08/01/2024
اسلام کے ابتدائی ایام میں مغرب (شمالی افریقہ) کی فتح سب سے مشکل اور سب سے زیادہ وقت طلب تھی اور مسلمانوں کو اسے فتح کرنے میں 70 سال لگے۔
اگر ہم اسلامی فتوحات مغرب میں شریک ہوں۔
इस्लाम की अस्करी तारीख़ में मग़रिब (उत्तरी अफ़्रीका) की फ़तह सबसे मुश्किल और सबसे ज़्यादा वक़्त लेने वाली थी जिसे फ़तह करने में मुसलमानों को 70 साल लग गए।
अगर हम मग़रिब की इस्लामी फ़तुहात में क़ाईदीन का ज़िक्र करें तो अम्र बिन आस रज़ि०, अब्दुल्ला बिन साद बिन अबी सरह, माविया बिन हदीज, उक़बा बिन नाफ़िअ अल-फ़िहरी, अबुल महाजिर दीनार, ज़ुबैर बिन क़ैस, हस्सान बिन नौमान अल ग़सानी, मूसा बिन नुसैर.
अगर हम इन क़ायदीन की फ़तुहात को तीन मरहलों में बाटें तो इस तरह कि तक़सीम होती है..
पहली स्टेज(23-27 हि०) : इस की क़यादत हज़रत अम्र बिन आस रज़ि० और अब्दुल्ला बिन साद बिन अबी सरह ने की जिसमें उन्होंने सायरेनिका, त्रिपोली, फ़ैज़ान जो मोडर्न दौर का लीबिया है और इफ़्रीका की फ़तह की।
दूसरी स्टेज (62-65 हि०) : इस की क़यादत उक़बा बिन नाफ़िअ अल-फ़िहरी और अबुल महाजिर दीनार ने की जिसमें मोरक्को ट्यूनीशिया से लेकर सेंट्रल अफ़्रीका तक फ़तह हासिल की।
तीसरी स्टेज(69- 86 हि०) : इस मरहले की क़यादत ज़ुबैर बिन क़ैस, हस्सान बिन नौमान अल ग़सानी और मूसा बिन नुसैर ने की जिसमें इन्होंने मग़रिब से लेकर अटलांटिक महासागर तक इस्लामी फ़ौज के झंडे लेहरा दिए
उक़बा बिन नाफ़िअ अल-फिहरी को अफ़्रीका की फ़तुहात में सबसे अहम शख़्स समझे जाते हैं, क्यूँकि इनकी आला फ़ौजी और इंतज़ामी कामयाबी की वजह से केरवान शहर की बुनियाद रखी गयी और अफ़्रीका को डिविज़न में बाँट दिया गया।
मग़रिब की फ़तह में सबसे ज़्यादा मुश्किलात जो मुसलमानों को पेश आयीं उसमें वहाँ का इलाक़ा भी था जो कि एक मुश्किल पहाड़ियों से घिरा हुआ इलाक़ा था जिसकी वजह से मुसलमानों के लिए इस पर क़ाबू पाना मुश्किल था, उपर से वहाँ के बर्बर कबाइल जो लड़ने में दिलेर थे और मुसलमानों से लम्बे वक़्त तक जंगे लड़ते रहे। दूसरी तरफ़ समुद्र से बाज़नतीनियों के हमले मुसलमानों के लिए चिंताजनक थे, क्यूँकि उनका मक़सद मुसलमानों को पश्चिम की तरफ़ आने से रोकना था।
यही वजह थी कि नार्थ अफ़्रीका को फ़तह करने में मुसलमानों को 70 साल से ज़्यादा का वक़्त लग गया। लेकिन अल्लाह ने भी मुसलमानों की इन अज़ीम क़ुर्बानियों के बाद जो इज़्ज़त बख्शी फिर तारीख़ गवाह है कि उन्होंने मग़रिब से उंदुलुस तक झंडे गाढ़ दिये। इन क़ुर्बानियों की क़ीमत आज वहाँ के बर्बर लोग समझते हैं कि सबसे ज़्यादा नमाज़ियों की ताताद पूरी दुनिया के मुक़ाबले इन अफ्रीकी मुल्कों में सबसे ज़्यादा मिलती है…
~ Hamza Zucced