, बच्चों एवं अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक राष्ट्रगीत का गायन किया।
अध्यक्ष श्रीमती राय ने सभी उपस्थितजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम्’ गीत देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने बच्चों को गीत के अर्थ को समझने और उसके भाव को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी।
सीईओ श्री रोहन सक्सेना ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय ‘वंदे मातरम्’ गीत ने देशवासियों में जोश और एकता का संचार किया था। उन्होंने सभी बच्चों से आग्रह किया कि वे पूरे गीत को सही भाव और अर्थ सहित गाने का प्रयास करें।
कार्यक्रम में शिक्षक देवेंद्र वर्मा के संगीत निर्देशन में वंदे मातरम् का गायन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य अमित राय, राजेश पटेरिया (जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी), नवनीत कौशिक, समस्त स्टाफ सदस्य एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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बाल विवाह को रोकने के लिए जिला कलेक्टर निवाड़ी श्रीमति जमुना भिडे के निर्देशन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति ज्य...
09/11/2025

बाल विवाह को रोकने के लिए जिला कलेक्टर निवाड़ी श्रीमति जमुना भिडे के निर्देशन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति ज्योति पांडे के मार्गदर्शन में आज निवाड़ी के दिव्य संस्कार शिक्षण
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निवाड़ी: जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए जिला कलेक्टर निवाड़ी श्रीमति जमुना भिडे के निर्देशन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति ज्योति पांडे के
मार्गदर्शन में आज निवाड़ी के दिव्य संस्कार शिक्षण संस्थान हायर सेकंडरी विद्यालय निवाड़ी में आज वन स्टॉप सेंटर की तरफ से बालक बालिकाओं को बाल विवाह न किए जाने हेतु और उसकी हानियों के बारे में समझाया गया वन स्टॉप सेंटर की जानकारी दी गई, बाल विवाह रोकथाम हेतु समझाएं की गई एवं शपथ कार्यक्रम आयोजित करवाया गया।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर की श्रीमती नीलम नायक काउंसलर के द्वारा बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणाम जानकारी दी एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को बाल विवाह नहीं किए जाने के संबंध में जागरूक किया गया इस मौके पर दिव्य संस्कार हाई सेकेंडरी की प्राचार्य श्रीमती आभा चतुर्वेदी व समस्त स्टाफ समस्त छात्र छात्रों के साथ उपस्थित रहा ।
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घटिया निर्माण पर नगर परिषद ने ठेकेदार को नोटिस जारी निर्धारित समयावधि में सुधार न करने पर होगी कार्रवाईhttps://ucpvoicen...
09/11/2025

घटिया निर्माण पर नगर परिषद ने ठेकेदार को नोटिस जारी निर्धारित समयावधि में सुधार न करने पर होगी कार्रवाई
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निवाड़ी। नगर परिषद निवाड़ी द्वारा घटिया निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार फर्म हर्षिता कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस जारी किया गया है। नगर परिषद द्वारा वायपास रोड स्थित छत वाले कुएं के पास नाली एवं पेवर्स ब्लॉक निर्माण कार्य का निरीक्षण 8 नवम्बर 2025 को किया गया, जिसमें कार्य की गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तर की पाई गई।

निरीक्षण दल की रिपोर्ट के अनुसार, नाली निर्माण में प्रयुक्त कंक्रीट का स्टे्रंथ निर्धारित M-20 ग्रेड के मानकों पर खरा नहीं उतरा है। इसके अलावा, नाली की दीवारों में दरारें और टूट-फूट की स्थिति स्पष्ट रूप से देखी गई। वहीं, निर्धारित 60 मिमी मोटाई के पेवर्स ब्लॉक के स्थान पर कम गुणवत्ता वाले एवं पतले पेवर्स बिछाए गए हैं, जिससे सड़क की मजबूती और टिकाऊपन पर प्रश्न उठ रहे हैं।

नगर परिषद ने ठेकेदार को 24 घंटे के भीतर सुधारात्मक कार्य प्रारंभ करने और आगामी 7 दिवस के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित अवधि में कार्य की गुणवत्ता सुधार नहीं की जाती, तो ठेकेदार के विरुद्ध अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

