08/10/2025
"हर बार उनकी ही ख़ता क्यों माफ़ हो,
इंसाफ़ का तक़ाज़ा है, कि इंसाफ़ हो,
कब तक वफ़ा की शमां जलती रहे,
जब हवा का रुख ही ख़िलाफ़ हो।" 🕯️
💭 कभी-कभी खामोशी ही सबसे बड़ा फैसला होती है...
✍️ ~~ अभिजीत आनंद 'काविश'
#अभिजीत_की_लेखनी_से