
28/05/2025
|| भक्ति एवं विश्वास ||
भगवान श्री राम के समक्ष हनुमानजी द्वारा भजन गाने का दृश्य अत्यंत भावपूर्ण, आध्यात्मिक एवं भक्ति से परिपूर्ण है। इस दिव्य क्षण में हनुमानजी की भक्ति अपने चरम पर होती है, जहां वे पूर्ण भाव एवं भक्ति के साथ भगवान राम की स्तुति करते हैं, इस स्तुति में हनुमानजी की निस्वार्थ भक्ति एवं अनन्य प्रेम झलकता है। वे अपनी वाणी, मन एवं आत्मा को रामजी की महिमा में विलीन कर देते हैं। उनके भजनों की स्वर लहरियां इतनी मधुर एवं प्रभावशाली होती हैं कि संपूर्ण जगत भी उस भाव में डूब जाता है, जब हनुमानजी भजन गाते हैं तो उनकी आंखों से प्रेम के आंसू बहते हैं, उनके चेहरे पर अद्भुत तेज झलकता है, तथा उनकी वाणी मधुर भक्ति से परिपूर्ण होती है। 'राम नाम' की महिमा का वर्णन करते हुए वे कहते हैं कि यह नाम ही सभी दुखों का नाश कर मोक्ष का द्वार खोल देता है। यह दृश्य हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति में अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं होता, केवल प्रेम, समर्पण एवं भक्ति से ही भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
हनुमानजी भजन, न केवल भगवान राम की महिमा का गुणगान करते हैं, बल्कि भक्तों को भक्ति एवं विश्वास के साथ अपने आराध्य को स्मरण करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।