नगर परिषद निवाड़ी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी अरविंद तिवारी के निर्देशन में उपयंत्री धर्मेंद्र चौबे के द्वारा लगातार निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है और गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
उपयंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या निम्न गुणवत्ता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनसुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं में पारदर्शिता एवं मानक गुणवत्ता बनाए रखना सभी ठेकेदारों की जिम्मेदारी है।
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नशे के खिलाफ पुलिस की कड़ी कार्रवाई।https://www.ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1762596849नशा तस्करी नेटवर्क को खंग...
08/11/2025

नशे के खिलाफ पुलिस की कड़ी कार्रवाई।

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नशा तस्करी नेटवर्क को खंगालते हुए एएनसी स्टाफ डबवाली ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में मुख्य तस्कर को किया काबू। 08 नवम्बर ।
डबवाली पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में सख्त कार्रवाई करते हुए एएनसी स्टाफ डबवाली ने नशा तस्करी नेटवर्क को खंगालते हुए 06.87 ग्राम हेरोइन तस्करी के मामले में मुख्य तस्कर तरसेम सिंह उर्फ बब्बी पुत्र बाबा सिंह निवासी गांव कालांवाली को काबू करने में कामयाबी हासिल की है |
इस संबंध में प्रभारी एएनसी स्टाफ डबवाली उप नि. सूबे सिंह ने बताया कि दिनांक 02.10.2025 को सीआईए स्टाफ डबवाली में तैनात एएसआई सुभाष चन्द्र ने अपनी टीम के साथ गश्त पड़ताल अपराध व नशीले पदार्थों की रोकथाम के दौरान नजदीक डीएवी स्कूल कालांवाली से 06.87 ग्राम हेरोइन सहित आरोपी हरदीप सिंह पुत्र लखविन्दर सिंह निवासी पाना को काबू कर बंद जेल करवाया गया था ।
जो आरोपी हरदीप सिंह ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उसे यह हेरोइन कालांवाली निवासी तरसेम उर्फ बब्बी ने ही बेची थी ।
जो मामले की जानकारी जुटाते हुए एएनसी स्टाफ ने अपने महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाते हुए आरोपी तरसेम सिंह उर्फ बब्बी को गिरफ्तार कर लिया ।
आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा ।

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राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर समारोह आयोजित https://www.ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=17625783...
08/11/2025

राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर समारोह आयोजित

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निवाड़ी के विवेकानंद सभागार में वंदे मातरम के 150वें स्मरणोत्सव का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10 बजे 'वंदे मातरम' के पूर्ण संस्करण के सामूहिक गायन से हुआ।
इस अवसर पर निवाड़ी विधायक अनिल जैन ने अपने संबोधन में कहा कि 'वंदे मातरम' केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है।
कलेक्टर जमुना भिड़े ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हम उस गीत को याद कर रहे हैं जिसने भारत को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। उन्होंने 'वंदे मातरम' को स्वाभिमान और त्याग का प्रतीक बताया। वक्ताओं ने मातृभूमि के प्रति समर्पण, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों पर जोर दिया।विद्यार्थियों ने तिरंगे झंडे के साथ 'वंदे मातरम' के स्वरों पर कदम मिलाते हुए प्रस्तुति दी। स्थानीय कलाकारों ने 'वंदे मातरम', 'जननी जन्मभूमि' और 'भारत माता की जय' जैसे गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।विधायक अनिल जैन ने कहा कि यह स्मरणोत्सव नई पीढ़ी को आजादी के संघर्षों और बलिदानों को याद दिलाने की कोशिश है।
मंच पर मुख्य अतिथियों के साथ जिला अध्यक्ष राजेश पटेरिया, जिला उपाध्यक्ष मंगेश रामपुरिया, पूर्व जिला अध्यक्ष नंदकिशोर नापित और निवाड़ी नगर परिषद अध्यक्ष गुलाब अहिरवार भी मौजूद थे।
इस दौरान विधायक अनिल जैन, कलेक्टर जमुना भिड़े और पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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डायल 112 कर्मियों को दिया सीपीआर प्रशिक्षणhttps://www.ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?link=1762578093निवाड़ी।एसपी डॉ. राय...
08/11/2025

