
19/08/2025
*ब्रह्ममुहूर्त में दिव्य मंत्रोच्चार अनुष्ठान*
यह एक वर्षीय अनुष्ठान दिव्य उद्देश्य से ओत-प्रोत है और जन-जन में श्रद्धा, अनुशासन और भक्ति जाग्रत करने वाला है।
27 अगस्त 2025 को *गणेश चतुर्थी* के पावन अवसर पर प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी की कृपा से एक दिव्य अनुष्ठान प्रारम्भ हो रहा है।
प्रतिदिन प्रातः 04:00 से 05:30 बजे तक…..!!
🙏 जहाँ वाणी स्वयं देवत्व का स्पर्श करती है, वहाँ ब्राह्मण देवता प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में एकत्र होकर मंत्रोच्चार करते हैं।
🔱 यह मंत्रोच्चार न केवल आत्मकल्याण हेतु है, अपितु इससे जुड़े समस्त भक्तों को समर्पित पुण्य के रूप में उनके सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाती है।
📿 यह अनुष्ठान एक दिव्य संकल्प है — जहाँ हर उच्चारित मंत्र, हर ध्वनि, हर स्पंदन आपके जीवन में शुभता का संचार करता है।
🕉️ आप भी इस पुण्य प्रवाह से जुड़ें —भावनात्मक रूप से — और अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।
*आपकी श्रद्धा ही इस दिव्य यात्रा की सबसे सशक्त शक्ति है भावनात्मक रूप से जुड़े रहें, और अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।*
*प्रभजी तो सिर्फ भाव के भूंखे हैं।*
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*एक वर्षीय दिव्य अनुष्ठान सूचना*
*अनुष्ठान प्रारंभ*: *गणेश चतुर्थी - 27 अगस्त 2025*
*अनुष्ठान समापन*: *अनन्त चतुर्थी - 2026*
*संपूर्णतः निःशुल्क व गोपनीय*
*प्रारंभिक प्रक्रिया:-
- एक गोल सुपारी और ₹1 रुपये को हल्दी व अक्षत से पूजित करें।
- इन्हें लाल/सफ़ेद कपड़े में बांधें और घर के पवित्र स्थान पर रखें।
- इस पोटली को अपने घर के *पवित्र स्थान पर सुरक्षित रखें**ऐसा स्थान चुनें जहाँ यह* पूरे वर्ष रखी जा सके , *समापन पर विसर्जन करना रहेगा।*
*वर्ष भर पालन किए जाने वाले नियम*
1. अनुष्ठान गोपनीय रखा जाएगा - शुरू होने के बाद किसी से इसकी चर्चा न करें।
2. प्रतिदिन प्रातः 5:30 बजे उठें (यदि बीमारी या किसी विशेष स्थिति के कारण ऐसा संभव न हो तो अपनी सुविधानुसार, जब भी शरीर सहज हो, उठें, पूर्ण विश्वास और एकाग्रता के साथ नियमों का पालन करें।
3. प्रातः उठते ही पूर्व दिशा की ओर मुख करके श्री राम नाम का 108 बार जप करें।
4. जप के बाद मौसम के अनुसार एक गिलास जल लें, जल की ओर देखते हुए 11 बार राम नाम बोलें और उसे पी लें।
5. जब भी घर से निकलें, निकलते समय 11 बार "राम नाम" का जप करें।
6. केवल सात्विक भोजन करें।
7. निंदा और बुराई से बचें।
8. रात्रि को सोते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके श्री राम नाम का 108 बार जप करें।
9. अपनी जो भी मनोकामना हो, उसे एक सादे कागज पर लिखकर सुरक्षित रखें।
10. प्रत्येक मंगलवार को उस कागज को खोलें, 11 बार राम नाम लेकर उसे पढ़ें।
11. हर सप्ताह स्वयं निरीक्षण अगर नियमों के पालन में कोई नियम बाधित होता है तो मंगलवार के दिन 2100 राम नाम जाप करें।
शामिल होने के लिए कृपया अपना नाम, आयु और शहर भेजें प्रभुजी…..!!
*अनुष्ठान का एक ही उद्देश्य है कि प्रभु भक्ति में निरंतर लगन बढ़ती रहे, प्रारब्ध के कर्मों से प्राप्त कष्टों से मुक्ति व जीवन में सुख-संपन्नता की प्राप्ति।*