डायल 112 कर्मियों को दिया सीपीआर प्रशिक्षण
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निवाड़ी।एसपी डॉ. राय सिंह नरवरिया के निर्देशन में पुलिस कर्मियों एवं डायल 112 एफआरवी पायलटों को सीपीआर एवं बीएलएस का प्रशिक्षण दिया गया।
यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक डॉ. रमेशचंद मलारया द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित कार्यशाला के दौरान प्रदान किया गया।

कार्यशाला में डॉ. मलारया ने बताया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में जब व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन बंद हो जाती है, तो सीपीआर तकनीक के माध्यम से उसकी जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने पुलिस कर्मियों को प्रायोगिक रूप से दिखाया कि डायल 112 कर्मी मौके पर पहुंचकर कैसे तत्काल सीपीआर देकर आमजन को जीवनदान दे सकते हैं। एसपी डॉ. नरवरिया ने कहा कि डायल 112 की टीम किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचती है, इसलिए उन्हें प्राथमिक जीवन रक्षक तकनीकों का ज्ञान होना आवश्यक है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्योति ठाकुर, रक्षित निरीक्षक दीपक साहू, प्रभारी रेडियो उप निरीक्षक अनिल वर्मा एवं डायल 112 के जिला सुपरवाइजर भरत सिंह लोधी सहित पुलिस बल के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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ಕಬ್ಬು ದರ ಸಮರ: ಸರ್ಕಾರದಿಂದ ಟನ್‌ಗೆ ₹100 ಹೆಚ್ಚುವರಿ ನೆರವು; ರೈತರ ಹೋರಾಟ ಮುಂದುವರಿಕೆhttps://www.ucpvoicenews.com/viewnewsad.php?l...
08/11/2025

ಕಬ್ಬು ದರ ಸಮರ: ಸರ್ಕಾರದಿಂದ ಟನ್‌ಗೆ ₹100 ಹೆಚ್ಚುವರಿ ನೆರವು; ರೈತರ ಹೋರಾಟ ಮುಂದುವರಿಕೆ
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ಕಬ್ಬು ದರ ಸಮರ: ಸರ್ಕಾರದಿಂದ ಟನ್‌ಗೆ ₹100 ಹೆಚ್ಚುವರಿ ನೆರವು; ರೈತರ ಹೋರಾಟ ಮುಂದುವರಿಕೆ
ಬೆಂಗಳೂರು/ಬೆಳಗಾವಿ: ನವೆಂಬರ್ 8, 2025. -ಕಬ್ಬಿನ ಬೆಲೆ ನಿಗದಿ ಸಂಬಂಧ ಕಬ್ಬು ಬೆಳೆಗಾರರು ಮತ್ತು ರಾಜ್ಯ ಸರ್ಕಾರದ ನಡುವೆ ನಡೆಯುತ್ತಿದ್ದ ಹಗ್ಗಾಜಗ್ಗಾಟ ಹೊಸ ತಿರುವು ಪಡೆದಿದೆ. ಪ್ರತಿ ಟನ್
ಕಬ್ಬಿಗೆ ₹3,500 ದರ ನಿಗದಿ ಮಾಡಬೇಕು ಎಂದು ಉತ್ತರ ಕರ್ನಾಟಕದಲ್ಲಿ ಭುಗಿಲೆದ್ದಿರುವ ರೈತರ ಹೋರಾಟಕ್ಕೆ ಕೊನೆಗೂ ಸರ್ಕಾರ ಭಾಗಶಃ ಮಣಿದಿದೆ.
ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿ ಸಿದ್ದರಾಮಯ್ಯ ಅವರು ನಿನ್ನೆ (ನವೆಂಬರ್ 7) ಸಕ್ಕರೆ ಕಾರ್ಖಾನೆ ಮಾಲೀಕರು ಮತ್ತು ಸಚಿವ ಸಂಪುಟದೊಂದಿಗೆ ಸಭೆ ನಡೆಸಿದ ನಂತರ, ಪ್ರತಿ ಟನ್ ಕಬ್ಬಿಗೆ ಹೆಚ್ಚುವರಿಯಾಗಿ ₹100 (ಕಾರ್ಖಾನೆಗಳಿಂದ ₹50
ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರದಿಂದ ₹50) ನೀಡಲು ತೀರ್ಮಾನ ಪ್ರಕಟಿಸಿದರು.
ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳ ಘೋಷಣೆ ಏನು?
ಸಭೆಯ ಬಳಿಕ ಮಾತನಾಡಿದ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳು, ಕಟಾವು ಮತ್ತು ಸಾಗಾಣಿಕೆ ವೆಚ್ಚ (H&T) ಹೊರತುಪಡಿಸಿ, ಶೇ. 11.25ರ ಇಳುವರಿ ದರಕ್ಕೆ (Recovery Rate) ಅನುಗುಣವಾಗಿ ಪ್ರತಿ ಟನ್‌ಗೆ ₹3,300 (₹3,200 FRP + ₹100 ಹೆಚ್ಚುವರಿ) ಒದಗಿಸಲಾಗುವುದು
ಎಂದು ತಿಳಿಸಿದರು. ಶೇ. 10.25ರ ಇಳುವರಿ ದರಕ್ಕೆ ₹3,200 ನಿಗದಿಪಡಿಸಲಾಗಿದೆ.
ಸರ್ಕಾರದ ಈ ಹೆಚ್ಚುವರಿ ನೆರವಿನಿಂದ ರಾಜ್ಯದ ಬೊಕ್ಕಸಕ್ಕೆ ಸುಮಾರು ₹300 ಕೋಟಿ ಹೊರೆ ಬೀಳಲಿದೆ ಎಂದು ಅಂದಾಜಿಸಲಾಗಿದೆ.
🛑 ರೈತರಿಂದ ನಿರ್ಧಾರಕ್ಕೆ ಆಕ್ರೋಶ
ಸರ್ಕಾರದ ಈ ನಿರ್ಧಾರಕ್ಕೆ ಕಬ್ಬು ಬೆಳೆಗಾರರ ಸಂಘಟನೆಗಳು ತೀವ್ರ ಅಸಮಾಧಾನ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಿವೆ.
* ಬೇಡಿಕೆ ₹3,500: ಕಳೆದ ಒಂದು ವಾರದಿಂದ ಬೆಳಗಾವಿ ಜಿಲ್ಲೆಯ ಗುರ್ಲಾಪುರ ಕ್ರಾಸ್ ಮತ್ತು ಹಲವು ಭಾಗಗಳಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಹೆದ್ದಾರಿ ತಡೆದು ಪ್ರತಿಭಟನೆ ನಡೆಸುತ್ತಿರುವ ರೈತರು, ಯಾವುದೇ ಕಾರಣಕ್ಕೂ ಪ್ರತಿ ಟನ್‌ಗೆ ₹3,500 ನಿಗದಿಪಡಿಸುವವರೆಗೆ ಹೋರಾಟ ಹಿಂಪಡೆಯುವುದಿಲ್ಲ ಎಂದು ಪಟ್ಟು ಹಿಡಿದಿದ್ದಾರೆ.
* ಸಿಎಂಗೆ ಪತ್ರ: ಕೇಂದ್ರ ಸರ್ಕಾರ ನಿಗದಿಪಡಿಸಿದ FRP ಸೂತ್ರ ಮತ್ತು ಸಕ್ಕರೆಯ MSP ಹೆಚ್ಚಳದ ಬಗ್ಗೆ ಚರ್ಚಿಸಲು ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಅವರಿಗೆ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿ ಸಿದ್ದರಾಮಯ್ಯ ಅವರು ಪತ್ರ ಬರೆದಿದ್ದು, ಈ ಸಮಸ್ಯೆ ಕೇಂದ್ರದ ನೀತಿಗಳಿಂದ ಉದ್ಭವಿಸಿದೆ ಎಂದು ಆರೋಪಿಸಿದ್ದಾರೆ.
* ಇಳುವರಿ ವಂಚನೆ ಆರೋಪ: ಕಬ್ಬು ಬೆಳೆಗಾರರ ಪ್ರಮುಖ ಆರೋಪವೆಂದರೆ, ಸಕ್ಕರೆ ಕಾರ್ಖಾನೆಗಳು ತೂಕ ಮತ್ತು ಕಬ್ಬಿನಿಂದ ಬರುವ ಸಕ್ಕರೆ ಇಳುವರಿ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ಮೋಸ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದು, ರೈತರು ಕಡಿತದ ನಂತರ ಪರಿಣಾಮಕಾರಿಯಾಗಿ ಪ್ರತಿ ಟನ್‌ಗೆ ₹2,600 ರಿಂದ ₹3,000 ಮಾತ್ರ ಪಡೆಯುತ್ತಿದ್ದಾರೆ.
🚨 ಪ್ರತಿಭಟನೆ ಉಗ್ರ ಸ್ವರೂಪ, ಲಾಠಿ ಚಾರ್ಜ್
ಬೆಲೆ ಏರಿಕೆಯ ಬೇಡಿಕೆ ಈಡೇರದ ಕಾರಣ ಉತ್ತರ ಕರ್ನಾಟಕದ ಹಲವು ಜಿಲ್ಲೆಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಭಟನೆ ಉಗ್ರ ರೂಪ ಪಡೆದುಕೊಂಡಿದೆ.
* ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಹೆದ್ದಾರಿ ತಡೆ: ಬೆಳಗಾವಿಯ ಹತ್ತರಗಿ ಟೋಲ್ ಪ್ಲಾಜಾ ಬಳಿ ಸಾವಿರಾರು ರೈತರು ಪುಣೆ-ಬೆಂಗಳೂರು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಹೆದ್ದಾರಿ-48 ಅನ್ನು ತಡೆದ ಪರಿಣಾಮ ವಾಹನ ಸಂಚಾರ ಸಂಪೂರ್ಣ ಸ್ಥಗಿತಗೊಂಡಿತು.
* ಹಿಂಸಾಚಾರ: ಪ್ರತಿಭಟನೆ ವೇಳೆ ಕಿಡಿಗೇಡಿಗಳು ಪೊಲೀಸ್ ಸಿಬ್ಬಂದಿಯ ಮೇಲೆ ಕಲ್ಲು ತೂರಾಟ ನಡೆಸಿದ್ದು, ಕೆಲವು ವಾಹನಗಳಿಗೆ ಹಾನಿಯಾಗಿದೆ. ಪರಿಸ್ಥಿತಿಯನ್ನು ನಿಯಂತ್ರಿಸಲು ಪೊಲೀಸರು ಲಘು ಲಾಠಿ ಪ್ರಹಾರ ನಡೆಸಬೇಕಾಯಿತು.
* ವಿಪಕ್ಷಗಳ ರಾಜಕೀಯ: ವಿರೋಧ ಪಕ್ಷದ ನಾಯಕರು ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳ ರಾಜೀನಾಮೆಗೆ ಆಗ್ರಹಿಸಿದ್ದು, ಸಮಸ್ಯೆಗೆ ಶಾಶ್ವತ ಪರಿಹಾರ ಕಂಡುಕೊಳ್ಳುವ ಬದಲು ರಾಜ್ಯ ಸರ್ಕಾರವು ಕೇಂದ್ರದ ಮೇಲೆ ಗೂಬೆ ಹೊರಿಸುತ್ತಿದೆ ಎಂದು ಆರೋಪಿಸಿದ್ದಾರೆ.
ಒಟ್ಟಾರೆಯಾಗಿ, ಕಬ್ಬು ಬೆಳೆಗಾರರ ಅನಿರ್ದಿಷ್ಟ ಹೋರಾಟ ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ಕೃಷಿ ಸಂಕಷ್ಟವನ್ನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಮುನ್ನೆಲೆಗೆ ತಂದಿದೆ. ಕಾರ್ಖಾನೆಗಳ ಉಪ-ಉತ್ಪನ್ನಗಳ ಲಾಭದಲ್ಲಿ ಪಾಲು, ಸಕಾಲದಲ್ಲಿ ಹಣ ಪಾವತಿ ಮತ್ತು ಪಾರದರ್ಶಕ ತೂಕ-ಇಳುವರಿ ವ್ಯವಸ್ಥೆಗೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ರೈತರ ಮೂಲಭೂತ ಬೇಡಿಕೆಗಳು ಇನ್ನೂ ಈಡೇರಿಲ್ಲ.
ಜ್ವಲಂತ ಸಮಸ್ಯೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಹೆಚ್ಚಿನ ವಿವರಣೆಗಳು ಮತ್ತು ಮುಂದಿನ ಬೆಳವಣಿಗೆಗಳನ್ನು ನಿರೀಕ್ಷಿಸಲಾಗಿದೆ.

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